"आओ ज्ञान बढ़ाएँ-पहेली:100" (श्रीमती अमर भारती)पहेली नं. 100 का सही उत्तर देने वालों को ब्लॉगश्री की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा!
पहेली के विजेताओं को ऑनलाइन प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा! अमर भारती साप्ताहिक पहेली-100 में आप सबका स्वागत है! निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए! 1- काव्य की आत्मा किसे कहा जाता है? 2- काव्य का भूषण किसे कहा जाता है? 3- छन्द के प्रमुख अंग कौन-कौन से होते हैं? 4- जयशंकर प्रसाद का वह कौन सा उपन्यास है, जिसे वे पूरा नहीं कर पाये? 5- दिल्ली से पहले भारत की राजधानी कहाँ थी? उत्तर देने का समय उत्तर प्रकाशित करने में25 सितम्बर, 2011, सायं 5 बजे तक! आपके पास कल तक का समय शेष है जी! |
शब्दों का बल नापा नहीं जा सकता है, पर जब उनका प्रभाव दिखता है तो अनुमान हो जाता है कि शब्द तीर से चुभते हैं, हृदय में लगते हैं, भावों को प्रेरित करते हैं,... |
गांवों के लिए दोयम दज्रे के डाक्टरों की फौज तैयार करने में विफल यूपीए सरकार ने अब ग्रामीण जनता का उपचार ‘वैद्य जी’ से कराने की सोची है। |
आज आपके लिए बहुत ही बेहतरीन गेम का पैक लेकर आया हु जिसमे आपको बहुत से गेम मिलेंगे ये गेम कार्टून नेटवर्क की साईट पर मोजूद है जिन्हें खेलने के लिए आपको ऑन... |
*दांत मरोड़ू, तिनका तोड़ूं,* ** *इस लड़के/लड़की से कभी न बोलूं...* * * कुट्टी पक्की वाली...अंगूठे को आगे के दो दांतों के नीचे ले जाकर किट की आवाज़ के साथ हो... |
फ़ुरसत में ... स्वयं की खोज *मनोज कुमार* किसी ने ठीक है कहा है *“**अधिक** **सांसारिक** **ज्ञान** **अर्जित** **करने** **से** **आपमें** **अहंकार** **आ*... |
बहुत सी ईन लोग छन जू दिन रात मेहनत करि तै सुखी जीवन क सपना दिखदन, परिवार तै खुशी रखण चान्दन.. लेकिन किसमत ऊ अभागो कु दगडी इन खेली खिलदी कि हर काम मा निराश ही... |
हँसमुखजी को क्रिकेट खेलने का शौक चढ़ा फ़ौरन मैदान पर पहुँच गए लगे बैटिंग करने पहली गेंद कमर पर लगी मुंह से चीख निकली दूसरी गेंद कंधे पर लगी मुंह से हा... |
* * *उमड़-घुमड़ कर बादल आये।* *घटाटोप अँधियारा लाये।।* ** *काँव-काँव कौआ चिल्लाया।* *लू-गरमी का हुआ सफाया।।* ** * मोटी जल की बूँदें आईं। ... |
एक बार एक महात्मा को कोई बड़ी गालियाँ और अपशब्द बोल गया | पर वे परेशान न हुए - अपने काम में लगे रहे | उस व्यक्ति के जाने के बाद महात्मा के क्रोधित शिष्य क... |
पितृपक्ष में उमड़ता, झूठा श्रृद्धा प्यार।।.. |
तू आज नहीं है सम्मुख तो,जीवन क्यूँ भारी लगता है? मौसम भी साथ नहीं देता,तेरा आभारी लगता है॥ इन सबकी बातें छोड़ो,आँखे क्यूँ साथ नहीं देतीं?... |
अपेक्षित मौन :: जरूरी है जी! माना ईश्वर है मूर्त तो वह मेरी संज्ञा में दिखाई देता है अपना मुंह खोले जिसमें खगोल घूम जाता है और एक कर्ण अपने धंसे रथ को खींचते न... |
हो जाते कभी-कभी! ख्यालों के समंदर से निकली एक लहर भिगो देती है मेरे ज़िंदगी के साहिल को और मैं नम हुयी रेत से बनाती... |
आज भी मुझमे वसन्त अंगडाइयाँ लेता है सावन मन को भिगोता है शिशिर का झोंका आज भी तन के साथ मन को ठिठुरा जाता है मौसम का हर रंग आज भी अपने रंगो मे भिगोता है मै... |
गौवंश के वध पर तो प्रतिबन्ध लगना ही चाहिए! जनकवि स्व.कोदूराम ”दलित” गो-वध बंद करो जल्दी अब, गो-वध बंद करो भाई ! इस स्वतंत्र भारत में, गो-वध बंद करो. महापुरुष उस बाल कृष्ण का, याद करो तुम गोचारण ... |
जब किसी के साथ कोई अन्याय होता है तो उसे कहाँ जाना चाहिए .निस्संदेह आपका उत्तर होगा न्यायालय में . भारत में पूरे कामकाज को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया... |
बंद पलकों में आपकी स्नेहमयी छाया उभरती है समर्पित है इस पितृपक्ष में मेरी हथेलियों का जल आपको मां - पापा सजल नयनों से मैने आपकी पसन्द का भोजन पका... |
![]() |
चलते चलते मैं चलती रही ज़िन्दगी कभी ठहरी नहीं, ख़ुद को जब रोक के देखा ज़िन्दगी तो बढ़ी हीं नहीं ! किस्मत को कैसा रोग लगा ... |
लघुकथा जिम्मेदारी मनोज कुमार बॉस ने कल शाम ही कहा था ‘सुबह, .. शार्प एट टेन थर्टी तुम प्रजेंटेशन मुझे दिखाओगे।’ देर रात तक जागकर उसने अपने लैप टॉप पर... |
हो सकता है मेरा अनुभव गलत हो या मेरी नजरिया अस्थिर हो क्योकि मेरी सोच में गांठे पड़ने लगी हैं आजकल .. जिन्हें सुलझाने कि जद्दोजहद में मैं अक्सर उलझ जा... |
मैं खुश हु जिन्दगी है छोटी, मगर हर पल में खुश हूँ, स्कूल में खुश हु , घर में खुश हूँ, आज पनीर नही है, दाल में ही खुश हूँ आज कार नही है, तो दो कदम चल के ही... |
व्याह कर आई वो नव्योवना , उतरी डोली से सजन के अंगना नए सपने , नयी उम्मीदे ले कर उतरी वो पी के अंगना अपनी गुडिया , सखी-सहेली ,ढेरो यादे छोड़ आयी बाबुल के अंगना... |
*Girl kills self as boyfriend dumps her on Facebook* आधुनिकता के नाम पर लड़के और लड़कियां बिना विवाह किए ही संबंध बना रहे हैं और जब दिल भर जाता है तो फिर संबं... |
(काफी दिनों से कुछ नया लिख नहीं सका हूं. इण्डिया गेट से सर्किल में एक कारवाले ने मेरी बाइक को टक्कर मार कर बिना रुके चला गया. मैं उन्हें धन्यवाद भी ना कर ... |
फेसबुक पर एक लड़की ने दुखी होकर आत्महत्या कर ली और अंजलि गुप्ता जैसी होनहार ऑफिसर ने भी धोखा मिलने पर आत्महत्या कर ली । बहुत जगह इन दो प्रकरणों ... |
मन में उठे तूफानों को कैसे, समझाया जाए ,
लगता है इसे माया जाल में, उलझाया जाए , ...
दिल ही तो है ... कोई तो मुझे बताए; यह आवाज़ किस गुलूकार की है .??? - यादें .....अपनी यादों के झरोखे से लाया हूँ ...एक गज़ल आप के लिए ... मेरी कोशिश ...सिर्फ आप का दिल बहलाना ...अपने दिल को सुकून पहुँचाना ...इस कोशिश में, मेरी ... |
भरोसा एक पल का नहीं , मंसूबे जिंदगी भर के .... - * * *शाम का धुंधलका , आसमान में उमड़ आए काले बादलों से असमय होता **अँधेरा*--बाज़ार में शाम की खरीदारी करती महिलाओं की चहल पहल --घर में बच्चे खेलने की फ़िराक... |
भारतीय समाज में अनेक खूबियाँ हैं।
कुछ अच्छी बातें तो सभी धर्मों में नायकों,
संतों और उपदेशकों द्वारा कही और सही गयी हैं।
बहुत सी भारतीय संस्कृति की अपनी अन...
"उम्मीदवार कैसा हो जिसे हम निश्चित वोट देगे" . - कल एक मीटिंग के दौरान यह बात सामने आई की मतदाता मतदान के समय उम्मीदवार को भूल हवा के रुख के साथ अपना मत देता है.यह हवा मंडल कमंडल वादी, जातिवादी व्याक्तिमू... आँखें - *मैंने देखी झील सी निश्छल, नवल जीवन में जब आई आँखे !* *मैंने देखी अश्रुओं से भीगी भूख से कुम्भ्लाई आँखें !* *मैंने देखी लालच ,फरेब ,मक्कारी से बौराई आँखें ... अन्त में देखिए यह कार्टून! ![]() |
विविध चर्चा, सुन्दर सूची, हार्दिक आभार!
ReplyDeleteआपने अच्छा किया पोस्ट लगाकर, अच्छा संकलन है।
ReplyDeleteमालिनी मुर्मु की खुदकुशी एक बानगी भर है।
# फेसबुक पर पढ़ा था कि मासूम साहब के एक करीबी रिश्तेदार की मौत हो गई है और उसकी रूसूमात की अदायगी की जिम्मेदारी उन पर ही है।
सुन्दर लिंक्स सन्योजन
ReplyDeleteआभार
व्यापक विषय , उत्कृष्ट चयन ने तृप्त कर दिया.
ReplyDeleteबहुत ही अच्छे लिंक्स दिये हैं इनके साथ्ा मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार ।
ReplyDeletesastri ji aap to sab ka keyal rakate hai,
ReplyDeletesastri ji aap ne link bahut sunder saje hai
you are great men
देर आयद दुरुस्त आयद ||
ReplyDeleteखूबसूरत पेशकश ||
@ # फेसबुक पर पढ़ा था कि मासूम साहब के एक करीबी रिश्तेदार की मौत हो गई है और उसकी रूसूमात की अदायगी की जिम्मेदारी उन पर ही है।
आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना ||
परिवार और मासूम साहब
को ईश्वर हिम्मत दे ||
रंग बिरंगी चर्चा
ReplyDeleteमेरी पोस्ट को जगह देने के लिए आभार
Kuch links to bahut hi achche hain ...bahut abhar.
ReplyDeleteगुरुवर , आभार ,रचना को ''चर्चा-मंच ''पर स्थान देकर उत्साहित करने के लिए .
ReplyDeleteचर्चा मंच सजाने के पीछे की मेहन्त साफ़ दिख रही है। उम्दा लिंक चयन।
ReplyDeleteरोचक चर्चा..आभार
ReplyDeleteachchhe links se jodne ke liye aabhar !
ReplyDeleteचर्चा मँच पर रचना को प्रकाशित व और ईस समाचार को हम तक पहुचाने के लिये धन्यवाद ..चर्चामँच पर सभी लेखको की रचनाये पढ कर अछा लग रहा है ।
ReplyDeleteआभार गुरुवर.
ReplyDeletemujhe sthaan dene ke liye dil se aabhar Roopchandra ji.
ReplyDeleteढेर सारे सुन्दर लिंक्स के साथ बहुत ही लाजवाब प्रस्तुती! मेरी शायरी चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteVisit Digitech For mod Apk best knowledge
ReplyDelete