स्नेहिल अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
(शीर्षक आ.मीना भारद्धाज जी की रचना से)
"सीख"अर्थात सीखना , किसी कला या हुनर को सीखना,
किसी विषय का ज्ञान प्राप्त करना अथवा शिक्षा प्राप्त करना।
मनुष्य जन्म से मृत्यु तक सीखता ही तो रहता है...
कोई भी व्यक्ति खुद को परिपूर्ण नहीं कह सकता ...
मगर सबसे बड़ी "सीख" वो होती है....
जो आप अपने अनुभव से प्राप्त करते हैं....
हर पल आपका अंतर्मन ही आपको सबसे अच्छी सीख देता रहता है...
बशर्ते आप उसकी सुने तो....
आईये, आज कुछ रचनाकारों की रचनाओं को पढ़कर....
हम अपनी ज्ञान गंगा को और बढ़ाते है...
चलते हैं,रचनाओं की ओर....
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दोहे "कठिनाई में पड़ गया, चिट्ठों का संसार"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
मुखपोथी ने दे दिया, जब से नूतन रूप।
बादल के आगोश में, छिपी सुहानी धूप।।
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ब्लॉगर ने भी कर दिया, ऐसा वज्र प्रहार।
कठिनाई में पड़ गया, चिट्ठों का संसार।।
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कब तक चलना है एकाकी ?मैंने सबकी राहों से,
हरदम बीना है काँटों को ।
मेरे पाँव हुए जब घायल
पीड़ा सहना है एकाकी !!!
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संस्कारों का कब्रिस्तान बॉलीवुड
हमारा देश अपनी गौरवमयी संस्कृति के लिए ही विश्व भर में
गौरवान्वित रहा हैपरंतु हम पाश्चात्य सभ्यता की चकाचौंध में
अपनी संस्कृति भुला बैठे और सुसंस्कृत कहलाने की बजाय सभ्य
कहलाना अधिक पसंद करने लगे। जिस देश में धन से पहले
संस्कारों को सम्मान दिया जाता था, वहीं आजकल
अधिकतर लोगों के लिए धन ही सर्वेसर्वा है।
धन-संपत्ति से ही आजकल व्यक्ति की पहचान होती
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वैदिक वांगमय और इतिहास बोध-------(७)
सच में, ऐसा सोचने के लिए ऐसी कोई बाध्यता नहीं कि
इन सभी रचनाओं के काल का आपस में कुछ लेना-देना नहीं है।
हालाँकि, सभी रचनाओं का एक मान्य अनुवर्ती कालक्रम है,
लेकिन तब भी इस बात को मानने का कोई कारण नहीं है कि
सभी ग्रंथों की अपनी पूर्णता में रचे जाने का समय
एक दूसरे से बिल्कुल हटकर है।
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उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक भूमिका के साथ बेहतरीन और लाज़वाब चर्चा प्रस्तुति । शीर्षक रुप में मेरी रचना चयन करने के हृदयतल से आभार कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंअनुभव से बड़ी कोई सीख नहीं, सुंदर बोध देती भूमिका और पठनीय रचनाओं से सजी आज की चर्चा में मुझे भी शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंचर्चा सुंदर व उम्दा रही
जवाब देंहटाएंकामिनी जी नमस्कार, चर्चा-संकलन की एक एक रचना बेहद खूबसूरत है ... बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअद्यतन लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।
सुंदर लेखों से सजे मंच पर मेरी रचना को स्थान देने के लिए चर्चामंच एवं कामिनी बहन का हृदय से आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दी।मेरी रचना को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंआप सभी का हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति। आभार और बधाई!!!
जवाब देंहटाएंकामिनी सिन्हा जी के सार्थक श्रम का प्रतिबिंब है आज की चर्चा...
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई एवं शुभकामनाएं 🌺🙏🌺