मैं चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ फिर हाज़िर हूँ चर्चामंच पर रंगबिरंगी चर्चा के साथ। आज बिना किसी भूमिका के चर्चा की शुरुआत करता हूँ "जागरण जंक्शन" ब्लॉग पर 'कबाड़ा' अन्तर्गत स्थित अपनी ही एक पुरानी पोस्ट से। ख़ासियत इस पोस्ट की नहीं बल्कि इस पर आई अति महत्तवपूर्ण इकलौती टिप्पणी की है। पोस्ट इस लिए पढ़ लेना जिससे टिप्पणी समझ में आ जाय क्योंकि वह पोस्ट पर भारी है। तो प्रस्तुत है-
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मेरी पोस्ट नं. 1-
'मनोरंजन' के साथ खिलवाड़ : बदल रही परिभाषा' 'जागरण जंक्शन' ब्लॉग के 'कबाड़ा' से
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2-
'कुत्ते को कुत्ता कह दो तो गुर्राता है' आखिर कुत्ता जो ठहरा आशू साहब!
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3-
'तुम' क्या-क्या नहीं हो...बड़े अच्छे हो तुम Ashish S!
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4-
'ग़रीबों को याद कीजिए' ऐसा मत कहिए मनोज जी! नहीं तो अमीर भी लाइन में हो जाएंगे ग़रीब का लबादा ओढ़ कर, यह भारत है!
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5-
'अपोस्ट से कुपोस्टों का सफ़र'...पोस्ट पर टिप्पणी आप्शन बन्द है। आपने हमको पढ़ा, इसके लिए आपका आभार। -दिव्या
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6-
'आँखों के' सुरीले सपनो को यूं ही न बहने दो
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7-
“गांधी जी का खोया हुआ धन – हरिलाल गांधी”... सच में, हरिलाल गांधी जी का खोया हुआ धन ही थे।
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8-
'मत दो जीवन का वरदान'...सौगन्धों के सूत्र बाँध कर
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10-
'Stress, Dust of 9/11 Linked to Acid Reflux' राम राम भाई!
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11-
'मिटे न मन की प्यास'...वही तो असली प्यास है साहब!
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12-
'कैसे रोकती तुम्हें'...कनु
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'एक वीडियो कन्या भ्रूण रक्षा के लिए'...अवश्य देखें
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14-
'महंगाई की डायन खाए, कुर्सी ये मक्कार मिली है'...गिरीश पंकज जी को... च् च् च्
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15-
'बेटी हूँ'...देखिए एक नज़र इधर भी
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'टैक्स चोरी का फार्मूला नंबर वन'...आधा सच पर
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17-
'अपने भारतवर्ष की पहचान है हिंदी'...झंझट के झटके
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18-
'भारतीय काव्यशास्त्र–84' -आचार्य परशुराम राय, प्रस्तोता- मनोज कुमार
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19-
'सपनों का हिसाब-किताब' लगा सकते हैं केवल रजनीश भाई
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20-
'बल्ली सिंह चीमा की ग़ज़लें' सुनहरी क़लम से, प्रस्तोता- जयकृष्ण राय तुषार
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21-
'नवगीत' शाश्वत शिल्प
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'फार्मूला-वन' इन इंडिया...रियली !!!
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'मेरी गुड़िया' -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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26-
इक धूप का टुकड़ा भी मेरे पास नहीं है
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पत्थरों का ग़लत इस्तेमाल...दुनाली आजमाएं
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तुमने मेरी सुबह बना दी -घोटू
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29-
नाजिम हिकमत : जैसे किसी बागी का झंडा...अनुवाद- मनोज पटेल
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और अन्त में
30-
'रौद्र-रूप' -वर्ज्य नारी स्वर
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आज के लिए इतना शायद पर्याप्त होगा, फिर मिलने तक नमस्कार!
बहुत ख़ूब मिश्र जी !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद .
बहुत ही सुंदर चर्चा सजाई है। बधाई।
जवाब देंहटाएं------
कभी देखा है ऐसा साँप?
उन्मुक्त चला जाता है ज्ञान पथिक कोई..
