शीर्षक पंक्ति : आदरणीय रूप चंद्र शास्त्री 'मयंक' जी
सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
संसद ने पास कर दिया नया कृषि क़ानून
एक पक्ष तीव्र विरोध कर रहा है
दूसरा जबरन क़ानून बनाने पर तुला था
अब इनमें सही कौन है
भविष्य तय करेगा
वर्तमान तो यही कहता है
सरकार की मंशा पूँजीपतियों के हाथ मज़बूत करना है।
सरकार ने लगे हाथ 300 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों को छटनी करने की खुली छूट देने वाला विधेयक संसद में पेश कर दिया है। करोना काल में सरकार की यह मंशा किसके हित में है सब समझते हैं।
-रवीन्द्र सिंह यादव
आइए पढ़ते हैं विभिन्न ब्लॉग्स पर प्रकाशित कुछ रचनाएँ-
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दूरिया कम करो फासले मत करो।
खाज में कोढ़ के दाखले मत करो।।
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दौलतें बढ़ गईं दिल हुए तंग है,
कालिमा चढ़ गई, नूर बे-रंग है,
आग के ढेर पर घोंसले मत धरो।
खाज में कोढ़ के दाखले मत करो।।
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थमी सी राह थी, रुकी सी प्रवाह,
उद्वेलित करती रही, अजनबी सी चाह,
भँवर बन बहते चले, नैनों के प्रवाह,
होने लगी, मूक सी चाह,
दे कौन संबल!
बिखरा, तिनकों सा वो संसार...
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अब तो आदत सी हो गई है
तुम्हारी यादों के संग जीवन बिताने की
उनसे दूर हो कर जी नहीं पाऊँगी
तुमसे यदि न कही किससे कहूंगी |
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परेशानी तो कुछ नहीं सर!बस सोच रहे हैं इसे हम ही अन्दर से लॉक देंगे सबको बता भी देंगे तो कोई इधर से नहीं आयेगा वो क्या है न सर! अगर आप बन्द करेंगे तो लोगोंं के मन में इस बिमारी को लेकर भय बैठ जायेगा और आप तो जानते ही हैं भय से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो सकती है...है न सर !ठीक है चौहान जी आप इस गेट को कुछ दिन के लिए बन्द कर दीजिए और सोसाइटी में सोशल डिस्टेसिंग और अन्य नियमों का पालन जरूर होना चाहिए, इस तरह सख्त हिदायत देकर इंस्पेक्टर साहब अपनी टीम के साथ चले गये....।--
हाँ मैं नारी हूँ
निरीह कमजोर
तुम्हारे दया की पात्र
तुमसे पहले जगने वाली
तुम्हारे बाद सोने वाली
तुम्हारी भूख मिटाकर
तृप्त करने वाली
तुम्हें संतान सुख देने वाली
तुम्हारे वंश को
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बहुत ही बेहतरीन लिंक |आपका हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति के लिए साधुवाद आदरणीय रवीन्द्र जी।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स बेहतरीन पोस्ट्स तक पहुंचाने वाले हैं।
जवाब देंहटाएंसुंदर और श्रमसाध्य संयोजन के लिए आपको साधुवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं रवीन्द्र सिंह यादव जी 🙏💐🙏
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसंकलन की सभी रचनायें एक से बढ़ कर एक हैं...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति।सभी रचनाएँ बेहतरीन👌
जवाब देंहटाएंसादर
भूमिका में समसामयिक सार्थक जानकारी के साथ बहुत ही सराहनीय श्रमसाध्य प्रस्तुति...सभी लिंक्स बेहद उम्दा एवं पठनीय।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से धन्यवाद आ.रविन्द्र जी!
सादर आभार।
प्रिय रवीन्द्र सिंह यादव जी,
जवाब देंहटाएंचर्चामंच की गौरवमयी परम्परा आप जैसे श्रमशील व्यक्तियों की लगन और श्रम से ही सतत् प्रवाह मान है। चर्चामंच की कड़ियों से जुड़ कर सदा उत्साह का अनुभव होता है। इस कड़ी में आपने मेरी रचना को शामिल किया जिसके लिए आपको हार्दिक धन्यवाद एवं आभार!!!
इसी बार भी सभी पठनीय लिंक्स् आपने संजोए हैं।
श्रेष्ठ एवं रुचिकर लेखन के लिए सभी साथी रचनाकारों को साधुवाद!
बहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंविविधिताओं से भरी बेहतरीन प्रस्तुति,सादर नमन सर
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बहुत-ही सुंदर और सराहनीय।बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना की पंक्ति को शीर्ष लाइन बनाने के लिए आभार।