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मंगलवार, सितंबर 22, 2020

"काँधे पर हल धरे किसान" (चर्चा अंक-3832)

 स्नेहिल अभिवादन 

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।

21 सितंबर को "विश्व शांति दिवस" मनाया गया। 

 पुरे विश्व में हर तरफ उथल-पुथल और हाहाकार सा माहौल है।

मौजूद हालत में विश्व शांति के लिए प्रार्थना की बड़ी दरकार है....

 विश्व में शांति की कामना के साथ चलते है, आज की रचनाओं की ओर......

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बालकविता "काँधे पर हल धरे किसान" 

 (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) 

सूरज चमका नील-गगन में।

फैला उजियारा आँगन में।।

काँधे पर हल धरे किसान। 

करता खेतों को प्रस्थान।।

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मेरा नया ब्लॉग 

राकेश श्रीवास्तव 'राही' के सन्दर्भ में। 

RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI' 
सुशील कुमार जोशी- उलूक टाइम्स  
आसान
नहीं होता है
एक गिरोह हो जाना

बहुत
मुश्किल है
बिना गिरोह में शामिल हुऐ
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ज़िन्दगी बीत गई तुम्हें ढूंढ़ते,

पर तुम मिली ही नहीं,

अब तो बता दो अपना पता,

अब वक़्त ज़रा कम है.

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877.तेरी यादें 

पंकज प्रियम,-मुसाफ़िर...लफ़्ज़ों का 

तेरा चेहरा तेरी आँखे, तेरी धड़कन तेरी साँसे।
सताती है मुझे हरपल, तुम्हारे संग की यादें।।
तेरा चेहरा मेरी आँखें, मेरी धड़कन तेरी साँसे।
जगाती है मुझे हरपल, तुम्हारे संग की रातें।।
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बाड़मेर तुम साथ चले आये हो... 

बड़े भागे-दौड़े से दिन थे. जिन्दगी जैसी मिली उसे शिद्दत से जीने की,
 गले लगाने की, कभी फूट-फूटकर रो लेने और कभी बेवजह 
खिलखिलाकर हंसने की आदत डाल ली है. सो इन भागे-दौड़े से ही दिनों में 
एक रोज अचानक कोई पुकार कानों में पड़ी बाड़मेर... 
***********ज़िन्दगी है ग़ज़ल | ग़ज़ल को समर्पित ग़ज़ल |  डॉ. वर्षा सिंह 
Dr Varsha Singh- ग़ज़लयात्रा 
स्याह रातों में इक रोशनी है ग़ज़ल
धूप में छांह बन कर मिली है ग़ज़ल
भिन्न मिसरे बंधे एक ही डोर से
एकता की अनोखी लड़ी है ग़ज़ल
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घर 

 Akanksha -Asha Lata Saxena 

घर तो घर ही होता है

देश में  हो या परदेश में

जहां चार जने अपने होते है

वहीं स्वर्ग हो जाता है |

एक दूसरे का सुख दुःख

अलग नहीं होता

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धीमे बोलने के बावजूद
नश्तर सी चुभती तुम्हारी बातें
बनावटी जीवन की मजबूरी
अच्छे बने रहने का आवरण
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आज का सफर यही तक 

आप सभी स्वस्थ रहें ,सुरक्षित रहें। 
कामिनी सिन्हा
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13 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दीदी।
    सभी रचनाकारो को बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    मेरीराचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद कामिनी जी |

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार आदरणीया कामिनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बहुत आभार कामिनी सिन्हा जी,
    मेरी पोस्ट को आपने चर्चा मंच पर स्थान दिया... पुनः आभार 💐🙏💐

    मंच पर प्रस्तुत सभी रचनाएं मनग्राही हैं। आपको शुभकामनाएं ए्ंव साधुवाद 🙏💐🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  7. विश्व शांति की कामना के साथ पठनीय रचनाओं का संकलन, आभार मुझे भी शामिल करने हेतु !

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति कामिनी जी ।
    सभी रचनाकारो को बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  9. आप सभी स्नेहीजनों को तहेदिल से शुक्रिया एवं सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं
  10. लाजवब चर्चा सूत्र ...
    आभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं

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