स्नेहिल अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को मानें
तो प्रतिवर्ष 30 लाख से अधिक मौतें शराब पीने के कारण
पूरे विश्व में होती हैं जबकि अकेले
भारत में 2.60 लाख मौतें प्रतिवर्ष होती हैं।
(ये आंकड़ा 2018 का है,नशामुक्ति अभियान चलाने वाले
डा0 सुनीलम के नए सर्वे के मुताबिक
भारत में ये आंकड़ा प्रतिवर्ष 10 लाख है)
"कोरोना महामारी" तो एक-न-एक दिन चली जाएगी,
मगर "नशा" जैसी भयानक महामारी जो हमारे युवाओं को,
हमारे घरों को ,हमारे समाज को खोखला किये जा रहा है
क्या वो कभी रुकेगा?
इसके पीछे सरकार,पुलिस और ड्रग्स माफिया दोषी है
मगर स्वयं के और परिवार के हित की जिम्मेदारी हमारी खुद की है
या सरकार की?
परमात्मा हमारे युवावर्ग को सद्बुद्धि दे
और वो नशा करने से पहले एक बार इस बारे में सोचे...
इसी प्रार्थना के साथ चलते हैं, आज की रचनाओं की ओर..
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आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को मानें
तो प्रतिवर्ष 30 लाख से अधिक मौतें शराब पीने के कारण
पूरे विश्व में होती हैं जबकि अकेले
भारत में 2.60 लाख मौतें प्रतिवर्ष होती हैं।
(ये आंकड़ा 2018 का है,नशामुक्ति अभियान चलाने वाले
डा0 सुनीलम के नए सर्वे के मुताबिक
भारत में ये आंकड़ा प्रतिवर्ष 10 लाख है)
"कोरोना महामारी" तो एक-न-एक दिन चली जाएगी,
मगर "नशा" जैसी भयानक महामारी जो हमारे युवाओं को,
हमारे घरों को ,हमारे समाज को खोखला किये जा रहा है
क्या वो कभी रुकेगा?
इसके पीछे सरकार,पुलिस और ड्रग्स माफिया दोषी है
मगर स्वयं के और परिवार के हित की जिम्मेदारी हमारी खुद की है
या सरकार की?
परमात्मा हमारे युवावर्ग को सद्बुद्धि दे
और वो नशा करने से पहले एक बार इस बारे में सोचे...
इसी प्रार्थना के साथ चलते हैं, आज की रचनाओं की ओर..
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गीत
"शासन को चलाती है सुरा"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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ध्यान जनता का हटाने के लिए,
नस्ल को पागल बनाने के लिए,
आज शासन को चलाती है सुरा,
मौत का पैगाम लाती है सुरा।।
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यूं ही लिख कभी बिना सोचे बिना देखे कुछ भी आसपास अपने लाजवाब लिखा जाता है
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सुशील कुमार जोशी- उलूक टाइम्स
अब
कूड़ा कौन दान करता है
और
कौन ग्रहण
ये तो पता नहीं
कूड़ा कौन दान करता है
और
कौन ग्रहण
ये तो पता नहीं
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वैदिक वांगमय और इतिहास बोध (५)
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विश्वमोहन - विश्वमोहन उवाच
परंतु, इनमें सबसे ज़रूरी बात है उन अर्थों
पर ध्यान केंद्रित करना जिन अर्थों में
ऋग्वेद में ‘आर्य’ शब्द का उपयोग हुआ है। वैदिक लोग
इसी शब्द ‘आर्य’ से अपनी पहचान जोड़ते थे। इस शब्द का प्रयोग सही संदर्भों में
एक समुदाय या जनजाति विशेष के लिए हुआ है। जो कुछ भी इस समुदाय का है,
वह आर्य है।
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कि तुम गए ही कहाँ...
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Pratibha Katiyar - प्रतिभा की दुनिया
विदा के वक़्त
जिस दरवाजे को पकड़ देर तक खड़े रहे थे
उस दरवाजे पर दर्ज हैं
तुम्हारी स्मृति के निशान
जिस दरवाजे को पकड़ देर तक खड़े रहे थे
उस दरवाजे पर दर्ज हैं
तुम्हारी स्मृति के निशान
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683. ज़िन्दगी के सफ़हे

डॉ. जेन्नी शबनम -लम्हों का सफ़र
ज़िन्दगी के सफ़हे पर
चिंगारी धर दी किसी ने
जो सुलग रही है धीरे-धीरे
मौसम प्रतिकूल है
Sujata Priye - अपराजिता
बात उस समय की है- जब मैं पहली कक्षा में पढ़ती थी।दादाजी अपना कलमदान खोलकर कोई जरूरी कागजात ढूंढ रहे थे। उत्सुकताबस मैं उनके कलमदान से निकलने वाली प्रत्येक वस्तुओं
के नाम एवं इस्तेमाल पूछती और दादाजी बताते जाते ।
लेकिन कुछ देर बाद दादाजी मेरे प्रश्नों से ऊबने लगे।
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सूनी कोख लिए चुप सिसके
बैठी कोने बनी वियोगी।
आँचल माँ का सूना करते
बने हुए हैं कैसे रोगी।
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पांच दोहे
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Anita at मन पाए विश्राम जहाँ
मेधा, प्रज्ञा, धी, सुमति, बुद्धि, ज्ञान हैं ‘नाम’
समझ मिली तो मुक्ति है, हो गए चार धाम !
