सादर अभिवादन
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शब्दसृजन-15 का विषय है-
"देशभक्ति"
आप इस विषय पर अपनी रचना
आगामी शनिवार (सायं 5 बजे तक ) तक
चर्चामंच के ब्लॉगर संपर्क (Contact Form ) के ज़रिये भेज सकते हैं
चयनित रचनाएँ आगामी रविवासरीय चर्चा अंक में प्रकाशित की जायेंगीं।
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क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं। संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है। खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है।
क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए। अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। खाँसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें। जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें। अंडे और मांस के सेवन से बचें। जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए गूगल ने 'डू द फाइव' हेल्प स्टॉप करोना वायरस (DO THE FIVE. Help stop coronavirus) पहल की शुरुआत की है। इसके जरिए उसने लोगों को खुद और अपने परिवार को कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बताए हैं।
भारत सरकार ने कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए व्हाट्सएप और फेसबुक की भी मदद लेने का फैसला किया है।
गूगल के होम पेज पर डूडल के नीचे डू द फाइव लिखा मिलेगा। नीचे की तरफ लाल रंग से लिखा दिखेगा। इसपर क्लिक करते ही यह उन पाँच चीजों के बारे में बताएगा, जिनसे कोरोना वायरस को फैलने से रोक जा सकेगा।
गूगल ने डू द फाइव पहल के तहत कोरोना वायरस से बचाव के 5 टिप्स बताए हैं. ये टिप्स कोरोनो को फैलने से रोकेंगे।
1-अपने हाथों को साफ करते रहें।
2-खांसते या छींकते समय मुँह को ढक लें।
3-चेहरे को बार-बार न छुएँ।
4-लोगों से दूरी बनाकर रखें।
5-बीमार महसूस करने पर घर से नहीं निकलें
और तुरन्त चिकित्सक से परामर्श लें।
और तुरन्त चिकित्सक से परामर्श लें।
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चर्चा मंच के माध्यम से सभी देशवासियों से निवेदन है कि आप लोग सरकार के निर्देशों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करने के लिए प्रेरित करें।
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अब देखिए गुरुवार की चर्चा में
मेरी पसन्द के कुछ लिंक...
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कोरोना को हराना है
कोरोना गंभीर अति जानो यह श्रीमान,
लापरवाही आपकी ले ही लेगी जान।
ले ही लेगी जान न कमतर इसको आँको,
रहो घरों में बंद निकट भूले नहिं झाँको।
संक्रमितों से बचें न उनसे हाथ मिलाना,
रख सोशल डिस्टेंस हराना है कोरोना।
मन के वातायन पर जयन्ती प्रसाद शर्मा
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ओ री सरिता
तुझ संग, लहरों सा जीवन बीता,
कल-कल करते, कोलाहल,
ज्यूँ, छन-छन, बज ऊठते पायल,
कर्ण प्रिय, तेरी वो भाषा,
फिर बोल जरा सा!
तू चुप क्यूँ है, री सरिता...
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
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वे आँखें
दौड़तीं हैं वे परछाइयाँ,
भूख से व्याकुल,
गाँव से शहर की ओर,
और उसी भूख को,
छिपाती हैं वे ज़िंदगीभर,
अपनों के लिये...
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अपील...
एक छोटी सी कहानी
एक दिन केंसर एड्स और कोरोना वायरस मिल कर आपसे बात चीत कर रहे थे। तो केंसर बोला "भईया मैं तो इंसानों द्वारा स्वयं बुलाया गया रोग हूँ। जीवन शैली का परिवर्तन ही मेरे होने का मुख्य कारण है।" तभी एड्स बोली और "मैं भी कौन सा आसमान से टपकी हूँ, मैं आधुनिकरण का परिणाम हूँ और क्या"....
