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Thursday, July 05, 2012

चर्चा - 931

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 
आज चित्र नहीं लगा पा रहा हूँ सिर्फ ब्लॉग के नाम के साथ लिंक दे रहा हूँ आशा है इस स्थिति को आप स्वीकार करेंगे 
चलते हैं चर्चा की ओर 
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उच्चारण 
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हिन्दू-हिंदी-हिन्दुस्थान 
जानिए संस्कृत के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य 
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लोक संघर्ष 
अपराजेय योद्धा ब्रिगेडियर उस्मान 
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मेरा आशियाना 
सुरेन्द्र शर्मा का जुमला - लोकतंत्र से है देश को खतरा 
***
अंधड़ 
कण - कण में है भगवान 
***
हिंदी हाइकु 
पूरे किए तीन वर्ष 
वार्षिक आयोजन - 1
वार्षिक आयोजन -2
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मधुर गुंजन 
यहाँ पर है नम्बर का चक्कर 
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बाला जी 
मिलें पढ़े-लिखे अनपढ़ों  से 
***
साहित्य सुरभि 
गरीबी के कई कारणों में से एक कारण बताती लघुकथा 
***
आब्जेक्शन मी लार्ड 
थर्ड जेंडर 
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विज्ञान विश्व 
मिल ही गया हिग्स बोसान 
***
मैं आपसे मिलना चाहता हूँ 
वाचस्पति से राष्ट्रपति बनना चाह रहे हैं अविनाश जी 
***
कशिश 
आईने के रू-ब-रू 
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कविता रावत 
बंद कमरे में पनपा जीवन 
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अहसास 
स्तब्ध
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उल्लूक टाइम 
आदमखोर 
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जिन्दगी...एक खामोश सफर 
वन्दना जी महसूस करती हैं नहीं है वे इस दुनिया की  
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प्रसून 
देखिए  , पढ़िए राजनीति की काली कुतिया 
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मेरे गीत
एकलव्य की व्यथा लिखने जा रहे हैं सतीश सक्सेना जी 
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दो पाटन के बीच 
सरकार की नोज डाइविंग 
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मोह्ब्बतनामा 
नेता - अभिनेता 
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मेरे भाव 
 छा गए है घन 
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हास्य फुहार 
लतीफे के साथ करते हैं अंत 
आज के लिए बस इतना ही 
धन्यवाद 
********************

28 comments:

  1. शुभप्रभात ...
    सुंदर लिंक्स चयन ...!!
    अच्छी चर्चा ..!!शुभकामनायें.

    ReplyDelete
  2. संयत, शालीन और अच्छे लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा!
    आपका आभार विर्क जी!

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  3. अच्छी लिंक्स से सजा है आज का चर्चा मंच |
    आशा

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  4. सुंदर चर्चा.... विर्क जी

    ReplyDelete
  5. बहुत सुंदर चर्चा !
    शास्त्री जी की पोस्ट पर सूरज चंदा के लिये :
    सटीक !
    सूरज चंदा को मनाया जाये
    क्यों ना पहले के जैसे
    काम पर लगाया जाये
    महौल को विटामिन बी
    का टानिक पिलाया जाये।
    ़़़़
    रविकर जी बताते जाइयेगा
    अब टिप्प्णी के धागे को
    आगे बडा़इयेगा
    खाली लटक मत जाइयेगा।

    ReplyDelete
  6. संस्कृत के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य ...
    प्रवीण गुप्ता जी ने वास्तव में अच्छा प्रयास किया है
    कुछ कुछ समझ में आया हम नासमझों के ।

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  7. अपराजेय योद्धा ब्रिगेडियर उस्मान

    एक सार्थक आलेख !

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  8. @ अपराजेय योद्धा ब्रिगेडियर उस्मान

    ब्रिगेडियर उस्मान को शत शत नमन ||

    कबाइली का वेश दोगला, पाकिस्तानी सैनिक आये |
    ग्यारह हजार थे, नौसेरा में मार-काट आतंक मचाये |
    कुशल नीति बन गई तुरत ही, उस्मान वीर आगे आये |
    मार भगाया दुश्मन को झट, नौशेरा के शेर कहाए |

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  9. मेरा आशियाना में
    सुरेन्द्र शर्मा जी के
    लोकतंत्र की स्थिति वाकई
    खतरनाक होती जा रही है
    ऎसा ब्लागर अपने
    आशियाना में बता रही है।
    ़़़़़़
    आगे को रविकर के लिये
    छोड़ के जाता हूँ
    बाकि शाम को कालेज से
    आकर टिपियाता हूँ ।