प्रज्ञा ज्योति सदा जले, मार्ग दिखाती जाय
धृति धीरज का नाम है, कुमति रहे नचाये
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तेरा जाना ट्रिगर है यादों का बंधन
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दिगम्बर नासवा at स्वप्न मेरे
सिक्कों का कुछ चाँद सितारों का बंधन.
चुम्बक है पर तेरी बाहों का बंधन.
दिन में भी तो चाँद नज़र आ जाता है,
इसने कब माना है रातों का बंधन.
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होकर फिर संग्राम रहे
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छलना छलती सत्यनिष्ठ को
कितने अत्याचार सहे
चौसर के पाँसों में उलझे
होकर फिर संग्राम रहे।।
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ना छोड़ेंगे अकेला
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अपनी नाराज़गी से
आपको खंगालें,
मजबूर कर दें,
अपनी चुप्पी
उंडेल देने को ।
ये जताने को कि
फ़र्क पड़ता है उन्हें
हमारे होने या
ना होने से ।
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चलते-चलते देखें
दुनिया का सबसे सुंदर पंडाल....
बप्पा का सबसे अमीर पंडाल श्रद्धा भाव से भरा हुआ..
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Sawai Singh Rajpurohit - Active Life
आस्था और श्रद्धा से बड़ी कोई चीज नहीं है
इसलिए मैं यह बात कह सकता हूं कि
इसलिए मैं यह बात कह सकता हूं कि
गणपति बप्पा का सबसे अमीर और श्रद्धा भरा
अगर कोई पंडाल है तो इन छोटे बच्चों का,
मेरा दिल जीत लिया इन बच्चों ने
अगर कोई पंडाल है तो इन छोटे बच्चों का,
मेरा दिल जीत लिया इन बच्चों ने
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आज का सफर यही तक
आप सभी स्वस्थ रहें ,सुरक्षित रहें।
कामिनी सिन्हा
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आप सभी स्वस्थ रहें ,सुरक्षित रहें।
कामिनी सिन्हा
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अद्यतन लिंकों के साथ सुन्दर और सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।
सहृदय धन्यवाद सर,सादर नमस्कार
हटाएंसबरंग रचनाओं से सजा सुंदर संकलन। आभार और बधाई!!!
जवाब देंहटाएंसबरंग ....सही शब्द है. जी सही कहा.
हटाएंसहृदय धन्यवाद विश्वमोहन जी,सादर नमस्कार
हटाएंआभार कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर,सादर नमस्कार
हटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सखी🌹🌹🌹सादर
जवाब देंहटाएंदिल से धन्यवाद सखी,सादर नमस्कार
हटाएंसुन्दर संकलन के लिए बधाई, कामिनी जी.
जवाब देंहटाएंचिपको संस्कृति के लोगों को भी जगह देने के लिए हार्दिक आभार !
सटीक भूमिका.
धनवान बच्चों के गणपति बप्पा के दर्शन कर धन्य हुआ मन .
संवर गया दिन .
दिल से धन्यवाद आपका ,सादर नमस्कार
हटाएंनशे का कुप्रभाव जानते हुए भी जो इसकी आदत से छूट नहीं पाते, उन्हें फिर वक्त ही समझता है, जब सब कुछ खत्म हो जाता है. पठनीय रचनाओं की खबर देते सुंदर सूत्रों का आंकलन, आभार कामिनी जी मुझे भी शामिल करने हेतु !
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने,दिल से धन्यवाद आपका ,सादर नमस्कार
हटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिल से धन्यवाद कविता जी ,सादर नमस्कार
हटाएंसहज और स्वाभाविक मंच प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर,सादर नमस्कार
हटाएंसुंदरतम चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिल से धन्यवाद भारती जी ,सादर नमस्कार
हटाएंबहुत ही सुंदर संदेश के साथ सराहनीय भूमिका। बहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दीदी .
जवाब देंहटाएंसादर
दिल से शुक्रिया अनीता जी
हटाएंसराहनीय भूमिका के साथ सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभार विकास जी
हटाएंसुन्दर भूमिका के साथ लाजवाब सूत्र संयोजन । बहुत सुन्दर प्रस्तुति कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया मीना जी
हटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार सखी।
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया अनुराधा जी
हटाएंवाह अतिसुन्दर प्रस्तुति प्रिय कामिनी | हर तरह के रंग समेटे भावपूर्ण चर्चा अंक | और नन्हे -मुन्ने श्रद्धालुओं के बाप्पा के पांडाल की खूबसूरती के तो क्या कहने ! सभी रचनाकारों को सादर नमन और शुभकामनाएं| और तुम्हें भी बहुत बहुत बधाई सखी | अपने व्यस्त जीवन मेंसे इस तरह की सुंदर प्रस्तुती का प्रयास अत्यंत सराहनीय है | हार्दिक स्नेह के साथ |
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रचना प्रस्तुति सखी कामिनी जी।मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यबाद एवं आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र चर्चा के ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी गज़ल को जगह देने की ...