Followers



Search This Blog

Thursday, July 12, 2012

बीता जनसंख्या दिवस ( चर्चा - 938 )

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
11 जुलाई को जनसंख्या दिवस था , भारत में जनसंख्या एक प्रमुख समस्या है , ऐसे में कितना अहम् है यह दिवस, यही विचारणीय है ।
चलते हैं चर्चा की ओर
आज फिर से नम्बर एक टिप्पणी दाता रहे,
आदरणीय सुशील जोशी जी!

मेरा फोटो
ये Almora, Uttarakhand, भार में कुमायूँ विश्वविद्यालय में भौतिक-रसायन विभाग में कार्यरत हैं। इनका ब्लॉग है- "उल्लूक टाईम्स "...इन्होंने बुधवार की चर्चा में लगाए गये सभी लिंकों पर महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ की हैं। चर्चा मंच की ओर से आपको शुभकामनाएँ और धन्यवाद!
***
राम राम भाई 
***
उच्चारण 
नई  कलम - उभरते हस्ताक्षर 
त्रिवेणी 
***
कम्प्यूटर दुनिया 
सोने पे सुहागा 
***
क्रिएटिव मंच 
***
मोहब्बत नामा 
***
प्रेमरस.काम 
देह व्यापार का घृणित जाल 
***
प्रसून 
गजल कुञ्ज 
***
दस्तांने -दिल 
*** 
सुरभित सुमन 
***
ख्वाबों के दामन से 
फिर तुम्हारी याद 
***
साहित्य सुरभि 
***
हिंदी हाइगा 
***
आधा सच 
***
मेरा सरोकार 
आम आदमी कौन है ?
***
आज की चर्चा में बस इतना ही 
धन्यवाद 
दिलबाग विर्क 

*************************

111 comments:

  1. व्वस्थित चर्चा...पठनीय सूत्र...हिंदी हाइगा शामिल करने के लिए आभार !!

    ReplyDelete
  2. सिर्फ अभी विहंगावलोकन किया है चर्चा में स्थान पाए सेतुओं का ,पढ़ना बकाया है .शीर्षक खासे ललचाऊ हैं .बधाई .
    ram ram bhai
    बृहस्पतिवार, 12 जुलाई 2012
    घर का वैद्य न बनें बच्चों के मामले में
    घर का वैद्य न बनें बच्चों के मामले में
    http://veerubhai1947.blogspot.de/

    ReplyDelete
  3. बढ़िया चर्चा।
    खास आदमी पूछता, आम आदमी कौन।
    खास-खास को पूछते, आम हो रहा गौण।।

    ReplyDelete
  4. अच्छे पठनीय सूत्र ...!!
    अच्छी चर्चा ...!!
    शुभकामनायें..!

    ReplyDelete
  5. (1)
    दिलबाद अपने ही अंदाज
    में चर्चा लगाता है
    अभार कहना ही है
    जब ऊल्लूक को भी
    सबसे पहले टाँक जाता है
    फिर से फोटो लगी हुई
    ऎसी लग रही है
    जैसे कोई वान्टेड
    हो जाता है ।

    ReplyDelete
  6. (2)
    "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१
    नयन ही नयन
    बहाये हैं
    उलझाये नहीं
    उसी से सुलझाये हैं
    दिलबाग किस नयन
    में जाके तैर आये हैं
    बस यही तो नहीं
    वो बताये हैं ।

    ReplyDelete
  7. सरकारें तो आती जाती, यह किस्सा बड़ा आलमी है |
    सकारात्मक रहें हमेशा, खाम -ख्याल जालिमी है ||
    संसाधन जोखिम की कुव्वत , हो निवेश मुस्तैद दिमाग-
    झटके सहने की ताकत भी, होना बहुत लाजिमी है ।

    ReplyDelete
  8. (3)
    मेरा सरोकार
    आम आदमी कौन है ?

