आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है
गत दिनों सिक्कम में भूकम्प आया . यह पहली प्राकृतिक आपदा हो ऐसा नहीं है . कहीं भूकम्प , कहीं बाढ़ , कहीं अनावृष्टि , कहीं अतिवृष्टि या ओलावृष्टि , कुछ-न-कुछ रोज़ घट रहा है .निस्संदेह यह प्रकृति से छेड़छाड़ का ही नतीजा है . हमें चेतना होगा . प्रकृति के संतुलन को कायम रखने में योगदान देना होगा . खुदा से भी दुआ करनी होगी कि कम से कम वह तो विनाशक आदमी का साथ न दे . आओ खुदा से कहें ऐ खुदा तुझे रुकना होगा .
अब चलते हैं चर्चा की ओर
गद्य रचनाएं
- नेट पर है एक पुस्तक की चर्चा .पढ़िए एक समीक्षा ब्लॉग कलम पर.
- डाकिया डाक लाया ...डाक क्या होती है आने वाली पीढियां तो शायद ये पूछा करेगी...लेकिन कृष्ण कुमार यादव जी दिखा रहे हैं चिट्ठियों की दुनिया.
- एक चेतावनी के साथ नेट का भ्रमण करते समय सावधान रहने की बात कही गई है ब्लॉग छींटे और बौछारें पर.
- रेस्टोरेंट में या गली-मौहल्ले के ठेले पर --कहाँ खाना पसंद करेंगे आप ? अपनी राय देने से पहले पढिए क्रति जी की पोस्ट को.
- कामेडी कार्यक्रमों में सीमाओं को लांघा जा रहा है . अति बुरी होती है -- यह कहकर नवीन चतुर्वेदी जी चेता रहे हैं टी.वी.चैनल वालों को.
- आदमी कितना वहशी हो गया है -- बता रही हैं पल्लवी जी.
- थाईलैंड की महिला प्रधानमन्त्री इंगलुक शिनवात्रा के महिला तस्करी को रोकने और महिलाओं की पीड़ा को समझने की जानकारी दे रही हैं डॉ. शरद सिंह.
- ब्लोगर्स अपनी भूल कैसे सुधारें --- बता रहे हैं डॉ. अनवर जमाल जी.
- धीरे-धीरे छूटती जा रही है पुस्तकें पढने की आदत ---- सबकी तरह यही समस्या है प्रवीन पाण्डेय जी को.
- कहानी कीमत पढिए परिकल्पना ब्लॉगोत्सव पर .
- प्रवासी दुनिया ब्लॉग पर है डॉ. प्रीत अरोड़ा जी कहानी एहसास.
- अमन का पैगाम ब्लॉग पर मासूम जी बता रहे हैं कि यहाँ कौन किसका साथ दे रहा है और क्यों ?
पद्य रचनाएं
- मौसम प्यार का निमन्त्रण दे रहा है डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी को.
- मदन मोहन बाहेती ''घोटू'' जी कह रहे पत्नी को खुश रख्खो , भले कितना ही झूठ क्यों न बोलना पड़े . सभी पति इसे जरूर पढ़ें . हाँ पत्नियां परहेज कर सकती हैं .
- सारे प्रश्न खो जाते हैं -- कब खोते हैं प्रश्न ? पढिए कविता जहाँ प्रीत की गागर ढलके.
- शायद छंद तो नहीं बना पाया हूँ लेकिन बिटिया के जन्मदिन पर पढ़िए चंद पंक्तियाँ.
- गम बेचकर खुशियाँ खरीदना चाहती हैं कनुप्रिया जी . काश ऐसा सौदा होता तो........
- जिन्दगी दर्द का फसाना है -- कह रहे हैं राजेन्द्र स्वर्णकार जी.
- तुलसी हो जाना चाहती हैं अर्चना जी -- यही है मन की उड़ान.
- ब्लॉग सुनहरी कलम से ... पर हैं बल्ली सिंह चीमा की गज़लें.
- राजीव थेपडा जी कह रहे हैं -- जो तेरा है वो तेरा तो नहीं है.
- वो फिर खोई सी थी ......अतीत को याद होती ही ऐसी है ,आहुति ब्लॉग पर भी यही याद किसी को गम सुम बनाए हुए है.
- डाक्टर खुद मरीज़ हुआ जा रहा है ब्लॉग विशाल....दिल की कलम से पर.
- आस के मोहब्बती चिरागों को , बार-बार बुझने से बचा रहे थे श्याम कोरी '' उदय '' जी.
- पूनम जी का मानना है कि विपरीत का बंधन भी आकर्षण से कम नहीं होता.
- परिकल्पना ब्लॉगोत्सव पर सतीश सक्सेना जी के दो गीत.
- प्रिय के घर आने की उत्कंठा है किरन जी को उन्मना ब्लॉग पर.