Pallavi saxena
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शोर
एक पंछी नाच रहा है सड़क पर,
कह रहा है लोगों से,
अब पिंजरे में रहने के
तुम्हारे दिन आए,
हम आज़ाद हैं,
तुम्हारी बनाई सड़कों पर
तुम्हारी अनुमति के बिना
थोड़ा हम भी फुदकेंगे...
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रूप असरदार है तेरा।
लुभावना किरदार है तेरा,
रूप असरदार है तेरा,
आकर मेरी कहानी बन जा,
यार दिलदार है तेरा।
Nitish Tiwary
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घर वापसी
लॉक डाउन के माहौल में,
कोरोना की फ़िक्र में
मची चारों तरफ अफरा तफरी ...
रात दिन सिर्फ एक ही फ़िक्र में
गुजर रहे हैं सभी के.....
vandan gupta
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सब लौट गए
तुम्हारी देह एक दीवार और काँधे खूँटी थे
पहली बार आलिंगनबद्ध होते ही
मैं वहीं टंगा रह गया
तुमने जुल्फों तले मुझे छुपाया तो लगा
उम्र भर की छांव मिल गयी...
अनकहे किस्से पर
Amit Mishra 'मौन'
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पलाश
बसंत ऋतु को कर विदा
पतझड़ ने डेरा डाला
पत्ते पीले हो झड़ने लगे
फिर भी कुछ पौधों पर
हरी हरी कलियों में से
झांक रहे केशरिया पुष्प
हाथों से यदि छू लिये
हाथ पीले हो जाते
अभी भी स्रोत यही हैं
देहातों में केशरिया रंग के...
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चाय - एक अफ़ीम इश्क़
कितनी किस्में
जानती हूं मैं चाय की ?
- क्यों ???
- क्यूंकि
चाय मेरा पहला
और कदाचित
आखरी इश्क़ है ...
आपका ब्लॉग पर
Sandhya Rathore
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काश ! संकट के बाद भी
यह बदलाव चिरस्थाई रहता
...कड़वी सच्चाई यही है कि यह सब ज्यादा दिन तक नहीं रहने वाला ! जैसे ही बिमारी-महामारी का भय दूर होगा, आपदा-विपदा दूर होंगी, हम श्मशान बैराग की तरह सब भूल अपनी उसी औकात पर वापस आ जाएंगे। क्योंकि हम आदतों से बाज न आ अपनी भूलों से कभी सीख नहीं लेते पर उन्हें दोहराते जरूर हैं ! इस बात के लिए किसी गवाही की जरुरत है क्या ?
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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दूरियाँ भी हैं जरुरी
" क्या मम्मा ,कैसा बर्थ डे ना केक हैं, ना पापा हैं और ना ही कोई अपना फिर कैसा बर्थ डे "फोन में ही देखते हुए उदास आवाज में मनु बोली ...अरे, इधर देखो तो सही ...नीरा ने कहा। अरे, मम्मा ये क्या हैं.... नीरा के हाथों में एक छोटी से प्लेट में एक छोटा सा केक सजा देख मनु चहकती हुई उठ बैठी..... कैसे किया आपने घर में तो कुछ भी नहीं था। बस, बेटा जी , जो कुछ भी था... जैसे , थोड़ा ब्रेड, थोड़ा आमंड बटर, थोड़ा ड्राई फ्रूट्स और ढेर सारा प्यार मिलाकर.... मैं ये छोटा सा केक लाई हूँ .... उठो -उठो, सबको विडिओ कॉल करते हैं और केक काटते हैं ....मनु नीरा के गले से लिपटकर उसे चूमने लगी। फिर विडिओ कॉल पर ही सबके साथ मिलकर मनु ने केक कटाकर अपना जन्मदिन मनाया...
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ख्याल
ख्याल क्यूँ सो गए
स्वप्नों में क्यूँ हुए नाराज
याद न आए कभी
अपनों की छाया तक में
कभी भूले से मन में भी टिक जाया करो
इस तरह हमें न सताया करो
क्या भूल हुई हमसे...
