कई बार चाहा तेरी यादें निकाल बाहर करूं
पर पता नहीं कौन सा रोशनदान खुला रह जाता है
सुबह की धूप के साथ झाँकने लगती हो...
कमबख्त यादें ... हैं कि पीछा ही नहीं छेड़ती हैं।
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स्व. रमेश हठीला स्मृति तरही मुशायरा
इस बार के तरही मिसरे को लेकर
काफी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं ।
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अपनों का खार सहता रहा - अपनों का खार सहता रहा दूसरों पर मोहब्बत लुटाता रहा अश्कों को हंसी से छुपाता रहा दिल में रोता रहा सुकून की तलाश में
निरंतर भटकता रहा
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पिछले अंक में द्वापर युग मे भगवान परशुराम के
जीवन से जुड़ी कुछ घटनाओं काउल्लेख किया गया था।
*इस अंक* में भगवान परशुराम-6
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यह मेरी पोस्ट उस समय प्रकाशित होगी
जब मैं उडनखटोले पर बैठ कर
वापिस अपने देश की ओर आ रहा हूँगा,
क्योकि मैं आ रहा हुं मेरे वतन मै...
जनहित में सूचनार्थ यह पूरी पोस्ट भी देख लीजिए!
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शनिवार, 24 दिसम्बर 2011 को सांपला में हास्य कवि सम्मेलन और ब्लॉगर मिलन का आयोजन किया जा रहा है। ब्लॉगर्स मिलन सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक और कवि सम्मेलन शाम 7:30 बजे से आरम्भ होगा। आप सबका स्वागत है। सांपला एक छोटा सा टाऊन है, जो दिल्ली - हिसार रोड (NH-10) पर बहादुरगढ और रोहतक के बीच में बसा है।
आयोजन स्थल तक आने के लिये सबसे सस्ता और सुविधाजनक वाहन रेलगाडी है। सांपला रेलवे स्टेशन से 2 मिनट पैदल चलकर आप पंजाबी धर्मशाला पहुँच सकते हैं। रेलगाडी से आने वालों के लिये दिल्ली से शकूरबस्ती, नांगलोई, बहादुरगढ से आगे सांपला स्टेशन है। दिल्ली से सडक या रेल दोनों माध्यम द्वारा अधिकतम 1 घंटे का, 45 किमी का सफर है।
आप मुण्डका तक मैट्रो रेल से भी आ सकते हैं। मुण्डका मैट्रो स्टेशन से आपको बहादुरगढ और सांपला के लिये बसें आराम से मिल जायेंगी। अपने वाहन से आने वालों को दिल्ली करनाल बाईपास या पंजाबी बाग से पीरागढी चौक-नांगलोई-बहादुरगढ के रास्ते आना है। लगभग पूरा रास्ता बहुत बढिया बना हुआ है। पंजाबी बाग से सांपला की दूरी 40 किमी और रोहतक से 23 किमी है। बहादुरगढ से निकलने के बाद आपको बायीं तरफ कनक ढाबा दिखाई दे तो समझ जाईयेगा कि आप सांपला में प्रवेश कर चुके हैं। कनक ढाबा से थोडा आगे चलते ही सांपला नगरपालिका का स्वागत करता हुआ दरवाजा दिखाई दे जायेगा। या कनक ढाबा से 2 किमी आगे आपको जो भी मोड दायीं ओर जाता दिखे, उसी पर मुड जाना है।
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और लोभी स्वभाव के मनुष्यों को
हमेशा दुखी होना ही पड़ता है
और अंत में उन्हें गहरी नसीहत ही प्राप्त होती है
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१, आटा थोडा गीला फिर भी गीली तुम्हारी हंसी
२. मैं तुम बच्चे , गीले बिस्तर की गंध कितनी सुगंध...
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जापान भले ही तकनीक में सबसे आगे हो
लेकिन इंजीनियर्स की पैदावार में
भारतवर्ष ही अग्रणी है !
प्रतिवर्ष यहाँ लाखों की संख्या में
इंजिनीयर्स तैयार होते हैं!
जो बेरोजगारी के कारण विदेशों में चले जाते हैं...
