मैं चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ फिर हाज़िर हूँ चर्चामंच पर रंगबिरंगी चर्चा के साथ। आज चर्चा की शुरुआत करता हूँ एक आमन्त्रण से जो है डॉ. सुशील कुमार शुक्ल जी की तरफ़ से; आप सब न्योते में ज़रूर शरीक हों, तो प्रस्तुत है-
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नं. 1-
आमन्त्रण : ‘युग-युगीन नारी विमर्श’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने हेतु सभी विद्वत-जन, जो उत्सुक हों, दिनांक- 15-16 अक्टूबर, 2011 को यू.जी.सी. द्वारा प्रायोजित, प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, आचार्य नरेन्द्र देव किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बभनान, गोण्डा, उ.प्र. में सादर आमन्त्रित हैं।
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2-
पर्वों का पर्याय हिंद है ठाले बैठे
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3-
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4-
मेरे स्कूल के दिन गज़ब के थे
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5-
फेस फेसबुक केस : भूसा भेजा में भरा
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6-
भारतीय काव्यशास्त्र – 85 : -आचार्य परशुराम राय प्रस्तुति मनोज कुमार
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7-
दोहे : गूँजे तार सितार
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8-
सम्मान मात्र बुज़ुर्ग होने से मिलता है या...बताइए! दिव्या जी को
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9-
मुसाफ़िर हूँ यारों : -नीरज जाट
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10-
देश की आत्मा ही उनकी मूल संस्कृति है : पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती 25 सितम्बर पर विशेष
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11-
सूरज साथ है मेरे .....!! और हम भी!!!
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12-
जीने का यह अंदाज़...निराला
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13-
रखता हूँ अपनी जेब में अब छुपा के हाथ... : स्वागत करेंगे आपका , हम बढ़ा के हाथ
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14-
तिहाड़ में शुरु हो गई तैयारी! : हमारे लिए???
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15-
न जाने प्यार है कितना : न जाने कौन सा नाता
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16-
वीणा की झंकार : -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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17-
कोई मोहब्बत न करे- निरन्तर
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18-
ग़ज़ल : वाह! वाह!
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19-
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20-
don't want an ending... : दोस्तों, मेरी पिछली प्रश्न करती हुई पोस्ट को पढने के बाद मेरे बड़े बेटे अनिमेष, जो आई .आई .टी कानपुर में बी टेक तृतीय वर्ष का छात्र है, ने अपने विचारों को कुछ इस रूप में कहा है ...एक माँ के डगमगाते विश्वास को एक नई दृढ़ता दी है... अनिमेष को अपना आशीष दीजिये -निवेदिता
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21-
छिद्रान्वेषण...एक भाव-विषय ... दो रूप...हम क्या चाहते हैं...डॉ.श्याम गुप्त
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22-
मैंड्रीन, एक इंद्रधनुषीय बंदर : कुछ अलग सा
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23-
क्यों भाई! क्या गये हार?
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24-
फूट रही है उन्हे जवानी जबकि 'फिफ्टी' पार हो गए...गिरीश पंकज
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25-
प्रेम-पाती भाई उदयवीर सिंह की
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26-
कुछ दिल की बातें : अपनो का साथ
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27-
विशाल...दिल की कलम से : अन्धेरा
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28-
एक हिंदी प्रेमी की नाराजगी : रमेश कुमार सिरफिरा
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29-
ये कैसा देश है -उमाकान्त मालवीय, प्रस्तोता- डॉ. व्योम
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क्यों भाई! क्या गये हार?
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फूट रही है उन्हे जवानी जबकि 'फिफ्टी' पार हो गए...गिरीश पंकज
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प्रेम-पाती भाई उदयवीर सिंह की
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कुछ दिल की बातें : अपनो का साथ
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विशाल...दिल की कलम से : अन्धेरा
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एक हिंदी प्रेमी की नाराजगी : रमेश कुमार सिरफिरा
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29-
ये कैसा देश है -उमाकान्त मालवीय, प्रस्तोता- डॉ. व्योम
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और अन्त में
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आज के लिए इतना शायद पर्याप्त होगा, फिर मिलने तक नमस्कार!
बहुत ही सुन्दर चित्रमय चर्चा रही ।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार चन्द्रभूषण जी ।
bahut hi acchi tarah sajaya hai aapne aaj charcha ko..
जवाब देंहटाएंMujhe bhi shamil karne ke liye aabhar.
बहुत ही संतुलित चर्चा सजायी है .........
जवाब देंहटाएंअनिमेष के विचारों को स्थान देने के लिये आभार !
गाफिल भाई, बडी शानदार चर्चा आपने जमाई। अब तो स्वीकारनी पडेगी बधाई।
जवाब देंहटाएं------
आप चलेंगे इस महाकुंभ में...?
...खींच लो जुबान उसकी।
पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्रमय चर्चा.
जवाब देंहटाएंरंग-बिरंगी चर्चा के लिए बहुत-बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंदस बारह पढ़ लिये अभी बहुत हैं शेष
जवाब देंहटाएंदेर शाम पढ़ना सभी, क्या और विशेष
...आभार।
मनमोहक पोस्ट ।
जवाब देंहटाएंउत्तम प्रयास शुभ संकलन ,को शुभकामनयें एवंबधाईयाँ जी ......./
जवाब देंहटाएंआभार ||
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति पर
बहुत-बहुत बधाई ||
सुन्दर चित्रमयी चर्चा!
जवाब देंहटाएंanek links sarthak thay. achchha lagaa. yah abhiyaan samvaad ka achchha zariyaa ban gaya hai. dhanywad..
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार चर्चा....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स...
चन्द्रभूषण जी ।
|मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिए आभार |
बढ़िया लिंक का संकलन | बहुत बढ़िया चर्चा सजाई आपने | आभार |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना देखें-
मेरी कविता:सूखे नैन
बहुत ही सुन्दर चित्रमयी चर्चा...बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्रमयी चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंChandra bhushan ji namaskar ....bahut umda charcha hai ...meri rachna ko apni shubhkamna dene ke liye ...aur aaj charcha manch par sthan dene ke liye abahar ...
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा ...धन्यवाद...मेरे लिंक के लिए...
जवाब देंहटाएंसुव्यवस्थित चर्चा.अच्छे लिंक्स.आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक चर्चा ....
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति। दक्षिण में हिंदी के काम पर ‘हिंदी-भारत’ पर श्रंखला लेख देखने को मिला जो गम्भीर चर्चा का विषय भी है। सूचनार्थ॥
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा के लिए बधाई एवं ग्राम चौपाल को शामिल करने लिए आभार .
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर चर्चा मंच सजाया है आपने और लिंक भी सार्थक
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बधाई
जवाब देंहटाएंक्या बात है! सुन्दर और सुव्यवस्थ्सित चर्चा
जवाब देंहटाएंvery good
जवाब देंहटाएंek baar phir sthaan dene ke liye dhanywaad,mazaa aayaa achhe links hein,
जवाब देंहटाएंaapkee mehnat ke liye sadhuwaad
सुन्दर चर्चा मंच सजाया है ग़ाफ़िल जी आपने...आभार
जवाब देंहटाएंआप सभी शुभचिन्तकों का बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा सर,
जवाब देंहटाएंसादर आभार....
चन्द्र भूषणजी, आभार
जवाब देंहटाएं