आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
HAPPY NEW YEAR
आज की चर्चा
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आज की चर्चा
गद्य रचनाएं
- संसद और लोकपाल बिल की बात करते हुए , क्या लोकसभा भंग होगी ?- पूछ रहे हैं खुशदीप जी.
- ब्लॉग स्वतंत्र विचार पर राजीव जी पूछ रहे हैं - ये कैसी संसद ?
- गीर में है 32 शेरों का गुट -- देखिए पंकज त्रिवेदी जी की रिपोर्ट.
- ममता, माओवाद और आतंक पर रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं जगदीश्वर चतुर्वेदी जी.
- अधजल गगरी है तो झलकेगी ही - लेकिन इन्हें रोकने की बात कर रहे हैं गगन शर्मा जी.
- मैच फिक्सिंग का खुलासा कर रहे हैं अख्तर खान अकेला जी.
- मनोज कुमार ?--पूरा नाम तो बताओ , पढ़िए वटवृक्ष पर फुर्सत में....मिली नसीहत...मुफ्त में.
- मतभेद या मनभेद -- पढ़िए ब्लॉग zeal .
- डर - भारत भूषण जी चित्रों से समझा रहे हैं अपनी बात.
- मन और पत्थर - जेन कथा है ब्लॉग हिंदी जेन पर.
- शनी देव से डरा हुआ है मध्यवर्गीय समाज - मेरा नहीं ये कहना है ब्लॉग उम्मतें का.
पद्य रचनाएं
- नए साल का स्वागत कर रहे हैं डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी आने वाला अब नया साल गीत के साथ.
- डॉ. आशुतोष मिश्र जी गाना चाह रहे हैं नए साल में नए गीत.
- नए साल की शुभकामनाओं के साथ टिप्पणी की महिमा और ब्लोगरों का बखान है ब्लॉग यादें पर.
- कोई सुनता तो कुछ कहना था अनुपमा पाठक जी ने.
- चुनौती प्रस्तुत कर रही हैं वन्दना गुप्ता जी - क्या कर सकोगे तुम ऐसा.
- ग़ालिब की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं पी.सी.गोदियाल जी.
- ऐसे लगता है कि यह जिन्दगी देवदासी है --- देखिए एक गज़लनुमा रचना मेरे ब्लॉग साहित्य सुरभि पर.
- देखिए मासिक पत्रिका उदंती का दिसम्बर अंक.
- दल उभरता नहीं संगठन के बिना- ग़ज़ल देखिए मुशायरा...नॉन स्टॉप पर.
- हर एक फ्रैंड जरूरी होता है... नहीं, नहीं, हर एक बास जरूरी होता है.
- नारी जीवन का सार बयाँ कर रही हैं गुंजन जी.
- मालिन बनना चाह रही हैं ऋतु बांसल जी लेकिन हर हैं भावों के.
- आँखों से हर किसी का नसीब पढने की बात कर रहे हैं रवि कुमार बाबुल जी.
- परिचित चेहरे देखिए ब्लॉग पहलू पर.
- अख़बार वाले का दर्द बयाँ कर रहे हैं डॉ. राजेन्द्र तेला निरंतर जी.
- यमुना नगर वासी की पंजाबी रचना देवनागरी लिपि में.
अंत में देखिए कार्टून धमाका
आज की चर्चा में बस इतना ही, मिलते हैं नए वर्ष में
धन्यवाद
* * * * *
बढिया लिंक्स।
ReplyDeleteबेहतर चर्चा।
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, निराला अंदाज है आपका !
ReplyDeleteआपके चर्चा मंच से मुझे नए पाठक गण मिले ,व विशाल कवी व लेखक समूह से जानपहचान हुई ,मैं ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में अभी आई हूँ आपके मंच से मुझे ऊर्जा प्राप्त हुई..
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद ,आभार ,
आपकी सभी चर्चाएँ पठनशील हैं ,रोचक चर्चा संजो कर मंच को मनमोहक बनाने का कार्य कर रहे हैं आप सभी ..
धन्यवाद
ऋतू बंसल
कलमदान.ब्लागस्पाट.कॉम
बहुत ही बढि़या लिंक्स संयोजन ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा दिलबाग जी ........ हार्दिक आभार ...:)
ReplyDeleteआज चर्चा मंच आम पाठकों के लिए चुनिंदा लिंक्स सहेज़ कर ला रहे हैं । श्रम को नमन और आभार
ReplyDeleteबढिया लिंक्स।
ReplyDeleteaapke sanyojan me dhoondna nahi padta ek najar me hi sare prayas dikh jaate hai
ReplyDeletemere lekh ko shamil karne ke liye dhanywad
बहुत सुन्दर लिंक संयोजन ……नव वर्ष की शुभकामनायें।
ReplyDeleteपसंदित रचनाओं का संकलन करके एक साथ पढने का मज़ा ही अलग है ! बधाई
ReplyDeleteNaw Warsh Mubarak ho apko aur sabko .
ReplyDeleteबहार हो कि खिज़ां मुस्कुराए जाते हैं,
हयात हम तेरा एहसाँ उठाए जाते हैं |
सुलगती रेत हो बारिश हो या हवाएं हों,
ये बच्चे फिर भ़ी घरौंदे बनाए जाते हैं |
ये एहतमाम मुहब्बत है या कोई साज़िश,
जो फूल राहों में मेरी बिछाए जाते हैं |
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/12/blog-post_28.html
अच्छी प्रस्तुति बेहतरीन संयोजन और चयन .आपकी अपनी प्रस्तुति सुभानाल्लाह .
ReplyDeleteबेहतरीन,अच्छी प्रस्तुति,सुन्दर संयोजन ……नव वर्ष की शुभकामनायें।
ReplyDeleteविर्क साहब धन्यवाद ! आपके दिए लिंक देख रहा हूं !
ReplyDeleteचर्चा मंच के सभी साथियों को नववर्ष की शुभकामनाएं। बढिया लिंक देने के लिए भाई विर्क जी का आभार॥
ReplyDeleteचर्चा मंच के सभी साथियों को नववर्ष की शुभकामनाएं। बढिया लिंक देने के लिए भाई विर्क जी का आभार॥
ReplyDeletebehtarin links ka samayoja..naye varsh kee hardik shubhkamnaon ke sath ek baar punah meri rachna ko shamil karne ke liye dhnywad ke sath
ReplyDeleteरचना शामिल करने के लिए आभार और शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteshukriya jnaab shukriya
ReplyDeleteटिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ से चर्चा मंच के सभी पाठकों व ब्लॉगर को नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteटिप्स हिंदी में
बहुत बहुत शुक्रिया .. मेरी रचना को आज के चर्चा मंच का हिस्सा बनाने के लिए
ReplyDeleteआपके मंच का सबसे बेहतरीन हिस्सा मुझे गद्य और पद्य को अलग अलग रखना लगा
अपनी रूचि के हिसाब से चुनने और पढने दोनों में आसानी ..
bahut badiya charcha prasututi..aabhar!
ReplyDeleteसुन्दर और सार्थक चर्चा।
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