Akanksha -Asha Lata Saxena
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अहंकार
देख मानव के नित नये जैविक हथियारों के आविष्कार
कायनात भी स्वतः आ पहुँची नष्ट होने के कगार
बिन चले एक भी तोप , गोली और तलवार
हर ओर लग गये पर्वतों से ऊपर लाशों के अम्बार
रास ना आया प्रकृति को अहंकारी मानव का
चेतना शून्य वर्चस्व का यह अंदाज़...
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असली लड़ाई अब शुरू होने वाली है,
जो आप को स्वयं लड़नी हैं
मुसीबत, मजबूरी और मदद
देशभर में लोक डाउन के बीच हमारे कर्मवीर अपने अपने तरीके से कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं जहां स्वास्थ्य कर्मी और प्रशासन अपनी ड्यूटी निभा रहा है वहीं आम आदमी लोगों को भोजन पानी और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराने में अपना धर्म निभा रहा है हम सब की कोशिश से ही कोरोना हारेगा लेकिन कुछ समय आपको घरों में बिताना बहुत जरूरी है घरों में रहिए सुरक्षित रहिए यही अपील है आप सभी से।
Active Life पर
Sawai Singh Rajpurohit
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इंडिया लॉक डाउन डायरी ~ Day 7
*बेज़िस्म नज़्म *
*सब ख़ामोश है आज*
'मन' भी लफ्ज़ भी फड़फड़ा रहा तन्हा
डायरी का पन्ना खाली
सुबह की एक याद ज़ेहन को
कुतर रही आहिस्ता - आहिस्ता
कर ही देगी शायद खाली
मेरा ये भरा सा 'मन' ...
बावरा मन पर
सु-मन (Suman Kapoor)
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संस्मरण
"मूर्ख दिवस फस्ट अप्रैल"
एक अप्रैल अन्तर्राष्ट्रीय मूर्ख दिवस यूँ तो हर साल ही आता है।
परन्तु मुझे इस दिन गुलबिया दादी की बहुत याद आती है...
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आदरणीय दिलबाग सिंह विर्क
अभी दो सप्ताह तक
अपनी चर्चा प्रस्तुति नहीं दे पायेंगे।
क्योकि उनके चाचा जी का देहान्त हो गया है।
चर्चा मंच परिवार की ओर से
दिवंगत आत्मा को
विनम्र श्रद्धांजलि।
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आज की चर्चा में बस इतना ही...
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समसामयिक भूमिका और रचनाएँ भी उसी प्रकार ।
जवाब देंहटाएंसभी को सादर प्रणाम।
चौदह दिनों की कड़ाई में ही है अपनों की भलाई है। दूसरे राज्यों और शहरों से गाँव लौटने वालों को 14 दिन क्वेरेनटाइन में रहना चाहिए।गाँव के बाहर स्कूल और सरकारी इमारतों में उनके रहने की व्यवस्था की गयी है। ताकि अपनों तक यह संक्रमण न पहुँचने पाए ।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचनाएं शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |घर में रह कर सरकार के हाथ मजबूत करें यही हमारा दाइत्व है |
सभी रचनाएँ शानदार।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए विशेष आभार।
सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की. शुक्रिया
जवाब देंहटाएंजरुरी जानकारी के साथ बेहतरीन लिंको से सजा चर्चा अंक ,मेरी रचना को स्थान देने के लिए दिल से आभार सर ,सादर नमस्कार आपको
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी के साथ विविध चयनित लिंक्स.. बहुत सुन्दर और महामारी के संदर्भ में सजग व सतर्क करती प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंकोरोना वायरस पर बहुत ही शानदार प्रस्तुति चर्चा मंच पर
जवाब देंहटाएंमेरी दो पोस्टों को शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंपोस्ट को सम्मिलित करने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भूमिका के साथ बहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय सर. मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसादर आभार