सादर अभिवादन
शुद्ध वायु और जल जीवन जीने के लिए अनिवार्य तत्व हैं और
यह हमें वन, हरे-भरे बाग़-बगीचे तथा लहलहाते पेड़-पौधों से ही मिल सकता है।
नौशेरी ग़ज़ल
"कायदे से जरा चलना सीखो"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
पेड़-पौधे लगाएं प्रकृति को प्रदूषण से बचाएं
अब हमें सचेत होना होगा।पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए।हम आधुनिक बनकर भी पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।
हमारी पहली कोशिश होनी चाहिए की भवन-निर्माण के समय अकारण पेड़ -पौधे को नष्ट न करें।अपने घरो में पेड़-पौधों के लिए भी थोड़ा स्थान रखें।गमलों में भी छोटे-छोटे पेड़-पौधे एवं फूल लगाकर हरियाली बढ़ायें।--------------------------एक देशगान -हर बच्चा गोरा -बादल हो
फिर सरहद पर
हो शंखनाद
तुरही, नक्कारा, मादल हो.
इस भारत माँ
की मिट्टी में
हर बच्चा गोरा -बादल हो.
----------------------------------------------
बड़ा बाबू जेल जाएँगे (लघुकथा)आज तो भोले नाथ भी सहम गए कि उनके दरबार में जो उनके पुष्पक से पहले नहीं पहुँचेगा उसे वह कंस-शैली में काल-कोठरी में डाल देंगे। भाग्य नियंता, एकदम हिरण्यकश्यिपु स्टाइल! ‘ले लो, इस अभियंता को हिरासत में!’ शक्ति रूपा ने शून्य लापरवाही से ’जी हुकुम’ की हुकुम बजायी। राम राज आया। जनता ने जय जयकार की।---------------------------------
चाहने वालों ने ही कर के दिखाया है
पत्थरों में भी भगवान जगाया है
यूँ तो हर जगह समायी है नमी, लेकिन
बादलों ने ही उसे भू पर बहाया है
-----------------------------------------------
शब्दों को चुन कर
सहेजा एकत्र किया
प्रेम के धागे में पिरो कर
माला बनाई प्यार से
सौरभ से स्निग्ध किया
खुशबू फैली सारे परिसर में |
धोया साहित्यिक विधा के जल से
------------------------------
मेरे गमले में लगा केले का पेड़
बन गया है दादा
इसलिये नहीं कि वो हो गया है सबसे बुज़ुर्ग
न कि इसलिए कि उसमें खिल उठे हैं कई और कदली अंकुर
बल्कि इसलिए क्योंकि वो बन गया है
छतनार
उसके छत्र से हरे पत्ते फैल गए हैं सब दिशाओं में
जिनकी छाया में सुकून पा जीवन रस ले रहे हैं
----------------------------------------------
आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे
आपका दिन मंगलमय हो
कामिनी सिन्हा
बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपका आभार कामिनी सिन्हा जी!
अत्यंत वांछित और सामयिक विषय पर एक सार्थक और सुंदर प्रस्तुति का आभार और बधाई!!!
ReplyDeleteसुप्रभात! पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूक करती सुंदर रचनाओं से सुसज्जित आज के चर्चा मंच पर मुझे स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार कामिनी जी!
ReplyDeleteआज की चर्चा प्रस्तुति में शीर्षक और भूमिका के साथ मेरी ब्लॉग पोस्ट को सम्मिलित करने हेतु आभार!
ReplyDeleteबेहतरीन चर्चा
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर चर्चा संकलन
ReplyDeleteआप सभी स्नेहीजनों को हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार 🙏
ReplyDeleteThanks for the comment
ReplyDelete