अब चलते हैं चर्चा की ओर....
गद्य रचनाएँ-
- रजनीश जैन का मानना है कि भारत नाम की फिल्म में अजूबे होते रह्ते हैं.
- पत्नियों के लिए एक सुझाव और पतियों को एक समझाइश दे रही हैं दिव्य जी.
- प्रवीण पाण्डेय जी विरोध कर रहे हैं हिन्दी का मजाक उडाए जाने का और बल दे रहे है हिन्दी को सहज बनाए जाने पर.
- अच्छा स्वास्थ्य किसे नहीं चाहिए और अच्छे स्वास्थ्य का राज बता रहे हैं शास्त्री मयंक जी.
- खरी-खरी ब्लॉग बंगलादेश के साथ हुए समझौते को लेकर सुनाई गई है खरी-खरी.
- किरण मिश्रा जी याद कर रही हैं नैनीताल की वादियों को जो प्रेम का सन्देश देती लगती हैं.
- हेमन्त कुमार के ब्लॉगस की समीक्षा कर रहे हैं जाकिर हुसैन जी.
पद्य रचनाएँ-
- राधाष्टमी पर देखिए डॉ. श्याम गुप्त के पद
- विशाल..... दिल की कलम से ब्लॉग पर दिल से लिख रहे हैं गज़लनुमा रचना .
- ब्लॉग सुनहरी कलम से... पर हैं मयंक श्रीवास्तव के छः नवगीत.
- मीडिया , सिस्टम , आज और कल की बात कर रहे हैं श्याम कोरी उदय जी.
- कैक्टस के फूल अपने जरिए बता रहे हैं उपेक्षित जन की पीडा.
- कविता ब्लॉग पर एक गुजारिश कर रही हैं अना जी.
- डॉ.रुपचन्द्र शास्त्री मयंक जी को सुहाती है चाँदनी.
- सखी युग ने करवट बदली --- सकारात्मक नजरिए से सोच रही हैं साधना वैद जी.
- जोखु की बहन के माध्यम से गरीब और निस्सहाए औरत की पीडा को बयान किया है पुष्पा सुमन जी ने.
- रेखा श्रीवास्तव जी रिश्तों को बदले जाने पर हैरान भी हैं , परेशान भी.
- विकिलिक्स के खुलासों और दहशत के साए में सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर जी कर रहे हैं महबूब की सुन्दरता का बखान.
और अंत में फेसबुक पर क्या चल रह है ? --- बता रहे हैं अजय कुमार झा!
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद!
गद्य और पद्य की चुनी हुई लिंक्स से सजी चर्चा पढ़ने को बहुत सी लिंक्स दे गईं |अच्छी और सटीक चर्चा के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
sunder sankalan ...umda charcha ..badhai ..
जवाब देंहटाएंभाई दिलबाग विर्क जी!
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा में आपने गद्य और पद्य का बहुत अच्छा समायोजन किया है!
आभार!
यूँ ही सहेजते रहिये ब्लॉग जगत के सुंदर लिंक्स को .....आपका आभार
जवाब देंहटाएंमाननीय दिलबाग जी, आभारी हूँ कि आपने 'उन्मना' ब्लॉग से मेरी माँ ज्ञानवती सक्सेना 'किरण' जी की रचना का चयन किया ! आप नये हैं कदाचित् इसीलिये इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि 'उन्मना' में मैं अपनी स्वर्गीय माँ की रचनाओं को पाठकों के लिये उपलब्ध करा रही हूँ ! मेरी अपनी रचनाओं के ब्लॉग का नाम 'सुधीनामा' है ! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी माँ की रचनाओं के साथ उन्हीं का नाम दिया करें ! मुझे भी हार्दिक प्रसन्नता होगी ! कष्ट देने के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ !
जवाब देंहटाएंआभार इतने सुन्दर सूत्र पिरोने का।
जवाब देंहटाएंअच्छी और सटीक चर्चा ||
जवाब देंहटाएंबडी महत्वपूर्ण कडियां संसोई हैं आपने।
जवाब देंहटाएं------
ब्लॉग समीक्षा की 32वीं कड़ी..