आपकी प्रस्तुति बहुत ही बेहतरीन है बधाई आपके ब्लॉग पर वह टिप्पणी भी जोरदार है और वाकई मन को झकजोर देने वाली है आपका बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंग़ाफिल साहिब!
जवाब देंहटाएंआज मुझे आभास हुआ कि आप वास्तव में चन्द्रमा के भूषण हैं! इसीलिए आपकी चर्चा में चाँदनी सी छिटकी रहती है!
आज मुझे गर्व है कि मेरे पास रविकर जैसे दिनेश और चन्द्र भूषण जैसे चमकते हुए चन्दा के प्रकाश, मासूम जैसे तकनीकी जानकार, सबको आल्हादित करने वाले दिलबाग, हिन्दी से ओतप्रोत अहिन्दीभाषिणी विद्या, मनोज कुमार जैसे मनोविशेषज्ञ और अरुणेश जैसे सशक्त व्यंग्यकार हैं।
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आज की चर्चा तो चाँदनी की तरह से विहँसती हुई प्रतीत हो रही है।
आभार व्यक्त करता हूँ चर्चा मंच के अपने सभी सहयोगियों का।
ग़ाफिल साहिब!बहुत ही सुंदर चर्चा सजाई है। बधाई।
जवाब देंहटाएंआज का चर्चामंच बहुत सुगम एवं रोचक लगा ! मेरी रचना को आपने इसमें स्थान दिया ! आभारी हूँ ! बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुरंगी प्रसूनों से सुसज्जित आज का चर्चा मंच बड़ा ही आकर्षक है.मुझे भी सम्मिलित करने के लिये आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा ||
जवाब देंहटाएंबधाई।|
बहुत सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ग़ाफ़िल जी।
badhia charcha ...shubhkamnayen...!!
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंabhi links nahi khole hain..links se jude aapke comments padhar hi behad anand aata hai..isliye aapki paricharch me pahle links ke comment hi padhata hoon..bibidh bishyon ke sanyojan me aap athak prayas karte hain..aapko aaur aapke is prayas ko ek baar phir pranam..meri rachna ko aapka sneh mila iske liye dhanywad
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स से सुसज्जित चर्चा।
जवाब देंहटाएंsundar charchaa ke liye dhanywad. sare link barhiyaa hai.
जवाब देंहटाएंसबसे पहले धन्यवाद मेरी ग़ज़ल को चर्चा मंच में स्थान देने हेतु,। आज की चर्चा का कलेवर बहुत साफ़्ट और नजाकत से लबरेज़ है लिंक्स भी बा कमाल हैं।
जवाब देंहटाएं*******************!
जवाब देंहटाएंगाफ़िल साहब बहुत ही मेहनत से सार गर्भित सशक्त लिनक्स सजाएं हैं आपने .बधाई इतनी बढ़िया रचनाएं पढवाने के लिए .
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रही आज की ये चर्चा | गाफिल साहब को बधाई | उम्दा लिंक्स का संयोजन |
जवाब देंहटाएंआभार |
सुन्दर चर्चा सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा मंच सजाया है , गाफिल साहब !
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने का बहुत-बहुत आभार ..
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति व लिंक्स ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ,साथ ही बेहतरीन लिंक्स .....
जवाब देंहटाएंगाफिल साहब, आपने मेरी पहली कविता को अपनी आज की चर्चा में चुनिन्दा लेखों के बीच स्थान देकर मुझे जो सम्मान दिया है, उसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यबाद |
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत ही अच्छी है, बेहतरीन लिंक्स | धन्यबाद |
जवाब देंहटाएंbest charcha---badhaee
जवाब देंहटाएंbehatareen...thanks
जवाब देंहटाएंvery good ghafil sahib!
जवाब देंहटाएंआप सबो ने हमारी लगाई हुई चर्चा की प्रशंसा की, हमारा हौसला बढ़ा। आप सब का तहेदिल से शुक्रिया
जवाब देंहटाएंशानदार है आज का चर्चा मंच .आपकी मेहनत साफ़ नज़र आती है इसमें . कई दिलचस्प लिंक्स मिले. बहुत-बहुत धन्यवाद .
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