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बुधवार, जुलाई 04, 2012

मारे कन्या कापुरुष, जाय मनुजता झेंप : चर्चा मंच 930


 (1)

ऐसे घबराओ मत रोग है ये नहीं प्रेम में रतजगे कुदरती हैं प्रिये, आज गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुनते हैं धर्मेंद्र कुमार सिंह की ग़ज़ल 

पंकज सुबीर
सुबीर संवाद सेवा  

(2)

विनम्र श्रद्धांजलि: दिनेश सिंह नहीं रहे

Abnish Singh Chauhanat

 कल शाम (२ जुलाई) प्रबुद्ध नवगीतकार एवं नये-पुराने पत्रिका के यशश्वी सम्पादक दिनेश सिंह का निधन उनके पैतृक गाँव गौरारूपई में हो गया। जब यह दुखद समाचार कौशलेन्द्र जी ने दिया तो मेरा ह्रदय काँप उठा। 
 दिनेश सिंह के दो नवगीत:

1. लो वही हुआ
लो वही हुआ जिसका था ड़र
ना रही नदी, ना रही लहर।

सूरज की किरन दहाड़ गई
गरमी हर देह उघाड़ गई
उठ गया बवंड़र, धूल हवा में
अपना झंडा़ गाड़ गई
गौरइया हाँफ रही ड़र कर
ना रही नदी, ना रही लहर।

 (3)

खान खान-ते खामखा

मेमोरी ये रोम, सजा लो दिल में फोटो-

haresh Kumar 
लोटो चरणों में सखे, अर्पित तन मन प्राण ।
प फ ब भ म किया, माता ने कल्याण ।
माता ने कल्याण, वित्त-मंत्रालय पाओ ।
संकट-मोचन काम, गड़े धन को निपटाओ ।
मेमोरी ये रोम, सजा लो दिल में फोटो ।
निकलेगी इक रोज, लाटरी भैया लोटो ।।

Save Notes in Safe Deposit Box New Method to Save Black Money in Switzerland

SM
From Politics To Fashion

आई स्विट्जर लैंड से , नई नवेली आस ।
ब्लैक-मनी के लिए यह, मैया बेहद ख़ास ।
मैया बेहद ख़ास, रास बबलू को आये ।
कर लो पुन: सलाह, माल जैसे मन खाए ।
सेफ डिपोजिट बॉक्स, मिलेगा सबको भाई ।
काले धन से लाल, खबर क्या बढ़िया आई ।।

"पहचान कौन"

Sushil
"उल्लूक टाईम्स "
   भूसा भरा दिमाग में, छोटी मोटी बात ।
शर्म दिखा के छुप गई, आज हमें औकात ।
आज हमें औकात, कटी पॉकेट शरमाये ।
लेकिन पॉकेट-मार, ठहाके बड़े लगाए ।
हुआ  रेप मर गई,  बिचारी  शरमा करके ।
हँसे खड़ा रेपिस्ट,  चौक पर दारु ढरके ।।

बस में : एक

राजेश उत्‍साही
गुलमोहर  

 महिला सीटों पर जमे, मुस्टंडे दुष्ट लबार |
इसीलिए कर न सके, नारी कुछ प्रतिकार |

नारी कुछ प्रतिकार, ज़माना वो आयेगा |
जाय जमाना भूल, नहीं पछता पायेगा |

रविकर हक़ लो छीन, साथ है मेरा पहिला |
बढ़ो करो इन्साफ, अकेली अब न महिला ||

प्रतापगढ़ की रिपोर्ट -

सच्चित-सचिन 

हद दर्जे की दरिंदगी, कई दिनों तक रेप | 
 मारे कन्या कापुरुष, जाय मनुजता झेंप |
मानवता जाती झेंप, प्रशासन दु:शासन है |
भारी वहाँ तनाव, जले फिर घर आँगन है |
मुवावजा का खेल, करे शासन मनमानी |
निर्दोषों को जेल, हँसी बाहर शैतानी ||

प्रेमचन्द : संघर्षमय जीवन

मनोज कुमार
राजभाषा हिंदी

 कुआं खोद पीते रहे, जी ते लिखते लेख |
प्रेम-चन्द आदर्श मम, खींची लम्बी रेख |
खींची लम्बी रेख, जन्म का महिना पावन |
प्रस्तुत करें मनोज, कई रचना मनभावन |
मर्यादा सप्त-सरोज, हंस गोदान माधुरी |
कर्मठ छप्पन साल, उम्र में सांस आखिरी ||

