यह सप्ताह बहुत ही दुःख भरा रहा और एक बार फिर जालिमो ने कुछ बेगुनाहों की जान ले ली. ज़ुल्म करना और ज़ुल्म सहना दोनों ही जालिमों की हरकतों को बढ़ावा देता है. हमारी सरकार को अब तो कोई ठोस क़दम उठाना ही चाहिए. हमारा कुसूर क्या है ?
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मातम पसरा है शहर में , और भीड भरा है शमशान ,कोई पूछे तो कह देना , हो रहा भारत निर्माणचुप्प बैठे पिरधान जी , परदेस जा बसीं मादाम ,कोई पूछे तो कह देना , हो रहा भारत निर्माणमुलाकात |
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज और यूपी की मुख्यमंत्री मायावती के बीच हुई तानेबाजी किसी के भी होठों पर मुस्कान ला देगी। विकिलीक्स ने खुलासा किया कि मायावती ने अपने पसंदीदा सैंडल्स लाने के लिए अपना एक प्राइवेट जेट विमान लखनऊ से मुंबई भेजा था |
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नही !... हमे सिक्यूरिटी की कोई जरुरत है ही नहीं. हमारे साथ तो सारी जनता है. हम सरकार से जन लोकपाल बिल मांग रहे हैं, और आप हमें जेड सिक्यूरिटी दे रहे हैं? |
अब सिहरता नहीं किसी के दर्द में हमदर्दी जताने के लिए अब कोई निकलता नहीं लगाने लगता है हिसाब कीमत का |
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भीड भरे इस मंजर में, इक मन का मिलना मुश्किल है या मेरी चाहत सही नही, या दुनिया की हमको समझ नही । हम ही कुछ नादां से है , या दुनिया में अब ईमां ही नही ॥ |
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जब तक विद्वान ब्लॉगर यह तय करें कि ब्लॉग लेखन एक विधा है या महज अभिव्यक्ति का माध्यम आईये समय बिताने के लिए किसी और विषय पर चर्चा कर लेते हैं. जैसे टिकाऊ बनाम टरकाऊ ब्लागिंग! |
अब तिहाड़ में कितने मंत्री |
चौंक कर जागे थे चौपट राज |
कविता अर्चना चावजी जी की मधुर आवाज़ मे |
गणेश चतुर्थी पर ....बाल गीत-- गणेश....डा श्याम गुप्त... |
बेटे का नाम बदल कर जन लोकपाल बेटी का नाम सिविल सोसाइटी रख दिया |
मनमोहन सिंह के पास सिर्फ मारुति -800 कार है, लेकिन पवार के पास कोई कार नहीं |
ब्लोगेर की आवाज़ बड़ी दूर तक जाती है, इसका सही इस्तेमाल करें और समाज को कुछ ऐसा दे जाएं, जिस से इंसानियत आप पे गर्व करे.यदि आप की कलम मैं ताक़त है तो इसका इस्तेमाल जनहित मैं करें…एस.एम.मासूम |
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शनिवार, सितंबर 10, 2011
आज मैं भूला नहीं (चर्चा मंच-633)
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सर जी बहुत ही सुंदर. यह कला हमें भी सिखा दें
जवाब देंहटाएंमासूम जी, चर्चा को बहुत खूबसूरत अंदाज में सजाया है आपने। बधाई।
जवाब देंहटाएं------
ब्लॉग समीक्षा की 32वीं कड़ी..
पैसे बरसाने वाला भूत!
मासूम जी !!
जवाब देंहटाएंबधाई ।|
badhia sankalan links ka aur badhia prastuti bhi ...
जवाब देंहटाएंbadhai ..
बहुत ही शानदार चर्चा....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स...
सादर...
|मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिए आभार |
मासूम भाई,
जवाब देंहटाएंचर्चा में मेरा लिंक देने के लिए आभार...
जय हिंद....
सुन्दर पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत चर्चा
जवाब देंहटाएंआदरणीय एस.एम.मासूमजी बहुत बहुत आभार
जिनको यह चर्चा पसंद आयी उनका शुक्रिया. यह कला सीखने के लिए इस लेख़ को पढ़ें.
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा....अच्छे लिंक्स...
जवाब देंहटाएंमासूमजी मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिए आभार...
क्या बात है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमासूम जी ये अच्छी बात रही कि आज आप भूले नही , वरना हमे इतने अच्छे लिंक्स कैसे पढने को मिलते, वैसे कभी ना कभी तो हम सब ही कुछ ना कुछ भूलते ही रहते है , ये कोई बडी बात नही ....
जवाब देंहटाएंआप्ने समय निकाल कर चर्चा की .. आपका आभार
बहुत ही रोचक चर्चा...
जवाब देंहटाएंज़नाब मासूम साहिब!
जवाब देंहटाएंआज की सजावटी चर्चा बहुत अच्छी लग रही है!
लिंकों का चयन भी बहुत अच्छा किया है आपने!
आभार!
चाहत मन में अगर हो, बन जाते सब काम।
जवाब देंहटाएंश्रम के बिन संसार में, कभी न होता नाम।।
केवल कर्म प्रधान है, जीवन का आधार।
बैठे-ठाले कभी भी, मिले नहीं उपहार।.
आप की चिंता जायज़ है मासूम भाई पर हमारे नेता तो वोट बैंक की चिंता में ही लगे रहते हैं चाहे जितनी भी चिताएं जले, उससे उनको क्या सरोकार???
जवाब देंहटाएंachchhi charcha
जवाब देंहटाएंshukriya
शानदार चर्चा के लिये बधाई भाईजान. मेरा लिंक शामिल करने के लिये हार्दिक धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंmasoom ji , nice post ..
जवाब देंहटाएंaur aapne mere post ko shamil kiya
thanks for that.....