आगामी शुक्रवार की चर्चा के लिए भी
कुछ न कुछ प्रबन्ध करूँगा!
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टिप्पणीबॉक्स न खुल पाने के कारण
कहीं पर टिप्पणियाँ भी नहीं हो पा रहीं थीं।
शाम को इन्दौर से अर्चना चावजी ने बताया कि
मौजिला और इंटरनेटएक्सप्लोरर में
डैशबोर्ड खुलने में कोई दिक्कत नहीं है।
तह कहीं जाकर "उच्चारण" पर एक ग़ज़ल पोस्ट कर पाया!
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गत वर्ष यह 26 जून को थी, इस वर्ष 15 जून को थी!
अंग्रेजी तारीख से इसका कोई मतलब नहीं है!
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जाने कब समंदर मांगने आ जाए!
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मेरे प्रिय मित्र बन्धु गण..
कुछ दिनों के लिये मैं बाहर जारही हूँ
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आइये मैं आपको फेस-बुक के बारे में कुछ जानकारी देती हूँ
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(चवन्नी प्रकरण) |
रेत के महल
आज मूड बहुत ख़राब है मेरा
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में पेश कर रहे हैं-
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ये गाने के बोल तो मुझे भी
ये धरती..ये नदियाँ ..ये रैना ..और तुम
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ने ही इस संसार का सृजन किया है .
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बगिया में भंवरे बहुत दूर से आया करते हैं
कृष्ण तन होता है लेकिन निर्मल मन वो रहते हैं देखो न ,
तभी तो शहद कितना मधुर हुआ करता है
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मनोज कुमार जी आँच पर लेकर आये हैं-
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लघुकथा संवेदना *मनोज कुमार*
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रविन्द्र प्रभात जी का उपन्यास
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उड़न तश्तरी .... में
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अच्छी चर्चा के साथ बेहतरीन लिंक्स ....बहुत खूब ।
ReplyDeleteकरीब १५ दिनों से अस्वस्थता के कारण ब्लॉगजगत से दूर हूँ
ReplyDeleteबढ़िया लिंक्स...
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिनक्स लिए चर्चा ..... आभार आपका
ReplyDeletesunder charcha aur acche links
ReplyDeletebahut aabhaar mayank daa..
bahut sundar links sanjoye sarthak charcha.badhai.
ReplyDeleteअच्छी चर्चा अच्छे लिंक्स |
ReplyDeleteआशा
nice
ReplyDeleteबहुत सुंदर चर्चा . आभार आपका
ReplyDeleteअच्छी चर्चा के साथ बेहतरीन लिंक्स
अच्छी चर्चा ...
ReplyDeleteआभार!
अच्छी चर्चा ,आभार
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति-आभार .
ReplyDeleteमंगल शुप्रभात सर ! बेहतरीन संपादन , सार्थक संवेदन-शील विचारों का स्वरुप पढ़ने समझने को मिला / आभार आपका, समस्त सृजकों का जिसने अमूल्य योगदान दिया /
ReplyDeleteबेहतरीन लिंक्स .
ReplyDeleteधन्यवाद - बहुत अच्छे लिनक्स हैं ... :) मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद ... :)
ReplyDeleteachhi charcha,abhari hun meri rachna ko sthan dene ke liye.
ReplyDeleteबढ़िया लिंक देने के लिए आभार व कार्टून को भी चर्चा में सम्मिलित करने के लिए साधुवाद.
ReplyDeletesunder charcha
ReplyDeletenet par aapki vapisi ka intzar rhega
बहुत अच्छी और सुन्दर चर्चा | बहुत उम्दा लिंक्स |
ReplyDeleteमेरी रचना चवन्नी की विदाई को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् |
बहुत ही अच्छे लिंक्स दिये है आपने ...बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार ।
ReplyDeleteधन्यवाद शास्त्री जी! तमाम बहुत ही अच्छी पोस्टो के बीच अपनी भी पोस्ट देखकर बहुत अच्छा लगा। पुनः-पुनः धन्यवाद
ReplyDelete्सुन्दर लिंक्स के साथ बहुत सुन्दर चर्चा मंच सजाया है।
ReplyDeleteShastri ji bahut bahut dhanyavaad aapne mere vishya me charcha manch par likha abhi mere blog par meri yatra shuru hui hai main aap sab logon ki ichcha aur utsukta ko dekhte hue apni yaatra ka har pahloo baatna chahungi.jab meri yaatra poorn ho jaye uske baad hi aap logon ki pratikriya jaanna chahungi.sabhaar rajesh kumari.
ReplyDeleteअच्छी चर्चा।
ReplyDeleteचर्चा मंच अच्छा लगा। एक ही स्थान पर पढ़ने के लिए अनेक लिंक मिले। मनोज ब्लाग से अनेकार्थी शब्दों का अर्थ-निर्णय को इस मंच पर स्थान देने के लिए हार्दिक आभार व साधुवाद।
ReplyDeleteupyogi !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा ..अच्छे लिंक्स समाहित किये हैं ..आभार
ReplyDeleteनमस्कार शास्त्री जी, बहुत सुन्दर चर्चा रही। मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभारी हूँ।
ReplyDeleteदो दिनों से नेट की परेशानी से परेशां रही हूँ ...
ReplyDeleteमेरी कविता याद रखने के लिए शुक्रिया.....खुबसुरत लिंक से सजी यह चर्चा -मंच बधाई की पात्र है ...धन्यवाद शास्त्री जी ....