दोस्तों आज मंगलवार है!
आज का चर्चा मंच मैं विद्या प्रस्तुत कर रही हूँ! देखिए मेरी पसंद के कुछ लिंक! यदि आपको भी अच्छे लगें तो टिप्पणी में कुछ बताइए! |
"शिक्षक दिवस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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शिक्षक दिवस पर हार्दिक बधाइयाँ
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डेढ़ महीने की छुट्टियों के बाद भारत से लौटी हूँ. और अभी तक छुट्टियों का खुमार बाकी है.कुछ लिखने का मन है पर शब्द जैसे अब भी छुट्टी पर हैं,काम पर आने को ...
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Mridula Harshvardhan | Naaz
जब मेरी हर सांस से तुम्हारी खुशबू आये
जब मेरी आँखों में तुम्हारा चेहरा नज़र आये... |
अब तक ना भूला....
समय दर समय बदलते जिंदगी के रुप अनेक,* *और भावनाओं मे बहती जीवन की कस्ती....."* अब तक का हर जज्बात, बचपन का हर इक साथ, माँ का प्यारा सा डाँट, बस इक यही बात... |
रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ जी का परिचय: अमर उजाला में ‘उच्चारण’यह जानकारी 05 Sep 2011 को बी एस पाबला द्वारा अमर उजाला, पत्र-पत्रिका श्रेणी में प्रदत्त.
5 सितंबर 2011 को अमर उजाला के मेरठ-बिज़नौर संस्करण में उच्चारण का उल्लेख करते हुए रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक' जी का परिचयात्मक समाचार ...
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गुरु की महिमा क्या कहूँ, कह न पाऊँ मित्र | जीवन को महकाते हैं, तन को जैसे इत्र || सीखलाते हैं पाठ ये, जीने का भी ढंग | बतलाते जीवन का मर्म, कितने होते रंग |...
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सुखदु:खे समे यस्य लाभालाभौ जयाजयौ| इच्छद्वेशौ भयोद्वेगौ सर्वथा मुक्त एव स: || वालीपलित्संयोगे कार्श्यं वैवर्न्यमेव च |कुब्जभावं च जरया य: पश्यति स मुच्यते|... |
नवगीत *गुप्त गोदावरी होकर बहो मुझमें बहो!* * * श्यामनारायण मिश्र* * * *गुप्त गोदावरी होकर,* *बहो मुझमें* *बहो भीतर बहो!
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*कादम्बिनी के सितम्बर, २०११ में प्रकाशित मेरी कहानी:* मधु और आरती- दो जिस्म मगर एक जान हैं हम, को चरितार्थ करती बचपन की सहेलियाँ.
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by Rajesh Kumari
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by Dr_JOGA SINGH KAIT "JOGI "
CHUKALA(POWER CUT)
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पानी भूल आए घर
हौसले मेरे नहीं हैं टूटे हुए
पत्थरों से उलझ कर भी साबुत हूँ मैं
जिन्दगी यूँ कोई गीत , गुनगुनाती रही
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अपनी हर साँस सें, मुझको तेरी खुशबू आए |
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जिसे करते है प्यार
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आज के लिए बस इतना ही …
अगले मंगलवार को फिर मिलते हैं, नमस्कार!
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बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...बधाई
जवाब देंहटाएंबड़े ही सुन्दर व पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ||
जवाब देंहटाएंबधाई ||
aapkee mehnat aur meree haasy kavitaa ko sthaan dene ke liye dhanywaad
जवाब देंहटाएंपोस्ट को चर्चा मंच पर लाने के लिए बहुत-२ धन्यवाद. ये तो मित्र के लिए एक और उपहार हो गया! :)
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद् मेरी रचना क यहाँ शामिल करने के लिए | साथ ही बहुत अच्छे लिंक्स उपलब्ध कराये गए |
जवाब देंहटाएंआभार |
अच्छी जानकारी और सुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स । रोचक चर्चा ।
जवाब देंहटाएंcharcha me shamil karne ka shukriya ...blog jagat me jaruri nahi ki log aapko padhe aur tippni de hi ...jyada bloggers to unhi ko tippni dete hain ...jo unhe tippni den ....
जवाब देंहटाएंShastri ji ko paper me chhapne kee badhaaee..
अच्छी चर्चा |
जवाब देंहटाएंआशा
चर्चा मंच पर पधारने वाले, सभी पाठकों का धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंsunder charcha
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को यहाँ शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआभार
नाज़
सुन्दर और सार्थक चर्चा ....
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा.स्पंदन को स्थान देने का शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को चर्चा मंच पर लाने के लिए बहुत-२ धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंdr.saheb samman ke liye koti-koti badhayi,saath m mre chutkale ko charcha manch m shamil karane ke liye aabhaar.regard.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक मिले!
जवाब देंहटाएंमेरे बिना किसी सहयोग के अच्छी चर्चा की है आपने!
बधाई!
लाजवाब चर्चा।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद विद्या जी, मेरी कविता को आपने चर्चा मंच पर स्थान दिया आभारी हूँ। समय पर कमैंट नही दे पाई। कुछ परेशानियों मे से उलझ गई थी।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबधाई,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...बधाई
सुन्दर चर्चा,
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