सुप्रभात दोस्तों राजेश कुमारी की आप सब को नमस्कार |आप सब का दिन मंगलमय हो
मनोजवंमारुतुल्य्वेगम जितेन्द्रियं बुधिमताम वरिष्ठं |
वातात्मजं वानरयूथमुख्यम श्रीरामदूतं शरणम् प्रपध्ये||
श्री हनुमत वंदना के साथ चलिए आप सब के सुन्दर-सुन्दर ब्लोग्स पर चलें
सोमवार की चर्चा में सबसे अधिक टिपण्णी कर सुशील जी सबसे आगे हैं किन्तु वो इसी हफ्ते बेस्ट टिप्पणीकार घोषित हुए हैं इस लिए मैं दूसरे सर्वश्रेष्ठ टिप्पणीकार धीरेन्द्र जी को घोषित करना चाहती हूँ उनकी टिपण्णी बहुत पसंद आई मैं उनकी टिपण्णी से बहुत प्रभावित हुई हूँ अतः धीरेन्द्र जी को सोमवारीय चर्चा का सर्वश्रेष्ठ टिप्पणीकार घोषित कर रही हूँ इनके विषय में बर्तमान में (म.प्र.) के जिला-अनुपपुर में किसान कांग्रेस कमेटी का जिलाअध्यक्ष, हूँ शेष कुछ खास नहीं... मोबाइल-9752685538|
काव्यांजली इनके ब्लॉग का नाम है
अब चलते हैं चर्चा की ओर
मोहब्बत नामा
काव्यांजली इनके ब्लॉग का नाम है
अब चलते हैं चर्चा की ओर
मोहब्बत नामा
- *आज फिर ख्यालों की रात बहुत गहरी है ...
बीमारी –
- आ गयी बदरिया
नमस्कार, -
http://archive.org/download/ShabdonKiiChaakPar04/ShabdonKiiChaak04.mp3और अंत में सुनिए मेरी कवितायेँ जिसमे मुझे सरताज कवि का खिताब दिया गया रेडियो में अनुराग शर्मा और अभिषेक ओझा जी की आवाज में
इसी के साथ आज की चर्चा समाप्त करती हूँ आशा है आपको पसंद आएगी फिर मिलूंगी तब तक के लिए शुभविदा
****************************************
बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआ.धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी को बधाई!
अति सुन्दर, मनभावन, प्रभावशाली चर्चा।
जवाब देंहटाएंचर्चा-मंच के सभी आयोजक निःसंदेह बधाई
के पात्र हैं।
मेरा उनको नमन।
आनन्द विश्वास।
मेरी भी धीरेन्द्र को, परम बधाई मित्र |
जवाब देंहटाएंरचना पर जो खींचते, मार कुंडली चित्र |
मार कुंडली चित्र, आज चर्चा के तेवर |
गरम जलेबी साथ, कचौड़ी मिष्टी घेवर |
दीदी दूँ आभार , परिश्रम साफ झलकता |
एक एक कर पेज, अभी मैं चला पलटता ||
अनुराग और अभिषेक की , मनभावन आवाज है |
जवाब देंहटाएंदीदी के सुन्दर गीतों का , यह भी तो इक राज है
भाव अनोखे स्वर लहरी भी , सरल सरस बहती जाती -
शब्दों का सु-तारतम्य है , इसीलिए सरताज है ||
बहुत सुन्दर चर्चा .
जवाब देंहटाएंThanks.
वाह...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स...एक के बाद एक ..लगातार....शानदार....
शुक्रिया
अनु
1. Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून: कार्टून
जवाब देंहटाएंकाजल जी
श्रीमान जी को श्रीमती जी से डाँठ खिलवा रहे हैं
आडिट में पोस्टिंग करवाने का नुकरान झिलवा रहे हैं
सुंदर कार्टून !!
रोचक चर्चा सूत्र..