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
* * * * *
अच्छी लिंक्स के साथ चर्चा |बहुत अच्छी चर्चा |
जवाब देंहटाएंआशा
सुंदर चर्चा...अच्छे लिंक दिये हैं आपने
जवाब देंहटाएं...........धन्यवाद दिलबाग जी
दिलबाग विर्क जी आपका धन्यवाद एक सुंदर चर्चा के लिए.
जवाब देंहटाएंNice .
जवाब देंहटाएंThanks .
ख़ुशनसीब है वो जो तन्हा है
कि महफूज़ है मुकम्मल वो
सरे ज़माना आशिक़ मिलते कहां हैं ?
हॉर्मोन में उबाल प्यार तो नहीं
पानी बहा देना प्यार तो नहीं
क़तरा जहां से भी टपके
आख़िर भिगोता क्यों है
ये इश्क़ मुआ जगाता क्यों है ?
ये पंक्तियां डा. मृदुला हर्षवर्धन जी के इस सवाल के जवाब में
अब सो जाऊँ या जागती रहूँ ?
बहुत ही करीने से सजाया है आपने आज का चर्चा मंच आदरणीय विर्क जी!
जवाब देंहटाएंआभार!
बहुत सुन्दर चर्चा ||
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद विर्क जी आपने 'उन्मना' से मेरी माँ की रचना का चयन किया और आभारी हूँ कि आपने उन्हींके नाम के साथ उसे दिया ! आज की सभी लिंक्स बहुत अच्छी हैं ! शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स दिये हैं आपने ... आभार ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स...
अच्छे लिंक्स से सजी सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंदिलबाग विर्क जी,
जवाब देंहटाएंसदा की तरह सुंदर चर्चा..रोचक लिंक्स ...
मेरे लेख ‘इंगलुक शिनवात्रा और महिला तस्करी की चुनौती ’को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार.
♥
जवाब देंहटाएंवाह जी ! हमारी पोस्ट की भी चर्चा है … !
आदरणीय दिलबाग विर्क जी
सस्नेहाभिवादन !
शुक्रिया !
बहुत अच्छे लिंक संकलित किए हैं आपने … आभार !
यथासंभव सभी जगह पहुंचने का प्रयास रहेगा ।
चर्चा मंच के सभी मित्रों-पाठकों को शस्वरं पर आने का स्नेहिल आमंत्रण है …
♥ हार्दिक शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार....
जवाब देंहटाएंme charcha manch ko nirantar padhti hu.aaj subah bhi saari gadhya rachnaaein padhkar wapas chali gai .padhya rachnae padhne ka samay nahi mila us samay.jab aapne soochna di ki meri rachna hai to main achambhit hui ki main to aaj charcha manch dekha tha...ye islie bata rahi hu ki yaha itni acchi links milti hai ki apni bhi charch hai iska djyan nahi rahta kabhi kabhi.aaj ki links bhi bahut acchi hai.2 kahaniya padhya rachnaon me abhi 1,2 hi padh paai hu aur dono acchi hain...aabhar
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा अच्छी रही ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरा ब्लॉग शामिल करने के लिए..
जवाब देंहटाएंभाई दिलबाग विर्क जी आपका बहुत -बहुत आभार |सुन्दर लिंक्स दिए हैं आपने बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंभाई दिलबाग विर्क जी आपका बहुत -बहुत आभार |सुन्दर लिंक्स दिए हैं आपने बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा मंच सजाया है .....आभार
जवाब देंहटाएंबड़े ही सुन्दर सूत्र पिरोकर लाये हैं।
जवाब देंहटाएं... shaandaar charchaayen !!
जवाब देंहटाएं... aabhaar, dilbag ji !!
जवाब देंहटाएंदिलबाग जी.....
जवाब देंहटाएंपहले आप को धन्यवाद मुझे शामिल करने के लिए.....
फिर एक बार और धन्यवाद कि इतनी अच्छी रचनाओं
का एकसाथ दरवाज़ा दिखा दिया उनके मालिकों के साथ...!
धन्यवाद !!
सुन्दर लिंक लिए बढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
bhaut hi khubsurat links ka sankaln kiya hai aapne... bhaut bhaut dhanyewaad aapne meri rachna ko charchamanch par sthan diya aapne.....
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा. अमन का पैग़ाम के लेख़ का ज़िक्र करने के लिए धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंभगवान आप से कितना प्रेम करते है।
जवाब देंहटाएंश्री सत्य गुरु शब्द से सेवा-भाव सफाई सच्चाई प्रेम मनुष्य जीवन सुखमय परिवार में विराजमान अथाह शक्तिमान आत्माए हम अग्यान को दुर बहाए गे और सच्चा प्रेम सत्यगुरु ज्ञान अपने मन विचार में एक बोलनहार खुद दिल भक्तिरस राम नाम धुन अपनाएंगे और विभिन्न सामाजिक परिवर्तन आत्मविश्वास और झूठ बोल छोड़कर सत्य अपनाए गे जानिए साहेब।