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सोमवार, जुलाई 26, 2010

इन्द्रधनुषी नज़ारे……………चर्चाकारा ---------वंदना गुप्ता

दोस्तों ,
            आज की चर्चा लेकर एक बार फिर हाजिर हूँ ...........आज की  चर्चा मैं कुछ जल्दी में कर रही हूँ फिर भी उम्मीद है पसंद आएगी.




posted by ओम आर्य at मौन के खाली घर में... ओम आर्य - 1 hour ago
*ये अच्छा है कि इस कविता में जिन्हें आना था उनमे से कुछ तो अभी व्यस्त हैं एक मरे बैल की खाल उतारने में कुछ अपनी छाती से भूख पिला रही हैं अपने बच्चों को और कुछ इस इंतज़ार में हैं कि उनके देह हों तो वे उन्हें ...

posted by Raviratlami at चिट्ठा चर्चा - 4 hours ago
एनीमेशन - साभार पिम्प मायस्पेस नौरंगी बारिश अब साहित्य के नौ रससे रंगी ये बारिश ..... शांत रस बनकर टिप टिप कर बरस जाती है श्रृंगार रस बन सज जाती है हरी चद्दरसी धरती का आँचल बन ... गरज बादल की कोई ल...

posted by डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक at उच्चारण - 6 hours ago
*समाजवाद से- कौन है अंजाना? लोगों ने भी यह जाना। समाजवाद आ गया है, क्या यह प्रयोग नया है? डाका, राहजनी, और चोरी, सुरसा के मुँह के समान- बढ़ रही है,रिश्वतखोरी। देख रहे हैं- गरीब और मजदूर, होता जा र...

posted by संगीता पुरी at गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष - 11 hours ago
ज्‍योतिष के पक्ष्‍ा और विपक्ष में तर्कों की कमी नहीं , पर किसी का यह तर्क देना कि हम भविष्‍य को अनिश्चित ही देखना चाहते हैं , इसलिए ज्‍योतिष के अध्‍ययन की कोई आवश्‍यकता नहीं , सबसे बेकार का तर्क है। यदि आप...


posted by arun c roy at सरोकार - 17 hours ago
यह जो रंगमंच पर हो रहा है लिखी गयी है इसकी स्क्रिप्ट कहीं और किसी और उद्देश्य से ये पात्र जो संवाद कर रहे हैं सब झूठे हैं सब बनावटी हैं सब मुखौटे हैं होठ इनके जरुर हैं लेकिन स्वर इनका नहीं दया के पात्र हैं ...

44 मिनट पूर्व दुनाली... पर संजय भास्कर

लघुकथा मैं तैरने से डरता था, डूबने से डरता था, पानी से डरता था, भीड़ से डरता था।जाने किस झोंक में उस दिन दरिया किनारे जा पहुंचा।‘बचाओ-बचाओ’ की उस मंद पड़ती जा ...समाज


19 मिनट पूर्व JHAROKHA... पर JHAROKHA
तुम मुझे मिले अचानक से तो जाने कब के देखे ख्वाब दिल की गलियों से निकल कर आंखों के सामने लहराने लगे। बगैर ये मालूम किये कि तुम मेरी नहीं किसी और ...समाज
2 मिनट पूर्व Of Dreams and Dereliction...... पर Surabhi
तुम , अभय , स्थिर , गहन | समुद्र में द्वीप से , स्वयं में पूर्ण | मैं , विहीन , निश्चल , जिज्ञासा से भरी | मर्यादा की छाँव में पली | उस पक्षी की तरह, जिसका आकाश सीमित है ...समाज


1 घण्टे पूर्व प्रतिभा की दुनिया ...... पर pratibha
कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ को रोकने के लिए जो कानून संसद के मानसून सत्र के लिए प्रस्तावित है उससे जुड़ी हुई जरूरी बातें- 1- अब तक सेक्सुअल हैरेसमेंट्स को जो ...समाज
2 घण्टे पूर्व आवाहन...... पर कृष्णमोहन,
ड्योढी के टाट पर खीरे के पात की हरी छाँह के नीचे मेरी बाट जोह रही होगी मेरी लालसा…. रात की शाखों से उतरकर रोज़ गिलहरी की तरह फुदकती हुई मुझे खोज रही होगी मेरी नींद… ...समाज
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चारों तरफ़ शोर मच रहा है .राष्ट्रमंडल खेल आ रहा है .आ रहा है .सोचता हूं ये घोषणाएं .यार कभी सुनामी , कभी भूकंप के लिए नहीं हो पातीं .खैर , तो राष्ट्रमंडल ...समाज
चिट्ठाकार


2 घण्टे पूर्व NEWS YOU CAN USE... पर kshitij
शराब का सेवन करने वाले बुजुर्गो के लिए शराब का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रात का भोजन करने के बाद एक या दो पैग शराब का सेवन ...समाज


