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शनिवार, दिसंबर 03, 2011

"मैं रास्ते में पड़ा पत्थर हूँ..." (चर्चा-मंच :717 )

आज शनिवार को मुझे चर्चा मंच सजाना है। पहली बार ये दायित्‍व  मिला... कहां से शुरू करूँ... कैसे करूँ.... कुछ समझ नहीं आ रहा...... 
अचानक नजर पडती है, रास्‍ते में पडे पत्‍थर  पर। इससे बेहतर कुछ नहीं लगा मुझे और शुरू कर दी मैंने चर्चा। 

उदासी क्‍या होती है... सबको मालूम है, क्‍या आप जानते हैं, सफेद उदासी
क्‍या होती है? 

 जमाना इंटरनेट का, इ मेल का है पर, खत को खत ही रहने दो
ठंड के इस मौसम में गर्मी का अहसास लिए प्रेम याचना
तुम्‍हारे लिए लिखा एक गीत   आयोजन 
सच्‍चा प्रेम किसका पढिए राधा बोली मीरा से  
मन है भटकता कोई वर्जना नहीं
दोहों में जीवन दर्शन निज मन के उद्धार
चांद की सहेली बता रही हैं दिसम्‍बर की विशेषताएं 
क्‍या आप जानते हैं उसका दर्द उसके प्‍यार से भी मीठा होता है
क्‍या हो जब आए उसका अहसास
चलिए आज हंसकर बिखर जाओ फिजाओं में 
दुआ करें, आलमताब भारत की
जीना मरना हो सार्थक, जीते जी हम क्‍यूं(?) रोज मरते हैं  
इंतजार कीजिए, लिख रही हूं एक गजल मैं   
भावुक कर देगी एक त्रासदी भरी याद

अब कुछ गद्य रचना की चर्चा भी कर ली जाए। 

सबसे पहले इनकी सुनिए जो मांग रहे हैं मदद प्‍लीज हेल्‍प मी


 मौत हो गई है सस्‍ती। सवाल बडा है, बच सकती थी इनकी जान 

सहानुभूति पर डॉ मोनिका   का सवाल 

ब्‍लाग जगत में एक सार्थक पहल आईए इसमें योगदान दें  

दोहरी बधाई का अवसर लेकर आए हैं सत्‍यम शिवम

रसूखदारों की सूची पर सवाल खडा कर रही हैं स्‍वधा शर्मा  
फिल्‍मों में हीरो और हिरोईनों के भेदभाव पर बोल रही हैं बचकुचनी
कर्मरत जीवन जीना सीखिए बोलते विचार  में 
बडा सवाल खडा हो रहा है, भगवान कौन...???
महिलाएं क्‍या क्‍या नहीं कर रही हैं, पढिए यहां  बस्‍तर समाचार   

हजारों गानें सुनने का रास्‍ता मिलेगा  यहां  

सरकारी संवेदना की बानगी देखिए, माथे पर लिख दिया दत्‍तक बालिका

आखिर में पढिए आज का सद् विचार   
चर्चा अनवरत जारी रहेगी पर आज के लिए बस इतना ही.............

28 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया लिनक्स, सधी हुई चर्चा ...आभार

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  2. अतुल श्रीवास्तव जी!
    पहली चर्चा में हो धाक जमा दी आपने तो!
    शुभकामनाएँ और ढेरों शुभाशीष आपको!

    जवाब देंहटाएं
  3. विविध रंगों की बेहद खुबसूरत चर्चा..आभार.

    जवाब देंहटाएं
  4. शानदार चर्चा से शुरुआत की अतुल जी ने।
    सुंदर मंच सजाया है, अंदाज का कोई जवाब नहीं।
    बहुत बहुत शुभकामनाएं

    मुझे स्थान देने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. पहली बार मि‍ले दायि‍त्‍व को खूबसूरती से सजाया है आपने....बेहतरीन है अंदाज़, शानदार हैं लिंक्‍स.... आगे से शनि‍वार का इंतज़ार रहा करेगा...

    जवाब देंहटाएं
  6. अच्छी चर्चा... सार्थक लिंक्स...
    कुछ लिंक्स पोस्ट्स तक नहीं जा रहे...
    गद्य रचनाओं के लिए पुनः आना होगा...
    सादर आभार...

    जवाब देंहटाएं
  7. namaskaar Atul ji...bhut hi sunder charcha ki hai aapne...welldone....thnks to share my link :)

    जवाब देंहटाएं
  8. अतुल जी !!

    शानदार चर्चा ||

    बहुत बहुत शुभकामनाएं ||

    जवाब देंहटाएं
  9. अतुल जी ,मुझे अपने चर्चा-मंच पर स्थान दे कर मान-सम्मान देने के लिए बहुत-बहुत आभार !
    मैंने भी यहाँ से अच्छे अनुभव .और लिंक्स प्राप्त किये |
    खुशन और स्वस्थ रहें !
    शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  10. अतुल जी आपने बहुत सुंदर लिनक्स से चर्चा-मंच सजाया है /सरे लिनक्स ही एक से बढ़कर एक हैं /बहुत बहुत बधाई आपको /

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  11. pahali charcha bahut achhi lagi..
    badiya links ke saath badiya charcha ke saath hi meri post shamil karne hetu aabhar....

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स का संयोजन ..आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  13. पहली चर्चा शानदार रही…………सुन्दर लिंक संयोजन्।

    जवाब देंहटाएं
  14. अच्छी चर्चा..बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स आभार

    जवाब देंहटाएं
  15. रोचक चर्चा... सुंदर लिंक्स...शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  16. बड़ी सधी चर्चा लगता नहीं पहली चर्चा है...स्वागत और बधाई

    जवाब देंहटाएं
  17. पहली बार चर्चाओं का हिस्सा बनकर बहुत खुशी हुई। आपकी प्रस्तुति काफ़ी रोचक, स्वस्थ और मज़ेदार रही॥ आप बधाई के पात्र है।
    मुझे स्थान देने के लिए दिल से शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  18. मै परीक्षा के व्यस्तता के कारण ब्लॉग तथा घर दोनों से दूर थी ,अथ माफ़ी चाहूंगी ब्लॉग साथियों से और ब्लॉग से दूर रहने की आपसबके टिप्णियों की कोई जवाब भी नहीं दे पाने का खेद है.......

    जवाब देंहटाएं
  19. अतुल जी मेरे रचना को शामिल करने के लिए मेरा हार्दिक आभार.......पर मै परीक्षा में व्यस्त रही चर्चा मंच तक नहीं आ सकी खेद है .....

    जवाब देंहटाएं

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