Purchase Rs.20 Lakh Car from taxpayers Money UP CM Akhilesh Yadav tells to 403 MLAs

SM at From Politics To Fashion
माल हमारे बाप का, तेरा क्या है बोल ?
वाहन-चोरी का खतम, हुआ पुराना रोल |
हुआ पुराना रोल, समय पब्लिक की सेवा |
सेवा कर दिल खोल, तभी तो खाए मेवा |
पोलिटिक्स की ट्रिक्स, नहीं समझो बे मारे  |
चाचा ताऊ सकल, मुलायम बाप हमारे | |

महंगाई की तपिश और मॉनसून के नखरे

खेती कर मैदान में, रोटी कठिन जुहात |
इक कपडा इक कोठरी, कृषक देश कहलात |
कृषक देश कहलात, मार मंहगाई डारे |
इसीलिए तो आज, युवा क्रिकेट पर वारे |
लाखों का मैदान,  कराता वारे न्यारे |
युवा वर्ग मस्तान, जाय क्यूँ खेत किनारे ||

सूरज की साजिश !

संतोष त्रिवेदी
बैसवारी baiswari

दोहा दोहाई भरे, धरे नहीं अब धीर |
मेघावरि न शोभते, बिन बरसाये नीर ||
सुखा सुखा के तन-बदन, सारा रक्त निचोड़ |
घड़े भरे ले घूमते, देंगे रविकर फोड़ ||

 कान खोलकर सुन रहा, बिरादरी की बात |
हुक्का-पानी बंद हो, सुन कविवर अभिजात |
सुन कविवर अभिजात, बेच जीवन भर भाषण |
सोनी माया बोथ,  हमेशा ली प्रीकाशन |
जाती यू पी हार, हकाले भरी दुपहरी |
इसीलिए अविनाश, कवि संग लेते तफरी ||

 (4)
* आप को यह सूचित करते हुए मुझे बहुत हर्ष हो रहा है* *ब्रह्मवतार संत श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज के परम शिष्य श्री ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज जी का चातुर्मास व्रत समारोह आज 3 जुलाई मंगलवार से 30 सितम्बर 2012 तक चलेगा! इस दौरान कथावाचक ब्रह्मचारी श्री ध्यानाराम वेदांताचार्य की ओर से श्री भागवत कथा का वाचन किया जाएगा! जिसका सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर भी किया जाएगा! ** प्रसारण आज **सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक किया जाएगा! * *आप सभी सादर आमंत्रित हैं! आप सभी पधार कर अपने जीवन को सफल बनावे और इस महान दिन का आनंद ले.... सुगना फाऊंडेशन-मेघालासिय जोधपुर*..

(5)

भारतविरोधी कश्मीरी तत्वों व पाक विदेश सचिव का भरत-मिलाप: दिल्ली मौन क्यों ?

अगस्त 2012 की एक शाम….इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग  का प्रांगण। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ वार्ता के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा आज ही यहां पंहुचे हैं। वार्ता कल है। उच्चायोग ने कृष्णा के स्वागत में विशेष भोज आयोजित किया है। भोज की मेज पर गिलगित-बाल्टिस्तान, बलूचिस्तान और सिंध से पधारे उन नेताओं को खीर परोसी जा रही है, जो अपने अपने इलाकों में पाकिस्तानी सरकार व फौज की ज्यादतियों और मानवाधिकार हनन की घटनाओं के खिलाफ खुलकर बोलते हैं। इन इलाकों को पाकिस्तान से कैसे अलग किया जाए, इस पर सलाह-मशविरा जारी है…….

छत्तीसगढ़ के ग्राम-देवताओं की जानकारी, शौकिया व अनियमित तौर पर पिछले लगभग 30 वर्षों से जुटा रहा हूं। अकलतरा के तीन निखाद बइगा- मेरे लिए गुरुतुल्य बहादुर, भगोली और मुड़पटका (ऐसे ही नाम पुकारे जाते और इसी तरह याद है) और नंदू मुनीमजी कहे जाने वाले गंवई-गूगल जैसे श्री नंदकुमार सिंह से पूछताछ करते इसकी शुरुआत हुई, तब अपने गांव के 25 से भी अधिक ग्राम-देवताओं और उनसे जुड़ी परम्पराओं के बारे में कुछ जान पाया, और यही आरंभिक जानकारी बाद में अन्य इलाकों में पूछताछ के लिए, संवाद स्थापित करने में सहायक होती रही।

(7)

"मा.मुख्यमन्त्री जी के साथ एक दिन" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

    उत्तराखण्ड के मा. मुख्यमन्त्री श्री विजय बहुगुणा जी 
सितारगंज विधान सभा से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। 

चुनावी सभा में मा. काशीसिंह ऐरी, मा. के.सी.सिंह बाबा, 
पंजाब के सांसद गुरजीत सिंह राणा, मा. सुरेन्द्र राकेश, 
पूर्वविधायक पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, बदरीनाथ के विधायक मा. मैखुरी जी, 
नैनीताल के पूर्व विधायक डॉ.नारायण सिंह जन्तवाल, 
अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 
तथा हिमालय टाइम्स के प्रधान सम्पादक श्री डी.पी.उनियाल 
आदि लोगों ने भी सम्बोधित किया।

(8)

चिरजीविता

 
Amrita Tanmay
 
चिरजीविता कविता को
उसकी यात्रा पर
अक्षरश: अग्रसर करती हूँ....
सत्यश:
मैं....मैं तो केवल.....
अभिव्यक्ति का व्याकरण बन
नवरसों के नवसृजन का
बस मधुपान-मधुगान करती हूँ

(9)

गुरु वंदना ऐसी भी! 

(Arvind Mishra)

आज गुरु पूर्णिमा है। गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुअवसर। मानस अवगाहन के वक्त मुझे संत कवि तुलसी द्वारा की गयी गुरु वंदना बहुत प्रभावित करती है। आइये आज आप भी मेरे साथ इस अनुपम भाव बोध से जुड़िये।
 *बंदऊं गुरु पद पदुम परागा सुरुचि सुवास सरस अनुरागा* 
*अमिय मूरिमय चूरन चारू शमन सकल भव रुज परिवारू* 
 

(10)
पहेली संख्या 88 में आपको मां पर आधारित एक बहुप्रचारित कथा के नोबल पुरस्कार से सम्मानित लेखक को पहचानना था
इस सहित्य पहेली 88 का विजेता घोषित करने से पहले आपको सही उत्तर बताते हैं कि ये किस्सा 1932 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी लेखक हावर्ड फास्टी के उपन्यास स्पार्टाकस का है

पथ से जन-पथ ,
राज-पथ तक  की
यात्रा ,
विजेता  की तरह हो गयी .....
कितनी घटनाएँ ,दुर्घटनाएं ,
उत्पन्न की ,
निस्तारित की ... /
उखाड़े ,दफनाये गए 
गैर- जरुरी मसले ..
छिपाए खंजर ,

(12)

ख़ामोशी की जंग ...

  (दिगम्बर नासवा)  
कितनी लंबी है खामोशी की जंग
इंच भर दूरी तय करने को
मीलों लंबा सफर
आँखों से कुछ ना कहने का अनवरत प्रयास    
जबरन होठ बंद रखने की जद्दोजहद

(13)

गुरु का ज्ञान

कमल कुमार सिंह (नारद )
नारद  
गुरुर्ब्रह्मा गुरूविष्णु गुरुर्देवो महेश्वर,
गुरु साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः 
बचपन में गुरु जी लोग बड़ा तंग किया करते थे, कभी गृह कार्य देते कभी पी टी कराते, जिससे कभी कभी बच्चों की टोली गुरु जी को ही मंतर सूना देती थी, पंडि जी पंडि जी गुड खाब्यअअ, मारब धनुसिया से उड़ जाबअअ, खैर लड़कपन था, बच्चो को तो भगवान भी माफ कर देते हैं ये तो ठहरे इंसानी गुरु, दूसरे जो माफ न करे तो अगले दिन कुर्सी का कौन सा पाया टूट जाए कुछ पता नहीं, गुरु थे, ज्ञानवान थे, उन्हें अपने शिष्यों की कुशलता का भान था, अतः बिना कुछ कहे माफ कर दते थे.

(14)

दर्द का अपरूप : एक कोशी, एक बह्मपुत्र

रंजीत/ Ranjit 
ब्रह्मपुत्र की पीड़ा कोशी ही समझ सकती है। दोनों नदियां धारा बदलती हैं। दोनों अब बाढ़ नहीं, सुनामी लाती हैं। दोनों ही दोषपूर्ण अभियंत्रण का शिकार है। इन दिनों ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों से असम में जो बाढ़ आयी हुई है, उसने नौ लाख से ज्यादा लोगों को बेघर कर दिया है। ये तस्वीरें मुझे 2008 की कुसहा त्रासदी की याद दिला गयीं। इसलिए यहां सबके साथ शेयर कर रहा हूं। कहते हैं कि बांटने से दर्द कम हो जाता है...

(15)

भगवान् राम की सहोदरा (बहन) : भगवती शांता परम-6

रावण का गुप्तचर   
दोहे
असफल खर की चेष्टा, हो बेहद गमगीन |
लंका जाकर के खड़ा,  चेहरा लिए मलीन ||

रावण बरबस बोलता, क्योंकर होत उदास |
कौशल्या के गर्भ का, करके सत्यानाश  ||

22 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर काव्यमयी चर्चा!
    अभी 3 दिन व्यस्तात और रहेगी।
    उसके बाद मेरी दिनचर्चा सामान्य हो जाएगी!
    आपका आभार रविकर जी!

    जवाब देंहटाएं
  2. हमेशा कि तरह बढ़िया चर्चा , शानदार लिंक्स , मेरी रचना "गुरु का ज्ञान" शामिल करने के लिए आभार ...

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. गदहा कवी लड़ाई पसंद आई :)

    गदहा और कवी मे हुई एक दिन लड़ाई,
    दोनों मिले कान खिचने लगते थे वो भाई,

    लगते थे वो भाई मजा दोनों पाते,
    लिखे गधा या कवी, गालिया खाते,

    बहुत बढ़िया लगी , मजा आ गया ....

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर लिंक संयोजन.

    दिनेश सिंह जी के लिए हार्दिक श्रद्धांजलि. मनोज जी की रचना 'राजभाषा हिंदी' पर अच्छी लगी. हरेश कुमार जी की रचना आज का सच है.

    धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  5. दिवंगत दिनेश जी को श्रद्वांजलि
    बढिया चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति.आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर अंदाज़ आपका चिरपरिचित चर्चा का ...
    शुक्रिया मुझे भी शामिल करने का ...

    जवाब देंहटाएं
  8. स्‍वगीय दिनेश सिंह जी को मेरी विनम्र श्रद्धॉंजलि!

    जवाब देंहटाएं
  9. सार्थक चर्चा प्रस्तुति.

    मेरे ब्लॉग पोस्ट "आप इस सन्देश को आगे भेजे जिससे अधिक से अधिक लोग इस प्रोगाम को देख सके " को शामिल करने के लिए आपका आभार

    और
    एक भूल सुधर सुचना
    कल की पोस्ट मेने बताया था.... उसे इस प्रकार पढ़े
    श्री ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज जी का चातुर्मास व्रत ब्रह्म सरोवर(आसोतरा में ब्रम्हाजी मंदिर जिला बाडमेर राजस्थान ) आरंभ हो गया है और इस दौरान कथावाचक ब्रह्मचारी श्री ध्यानाराम वेदांताचार्य की ओर से श्री मद् भागवत कथा का वाचन किया जाएगा! जिसका सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर किया जाएगा! प्रसारण 24 से 30 सितम्बर 2012 सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक किया जाएगा !


    आप सभी पधार कर अपने जीवन को सफल बनावे और इस महान दिन का आनंद ले.... सुगना फाऊंडेशन-मेघालासिय जोधपुर
    अधिक जानकारी के लिए
    www.rajpurohitsamaj-s.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं
  10. आकर्षक और सुन्दर चर्चा....आपका अंदाज तो निराला है ही...

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  11. दिनेश जी को श्रद्धांजलि !!!

    ़़़़़़
    मैने कह दिया था मैने ही लिखी है
    उसने माना क्यों नहीं की लिखी है ।
    ़़़़़

    जवाब देंहटाएं
  12. There must be a provision for AWARDS
    for three best writers .It will encourage the writers.

    जवाब देंहटाएं

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