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मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ अद्यतन लिंक!
गीत "सपनों पे गिरी गाज"
निर्दोष से प्रसून भी, डरे हुए हैं आज।
चिड़ियों की कारागार में, पड़े हुए हैं बाज।
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अश्लीलता के गान, नौजवान गा रहा,
फटी हुई पतलून से, जग को रिझा रहा,
भौंडे सुरों के शोर में, सब दब गये हैं साज।
चिड़ियों की कारागार में, पड़े हुए हैं बाज।।
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उस मर्तबान को सहेज रखती थी रसोई में
मख़मली यादें इकट्ठा करती थी उसमें मैं
जब भी ढक्कन हटाकर मिलती उन से
उसी पल से जुड़ जाती उन बिताए लम्हों से
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मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ
वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ
एक जंगल है तेरी आँखों में
मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ
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टूटती ये चूड़ियाँ भी
घाव तन के हैं दिखाती
माँग में सजता लहू जब
धर्म वे अपना निभाती
साँस घुटती प्रीत की जब
बोझ बनते इन पलों से।।
Abhilasha, Experience of Indian Life
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ब्रह्मपुत्र का सिन्दूरी जल
और..
भोर की पहली किरण
पुल से गुजरते हुए
एक तैल चित्र सा दृश्य
अक्सर दृग पटल पर
उभर आता है
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खाता में मनरेगा वाला अनघा रुपया आव$ता
मुखिया जी के किरपा के सभे गुणवा गाव$ता
लउकल डारही मोटे ओनही सिर भइल नवाना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
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लालिमा भी लाज करती
पूर्णता भी हो अधूरी
फिर मिलन आतुर सँवरती
प्रीत की रचती हथेली
गूँज शहनाई हृदय में।।
मैं धरा..
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प्रेम की बाती जलती रहे,
नेह की बूंदे गिरती रहें।
तन मेरा तू सींचित कर दो,
मोहपाश को सीमित कर दो।
मनमोहक तेरी ही छवि,
नयनों में आठो याम रहे।
मन में तेरा ही नाम रहे।
नेह की बूंदे गिरती रहें।
तन मेरा तू सींचित कर दो,
मोहपाश को सीमित कर दो।
मनमोहक तेरी ही छवि,
नयनों में आठो याम रहे।
मन में तेरा ही नाम रहे।
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सड़क पर से गुज़रती हुई
वंदन संग हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण हेतु साधुवाद
सुन्दर सराहनीय प्रस्तुति । मेरे सृजन को चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हार्दिक आभार ।
जवाब देंहटाएंचिडियों की कारागार मे पडे हुए हैं बाज...
जवाब देंहटाएंजानदार कटाक्ष। आभार आपका शास्त्री जी🙏
बेहतरीन मनभावन संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति।मेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति सर,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर नमन
जवाब देंहटाएंविविधताओं से भरी सुन्दर प्रस्तुति व मंत्रमुग्ध करती रचनाएं - - आपका हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंश्रमपूर्वक चुने गए मोतियों से बने सुंदर हार का अहसास कराती आज की इस चर्चा में मेरी स्वयं की पोस्ट को शामिल किया जाना बहुत सुखद है।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आदरणीय रूपचंद्र शास्त्री जी 🙏💐🙏
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार सराहनीय चर्चा
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी मेरी पोस्ट को यहां स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और साधुवाद
सुन्दर संकलन।मेरी पोस्ट स्थान देने के लीये आभारी हूँ।
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