आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
ठण्ड जोरों पर है , धुंध ने भी दस्तक दे दी है , बिजली -फोन सभी काम से जवाब देने लगे हैं .( वैसे हरियाणा सरकार को यह ठंड ठंड नहीं लग रही तभी नन्हें मुन्ने बालकों का स्कूल सुब्ह आठ बजे ही लगता है ) दो दिन से बत्ती गुल थी . रात को जनरेटर से बिजली की व्यवस्था की तो पाया लैंड लाइन फोन भी जवाब दे चुका है. ये तो शास्त्री जी की सक्रियता है कि उन्होंने झट-पट से वीरवार की चर्चा लगा दी. मैं अपनी जिम्मदारी निभाने के लिए आज आपके सामने उपस्थित हूँ.
आज की चर्चा
गद्य रचनाएं
पद्य रचनाएं
ठण्ड जोरों पर है , धुंध ने भी दस्तक दे दी है , बिजली -फोन सभी काम से जवाब देने लगे हैं .( वैसे हरियाणा सरकार को यह ठंड ठंड नहीं लग रही तभी नन्हें मुन्ने बालकों का स्कूल सुब्ह आठ बजे ही लगता है ) दो दिन से बत्ती गुल थी . रात को जनरेटर से बिजली की व्यवस्था की तो पाया लैंड लाइन फोन भी जवाब दे चुका है. ये तो शास्त्री जी की सक्रियता है कि उन्होंने झट-पट से वीरवार की चर्चा लगा दी. मैं अपनी जिम्मदारी निभाने के लिए आज आपके सामने उपस्थित हूँ.
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गद्य रचनाएं
- यदि आप ब्लोगोत्स्व में पहुंच रहे हैं तो टोपी, मफलर साथ लाएं.
- ब्लोगोत्स्व में इस विषय पर भी चर्चा करें -- विषय देखिए नुक्कड़ पर.
- अनिरुद्ध प्रसाद विमल के ऐतिहासिक उपन्यास रानी लचिका की समीक्षा प्रस्तुत कर रहे हैं श्री चन्द्रमौलेश्वर प्रसाद जी.
- अदम गौंडवी जी की गजलों की समीक्षा कर रहे हैं परितोष मणि जी.
- दयानन्द पाण्डेय जी समीक्षा कर रहे हैं महेंद्र भीष्म जी के उपन्यास किन्नर कथा की.
- फ़िल्मी गीतों के माध्यम से खुल्लम-खुल्ला प्यार कितना उचित है , पर चर्चा कर रहे हैं डॉ. टी.एस. दराल.
- महाकवि भारवि द्वारा बताई गई भाषा की दूसरी विशेषता पद शुचिता पर चर्चा कर रहे हैं हरीश प्रकाश गुप्त जी.
- राजीव खंडेलवाल जी पूछ रहे हैं देश कि असली संसद कौन सी है ?
- बुजुर्ग प्यार के हकदार हैं क्योंकि वे हैं अनमोल रत्न. पल्लवी जी से सहमत हैं न ?
- मेरी कुछ लघुकथाओं को स्थान दिया है ब्लॉग लघुकथाओं का संसार ने.
- ब्लॉग कसे कहूं पर 100 वीं पोस्ट के रूप में आई है लघुकथा मातृत्व.
- जोर-शोर से तैयारी चल रही है --- कौन आने वाला होगा ? जानना चाहते हो तो नव्या पर पढ़िए भावना सक्सेना जी की लघुकथा.
- अधूरा रहा हवा महल का सपना...इतिहास के झरोखों से देख रहे हैं पंकज त्रिवेदी जी.
पद्य रचनाएं
- बीता वर्ष सुख कम मलाल बहुत देकर गया है नया साल उपहार लाएगा या फिर....
- चाँद तारों की बातें हो रही हैं ब्लॉग उच्चारण पर.
- पहचान पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं हो सकता है , यह मानना है वन्दना गुप्ता जी का.
