मित्रों!
ख़ुदा के फज्ल से चलने लगा मेरा क़लम कुछ कुछ ! मंगलवार के लिए कुछ ब्लॉगों के भ्रमण पर निकला हूँ! आप भी देखिए कि आज क्या खास है? मेरी पसंद के लिंको में! "बातें हिन्दी व्याकरण की" !जख्म कैसे और क्यों?
लोग कहते हें कि वक़्त के साथ जख्म भर जाते हैं,
सच ही कहा है लेकिन कुछ अहसास भी मर जाते हैं।
राम तेरी गंगा मैली हो गई...
माँ ! मुझको फौज़ी बनना है! अरे यह आवाज कहाँ से आई? मनमोहन सिंग वालमार्ट वाले हाजिर हो! जीवन का पथ अनजाना है, फिर लगता क्यूँ पहचाना है, हौसले का जादू-मंतर ! समझदार खुद को सब कहते, समझे को क्या समझाना है, हाथ मिलाते दिखलाना है! अगला दिन पूर्ण ताजगी और स्फूर्ति लेकर आया !सबसे पहले बच्चों की फरमाइश पर अर्थात उनकी पसंद की जगह-खूबसूरत हेव लोक आई लेंड! आइए देखे क्या होती हैं? दिलो-जिगर की बातें! जख़्म तो फूलों से भी हो जाते हैं और कहते हैं - ओ पुरुष ! तू नहीं अब बच पायेगा! जन्म का ज्यों होता है उत्सव मृत्यु का भी तो होना चाहिए मृत्यु को भी एक उत्सव की तरह ही मनाना चाहिए-चलो मनाएँ-एक उत्सव ये भी ..! कहने को तो हमारे देश में लोकतंत्र है! लेकिन क्या ये सच है ? क्या वास्तव में हमारे नेतागण लोकतंत्र का पालन करते हैं ? लोकतंत्र अथवा तानाशाही ? तक्षक की बेटी तक्षशिला पर बैठी-*श्यामनारायण मिश्र! समीर लाल "समीर" (उड़न तश्तरी) महावीर शर्मा जी*, एक युग पुरुष, की पुण्य तिथि पर उनके ब्लॉग पर प्रकाशित मेरा संस्मरण (मात्र एक जगह संकलित करने के प्रयास में पुनर्प्रकाशित) स्नेह का दूसरा नाम- महावीर शर्मा! दिल्ली की एचआरडी मिनिस्ट्री छह जनवरी से एक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रही है ,ज्योतिष और वास्तु शास्त्र को लेकर जिस तरह से टीवी चैनलों-न्यूज पेपरों मे अंधविश्वासी बातें सामने आ रही हैं, उसको ध्यान में रखकर देश के विद्वानों से राय लेकर तीन महीने के इस तरह के पाठ्यक्रमों को चलाने की योजना बनायी गयी। लोगों को ज्योतिष और वास्तु शास्त्र विधाओं से परिचित कराने की जिम्मेदारी लखनऊ स्थित केंद्रीय राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान को दी गई है। इससे पूर्व भी यू जी सी द्वारा ज्योतिष की शिक्षा देने का कार्यक्रम बनाया गया था , पर इसे जनसामान्य का विरोध झेलना पडा था। पर मेरा मानना है कि किसी प्रकार का ज्ञान हर प्रकार के भ्रम का उन्मूलन करता है , इसलिए इसका विरोध नहीं होना चाहिए। फिर भी विश्वविद्यालयों में ज्योतिष की पढाई का विरोध क्यों ? ज़िन्दगी इतनी बरहमी मत रख, मेरे साग़र में तश्नगी मत रख! मेरे साग़र में... जज़्बात! जन्म से मैं हिन्दू हूँ और अपने कुल देवता से ले कर इष्टदेव तक सभी को नमन करता हूँ । अपने आराध्य सतगुरू के बताये आन्तरिक मार्ग पर चलने की कोशिश में भूल गया कि धर्म जिसे कहते हैं, वो तो चार पंक्तियों में आ गया ..बाकी सब बातें हैं बातों का क्या ! मैं चतुरी एक मेरी मटकी उस मटकी में भर कर अपने संसार को सिर पर रख चला करती हूँ मटक मटक कर अपनी ही राह पर....मेरी मटकी -! अपनी जमीन सबसे प्यारी है ;घर बना लेते ! अपना गगन सबसे प्यारा है ; बहती सुगन्धित मोहक पवन ; इसके नज़ारे चुराते हैं मन ; कितने स्वस्थ हैं आपके बाल? सबसे है प्यारा अपना वतन ; भारत माँ को नमन!!!!!!ओ पेड़... क्या कहूँ!!!!! हार्दिक श्रद्धांजलि!! जो नही है साथ...................! ये सांसो की नाज़ुक सी कड़ी ये सांसो की लम्बी सी लड़ी सहेजी जाए पिरोई नही जाए जाने कब टूटे बिखर जाए** ...? जिंदगी...! बड़ी अजीब सी हो गयी है - सांस और जिंदगी ..!
और अन्त में यह कार्टून!
सुन्दर पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर । मेरे पोस्ट पर आकर अपने विचार रखें । । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिनक्स ..... आपको हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंwaah ! jai hind !
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स के साथ बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
.
सुन्दर..... आपको हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंविवाह की वर्षगाँठ पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है...बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंआभार। पोस्ट को लिंक किया है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा रहा! मेरी शायरी चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएं।|
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा ||
सुन्दर लिंक संयोजन।
जवाब देंहटाएंआद. शास्त्री जी को उनकी शादी की 38 वीं सालगिरह पर बहुत बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा का अंदाज अन्य दिनों की अपेक्षा बिल्कुल अलग है। हम सब को आकर्षित करता हुआ सजा है आज का ये चर्चा मंच।
बहुत सुंदर
bahut achhe links ke sath saarthak charcha prastuti ke liye aabhar!
जवाब देंहटाएंविवाह की वर्षगाँठ पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं...सुन्दर चर्चा... मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार...
जवाब देंहटाएंआभार.
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स आभार ...
जवाब देंहटाएंसबसे पहले बहुत-बहत शुभकामनाएं आपको. हार्दिक बधाई वर्षगाँठ की . सुन्दर चर्चा के लिए आभार आपका .
जवाब देंहटाएंsunder charcha ...badhai
जवाब देंहटाएंlinks ka behtareen collection
जवाब देंहटाएंlinks ka behtareen collection
जवाब देंहटाएंउत्तम चर्चा...
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
आदरणीय शास्त्री जी आपको वैवाहिक वर्षगाँठ की सादर बधाई ...
बहुत बढ़िया लिंक्स ,बहुत-बहत शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएं" पांडव नृत्य और जीवन का चक्रव्यूह "
http://www.ashokbajajcg.com/2011/12/blog-post.html#comment-form
बहुत बढ़िया लिंक्स ,बहुत-बहत शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएं" पांडव नृत्य और जीवन का चक्रव्यूह "
http://www.ashokbajajcg.com/2011/12/blog-post.html#comment-form
सुन्दर चर्चा , पठनीय लिंक्स ..
जवाब देंहटाएंआभार
bahut achchhi charcha .aabhar .
जवाब देंहटाएंwaah...mazaa aa gaya sir..
जवाब देंहटाएंwaah...mazaa aa gaya sir..
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