दिसम्बर का महीना शबाब पर है और इसी के साथ शबाब पर है ठंड। हमारा देश भी किसम किसम के रंग लिए है। कहीं पारा शून्य से नीचे जा पहुंचा है तो कहीं ठंड की शुरूआत हो रही है... पर इस मौसम में सबसे प्यारा कोई चीज यदि लगता है तो वो है सूरज...किसी ने सच कहा है, इस मौसम में सूरज की आग में जलेबी की मिठास होती है....... कितनी प्यारी लगती है एक मुट्ठी धूप
और रात में...... रात में सबसे प्यारा लगता है अलाव
दिसम्बर बीतता है और आता है नया साल। और फिर सब कुछ नया। बता रहे हैं शरद की जुन्हाई में
ठंड के मौसम में ओस की बूंदें किसे नहीं भातीं। इस मौसम में प्यार का अहसास कितना मजा देता है, आँचल में उसके सिमटा है संसार!
क्या कहें ना जाने ऐसा ये क्यों हो रहा है?
लम्हों का है ये सफर जाने कहाँ गई वो लड़की...
आखिर किसने चाहा, मिट्टी की सेज
किसकी है ये प्रीत
जिंदगी क्या है.....?? जिंदगी कहां अंकगणित......???
क्या आपने कभी लिखा है प्रेमगीत
क्या आपके दिलो दिमाग में है कुंठाओं ने डाला डेरा
या फिर क्या कल आप हमे भूल जाओगे ???
वर्ना मेरे गाँव में इतनी वीरानियाँ नहीं होती......
------------------------------------------------------------------------
0 आपके लिए क्या मायने हैं जिंदगी के
0 एटीएम पर आप ऐसे भी ठगे जा सकते हैं...
0 आपका इंटरनेट कितनी तेज गति से चलता है, क्या आपने देखा है एक सेकेंड में 186 Gbps वाला इंटरनेट!
0 सोनिया को नहीं जानती मुनिया
0 आप जानते हैं क्या है 16 दिसम्बर का इतिहास
0 छत्तीसगढी फिल्मों को जानिए झमाझम छालीवुड
0 दीजिए बधाईयां ये मना रही हैं शादी की सालगिरह
0 सीखिए गजल की गहराई
0 छत्तीसगढ की समृध्द विरासत पर कुछ बातें टांगीनाथ
0 सीखिए बोलना और लिखना बोलते शब्द
और ..........
0 आखिर में श्रध्दांजलि ब्लागर डा0 सन्ध्या गुप्ता जी को
और रात में...... रात में सबसे प्यारा लगता है अलाव
दिसम्बर बीतता है और आता है नया साल। और फिर सब कुछ नया। बता रहे हैं शरद की जुन्हाई में
ठंड के मौसम में ओस की बूंदें किसे नहीं भातीं। इस मौसम में प्यार का अहसास कितना मजा देता है, आँचल में उसके सिमटा है संसार!
क्या कहें ना जाने ऐसा ये क्यों हो रहा है?
लम्हों का है ये सफर जाने कहाँ गई वो लड़की...
आखिर किसने चाहा, मिट्टी की सेज
किसकी है ये प्रीत
जिंदगी क्या है.....?? जिंदगी कहां अंकगणित......???
क्या आपने कभी लिखा है प्रेमगीत
क्या आपके दिलो दिमाग में है कुंठाओं ने डाला डेरा
या फिर क्या कल आप हमे भूल जाओगे ???
वर्ना मेरे गाँव में इतनी वीरानियाँ नहीं होती......
------------------------------------------------------------------------
0 आपके लिए क्या मायने हैं जिंदगी के
0 एटीएम पर आप ऐसे भी ठगे जा सकते हैं...
0 आपका इंटरनेट कितनी तेज गति से चलता है, क्या आपने देखा है एक सेकेंड में 186 Gbps वाला इंटरनेट!
0 सोनिया को नहीं जानती मुनिया
0 आप जानते हैं क्या है 16 दिसम्बर का इतिहास
0 छत्तीसगढी फिल्मों को जानिए झमाझम छालीवुड
0 दीजिए बधाईयां ये मना रही हैं शादी की सालगिरह
0 सीखिए गजल की गहराई
0 छत्तीसगढ की समृध्द विरासत पर कुछ बातें टांगीनाथ
0 सीखिए बोलना और लिखना बोलते शब्द
और ..........
0 आखिर में श्रध्दांजलि ब्लागर डा0 सन्ध्या गुप्ता जी को
काफी अच्छे लिंक्स सजाये हैं.
ReplyDeleteaabhar itane achhe liks keliye
ReplyDeleteअच्छे लिनक्स का संकलन .... बढ़िया सधी हुई चर्चा ....
ReplyDeleteटांगीनाथ की प्रविष्टि के लिए विशेष आभार.
ReplyDeleteअधिकतर सूत्र पढ़ लिये हैं, शेष आज पढ़ते हैं।
ReplyDeletethanx
ReplyDeletemobile par hoon
ghar jaa kar links dekh-te hain
वाह बहुत सुंदर चर्चा,
ReplyDeleteहर तरह के लिंक्स यहां शामिल हैं।
अगर उसके आँचल में सिमटा है संसार फिर मौसम की आवाजाही से परे है उसका अस्तित्व...!!!
ReplyDeleteअनुशील को शामिल किया, आभार!
waah! kitani khubasurati se lekar aaye hai aap yaha preet ko ..Thanks (hindi me abhi n likh pane ke liye maafi)
ReplyDeleteखूबसूरत रही आज की चर्चा!
ReplyDeleteडॉ.संध्या गुप्ता को श्रद्धांजलि!
सचमुच चर्चा मंच के आंचल में सिमटा कर ला दिया है आपने एक बहुत बड़ा संसार....धन्यवाद इतने सारे अच्छे लिंक्स तक एक साथ पहुंचाने के लिये....
ReplyDeleteसर्दी के मौसम में गुनगुनी धूप सी चर्चा थी। कुछ लिंक भी मिल गए, आभार।
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही अच्छे लिंक्स दिये हैं आपने ..मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा... आप सभी का आभार मेरे उत्साहवर्धन के लिए... मैं जीवन से प्रेरित रचनाओ को लेकर सदैव प्रस्तुत होने के लिए आपके अपार प्रेम की इच्छुक हूँ ....धन्यवाद
ReplyDeleteatuljee ko meree rachnaa ko shaamil karne liye bahut dhanywaad ,
ReplyDeleteकुछ पढ़ लिए हैं कुछ बाक़ी हैं , मजेदार लिंक .
ReplyDeleteसुंदर लिंक्स से सजी रोचक चर्चा...मेरी रचना को शामिल करने के लिये आभार..
ReplyDeleteबहुत अच्छे लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति और इस चर्चा में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने के लिए आभार!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा आभार ... :)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा आभार ... :)
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स... सार्थक चर्चा...
ReplyDeleteडा संध्या गुप्ता जी को सादर श्रद्धांजली....
सादर आभार..
सुन्दर लिंक संयोजन्।
ReplyDeleteसभी मुख्य लिंक्स को समेटा गया है।
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत चर्चा है , सभी सुन्दर सूत्रों को आपने पिरोया है . आभार .
ReplyDeleteआपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपकी प्रतिक्रियायों की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
ReplyDeleteमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार !!
ReplyDeleteकुछ रचनाएँ पढ़ पाया जिनमें एक मुट्ठी धुप, अलाव, और मिटटी की सेज बडी सुन्दर हैं, अच्छे लिंक संकलित किये आपने. सभी पढकर फिर मिलता हूँ आपके मंच पर.
आभार आप सबका।
ReplyDeleteसभी लिंकों का सुंदर सयोंजन,..चर्चामंच का आभार
ReplyDeleteमेरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार!! सभी लिंक अच्छे हैं, कुछ रचनाएँ पढ़ी.. जिनमें से मिटटी की सेज, अलाव और एक मुट्ठी धुप बहुत अच्छी लगी.
ReplyDeleteसंध्या गुप्ता जी को श्रधांजलि.
हर बार की तरह फिर से अच्छे लिंक्स के साथ अच्छी प्रस्तुति | मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए दिल से धन्यवाद | अपने शहर से बाहर होने के कारण टिप्पणी में देरी के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ |
ReplyDeleteटिप्स हिंदी में