- फहमियों के साथ खुश नहीं गलत ही जुड़ जाता है --- अंधड़ पर भी है इसी फहमियों की दास्ताँ.
- मन की बगिया में हो रही है भ्रमरों की गुनगुन रितु बांसल जी के ब्लॉग कलमदान पर.
- इस बार की ठंड आप से क्या कुछ करवाएगी देखिए रंजना जी के ब्लॉग पर.
- मैं और मेरी तन्हाइयों की बात करते हुए मैं क्या हूँ का प्रश्न पूछ रही हैं दर्शन कौर धनोए जी.
- ताज टेढ़ा हो गया -- आपको नहीं पता तो पढ़िए ब्लॉग कुछ बातें अनकही पर.
- क्या मुहब्बत के लिए ख़त का खून से लिखा होना जरूरी है -- देखिए न्जील जी की ग़ज़ल ख़त खूं से लिखा होना.
- स्पंदन पर शिखा वार्ष्णेय जी भी कह रही हैं एक ग़ज़ल - इतना सा फसाना है.
- अमृता - इमरोज की प्रीत को कविता में पिरोया है रश्मि प्रभा जी ने.
- एक बिडम्वना को अभिव्यक्त करती कविता काश ब्लॉग दिल की बातें पर.
- पढ़ते-पढ़ते ब्लॉग पर पढ़िए मनोज पटेल जी द्वारा अनुवादित चेस्लोव मिलोश की कविता सूरज.
अंत में एक सूचना --- रायगढ़ में युवा लेखकों के लिए अखिल भारतीय रचना शिविर आयोजित हो रहा है. भाग लेने के इच्छुक प्रविष्टि फार्म भर सकते हैं
आज के लिए बस इतना ही
धन्यवाद
वाह दिलबाग जी सुंदर चर्चा के लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत खूब वाह!
ReplyDeleteइतनी सुन्दर चर्चा करने के लिए भाई विर्क जी का आभार!
ReplyDeleteउत्तम चर्चा अच्छी लिंक्स |
ReplyDeleteआशा
बड़े ही स्तरीय सूत्र।
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा.
ReplyDeleteविर्क जी सुन्दर चर्चा के लिए आभार !
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा...पठनीय लिंक्स.
ReplyDeleteNice .
ReplyDeleteबढिया चर्चा।
ReplyDeleteपढनीय लिंक्स.....
मेरे ब्लॉग कलमदान का उल्लेख करने के लिए धन्यवाद..सभी संकलित चर्चाएँ पठनीय हैं..
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा के लिए आभार...
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही बढि़या लिंक्स ।
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा के लिए आभार....विर्क जी
ReplyDeletebahut hi acche links hai...
ReplyDeletebahut hi acche links hai...
ReplyDeleteदिलबाग जी, बहुत खूब!!!!!!सुंदर लिंकों के लिए बहुत२ बधाई,............
ReplyDeleteनई रचना के लिए काव्यान्जलिमे click करे
बहुत बढ़िया चर्चा दिलबाग जी, रचना को मंच में जगह देने पर हार्दिक आभार ...:)
ReplyDeleteबढिया चर्चा
ReplyDeleteसुन्दर लिंक संयोजन ……………बढिया चर्चा।
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा, बेहतर लिंक्स.
ReplyDeleteआभार दिलबाग जी!!
सुन्दर सूत्र.... बढ़िया चर्चा..
ReplyDeleteसादर आभार...
छोटी किंतु सारगर्भित चर्चा... क्योंकि इसमें हमारा भी उल्लेख है :) आभार विर्क भाई॥
ReplyDeleteMeri Post Shamil karne ke liye dhanyawad.. abhar
ReplyDeletemere blog ko shamil karne ke liye abhar..sundar links...
ReplyDeleteसुव्यवस्थित और सुन्दर चर्चा. आभार.
ReplyDeleteलेकिन ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत की वापसी से चर्चा मंच खतरे में पड़ जायेंगे, क्या आपको इससे भय नहीं लगता है ?
ReplyDeleteसुंदर चर्चा।
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