    ReplyDelete
  10. @मेरा आशियाना
    सुरेन्द्र शर्मा का जुमला - लोकतंत्र से है देश को खतरा

    शर्मा जी अब बिन शरमाये, सरमाये पर सही कह रहे |
    फैला पड़ा रायता नेता, जगह जगह पर दही कह रहे |
    लोक शोक में डूबा भटका, रविकर बातें कही कह रहे |
    प्रश्न उठे है लोकतंत्र पर, व्यर्थ हुई "बड़-बही" कह रहे |

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  11. @ मधुर गुंजन
    यहाँ पर है नम्बर का चक्कर

    मधुर लगा नंबर का गुंजन, दश नम्बरी सचिन तेंदुलकर |
    तेरह नंबर के राष्ट्रपति का, है चुनाव अब आया नंबर |
    बिन नंबर के टिकट मिले न, नहीं ट्रेन का लगता चक्कर |
    बारी बारी प्रभु रहे बुलाते, नंबर अपना पूछे रविकर ||

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  12. @ बाला जी
    मिलें पढ़े-लिखे अनपढ़ों से

    डेली पैसेंजर के धंधे , सन्डे को ही पड़ते मंदे |
    जानबूझकर ट्रेन पकड़ते, रखे इरादे गंदे गंदे |
    पढ़े-लिखे हैं इसीलिए तो, मूर्ख समझते हैं दूजे को-
    गली में खुद को शेर समझते, खता खुदा से करते बन्दे ||

    ReplyDelete
  13. @ आब्जेक्शन मी लार्ड
    थर्ड जेंडर

    दुखद परिस्थिति किन्नर जीवन, सहते रहते कष्ट अजीब |
    नहीं स्वर्ग का नरक नहीं फिर, लटक रहा त्रिशंकु सलीब |
    पुरुष रूप में अंश नारि के, या नारी मन पुरुष शरीर --
    इनपर थोड़ी कृपा कीजिये, रखिये दिल के तनिक करीब ||

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  14. @ मैं आपसे मिलना चाहता हूँ
    वाचस्पति से राष्ट्रपति बनना चाह रहे हैं अविनाश जी

    आम आदमी खाकपति, पाले पतित विचार |
    प्रस्तावक कैसे मिलें, अरबों का व्यापार |
    अरबों का व्यापार, करो सेवा मैया की |
    धरो धकेल पहाड़, कृपा भी हो भैया की |
    वाचस्पति पति-राष्ट्र, तभी तो हो पाओगे |
    बट टाइम इज लास्ड, ग्रेप्स खट्टे खाओगे ??

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  15. @@@उल्लूक टाइम
    आदमखोर


    खाता लायन आदमी, आदमखोर कहाय |
    रक्त चूसते जो फकत, रक्तग्रीव बन जायँ |
    रक्तग्रीव बन जायँ, राक्षस हो जाते हैं |
    पर मानव का भेष, बदल वे ना पाते हैं |
    रविकर बढती शान, मान भी ज्यादा पाता |
    पर मरियल ले पाल, कभी उनको न खाता ||

    ReplyDelete
  16. aaj kee charcha me mere post ko shamil karne ke liye dhanyawad.

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  17. सुन्दर चर्चा..

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  18. मधुर गुंजन,
    यहाँ पर है नम्बर का चक्कर,

    खो गए इस भीड़ में, मत खोना तुम आस,
    मिल जाओगे शीघ्र तुम,यदि नम्बर है पास

    यदि नम्बर है पास, रजिस्टर्ड रहो कही पर
    मोबाइल नम्बर है पास, फिर काहे का डर

    नम्बर का यह खेल जीवन में बहुत निराला,
    यदि नम्बर मिलजाय लाटरी खुल जाय ताला,,,,,

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  19. बहुत अच्छी चर्चा.....

    सभी लिंक्स सुन्दर
    शुक्रिया
    अनु

    ReplyDelete
  20. बहुत बढ़िया लिंक्स ..सार्थक चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने के लिए आभार!

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  21. @ प्रसून
    देखिए , पढ़िए राजनीति की काली कुतिया


    सब सितार गंज में जमे, काली पीली भीत |
    पर प्रसून तो शूल से, नहीं पा रहा जीत ||

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  22. अविनाश वाचस्पति जी
    राष्ट्रपति नहीं बन पायेंगे
    पत्नी द्रोह के चक्कर में
    घर से बाहर जरूर हो जायेंगे।

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  23. बढ़िया चर्चा ...बढ़िया लिंक्स चयन है
    .....शुभकामनायें.....

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  24. बहुत अच्छी प्रस्तुति

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