कविता - जीवन जीने को आया हूँ (ये हैं हमारे स्टायलिश भांजे) फिर जिन्दा होकर लौटा हूँ, मैं आज तुम्हारी नगरी में। जीवन जीने को आया हूँ, ...कला


3 घण्टे पूर्व सफ़ेद घर... पर सतीश पंचम
आज sunday वाली छुट्टी के दिन जब घर में डोसा बनाया जा रहा था तब उसी वक्त पीने का पानी भी आ गया। अब या तो डोसा बनाया जाय या पानी भरा जाय। ऐसे में पत्नी को मैंने कहा कि ...समाज


posted by Poonam Agrawal at Kavya Sangaraha : My Hindi Poems - 2 minutes ago
मैं मलिन नदी , शकुंतला की अठखेलियों को करीब से देखा है मैंने , 'भारत' ने जिससे पाया अपना नाम उस भरत को स्पर्श किया है मैंने । तब वेग था मेरे मन में , धैर्य था मेरे तन में । समय बीता - आज में त्...

व्‍यवस्‍था परिवर्तन करो और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति पाओ
posted by ajit gupta at अजित गुप्‍ता का कोना - 4 hours ago
लगभग 15 वर्ष पूर्व की बात होगी जब दो-तीन सांसदों के पास नोटों से भरे ब्रीफकेस प्राप्‍त हुए थे। जब उनपर कानून का शिकंजा कसने की बात आयी थी तब उन्‍होंने कहा था कि हम सांसद हैं और हमपर कार्यवाही नहीं की जा सक...

अब कुछ पोस्ट गुरु महिमा पर

posted by महेन्द्र मिश्र at समयचक्र - 5 hours ago
गुरु पूर्णिमा विशेष : गुरु बिना ज्ञान का पथ सूना है ... गुरुब्रम्हा गुरु विष्णु गुरुदेवों महेश्वर : गुरु साक्षात् परं ब्रम्ह तस्मै श्रीगुरवे नमः गुरु एक वैदिक परंपरा है और कम से कम भारतीय परिवेश में इसका...

posted by Rajendra Swarnkar at शस्वरं - 13 hours ago
*ॐ* गुरु‌र्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुर्साक्षात् परब्रह्मः , तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥ *** प्रणाम है मेरे गुरुजन को *** प्रणाम मेरे स्वर्गीय पूज्य बाबूजी की चिर स्मृतियों को ! प्रणा...
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2 घण्टे पूर्व SHRI RAMCHARIT MANAS... पर sanu shukla
बंदउ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि। महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर।। बंदउ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।। अमिय मूरिमय चूरन चारू। समन ...समाज





ज की चर्चा को यही विराम देती हूँ ..........अब अगले सोमवार मिलूंगी इक नयी चर्चा के साथ .




22 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छे लिंक्स। अच्छी चर्चा।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी चर्चा | कुछ ब्लॉग बहुत अच्छे हैं |बधाई
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. वंदना जी,
    बहुत बढ़िया चर्चा है... मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभारी हूँ.

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर चर्चा ...बेहतरीन पोस्ट देनेके लिए धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  5. post ke naam ke sath har post ki shuruwavti hissa madad karta hai yah nishichit karne me ki post padhi jaye ya nahi ...achhe links achhi charcha vandna ji ..

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीया वंदनाजी
    और चर्चामंच के समस्त् प्रियजनों के प्रति आभार सहित सस्नेहाभिवादन !
    आपके कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए , कम है ।
    इतनी मेहनत और लगन के साथ एक से बढ़कर एक ब्लॉग के करीब पहुंचाने का पुनीत कार्य किया है आपने ! धन्यवाद !

    शस्वरं की पोस्ट को भी सम्मिलित करने के लिए आभारी हूं ।

    - राजेन्द्र स्वर्णकार
    शस्वरं

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  7. बहुत अच्छी चर्चा ... अच्छे लिंक्स ... आभार् ....

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  8. सभी लिंक्स सुन्दर रचनाओं से रूबरू करवाते हुए

    जवाब देंहटाएं
  9. नये लिंक्स के साथ बेहतरीन चर्चा

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  10. वंदना जी और संगीता जी को शुक्रिया. आपलोगों के इस चर्चा से काफी हौसला मिलता है और फिर वो लम्बे समय तक बना भी रहता है. मेरी आखिरी कविता पे दर्पण का जो कमेन्ट है उसने भी कुछ ऐसा हीं किया है जिसकी चर्चा यहाँ 'चर्चामंच' पे करना मुझे जरूरी लगा.

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  11. कल आपके दिए लिंक्स से बहुत जगह जाना हुआ...अच्छे लिंक्स थे.....पर यहाँ टिप्पणी करना भूल ही गयी :):)

    उम्र का तकाजा है .....

    जवाब देंहटाएं

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