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गर्म गुड के गुलगुलों के दिन गये
बाजरे के खीचडों के दिन गये
अब तो पिज्ज़ा और नूडल चाहिये....
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सर्दी आई सर्दी आई ओढ़ें कम्बल और रजाई
ज्यों-ज्यों सर्दी बढ़ती जाए कपड़ों की हम करें लदाई।
मिलजुल सारे आग तापते रात-रात भर करें हथाई।...
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* परिचर्चा *
सुभाष गाताडे शिक्षा संस्थान और
सैनिक स्कूलों में क्या फर्क होता है ?
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ना हम चोर है ,
ना दिल चुराना चाहते है |
जिसे दिल से चाहते है |
उसे दिल में बसना चाहते है |
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अपने उर के स्पंदन को, बस जीवन मैंने मान लिया|
अपने उर के क्रंदन को गीतों का मैंने नाम दिया|
रुके साँस के साथ कलम भी ऐसी अपनी इच्छा हैं |
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चन्द्रबदना हंसी साज बन जाती है
बन के लय मेरी गीतों में छलका करो
मेरी अभिव्यक्तियाँ पथ -प्रखर होती हैं ,
रात -रानी सी , यादों में महका करो ..
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पाठकगण, सादर नमस्कार
आज मैं भूत-प्रेत से अलग एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ...
आशा है यह भी आप लोगों को पसंद आएगी....
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ओ बी ओ महा-उत्सव अंक -
14 में शामिल मेरी रचनाएँ * * * * *
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ओ माँ....
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हे भारत, अब उठो तुम सींचने को,
बंजर पड़ी प्यासी धरा,
अतृप्त जन विक्षुब्ध मन,
बदहाल तन देखो जरा ...
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ये लिख दें... वो लिख दें मन में आता है सब लिख दें
जब न रहेंगे हम रह जायेंगे अक्षर ही-
जीवन की गंगा में बहती धारा पर
रब
*जीवन के इस दाँव-पेंच में,*
*मैंने सब कुछ हार दिया था।*
*छला प्यार में उसने मुझको,*
*जिससे मैंने प्यार किया था।।
और अन्त में-परिणाम और विजेता श्री - |
sundar charcha...
जवाब देंहटाएंNice links.
जवाब देंहटाएंचर्चा में ज़िक्र करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद डॉ.साहब..आप बहुत ही मेहनत कर रहे हैं .,,आपसे अन्य लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए..
जवाब देंहटाएंatyant man bhawan
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा रहा ढेर सारे लिंक्स के साथ ! मेरी शायरी चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ||
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल करने के लिए आभार, शास्त्रीजी !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स, बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंkhoob bahut khoob badhiyaa links
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंसुंदर सजाया है आपने चर्चा मंच।
जवाब देंहटाएंपढनीय सामग्री।
bahut hi badhiya charcha ki hai kafi padhane yogy link mile. samayachakr ki post ko shamil karne ke liye Dhanyawad.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा है सर!
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
सादर
आभार।
जवाब देंहटाएंGreat links Sir ji---Thanks.
जवाब देंहटाएंin tamam dher sare behtarin links me meri rachna ka bhi link shamil karne ke liye hardik dhanywad..sadar
जवाब देंहटाएंbest charcha
जवाब देंहटाएंbehtarin tamam links me meri rachna ki link ko bhi hissa banane ke liye hardik dhanyawad,,,sadar pranam ke sath
जवाब देंहटाएंwaah !
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल करने के लिए आभार
wah ! adbhut sangrah aur shandar links
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा .....
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल करने के लिए आभार,.....
विभिन्न रंगों में सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शाश्त्री जी क्षमा करियेगा कुछ व्यस्तता वस यहाँ देर से आ सका |बहुत ही सुन्दर चर्चा मंच |सुनहरी कलम को शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंक्षमा करियेगा
जवाब देंहटाएंयहाँ देर से आ सका |
हिंदी साहित्य पहेली को चर्चा मंच me शामिल करने के लिए आभार |
Bhoot Ki Kahaniya | bhoot wala kahani in Hindi
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