दोस्तों मैं चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ आप सब से मुखातिब हूँ चर्चामंच पर और पेश करता हूँ आज की चर्चा-
________________
25-
कस्म गोया तेरी खायी न गयी
________________
26-
गरीब निरंतर गरीब ही रहा
________________
27-
सांता क्लाज
________________
28-
मै चुप हूँ...
________________
29-
सम्मलेन-मीट
________________
30-
जंगल बेदना
नं. 1-
_______________
2-
2-
थी नार नखरीली बहुत, पर, प्रीत से प्रेरित हुई - ऋता शेखर 'मधु'
_______________
3-
3-
उपेन्द्र नाथ अश्क – जिन्हें अब कोई याद नही करता
_______________
4-
4-
_______________
5-
5-
_______________
6-
6-
प्रेरक प्रसंग-17 : नाम–गांधी, जाति–किसान, धंधा-बुनाई
_______________
7-
7-
_______________
8-
8-
_______________
9-
9-
_______________
10-
10-
_______________
11-
11-
_______________
12-
12-
_______________
13-
13-
_______________
14-
14-
_______________
15-
15-
_______________
16-
16-
_______________
17-
17-
_______________
18-
18-
_______________
19-
19-
_______________
20-
20-
_______________
21-
21-
_______________
22-
22-
_______________
23-
23-
________________
24-
24-
________________
25-
कस्म गोया तेरी खायी न गयी
________________
26-
गरीब निरंतर गरीब ही रहा
________________
27-
सांता क्लाज
________________
28-
मै चुप हूँ...
________________
29-
सम्मलेन-मीट
________________
30-
जंगल बेदना
________________
और अन्त में
31-
________________
आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
बहुत सुंदर लिंक्स ..
जवाब देंहटाएंआभार !!
अच्छे लिंक्स हैं।
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल करने के लिए आभार।
बहुत बढ़िया लिंक्स मिले आज की चर्चा में । मुझे भी इसमें सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद । शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंक्या बात है, सभी एक से बढकर एक लिंक्स
जवाब देंहटाएंमुझे यहां शामिल करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
अच्छे लिनक्स ...बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंमेरा पता..
kalamdaan.blogspot.com
अच्छे लिनक्स मिले और मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स , पपीता सम्मिलित करने हेतु आभार.
जवाब देंहटाएंखूब सजाई है महफिल किसी दीवाने ने
ज़िंदगी खुद की कभी जिससे सजाई न गई
यूँ कई साज सुने,जीस्त की हर महफिल में
एक शहनाई मगर हमसे भुलाई न गई.
आभार गाफिल जी.....
बहुत सुंदर लिंक्स ..
जवाब देंहटाएंआभार !!
बढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स...
bahut achche links se sampark karaya abhar.meri post ko sthan diya harday se aabhari hoon.
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDAR LINK SANYOJAN
जवाब देंहटाएंआभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया लिंक्स ..
जवाब देंहटाएंआभार ...
DOSTON.
जवाब देंहटाएंAPANE KUCHH NIJI KARNO SE NET PAR
8 DINO TAK AANA NAHI HOGA.
CHARCHA MANCH KE LIYE -
SHRI CHANDRA BHOOSHAN MISHRA GAFIL,
SHRI DILBAG VIRK AUR
SHARI DINESH GUPTA RAVIKAR JI KO
BLOG KA SWAMITVA DIYA GAYA HAI.
बहुत बढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
बढ़िया लिंक्स,मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा में बढ़िया लिंक्स दिया है आपने . आभार..
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स...आभार!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन वार्ता
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
..
achhee charchaa links
जवाब देंहटाएंमेरी रचना "बेटी और पेड़"को आज के चर्चामंच में शामिल करने के लिए बहुत२ आभार धन्यबाद,....
जवाब देंहटाएंएहसासों को कुरेदती अच्छी प्रस्तुति .बधाई .नववर्ष की .बेहतरीन संयोजन और चयन .
जवाब देंहटाएं