जवाब देंहटाएंhttp://archive.org/download/ShabdonKiiChaakPar04/ShabdonKiiChaak04.mp3
जवाब देंहटाएंसुरीली आवाजों में मनभावन कविताऎं !!
3. कुछ अलग सा
जवाब देंहटाएंराजनीति अबूझ खेलों का गढ है। यहां के खिलाडी "जर्सी" किसी की पहनते हैं, मन से किसी और की तरफ होते हैं और "गोल" किसी और के लिए करते हैं।
राजनीति ही नहीं अब आम जीवन में भी अपना रहा है
आदमी घर में भी राजनीति करने में कहाँ शरमा रहा है?
कुछ अलग सा
जवाब देंहटाएंजब अन्दर की बात भी, सार्वजनिक हो जाय ।
विश्वस्तों की कमी से, रानी मन अकुलाय ।
रानी मन अकुलाय, पूत तो प्यारा लागे ।
चूक निशाना जाय, देर से दादा जागे ।
रविकर की कामना, राष्ट्रपति पद की गरिमा ।
अक्षुणता बढ़ जाय, बढे भारत की महिमा ।।
4 काव्य वाटिका
जवाब देंहटाएं- आ गयी बदरिया
बहुत सूदर भाव कविता में लाई हैं
कविता बदरिया ले कर आई हैं ।
"उल्लूक टाईम्स "
जवाब देंहटाएंअन्दर का बन्दर जबर, उछल कूद में तेज |
तोड़-फोड़ के फेंकता, जो भी रखो सहेज |
जो भी रखो सहेज, हुई सब शोक वाटिका |
खेलो पर्यावरण, सार्थक एक नाटिका |
रविकर का जब स्वार्थ, करे कुल बाग़ सफाचट |
करे अन्यथा वाद, धूप-पत्ता पर खटपट ||
5 हास्यफुहार
जवाब देंहटाएंबीमारी –
बीबी का बोलना अगर सुनाई ना दे
खतरे की घंटी क्या नहीं बजे
पर यहाँ तो अलग माजरा है
अल्लाह की रहमत डाक्टर बता रहा है ।
6.कैसी है मेरी प्रियतमा... –
जवाब देंहटाएंसबसे सुंदर सबसे प्यारी है
सुधीर की प्रियतमा !!!!
अभिव्यंजना
जवाब देंहटाएंआओ खेले बचपन- बचपन –
नाख़ून गड़ा के चलें, चिकनी मिटटी खूब ।
कीचड़ में फिर भी सनें, मैया जाती ऊब ।
मैया जाती ऊब , नालियाँ नहर बनाते ।
छींक-खाँस हलकान, फिर भी बाज न आते ।
तालाब किनारे जाय, खाय भैया का झापड़ ।
वापस आ के खाय, पकौड़ी हलुआ पापड ।।
7. पूर्वाभास
जवाब देंहटाएंकवि दिनेश सिंह के पांच नवगीत - *दिनेश सिंह *
अवनीश लायें है बहुत सुंदर नवगीतों का पिटारा
दिनेश सिंह जी को श्रद्धाँजलि इससे अच्छी क्या होगी ।
8 My Expression
जवाब देंहटाएंगंगोत्री चलें
निशा जी ने बहुत सुंदर
चित्र ब्लाग पर लगाये हैं
हम घर बैठे बैठे गंगोत्री
जैसे अभी हो के आये हैं ।
9 इधर-उधर
जवाब देंहटाएंपूछे कौन समंदर से तुझमें कितनी गहराई है –
दिल टूटा, अश्क बहाए, खुशियाँ रूठी औ' गम पाए
इश्क किया था हमने , कीमत इसकी विर्क चुकाई है |
बाग बाग हो जिसका दिल उसका दिल टूटा
पता हमें लगा आज देर से कि किसका टूटा ।
!!๑۩۞۩๑अंतर्मन के भावों से๑۩۞۩๑!!
जवाब देंहटाएंमैं बदलते युग का उत्थान हूं -
बहुत अच्छा लिख रहें हैं
मन से अक्षय मन !!!
परिकल्पना
जवाब देंहटाएंप्याज और प्यार
दिव्य साम्यता दिख रही, सब्ज-बाग़ सद-प्यार ।
सूक्ष्म-दर्श कर लीजिये, परतें-परत उतार ।
परतें-परत उतार, चलो क्यारी में बो लें ।
धरा जरा उर्वरा, गाँठ बण्डल का खोलें ।
प्रेम-नीर से सींच, प्याज फिर बड़ा उगेगा ।
दूर करो पतवार, बहुत ही नीक लगेगा ।।
11 लालित्यम्
जवाब देंहटाएंपांचाली 49 & 50
प्रतिभा जी की प्रतिभा है
कितनी आसानी से सिखा रही हैं
महाभारत के गहरे सागर में
देखिये कैसे हमको तैरा रही हैं ।
बहुत सुंदर !!
12. उच्चारण
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी की कलम से एक और खूबसूरत रचना
करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।
रचना बिन अस्तित्व अधूरा लगता है।।
13. Amrita Tanmay
जवाब देंहटाएंसबकी अपनी मर्जी.
सबकी अपनी मर्जी
सबका अपना ढंग
कोई मारे सीटी
कोई फोड़े मृदंग
बहुत सुंदर रचना !
14. राजभाषा हिंदी
जवाब देंहटाएंकुरुक्षेत्र ... सप्तम सर्ग .... भाग - 8 / रामधारी सिंह दिनकर –
संगीता जी की बहुत सुंदर प्रस्तुति
वाकई लाजवाब !
बेहतरीन और खुबसूरत लिनक्स के लिए राजेश कुमारी जी को बधाई.और ढेर साड़ी शुभकामनायें.और धीरेन्द्र जी को बेस्ट टिपण्णी कार घोषित करने के लिए इनको खूब खूब बधाई.और मेरे साथ ''सुरों के सरताज किशोर कुमार '' को याद करने के लिए चर्चा मंच का आभार.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
15.हरकीरत ' हीर'
जवाब देंहटाएं- *आज फिर ख्यालों की रात बहुत गहरी है ...
बस एक हत्या है
एक मौत है
एक खंडहर है
उसका गिला नहीं है
उनके और उनके उनके पास
लेकिन सब बहुत अच्छा सा है !
16 गांधी और गांधीवाद-124
जवाब देंहटाएं1905
ज़ुलू-विद्रोह घायलों की सेवा
मनोज जी का अपना अलग अंदाज है
गाँधी जी पर एक अलग कोण से प्रकाश डालती खूबसूरत रचना !
धीरेन्द्र जी को बधाई..सुन्दर चर्चा सार्थक लिक्स..मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए आभार..राजेश जी..
जवाब देंहटाएं17, पंजाबी लघुकथा
जवाब देंहटाएंबाहर का मोह –
पंजाब की है कथा
पर पूरे देश की है
यही व्यथा !
दीदी की कवितायेँ ,
जवाब देंहटाएंअनुराग की आवाज ,
इसी लिए इनको मिला ,
कवियात्री का ताज.
गहराई को इनकी कोई समझ क्या पाए ,
इन्ही रचनाओं ने इन्हें बनाया सरताज.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
18.Anand Vishvas
जवाब देंहटाएं‘श्री क्षय पारो’ - *‘**श्री क्षय पारो**
बहुत सुंदर बाल कथा ।
19. बत्तियां बुझाओ शीशमहल की
जवाब देंहटाएंबत्तियां बुझाओ शीशमहल की
श्यामनारायण मिश्र
इतने सुंदर भावों से रुबरू करवाने के लिये मनोज जी का आभार !
बेस्ट कमेन्टर का खिताब मिला ,
जवाब देंहटाएंधीर को मुबारक हो.
चर्चा मंच का चर्चा ताज ,
धीर को मुबारक हो.
आज इनको चर्चा मंच पर जो सराहना मिली,
मै काफी ब्लोगों पर गया इन्ही की टिप्पणियां मिली.
कवी होने के साथ साथ ये एक अच्छे इंसान हैं ,
हर कवी और शायर का ये करते सम्मान हैं.
चर्चा मंच ने इनको दिया एक नया खिताब है ,
आमिर की जानिब से भी धीर को मुबारक हो.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
20 सिंहावलोकन
जवाब देंहटाएंग्राम-देवता - *आस्था के
राहुल जी का एक सार्थक लेख
आस्था के आदिम बिन्दुओं पर सभ्यता का आवरण और संस्कृति का श्रृंगार
एक दो की क्या चर्चा करूं ,
जवाब देंहटाएंमुझे तो चर्चा मंच की हर चर्चा अच्छी लगी.
हर चर्चा अच्छी लगी और चर्चा मंच अच्छा लगा.
रोज नये लिंकों से सजा चर्चा मंच अच्छा लगा.
सोमवार को गाफिल का हर अंदाज़ अच्छा लगा.
तो मंगलवार को दीदी की हर चर्चा अच्छी लगी.
बुधवार को रविकर जी की भी भला क्या बात है ,
गुरूवार को दिलबाग ने दिल बाग़ बाग़ कर दिया ,
शुक्रवार को फिर रविकर अपना कमाल दिखला गये ,
शनिवार को आये मयंक ,बस आते ही छा गये.
रविवार को फिर मयंक चर्चा मंच सजा गये.
इतने सारे कवी मिलकर चर्चा मंच सजाते हैं ,
कौन भला ना आएगा ये लिंक इन्हें बुलाते हैं.
आमिर तो अक्सर यहाँ आता जाता रहता है ,
पूछा की वो क्यूँ ? तो बोला ''चर्चा मंच अच्छा लगा ''
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
21 "निरंतर" की कलम से.....
जवाब देंहटाएंबेचैनियाँ इतनी मिली ज़िन्दगी में
वाकई लग रहा है
कहीं बैचेनियाँ हैं ।
वाह जी बढ़िया है
जवाब देंहटाएंआज तो आमीर भी दौड़ रहे हैं साथ साथ चर्चामंच कि टिप्प्णियां पहुंचेंगी शतक के आस पास ।
जवाब देंहटाएं23. याद-पुरानी यादों की गठरी से
जवाब देंहटाएंफूलों की पांखुर से फ़िसक रही शबनम सी
साज की मुंडेरों पर थिरक रही सरगम सी
बहुत खूब लिखा है गीत !
डा0 टी एस दराल सिखा रहे हैं
जवाब देंहटाएंअंतर्मंथन में
फोटो खींचना ही नहीं , खिंचवाना भी एक कला है ---
वाकई हमारी फोटो भी कभी बहुत अच्छी आ जाती है
ताज्जुब होता है जब गधे को घोड़ा दिखाती है ।
25.स्वास्थ्य-सबके लिए
जवाब देंहटाएंबच्चे के जन्म के बाद वज़न से निज़ात कैसे पाएं?
बहुत उपयोगी जानकारियाँ समेटे हुए है यह ब्लाग स्वास्थ्य पर !!!
26.ज्ञान दर्पण
जवाब देंहटाएंभाग्य में जो लिखा वो मिला : कहानी - एक राजा के दो
चल रही है अभी बची है एक रोचक कथा
अगले अंक का इंतजार है ।
27.
जवाब देंहटाएंमैं आपसे मिलना चाहता हूं
कण-कण में भगवान : एक कण खोज कर खुश है इंसान - मिलाप हिंदी 9 जुलाई 2012 'बैठे ठाले' स्तंभ में प्रकाशित –
बहुत ही सुंदर
भगवान आ गये कण में
खुश है भगवन अविनाश जी !!!!
28. चलते -चलते ....
जवाब देंहटाएंप्रदूषण ही प्रदूषण –
सार्थक आलेख
अभी युवा में
है बची सोच की
सही दिशा ।
29.उन्नयन (UNNAYANA)
जवाब देंहटाएंप्रत्यार्पण
उदयवीर जी का कहना
अजी क्या कहना
दिल को छू लेने वाला
गड़ते जाते हैं एक एक गहना ।
30 नीम-निम्बौरी
जवाब देंहटाएंडा।. अनवर विवाद / रविकर क्षमा-प्रार्थी : मेरे द्वारा डाला गया घी देखिये, जिसने आग भड़काई
रविकर घी डाल के आया था
अब पानी ले के आया है
अच्छा किया मित्र ने
क्षमा माँग कर समय से
पहले आग को बुझाया है ।
31
जवाब देंहटाएंनीचे के लिंको से टिप्पणी करता हुआ आ रहा था
रविकर को ऊपर से आता हुआ पा रहा था
बीच में ही छोड़ कर चला गया लगता है
बोला भी नहीं कि घर का राशन लेने जा रहा हूँ ।
32.
जवाब देंहटाएंखामोश दिल की सुगबुगाहट...shekhar suman...
शुक्रिया ज़िन्दगी.
शुक्रिया शेखर सुमन !!
लिखते रहो ऎसे ही !!!!
33 मधुर गुंजन
जवाब देंहटाएंसावधान...कहीं कुछ चीजें चुपके से प्रवेश तो नहीं कर रहीं
ऋता शेखर 'मधु'
खूबसूरत !!
चुपके चुपके कुछ भी ले आईये दे जाइये
पर कम से कम मौत को तो ना बुलाईये।
34.
जवाब देंहटाएंपरिकल्पना
प्याज और प्यार में तुलना
अरे वाह !
दिल प्याज बना दिया
कोई क्यों काटने लगा अब दिल को
आँसू लाने के लिये ?
दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगी
जवाब देंहटाएंफैले फ्लू अतिसार, बड़ी बीमारी रविकर
रचना पर रचना गढ़ता है
रविकर है कविकर है
कहीं किरण पहले पहुँचाता है
कहीं छंद गीत और कविता।
36.
जवाब देंहटाएं******दिशाएं******
क्या करें........ - इक दिन
परमजीत सिंह बाली
सुंदर रंग भर रहे हैं
जिंदगी में।
37.
जवाब देंहटाएंआओ खेले बचपन- बचपन
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
मन कर रहा है पढ़कर
यूँ ही चल दिया जाये
कहीं खेलने बचपन बचपन ।
प्रोफ़ेसर लेता गया, लम्बी लम्बी क्लास |
जवाब देंहटाएंलेजर में भी है जमा, आये रविकर रास |
आये रविकर रास, "आस्था ग्राम-देवता" |
महत्त्वपूर्ण अभिलेख, "प्रदूषण" श्रेष्ठ "अमृता" |
सब को पढता जाय, बड़ा जोशीला "गुंजन" |
रविकर करे सलाम, परिश्रम का भी वंदन ||
38.
जवाब देंहटाएंVyom ke Paar...व्योम के पार
वो भी कोई स्कूल हुऎ जहाँ
छुट्टिया नहीं होती
भारत में तो स्कूल
चले जा कर भी हो जाती है
छुट्टी जब चाहो।
39.
जवाब देंहटाएंदास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की )
नैनों के अनोखे रूप
अरूण को जरूरत है
शंखपुष्पी की
दो चम्मच दिन में तीन बार
सब भूल आ रहे हैं फिर
कविता लिख लिख कर
बता रहे हैं ।
40,
जवाब देंहटाएं़़़़़़़़़़़़़़़़
"उल्लूक टाईम्स "
"सावन / बादल / बरसात " - *बादलों में भी हिस्सा
़़़़़़़़़़़़़़़़
पता नहीं ऊल्लूक
का निठल्ला चिंतन
यहां क्यों ले आते है
कुछ आदमी का लिखा
हुआ लोगों को क्यों नहीं
ला कर दिखाते हैं ।
41.
