आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
ब्राड बैंड कई दिनों से नाराज है इसलिए नेट से दूर था लेकिन चर्चा तो लगानी ही थी नेट सेटर की धीमा गति में संक्षिप्त सी चर्चा लगा रहा हूँ
चलते हैं चर्चा का ओर
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उच्चारण
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हिंदी हाइगा
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यूनीक बलॉग
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ज्ञान दर्पण
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मैं और मेरी कविताएँ
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न दैन्यं न पलायनम्
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राजभाषा हिंदी
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अविनाश वाचस्पति
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एक ब्लॉग सबका
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ज़ील
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बेचैन आत्मा
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सुरभित सुमन
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आकांक्षा
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स्वपन मेरे
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असुविधा
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काव्य मंजूषा
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त्रिवेणी
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अंत में है
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आज के लिए इतना ही
धन्यवाद
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नेट की समस्या तो आजकल सभी जगह आ रही है |इस कारण कुछ तो सफर करना ही पडता है |खैर पढने को मटीरियल तो मिल गया है |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
संक्षिप्त ही सही पर अच्छे सूत्र लायें हैं हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंपहला लिंक
जवाब देंहटाएंहाइगा के संग
पोस्ट का शतक
कुदरत के रगं
--
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
तीसरा लिंक
जवाब देंहटाएंएम.एस.-13 बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने।
शुक्रिया...
एक ब्लॉग सबका
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के गुर
पूरे विषय को पढ़कर, विभिन्न ब्लॉग पर, 10-12 अच्छी टिप्पणी
करने के बाद एक आभार भी वापस नहीं मिलता तब दुःख होता है ।।
अर्थ टिप्पणी का सखे, टीका व्याख्या होय ।
ना टीका ना व्याख्या, बढ़ते आगे टोय ।
बढ़ते आगे टोय, महज कर खाना पूरी ।
धरे अधूरी दृष्टि, छोड़ते विषय जरुरी ।
पर उनका क्या दोष, ब्लॉग पर लेना - देना ।
यही बना सिद्धांत, टिप्पणी चना-चबैना ।।
सुरभित सुमन
जवाब देंहटाएंनारी को दें सम्मान
हमारी शुभकामनाएं --
आज भारतीय नारी ब्लॉग पर यह टिपण्णी पोस्ट की है -
एक बेटी NIT दुर्गापुर से बी टेक है-
दूसरी झाँसी से कर रही है-
आगे बढ़ें नारियां -
सादर ||
उबटन से ऊबी नहीं, मन में नहीं उमंग ।
पहरे है परिधान नव, सजा अंग-प्रत्यंग ।
सजा अंग-प्रत्यंग , नहाना केश बनाना ।
काजल टीका तिलक, इत्र मेंहदी रचवाना ।
मिस्सी खाना पान, महावर में ही जूझी ।
करना निज उत्थान, बात अब तक ना बूझी ।।
आज के लिए इतना ही
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबाग विर्क
अच्छा हो कम हो !
बेहतरीन !
़़़़़़
मुझे लग रहा था
बस मेरा खोया है
अच्छा तो तेरा
भी खोया है
पता नहीं किस
किस का खोया है
लेकिन खो गया है
गाँव कस्बा और शहर
किसे पड़ी है लेकिन
क्योंकि अभी तक
ना तो अखबार में
ये खबर आई है
ना ही किसी ने
थाने में कोई
एफ आई आर
ही कराई है !!
अंत में है
जवाब देंहटाएंदिनेश की दिल्लगी
दिनेश की दिल्लगी
कहाँ अंत में होती है
जहाँ होती है उस
जगह का अंत होती है
कुछ भी लिख ले जाये
कोई इसकी नजर से
कहाँ बच पाती है
दिख गया रविकर को
फिर चीर फाड़ करके
पोस्ट मार्टम कर के
कलम ले ही जाती है
रविकर की लेखनी
छू गयी जिस लिखे को
फिर ना दिल होता है
ना लगी होती है
दिल की लगी होती है
दिल्लगी हो जाती है !
त्रिवेणी
जवाब देंहटाएंमाहिया
वो लिखती है
छोटा सा कुछ
बहुत बड़ी चीज
समझाती है !!
काव्य मंजूषा
जवाब देंहटाएंशादी की शर्त
सम्बल साथ का
जितना मजबूत होगा
आदमी तेरा तभी तो
कुछ वजूद होगा !
असुविधा
जवाब देंहटाएंउम्मीद तो उम्मीद है
बहुत सुंदर !
लेखक और समीक्षक
दोनो बधाई के पात्र हैं
चुप कहाँ रहा जाता है
तभी तो ब्लाग बनाता है
किताब बनाता है
वहाँ देखता है
यहाँ आ जाता है
सब कुछ बताता है
सुनने के लिये
पढ़ने ले किये
कोई कोई आ पाता है
उस कोई में से भी
कोई कोई कुछ
लिख जाता है !
स्वपन मेरे
जवाब देंहटाएंचिंतन
बहुत सुंदर !
पर एक जिज्ञासा है :
यही हो रहा अगर
कर रहा पर लागू
कर दिया जाये
और करने वाले को
करने दिया जाये तो?
आकांक्षा
जवाब देंहटाएंआदत सी हो गई है
सुंदर !
सुरभित सुमन
जवाब देंहटाएंनारी को दें सम्मान
आशावान हैं हम आज
आप सब भी हो जाइये
नासमझों को प्यार से समझाइये
वैसे समय अपने आप
भी बदल रहा है
हमारा तो भाई सब कुछ ही
पैदा होने लेकर आज तक
नारी के होने से ही चल रहा है!
charcha mein bahut acche link mile hain...
जवाब देंहटाएंsab padh nahi paaungi, yahan aadhi raat ho chuki hai..kal dekha jaayega..
Sushil ji ki jhalkiyon ki jhadi bahut pasand aayi.
aap dono ko hriday se dhanywaad..
बेचैन आत्मा
जवाब देंहटाएंमन आनंद से भर गया
वास्तव में दिमाग की
एक अवस्था ही तो है
जैसा चाहो बना लो
दुख : में भी सुखी
हुआ जा सकता है
और सुख में भी दुखी !!!
मैं और मेरी कविताएँ
जवाब देंहटाएंतू गुमान है मेरा...
तू चल देख अब मंजिल करीब है
अपने ही हाथों लिखना अपना नसीब है
बुलंद होंसले और मजबूत इरादे लिए काफी कुछ गहराई में लिखा है इस रचना में.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
ज़ील
जवाब देंहटाएंटॉक इन इंग्लिश
हमारा चलना बोलना
बैठना खाना पहना भी
जब इंग्लिश में ही
अब सब होने लगा है
तो मैडम ने क्या गलत
बच्चे से करने को कहा है?
एक ब्लॉग सबका
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के गुर
टिप्प्णी करने के
मिलने लगेंगे
अगर पैसे
तब बताओ
आमिर कौन
करेगा टिप्पणी
और करेगा कैसे ?
फिर तो लोग सब काम धाम छोड़कर टिप्पणियां ही करते रहेंगे ,
हटाएंऑन लाइन और ऑफ लाइन इसी से पैसे कमाते रहेंगे.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
आकांक्षा
जवाब देंहटाएंआदत सी हो गई है
आदत जो पड़ गयी है
हाथ में कप चाय का ले
सुबह अखबार पढने की |
जब भी दिल से लिखा जाता है तो ऐसी ही रचना बन जाती है.मै सिर्फ इतना ही लिख रहा हूँ ,की इसके लिए कुछ अलफ़ाज़ नही हैं की क्या लिखूं ?
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
अविनाश वाचस्पति
जवाब देंहटाएंचुप्पी बदनाम हुई
फेसबुक हो या कोई और बुक
सबका होगा एक ही सा लुक
बाबा जी समझा करते नहीं आप
ये सब भी तो आ रहे हैं वहीं से
जहाँ रहते है हम ये और आप
कंप्यूटर कोई पारस पत्थर है क्या
जो ये यहाँ आ कर सोना बन जायेगे
जो जैसा होता है वहाँ भी होता है
यहाँ आता है तो वैसा ही यहाँ भी होता है
वहाँ मुह खोलता है बोलता है कौन है बताता है
यहाँ कुछ नहीं लिखता इसलिये ज्यादा पता
कुछ नहीं चल पाता है पर कहीं गलती से भी
चूक कर एक शब्द भी कहीं लिख जाता है
तो अपनी पोल अपने आप खोल ही जाता है !
ज़ील
जवाब देंहटाएंटॉक इन इंग्लिश
जहाँ हिंदी हमारी भाषा है वहीँ पर इंग्लिश वक्त की जरुरत.पर आज ऐसा लगता है की हमने अपनी भाषा पर अपनी जरुरत को ज्यादा अहमियत दे दी है.तभी तो हिंदी फिल्मो में काम करने वाले अभिनेता भी ,असल जिन्दगी में इंग्लिश बोलते नज़र आते हैं.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
काव्य मंजूषा
जवाब देंहटाएंशादी की शर्त
चाह संग हमराह जहाँ, हैं वहीँ निकलती राहें |
डाह मगर गुमराह करे, बस बरबस बाहर आहें |
प्रतिस्पर्धी नही युगल ये, पूरक अपने सपने के-
पले परस्पर प्रीति पावनी, नित आगे बढ़ें सराहें ||
अच्छे लिंक्स से सजी चर्चा...हिन्दी हाइगा शामिल करने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स...
जवाब देंहटाएंअब तो इन्टरनेट के बगैर सब सूना सूना लगता है !
कम हो पर अच्छा हो कि तर्ज पर खूब सजाया आपने । वर्ड 2013 की जानकारी काफी महत्वपूर्ण थी
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स...
जवाब देंहटाएंवाह...बेहतरीन चर्चा....उस पर से सुशील और आमिर जी की उम्दा टिप्पणियां...गजब !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा....
जवाब देंहटाएं