ईद की मीठी सिवैन्याँ खा चुके,
ईश का आशीष-रहमत पा चुके |
अन्ना हमारे आमजन को भा चुके
अन्ना हमारे आमजन को भा चुके
दीपावली के दीप सुन्दर छा चुके |
जन्माष्टमी में कृष्ण प्यारे आ चुके
जम्हूरियत का गान सालों गा चुके ||
जम्हूरियत का गान सालों गा चुके ||
दुर्दशा पर देश की मिटती नहीं --
कौन दोषी है ??
♥ गणेशोत्सव पर विशेष ♥
"गणेश वन्दना सुनिए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
श्रीमती अमर भारती के स्वर में!
आज मेरी लिखी हुई यह गणेश वन्दना सुनिए
और आप भी साथ-साथ गाइए!
और आप भी साथ-साथ गाइए!
(१)
बिट्टो

(२)
"काटी कूटी माछरी छीकैं धरी चहोरि।
"काटी कूटी माछरी छीकैं धरी चहोरि।
कोउ एक आखर मन पर्यो, दह माँ परी बहोरि।।"
-कबीर
स्वतन्त्रता
अपनी इयत्ता की सतर्क पहचान,
अपने वज़ूद की अभिज्ञा,
तथता अपनी;
अपने चतुर्दिक के प्रति सहज अभिमुख भाव,
स्वतन्त्रता है!
स्वतन्त्रता अभिव्यक्ति है,
अपने वज़ूद की अभिज्ञा,
तथता अपनी;
अपने चतुर्दिक के प्रति सहज अभिमुख भाव,
स्वतन्त्रता है!
स्वतन्त्रता अभिव्यक्ति है,
(३)
"यहाँ देखो, भारतमाता धीरे-धीरे आँखे खोल रही है . वह कुछ ही देर सोयी थी . उठो, उसे जगाओ और पहले की अपेक्षा और भी गौरवमंडित करके भक्तिभाव से उसे उसके चिरंतन सिंहासन पर प्रतिष्ठित कर दो!" -----------स्वामी विवेकानंद
ज़िन्दगी से ....
ज़िन्दगी से बस यूं ही
चन्द बातें हुई
चमन में आये बहार से
एक मुलाकात हुई
(४)
![[pradip+%281%29.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhH8tuBeHXWNrT9J7vdRVWzwQBudKaD3pYVdahIgIcBYwcbYxtVI1GAWUd6oBSoFKhgL2mBcHVEx2ccLvv82VsU-9JEjZ2kWJw72_qsKNUtHUg4-d8qNEM3Y7GqinhQ711gfPAF0cApU70/s220/pradip+%25281%2529.jpg)
(५)
मुक्तक मंजरी
वंदन में , देश- दीप जलाने लगे हैं लोग ,
नटवर को अँगुलियों में नचाने लगे हैं लोग ,
दुर्योधनों , दुशासनों की खैर अब कहाँ ?
ध्वज-चक्र ,कृष्ण जैसा उठाने लगे हैं लोग !
(६)
![[Pic4227.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi7IrPltUlcjE1clXiN3Rpf_bTbdAqpus8xjUuc8OX2maO8eS3JsGFJnA2W476gLAlMnPv-857iVdFVZfbAyqS_DzJLOYP7yq4cS2ftmg8ueOK-avW2aEJQedReFe4IYZZDjr-5elHzeIc/s220/Pic4227.jpg)
(७)
(८)
![[photo2511.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhTNg1VUy593T0e_aEKfv_214NcfoQFr-RHFEJsV9NTcEf8aB9FqiQ47DsMzHb6MWPAJAVLGKvXjlwI_oA39FGX5VvqMfn7KK_X6abmdP6K0ydJDjOpj1CFdarL7J-lFj4tT_jUZqcOawY/s220/photo2511.jpg)
चोट दिल पे थी तो कलम मचल गयी
देश की जानी मानी पुलिस आफिसर
अन्ना के रंग ढंग में ढल गयी
देशभक्ति के उन्माद में डूबी थी
भड़ास अभिनय बनकर निकल गयी
(९)
गांधी और गांधीवाद- 65
आक्रमणकारियों के प्रति क्षमाभाव
समीक्षा
समीक्षा
- हरीश प्रकाश गुप्त
प्रतिमा राय चण्डीगढ़ में रहती हैं। पत्रकारिता में परास्नातक कर रहीं हैं, जाहिर है अल्पवय हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले एक ब्लाग शुरू किया है – “दि फायर”। ब्लाग का नाम भले ही आग का पर्याय हो लेकिन आग हमेशा विध्वंसक नहीं होती बल्कि उपयुक्त स्थान पर सृजन का निमित्त भी बनती है। प्रकाशित हो रही हैं रचनाओं को देखते हुए प्रतिमा का यह ब्लाग सर्जना का पर्याय बनता दिख रहा है। इस पर पहली रचना उनकी एक कविता “आखिरी लम्हे” प्रकाशित हुई थी।
(१०)
![[IMG_1130mr1.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi1_NuUacq1wQz1hJcJrhqzLTaSRmxQke3GbnOe_yo4N8NQDHCUV6NdIAoO_BmLK8N_eDNRo98d5XX7AnCJwzjKTQe3J1voP_8hvhTuHk8lbP0XfpSXC-TXuHR7coV436z0SixwzlnZxks/s220/IMG_1130mr1.jpg)
गणपति उत्सव पर हार्दिक बधाई !