जवाब देंहटाएंघुमक्कड़ यात्री
गुप्ता जे बहुत अच्छा घुमा रहे हैं
बहुत सुंदर फोटो खींच कर ल रहे हैं ।
42.
जवाब देंहटाएंसूरों के सरताज ''किशोर कुमार ''
किसी भी युग में रहेगा गायकों में सरताज !
43,
जवाब देंहटाएंऔर अंत में :
श्रीमती राजेश कुमारी जी का तहे दिल से आभार कि बडी़ मेहनत के साथ सुंदर सुंदर लिंक्स वो छांट कर लायी और चर्चामंच में लाकर के सजायीं ।
सुशील जी रविकर जी आमिर दुबाई जी और सभी टिपण्णी कारों को बहुत बहुत हार्दिक आभार आप लोगों के कारण ही चर्चामंच नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है पाठकों की संख्या बढ़ रही है और रोचक होता जा रहा है
जवाब देंहटाएंआज तो चर्चामंच की साजसज्जा निराली है...मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार...लिंक पर दी गई टिप्पणी के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंकाफी लिंक्स मिल गए.
जवाब देंहटाएंश्रीमान् धीरेन्द्र जी को सोमवारीय चर्चा का उत्कृष्ट टिप्पणीकार का सम्मान पाने की हार्दिक बधाई!...राजेश कुमारी जी आपने क्या सुन्दर चर्चा सजाई वाह!
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा .मुबारक सभी लिंक्स और लिंक्स ब्लोगियों को.
जवाब देंहटाएंआभार स्वीकार किया जाए।
जवाब देंहटाएंचर्चा के लिए आभार ....
जवाब देंहटाएं'सरताज' ख़िताब की आपको बधाई ...!!
बेहतरीन लिंक्स...अति सुन्दर चर्चा ..आपका आभार..
जवाब देंहटाएंमहेश्वरी कनेरी जी की पोस्ट पर,,,,
जवाब देंहटाएंवो कागज की नाव,और बरसता पानी,|
सिर्फ यादे रह गई,रह गई याद कहानी,|
रहगई याद कहानी,कागज की नाव बहाते
मित्रों के संग भीगते, और मौज मनाते
आज इस पडाव पर,उलझन ही उलझन|
क्या दिन थे जब खलते बचपन बचपन
बधाई, आपकी मिली, मिला स्नेह अपार
जवाब देंहटाएंआप सभी लोगों का, बहुत-बहुत आभार
नेट भी नाटक कररहा,बिजली से परेशान
जवाब देंहटाएंइसीलिये नहि मंच पर पहुचा मै श्रीमान
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..आभार
जवाब देंहटाएंहास्य फुहार पोस्ट पर,,,
जवाब देंहटाएंअदा कीजिये खुदा का,आपको मिली रहमत
बीबी की बाते सुन लेते, आ जाती शामत ,,,,,
सुशील जी और धीरेन्द्र जी को बहुत बधाई ,इनकी और रविकर जी की टिप्पणियाँ स्वयं में एक नई रचना का आनन्द दे कर स्वाद दूना कर देती है .
जवाब देंहटाएंराजेश जी ,आपका परिश्रम हम-लोंगो को फल जाता है .चुनी हुई रचनायें पढ़ने का सुख! आपका आभार ,पांचाली को चुनने के लिये भी!!
बहुत सुन्दर लिंक, मेरी पोस्ट 'कैसी है मेरी प्रियतमा' को शामिल करने के लिए धन्यवाद....
जवाब देंहटाएंलाजवाब!
जवाब देंहटाएंचर्चामंच की इस चर्चा को सफलतम बनाने के लिए सभी मित्र गणों का आभार टिप्पणियों ने तो रकार्ड ब्रेक कर दिया
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर चर्चा मेरा ब्लॉग शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएं