मित्रों!
अपने 70 साल के जीवन में मैंने कभी ऐसा मंजर नहीं देखा।
भारत में इसके रोकथाम के लिये सभी गैर आवश्यक कार्य रोक दिये गये हैं, और लोगों को अपने घरों में रहने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में बचाव ही इसका इलाज है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी, जिसे बढ़ा कर ३ मई कर दिया गया।
अब देखना यह है कि सम्पूर्ण तालाबन्दी में आगे कितनी रियायत मिलेगी। आशा की जाती है कि अगले सप्ताह से कोरोना मुक्त जिलों में लॉकडाउन खत्म हो सकता है।
लातीनी भाषा में "कोरोना" का अर्थ "मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया था। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है तो चन्द्रमा के चारों ओर किरण निकलती प्रतीत होती है उसको भी कोरोना कहते हैं।
यह वायरस भी जानवरों से आया है। ज्यादातर लोग जो चीन शहर के केंद्र में स्थित हुआनन सीफ़ूड होलसेल मार्केट में खरीदारी के लिए आते हैं या फिर अक्सर काम करने वाले लोग जो जीवित या नव वध किए गए जानवरों को बेचते थे जो इस वायरस से संक्रमित थे। चूँकि यह वुहान, चीन से शुरु हुआ, इसलिये इसे वुहान कोरोनावायरस के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम सार्स-कोव २ (SARS- CoV 2) रखा है।
कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। अभी तक रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।
चीन के वुहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर 2019–20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा।
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अब देखिए बुधवार की चर्चा में
मेरी पसन्द के कुछ लिंक...
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इस दौर के दोहरे प्रहार
सत्य संदर्भ के साथ जोड़ दिया,
इस दौर के दोहरे-तेहरे प्रहार ने,
अशेष मानवता को निचोड़ लिया...
गूँगी गुड़िया पर Anita saini
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कतरनों और कचरे से कृतियाँ
- हस्तशिल्प - (भाग-1,2,3.)
1)
आओ आज कतरनों से कविताएं रचते हैं
और मिलकर कचरों से कहानियाँ गढ़ते हैं।
2)
नज़रें हो अगर तूलिका तो ... कतरनों में कविताएं और ...
कचरों में कहानियाँ तलाशने की आदत-सी हो ही जाती है...
Subodh Sinha
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समय ...
समय यह
कठिन है भी तो क्या
फिर बैठूँगी
शिरीष, एक दिन
तुम्हारी छाँव तले
रूप-अरूप पर रश्मि शर्मा
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कोरोना लॉक डाऊन
और साबुन बनाने का शौक
मैंने कल जो फ़ेसबुक पर साबुन की तस्वीरें डाली थी उनको कैसे तैयार किया? इसकी पूरी जानकारी देता हूं. आपमें से कईयों ने इसके बारे में जिज्ञासा जाहिर की थी इसी वजह से यह पोस्ट लिख रहा हूं. और मेरे पास विडियों एडीटर का जुगाड हो गया तो जल्दी ही विडियो भी डाल दूंगा. फ़ेसबुक पर विस्तृत विवरण से नहीं समझाया जा सकता इसलिये ब्लागर पर यह पोस्ट लिख रहा हूं....
ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया
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राधे के दोहे
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
1 रूप
राधा को मोहे सदा,मोहन का ही रूप।
जग को अच्छा लग रहा, उनका रूप अनूप।।
2. सौन्दर्य
सीता के सौंदर्य को, सखियाँ देती मान।
मन सबका पुलकित हुआ,फूल बने हैं शान...
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ख़्वाहिश और ख़्वाब
ये "ख्वाहिश" रही कि वो "ख़्वाब" ही न रह जातेहर्फ़ दर हर्फ़ हक़ीकत बन यादे सहरा में बस जातेमेरे ख़्वाब कभी यूँ ख़्वाहिश तुम्हारी बन जातेतुम ख़्वाहिश बन ख़्वाब में मेरे बसेरा बन जाते
ये खलल ये ख़लिश, यही तो इक याद है मेरीपरेशां न होते तुम तो ये ख्वाब कहाँ उमगते...
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परिवर्तन के लिए
आग उगलें शब्द
फड़कने लगें बाजू
कविता पढ़कर
ज़रूरी तो नहीं
अल्फ़ाज़ हर बार
प्रेरित करें लोगों को
बंदूक उठाने के लिए
कब ज़रूरी है यह ...
साहित्य सुरभि पर दिलबागसिंह विर्क
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लॉकडाउन में दादी का प्रश्न
दादी पूछती पोती से
पैंतीसवें दिन
लॉक डाउन
कब ख़त्म होगा?
अपने गाँव जाना है
अपनों के बीच मरना है...
हिन्दी-आभा*भारत पर
Ravindra Singh Yadav
दादी पूछती पोती से
पैंतीसवें दिन
लॉक डाउन
कब ख़त्म होगा?
अपने गाँव जाना है
अपनों के बीच मरना है...
हिन्दी-आभा*भारत पर
Ravindra Singh Yadav
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करो -(ना) वैश्विक महामारी से संक्रमित का
अचूक नुस्खा
यह बीमारी भी कोरोना कि तरह आंतरिक इच्छाशक्ति से अपने अंदर विकसित प्रतिरोधक क्षमता से ही ठीक होती है। इसके लिए कुछ दिन क्वारन्टीन होना और असोलेशन में रहना अतिआवश्यक है। और हाँ, सोशल मीडिया डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य है। अब आप पे निर्भर है। आप ठीक होना चाहते है या (जमाती) आत्मघाती बनना...
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बुद्धि और ज्ञान
मनुज श्रेष्ठतम जीव में,ज्ञान रहा आधार ।ज्ञान सत्य की खोज से,करे बुद्धि विस्तार।।
बुद्धि सदा सत्मार्ग हो,करना पड़ता यत्न।
तत्व ज्ञान मिलता तभी,संग रहे गुरु रत्न...
काव्य कूची पर anita _sudhir
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बड़े लोगों की बीमारी
आज हम लोग पहुंचे लिबर्टी सिनेमा के पास बनी एक बस्ती में, यह देवनगर के नाम से जानी जाती है, यहां तकरीबन 300 झुग्गी हैं, किसी में चार तो किसी में 6 लोग रहते हैं। 1500/2000 के करीब लोग हैं यहां। अब बात आती है सरकार के सबको भोजन देने की तो सरकार ने सबको देने के लिए भोजन की व्यवस्था की है, जिसमें एक आदमी के लिए 5 किलो गेहूं, दो किलो दाल का प्रावधान रखा गया है। समस्या यह आ रही है कि 300 में से 180 लोगों के पास ही राशनकार्ड है बाकी लोगों के पास कोई कागज़ नहीं है तो उन्हें भोजन नहीं मिल सकता है। दूसरी बात गेहूं चक्की वाला भी परेशान करता है उसकी भी मजबूरी है एक साथ कितने लोगों का आटा पीस सकेगा,,,
कुछ विशेष...पर सुनीता शानू
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क्या आप भी
आरओ (RO) का पानी पीते हैं?
दोस्तों!
क्या आप भी आरओ (reverse osmosis) का पानी पीते हैं? यदि हां, तो यह लेख आप ही के लिए हैं। एक बार इसे अंत तक जरुर पढ़िएगा। क्योंकि जिस आरओ के पानी को आप शुद्ध और सेहतमंद समझकर पी रहे हैं, वो आपको नुकसान भी पहुंचाता है...
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कोरोना को भगाना है तो
घर बैठो और आराम करो
तुम को भी मैं कोरोना से बच कर रहने का ये राज़ बता देता हूँ ,
छींकते खांसते वक्त मुँह पर पकड़ा रखो ये सीख सदा देता हूँ।
मैं आरामी हूँ मुझको तो बस आराम में कोरोना जोक्स सूझते हैं ,
किन्तु उनको खांसी से चैन नहीं जो लॉकडाउन से नहीं जूझते हैं।
इसीलिए मैं कहता हूँ तुम घर बैठो और मेरी तरह से काम करो ,
एक मीटर की दूरी रखो सबसे , और आराम करो आराम करो।
छींकते खांसते वक्त मुँह पर पकड़ा रखो ये सीख सदा देता हूँ।
मैं आरामी हूँ मुझको तो बस आराम में कोरोना जोक्स सूझते हैं ,
किन्तु उनको खांसी से चैन नहीं जो लॉकडाउन से नहीं जूझते हैं।
इसीलिए मैं कहता हूँ तुम घर बैठो और मेरी तरह से काम करो ,
एक मीटर की दूरी रखो सबसे , और आराम करो आराम करो।
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आकाश वाटिका ;
आप भी बनाइये न
कौन सोच सकता था कि किसी छत को
यूँ भी सँवारा जा सकता है
पिताजी मूलतः एक कृषक परिवार से थे
इसलिए अपनी फ़ौजी नौकरी के दौरान भी
आवंटित फ़ौजी क्वार्टर के अहाते में हमेशा कुछ कुछ उगाते लगाते
मैंने उन्हें बचपन में ही देखा था...
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निपटाया जाएगा
विरोध के स्वर को कुछ यूँ दबाया जाएगा
होश में जो हो उसे पागल बताया जाएगा !
काट छाँट कर बाँट-बाँट कर यह संसार चलेगा
रोटी और बेटी का मसला यूँ निपटाया जाएगा...
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तितली
मैं फोटोग्राफर नहीं हूँ किन्तु कभी कुछ दिख जाए तो मन मचल जाता है तो दिन के उजाले में सूखे हुए पत्तों पर मुझे यह महाशय बैठे हुए दिखाई दे गये तो मैंने भी कहा चलो दोस्ती शुरू| यह तितली के ही आस पास का कोई कीट है या तितली ही है मुझे नहीं पता| मगर मुझे आश्चर्य इस बात पर हुआ कि दूर से देखने पर यह तितली नहीं अपितु पत्तों में छिपा हुआ साँप या मेढ़क नजर आया...
मेरी दुनिया पर
विमल कुमार शुक्ल 'विमल
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'शब्द-सृजन-१९ का विषय है-
"मुखौटा "
आप इस विषय पर अपनी रचना (किसी भी विधा में)
आगामी शनिवार (सायं 5 बजे) तक
चर्चा-मंच के ब्लॉगर संपर्क फ़ॉर्म (Contact Form ) के ज़रिये
हमें भेज सकते हैं।
चयनित रचनाएँ आगामी रविवासरीय चर्चा-अंक में
प्रकाशित की जाएँगीं।
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आज के लिए बस इतना ही-
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सुप्रभात सर !
जवाब देंहटाएंकोरोनाजनित परिस्थितियों की विस्तृत जानकारी के आगाज़ साथ आज की इंद्रधनुषी प्रस्तुति में मेरी रचना/विचार को स्थान देने के लिए आभार आपका ...
बहुत सुंदर चर्चा। मेरी कविता को स्थान देने के लिए विशेष आभार।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |आज की चर्चा बहुत काम की |
समसामयिक रचनाओं से सजी प्रभावी प्रस्तुति। प्रभावशाली एवं प्रासंगिक भूमिका में करोना विषय पर तथ्यपरक वैज्ञानिक शब्दावली में जानकारी ज्ञानवर्धक है जिससे कई प्रकार के भ्रम दूर होते हैं। साथ ही करोना वायरस के बारे में हरेक जागरूक नागरिक को इतनी न्यूनतम जानकारी तो होनी ही चाहिए।
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
मेरी रचना को इस प्रतिष्ठित पटल पर प्रदर्शित करने हेतु सादर आभार आदरणीय शास्त्री जी।
सादर नमन।
ज्ञानवर्धक भूमिका के साथ सुंदर लिंकों का चयन ,बेहतरीन प्रस्तुति सर ,सादर नमन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी सर
जवाब देंहटाएंकोराना वायरस को चाइनीज वायरस भी कहना चाहिए ये चीन के बायलॉजिकल हथियारों की फैक्ट्री वुहान से सारे विश्व में फैला है आने वाले समय में बहुत कुछ बदलेगा
बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय सर. मेरी रचना को स्थान देने हेतु सादर आभार
जवाब देंहटाएंआभार शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तूति, आदरणीय शास्त्री जी। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन लिंक्स का |मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद सर |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन लिंक्स का |मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएं