पत्थर दिल इंसान....झील के किनारे टहलते टहलते...तुम उठाकर थाम लेती हाथ में एक पत्थर और कुछ अलग से अंदाज में फेंकती झील के ठहरे पानी में...पत्थर झील के पानी की सतह टकराता और डूबने की बजाये फिर उछलता... |
कुछ चलती है कुछ ठहरी है. जब मौन प्रखर हो व्यक्त हुआ कहा वक्त ने हो गई देरी है. |
जीने का शउर सिखाना था , कुछ इस अन्दाज़ में गुफ्तगू की है |
जो सामने है वही एक सच है यह दिखलाने की कला में न जाने कितनी बार मासूम एक सपना जला है |
बी जे पी हो या कांग्रेस ये सब के सब है एक जैस सब दल जनता को भरमाते, है बदल बदल कर अलग भेष मन बहलाते.... |
जी, सही पढ़ा आपने ! सकारात्मकता की बातें तो बहुत होती है, हर पल हर घड़ी, हर नुक्कड़, गली-चौराहे पर ! जिसे देखिये वो सकारात्मकता के ही उपदेश देता फिरता है ! |
आ गई हैं सर्दियाँ मस्ताइए। बैठकर के धूप में सुस्ताइए।। पर्वतों पर नगमगी चादर बिछी. |
नहीं नहीं दिल्ली तो तब से है जब से पृथ्वी है I जाने कितने युग- काल की साक्षी यहाँ की ज़मीन और आबो- हवा का अपना वज़ूद रहा है I भले हीं पहले यहाँ जंगल, पहाड़, खेत- खलिहान रहा हो या फिर कोई अनजान बेनाम बस्ती रही हो I नदी के किनारे हीं आबादी बसती है, तो निःसंदेह यहाँ भी यमुना के किनारे आबादी रही होगी I कितनी संस्कृति बदली और नाम बदला I महाभारत काल का इन्द्रप्रस्थ धीरे- धीरे बदलते- बदलते अंत में देहली और फिर दिल्ली में परिणत हुआ I न जाने कितने बदलाव और बिखराव को देखा है दिल्ली ने I धीरे धीरे बसी दिल्ली ने हम सभी को ख़ुद में समाहित कर लिया I भले हीं हम किसी भी प्रदेश या भाषा के हों, सभी का स्वागत किया है दिल्ली ने I .... |
![]() मेरे प्रिय कार्टूनिस्ट मारियो मिरांडा सदा जीवित रहेंगे. नमन. http://kajalkumarcartoons.blogspot.com/ ![]() |
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बहुत आभार...उम्दा चर्चा!!
ReplyDeletenice
ReplyDeleteउम्दा लिंक संयोजन | बहुत बढ़िया चर्चा | आभार शास्त्री जी और विद्या जी | मेरी रचना को जगह देने के लिए धन्यवाद |
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिनक्स मिले ...आभार
ReplyDeleteNice .
ReplyDeleteबढिया चर्चा।
ReplyDeleteसुंदर लिंक्स।
एक उम्दा चर्चा के लिए आभार शास्त्रीजी !
ReplyDeleteआज कार्टूनों ने बर्फ में भी गर्मी भर दी।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिनक्स मिले धन्यवाद|
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा |
ReplyDeleteआभार ||
निवेदनःऊपर की लाइनें एकदम चिपकी मालूम होती हैं। थोड़ा स्पेस देकर प्रस्तुति की जाए तो अधिक रूचिकर होगा। आभार।
ReplyDeleteकाफी मशक्कत से जुटाए लिंक आपने हमारे लिए।
ReplyDeleteसुन्दर और रोचक चर्चा. मुझे सम्मिलित करने और सूचना देने के लिए आभार.
ReplyDeleteतरह तरह की रचनाएं यहां शामिल हैं।
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिंक्स
मेरी पोस्ट चर्चा मंच पर रखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteaabhar sir .......meri post ka yaha lane ka aur itne sare achhe link se parichay karvane ka.....
ReplyDeleteउम्दा लिंक्स और बेहतरीन कार्टून ..बहुत आभार शास्त्री जी.
ReplyDeleteउम्दा चर्चा
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या लिंक्स संयोजन के लिए आभार .. ।
ReplyDeletebahut achche links diye hain aapne ...fursat se padhne aana hoga ...meri rachna ko shamil karne me aapki sadbhavna mujh tak pahunchi hai ...par pathak gan to apni marji ke maalik hain ...bahut bahut shukriya ...
ReplyDeleteबढिया चर्चा... हमेशा कुछ नए लिंक मिल जाते हैं।
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा... सुन्दर लिंक्स...
ReplyDeleteसादर आभार
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteहर तरह के उपयोगी लिन्क्स।
Bahut badhiya links mile.
ReplyDeleteMeree post shamil kee....tahe dil se shukriya!
बहुत बढ़िया शास्त्रीजी...आपका
ReplyDeleteआभार !
mere blog 'Saajha-sansaar' ko yahan sthan dene ke liy ebahut bahut aabhar Roopchandra ji.
ReplyDeleteHameshakee tarah behad achha...meri rachana shamil kee....bahut,bahut shukriya!
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