पैसे बरसाने वाला भूत...
अच्छे संकलन .. आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर व सटीक चर्चा।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अच्छे लिंक्स के लिए....
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स.अच्छी चर्चा.
जवाब देंहटाएंआदरणीय साधना वैद जी
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम
जानकारी के अभाव में आपकी माता जी की रचना को आपकी रचना समझा गया , गलती सुधार के लिए धन्यवाद , आगे से ध्यान रखा जाएगा , वैसे यदि आप ब्लॉग पर भी इसका संकेत दें तो बेहतर होगा , हालांकि आपने माता जी का परिचय अवश्य दिया है लेकिन उससे स्पष्ट नहीं होता है कि इस ब्लॉग पर किसकी रचनाएं हैं
बहुत ही बेहतरीन और सुंदर चर्चा दिलबाग जी , मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए शुक्रिया आपका । संयोजन बहुत ही बढिया है । शुभकामनाएं चर्चा टीम को
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर प्रयास...धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद दिलबाग जी मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिये । सभी लिंक्स को पढ़ने का प्रयास है।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत धन्यवाद आपका दिलबाग जी मेरी रचना को यहाँ स्थान देने का! सभी लिंक्स का संयोजन बहुत अच्छा है! आभार!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दिलबाग जी ...चर्चा से दिल बाग़-बाग़ हो गया....
जवाब देंहटाएंमेरी कविता को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार. बहुत सरे लिंक्स मिले अच्छा लगा
जवाब देंहटाएं... prasanshaneey charchaayen !!
जवाब देंहटाएं... aabhaar dilbag ji !!
जवाब देंहटाएंदिलबाग जी,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक और विषय वस्तु पढ़ने को मिली. मुझे भी स्थान देने के लिए आभार!
Dilbag ji,
जवाब देंहटाएंmeri rachna ko yahaan shaamil kar samman diyaa, bahut bahut aabhar. kuchh links padhi, bahut achchhe achchhe links diye hain aapne. dhanyawaad.
bahut acche links...meri post ko isme shamil karne ke liye bahut bahut dhanybad....aabhar...
जवाब देंहटाएंगद्य और पद्य की चुनी हुई लिंक्स से सजी चर्चा पढ़ने को बहुत सी लिंक्स दे गईं |अच्छी और सटीक चर्चा के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंमाननीय श्री दिलबाग जी ! 'उन्मना' में सिर्फ और सिर्फ मेरी माताजी की रचनाएं ही मैं डालती हूँ ! समय-समय पर किसी रचना विशेष के सन्दर्भ में मैं इस बारे में लिख भी देती हूँ ! लेकिन हर बार यह संभव नहीं होता ! 'किरण' उनका उपनाम था ! उनकी हर रचना के नीचे लेखिका के नाम के स्थान पर आपको 'किरण' लिखा हुआ मिलेगा ! इस ब्लॉग का संचालन क्योंकि मैं ही करती हूँ इसलिए प्रोफाइल में मेरा नाम और परिचय ही है और सीमित तकनीकी ज्ञान के कारण मैं इसे बदल नहीं पा रही हूँ ! आपने मेरी बात को समझा और ध्यान दिया इसके लिये आपकी आभारी हूँ ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंbahut sunder aur saarthak links se sajaa charcha-manch.bahut badhaai aapko.bahut mehnat se sajaayaa hai aapne.aur bahut saare achche links se parichaya karayaa hai hum sabse.dhanyawaad.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच को बहुत सुंदर तरीके से अपने सुसज्जित किया है बधाई और शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच को बहुत सुंदर तरीके से अपने सुसज्जित किया है बधाई और शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंविर्क जी आपने इतनी मेहनत से ढेरों लिंकों को संजोकर यहां प्रस्तुत किया।
जवाब देंहटाएंआभार।
-harminder singh