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शनिवार, दिसंबर 24, 2011

हंगामा है क्यूँ बरपा.... (चर्चा मंच - 738)

प्‍यार, मोहब्‍बत, जज्‍बात इंसान को इंसान बनाते  हैं और इनके बगैर  हम इंसान होकर भी इंसान नहीं रह पाते। आप सबने सुना होगा ये गीत, बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो, बुल्ले शाह ये कहता, पर प्यार भरा दिल कभी ना तोड़ो, जिस दिल में दिलबर रहता... अब इस गीत को लेकर आए हैं खुशदीप सहगल जी। पढिए,  बुल्ला कि जाणां मैं कौन...
जब एक इंसान के बच्‍चे से ज्‍यादा तवज्‍जो मिलती है किसी जानवर को तो जुबान से अनायास ही निकल जाता है,  काश  
कि ऐसा होता..... आखिर क्‍यों एक अदद रोटी  के लिए इस तरह का भटकाव होता। 

अब कुछ लिंक सीधे सीधे आप तक...... 
मिलिए इस घर के शौहर से 

वक्‍त का सितम देखिए खारे पानी में  
ये हैं स्‍वप्‍नों की राजकुमारी इनका अंदाज अलग जीने का
दस मुक्‍तकों में देखिए भावों की वर्षा
जीवन के उतार चढाव को बताती स्‍वप्‍न से वास्‍तविकता तक का सफर
लेकर आई हैं मन में एक साध 
ठंड के मौसम और मन के विचारों पर क्षणिकाएं  
न जाने क्‍यों उदास हैं हंसने की आदत थी हमारी
छोटा सा है पर सटीक है हकीकत ए शबाब 
अपने हिस्‍से का मांग रही ये छांव  
तन्‍हा जरूर हैं पर है साथ का अहसास
ये बातें  मुझे और भी ज्यादा --- प्यार करना सिखा जाते है ....

बात मैंने शुरू की थी इंसानों से..... इंसान अपने फायदे के लिए क्‍या-क्‍या नहीं करते, जानिए  अपनों का शिकार एक बेजुबान
और जानिए यह स्तर है भारतीय पुलिस सेवा का  
और जानिए देवारी मंत्र  
आज‍ फिर बोलना और लिखना सीखिए बोलते शब्‍द   से 
पर यह भी बताते जाईए हंगामा है क्यूँ बरपा 
चलते चलते सुनिए एक गीत........   


..... आखिर में आज का सदविचार  

अब अलविदा इस वादे के साथ कि फिर मुलाकात होगी अगले शनिवार को। वैसे चर्चा का दौर तो हर दिन जारी रहेगा पर शनिवार तक के लिए विदा दीजिए अतुल श्रीवास्‍तव  को

26 टिप्‍पणियां:

  1. चर्चामंच यूँ ही चर्चित रहे सदा!
    शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सी लिंक्स |चर्चा का सुन्दर अंदाज बहुत अच्छा लगता है |
    आपको और सभी ब्लोगर्स को क्रिसमस के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. 'देवारी मंत्र' पोस्‍ट की चर्चा हेतु धन्‍यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  4. जाता तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है।

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  5. सुन्दर लिंक्स के साथ सजी संतुलित चर्चा के लिये बधाई अतुल जी ! 'उन्मना' से मेरी माँ की रचना 'साध' के चयन के लिये आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. सुघड़ संयमित सुविचार देती बहुत अच्छी चर्चा ...!!
    आभार.

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही अच्‍छी चर्चा जिसमें मेरी रचना को स्‍थान देने के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरी रचना को स्‍थान देने के लिए आभार ....और कुछ नया हटकर लिखने का प्रयाश है जारी

    जवाब देंहटाएं
  9. चर्चा मंच ,लेखकों को प्रोत्साहित करने का एक बहुत सुन्दर प्रयास है ..
    आशा है आप इसी प्रकार हमारा उत्साहवर्धन करते रहेंगे
    मेरे ब्लॉग पर आप सभी का स्वागत है..
    kalamdaan.blogspot.com

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  10. सुन्दर अंदाज,शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  11. सुंदर लिंक्स, प्रस्तुति का रोचक अंदाज़...आभार

    जवाब देंहटाएं
  12. बढ़िया लिंक्स और उम्दा चर्चा अतुल जी .

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  13. धन्यवाद.. हार्दिक आभारी हूँ..!!

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  14. चर्चा मंच पर सार्थक चर्चा के लि‍ये आभार,
    सारे लिंक्‍स हैं शानदार,
    बोलते शब्‍द की चर्चा के लि‍ये धन्‍यवाद।

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  15. समृद्ध कलमकारों की सशक्त रचनाएँ पढ़ने को मिलीं ,ढेरों बधाईयाँ जी ....

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  16. मंच पर आना हमेशा अच्छा लगता है।

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  17. mere blog ko charcha manch par jagah dene ke liye dil se aabhar. nav varsh mangalmay ho!

    जवाब देंहटाएं

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