हे गणपति ! हे विघ्न विनाशक !
हे गणपति हम तुझे चाहते
तुझसे बस हम प्रेम मांगते,
(११)
उसका भी फ़ैसला है
ऐ हुस्न तुझे इश्क़ का पता ही नहीं है।
पेश आया भी जैसे के कुछ हुआ ही नहीं है।।

(१३)
(१४)
![[CRW_6198.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiRZhNdnJf22xSAY3Df6A1C8lapjX-Ik0m6FzTAp37Jkqp9UiXslNSRq1EV2WCTss4wsR3yPLaauAVlQqD_eHaXz7jOaSqb2IwjQljEsmcgsRnhyphenhyphenz2dLely_lW53nNyFQD3eBf64jV-GaE/s220/CRW_6198.jpg)
मुद्दा अस्पताल नहीं है ?
इन दिनों कुछ लोग ये सवाल उठा रहें हैं अन्ना इलाज़ कराने "कोर्पोरेट अस्पताल मेदान्ता सिटी गुडगाँव "क्यों गये ?यह भी कि उनकी कोर कमेटी में अल्पसंख्यक नहीं थे पहले सवाल का ज़वाब यह है -अन्ना के प्राणों की रक्षा के लिए लोक ने उन्हें अच्छे से अच्छा अस्पताल मुहैया करवाया है ,वे किसी अन्य भारतीय की तरह अमरीका इलाज़ कराने नहीं गए हैं .कैंसर के इलाज़ के लिए "राजीव गांधी कैंसर अस्पताल "की अनदेखी करके वे न्यूयोर्क के एक कैंसर अस्पताल में नहीं पहुंचे हैं .
(15)
दो उरों के द्वंद्व में
दो उरों के द्वंद्व में
लुप्त बाण चल रहे
स्नेह-रक्त बह रहा
घाव भी हैं लापता.
नयन बाण दोनों के
आजमा वे बल रहे
बाणों की भिड़ंत में
स्वतः चार हो रहे.
(16)
![[baba+%281%29.jpg]](http://4.bp.blogspot.com/-USFdxcUM-CI/TllNRIoAysI/AAAAAAAAAh0/6udjz83ECIY/s220/baba%2B%25281%2529.jpg)
- दीपक बाबा
- कुछ खबरें आपको बैचेन करती है... और जब बैचेनी हद से ज्यादा बढ़ ज़ाती है तो बन्दा बक बक करने लग जाता है.... यही 'बाबा की बक बक' है
बारिश और क्रांति
![]() |
यूँ ही एक रिमझिम दुपहरी में ... बलजीत नगर के चोहराए पर फोटू क्लिक किया की .... क्वोनो क्रांति के काम आएगी .. जय राम जी की. |
बारिशों जैसे -
क्रांतियों की भी रुत होती है..
और आजकल दोनों ही एक साथ हैं.....
दुपहिया वाला और रक्सेवाला सवारी सहित ..
बारिश से बचता है..... और क्रांति से भी
(17)
![[45.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjFs2DC29_SFd9JgheAh24gXxU3QoOuFUtWo-AXsIfr7r40D4yc_bJKV4s-gQa16puMdGj_fRdUAf6J7g8b4GYRxL3BYs5cJdjbBncteADuamOL_xkDkWCpU08BGohFxI4DvVwmI9cWwoE/s220/45.jpg)
बधाई
**********************
"ईद - चतुर्थी हर्ष के, गीतों का संचार.
बरसे बरखा नेह की, पावन हो संसार
(१८)
"वो आना तो चाहती थी !"
उसने छिपाया तो बहुत
पर छुपा न पायी
चेहरे की लाली
चेहरे की लाली
सुर्ख आँखों से बहे काजल का पानी
वो छिपा न पायी
(१९)
खेल के नाम पर जनता के विशवास के साथ खेल
(२०)
![[vvv1.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhItpNthJ1lkSijs_xhXZbttYftKYTX5uKwKgzblx5jfXoLfCacr0KrbVu-HUqXwRBqiuCtcO4L9LB5sxJEyVUOqeKudN0xYqBArW8OPW7BwGu0WMdensZMu_i7QAs9Es8ywEMzc0iLwwE/s220/vvv1.jpg)
हे विघ्नेश्वर - हे गणराया....
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं।
तुमने पत्थर सा दिल हमको कह तो दिया पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं।
------ डा. विष्णु सक्सेना
मेरी हार्दिक बधाई ||
जाट - देवता से सदा, रहिएगा हुसियार |
और अंत में जाट-देवता को उनके
जाट-देवता की 36 वीं वर्षगाँठ : 31 अगस्त को
जाट - देवता से सदा, रहिएगा हुसियार |
लो "रविकर" पर जान, जान देने की बारी |
मित्रों पर कुरबान, रखे पक्की तैयारी ||
अच्छा चर्चा और लिंक्स |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत चर्चा और सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंरविकर जी, सुबह सुबह एक नए अंदाज में इतनी रंग-बिरंगी और विविधता को लिए चर्चा देख कर बहुत अच्छा लग रहा है... आपका श्रम प्रशंसनीय है... आभार !
जवाब देंहटाएंलीजिये आपकी छोड़ी हुई पहली पंक्ति के साथ दूसरी पंक्ति जोड़ दी मैंने,रविकर जी.
जवाब देंहटाएंदुर्दशा पर देश की मिटती नहीं
हम हज़ारों बार ये बतला चुके.
vistrit badhia charcha ...
जवाब देंहटाएंGanesh utsav ki shubhkamnayen..
sare links ek se badhkar ek hai......abhar
जवाब देंहटाएंआदरणीय कुसुमेश जी !
जवाब देंहटाएंचर्चा को आगे बढ़ाया--
आभार ||
छंद पूर्ति ...
जवाब देंहटाएंदुर्दशा पर देश की मिटती नहीं
कौन दोषी है, छिपा बैठा कहीं
++++++++++++++++++++
... सुन्दर लिंक्स एवं परोसने का लाजवाब ढंग... मन को बहुत भाया.
++++++++++++++++++++
रविकर जी का संयोजन
सुन्दर दरबार सजा है.
मैं ढूँढ रहा हूँ खुद को
पाया तो मिला मज़ा है.
अच्छा चर्चा और लिंक्स |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक संग्रह ......गणेश चतुथी की बहुत -बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंआदरणीय --
जवाब देंहटाएंप्रतुल वशिष्ठ जी !
चर्चा को आगे बढ़ाया--
आभार ||
http://dcgpthravikar.blogspot.com/
फिल्म महा-अभियोग : कुंडली
अन्ना निर्देशक बने, फिल्म महा-अभियोग,
केजरि के बैनर तले, सारोकार- सुयोग |
सारोकार-सुयोग, सुनों सम्वाद ओम के,
फ़िदा किरण का नाट्य, वितरकी हुए रोम के |
यह फ़िल्मी इतिहास, जोड़ता स्वर्णिम पन्ना,
व्युअर-शिप का शेर, हमारा प्यारा अन्ना ||
कुंडली की
पूँछ
महा नाट्य-शाला भरे, दीवारों को तोड़ |
आगे चलते ओम जी, पीछे कई करोड़ ||
bahut sundar prastuti.badhai
जवाब देंहटाएंअहा! आनंद आ गया। बहुतं सुंदर लिंक।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा ...अछे लिंक्स
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा | बहुत अच्छे लिंक्स | आभार रविकर जी |
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना भी देखें |
जज्बात-ए-इश्क
मेरी कविता:जज्बात-ए-इश्क
छा गये गुरु।
जवाब देंहटाएंbahut badiya rang-birange links liye saarthak charcha prastuti ke liye aabhar!
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा…………काफ़ी नये लिंक्स भी मिले………आभार्।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र, आराम से बैठकर पढ़ते हैं।
जवाब देंहटाएंभाई दिनेश चन्द्र गुप्ता जी!
जवाब देंहटाएंआपने समय लगाकर बहुत शानदार चर्चा की है!
आभार!
ravikar ji
जवाब देंहटाएंbahut badhiya charcha prastut ki hai aapne .aabhar meri rachna ko bhi yahan sthan dene hetu .