    जो नौ में हो ना तेरह में
    वो ही तो आम आदमी होता है
    रेखा जी का आलेख बहुत
    सटीक बातें कहता है ।

    ReplyDelete
  9. दोहे लगते *दोहली , गुरुवर का आभार ।
    शोक मिटे इस वाटिका, आओ बारम्बार ।
    *अशोक वृक्ष

    ReplyDelete
  10. आधा सच
    जानिए नेताओं का पूरा सच
    महेन्द्र जी का जवाब नहीं
    बहुत सटीक आलेख हे
    आधा नहीं पूरा सच दिखाया है
    मुझे नहीं लगता है कि काँग्रेसी
    मानसिकता की बात जहाँ तक उठती है
    उससे इस देश का कौन नेता
    कौन वोटर बच पाया है
    जहाँ मौका मिला हर किसी ने
    इसी मानसिकता को भुनाया है ।

    ReplyDelete
  11. स्वप्न मेरे...
    भगवे हरे रंग का नाम हो भारत

    बढ़िया कल्पना

    इन्द्रधनुष ।

    बने हकीकत ।।



    बेगाने बैगनी को, नीला भी समुदाय ।

    लाल रक्त से खेलता, पीला को अपनाय ।

    पीला को अपनाय, भला जीवन नारंगी ।

    आसमान का रंग, हरा भगवा भी संगी ।

    मेरे तेरे स्वप्न, चले जो सरपट चक्का ।

    निर्मल शुद्ध सफ़ेद, सहे न भारत धक्का ।।

    ReplyDelete
  12. (5)
    हिंदी हाइगा
    गूंजी है झंकार हाइगा में
    ऋता शेखर ने पेश किये हैं
    बहुत सुंदर हाईगा जैसे हों फूल
    बना के गुल्दस्ता !

    ReplyDelete
  13. (6)
    साहित्य सुरभि
    हाइकु

    सच सच लिखे है
    हाईकु गजब
    के लिख दिये हैं
    इसी लिये तो
    बागे दिल हैं
    दिलबाग ।

    ReplyDelete
  14. ये भारत है मेरे दोस्त
    अच्छी बुरी - हमारी मान्यताएं

    इक अच्छा उद्देश्य है, लेखक का आभार ।

    नई चेतना के लिए, होना है तैयार ।

    होना है तैयार, मिटाना है यह शंका ।

    पर्यावरण अन्यथा, फूंक देगी यह लंका ।

    चलो करें शुरुवात, नई पीढ़ी तो जागे ।

    आदत से मजबूर, जागते नहीं अभागे ।।।

    ReplyDelete
  15. (7)
    ख्वाबों के दामन से
    फिर तुम्हारी याद

    विजय जी के ख्वाबगाह
    से चाँद ला कर दिखाये हैं
    बहुत बेहतरीन है नज्म है
    जो दिलबाग पेश करने
    यहाँ पर ले आये हैं ।

    ReplyDelete
  16. पहले तो आभार हमारे ब्लॉग क्रिएटिव मंच की पोस्ट को को आप ने चर्चा में शामिल किया.
    एक लाईन सरीखा यह अंदाज़ अच्छा लगा ,सरलता से सभी लिंक्स पर निगाह रुकती है.
    इस चर्चा में अच्छे पठनीय लिंक भी मिले.
    धन्यवाद.

    ReplyDelete
  17. (8)

    सुरभित सुमन
    विनाश और सृजन का खेल

    सुमन जी के प्रश्न
    हर किसी के प्रश्न है
    उतर देने का ऊपर
    वाले को समय कहाँ है
    वो अपने आप में ही
    बहुत व्यस्त है ।

    ReplyDelete
  18. स्वास्थ्य
    खाइए चाकलेट , बढ़ाइए याददाश्त



    हरी सब्जियों में होती है फोलिक एसिड की भरमार ।

    पागलपन से दूर रखे यह, कमी से दिखते हैं आसार ।

    दुहराना रात्रि बेला में, किये और करणीय काज को

    आयु बाधा से निपटेगा, ढल जाओ इनके अनुसार ।।

    ReplyDelete
  19. (9)
    दस्तांने -दिल
    मेरी हस्ती मिटाने को तुला है

    अरुण को लगता है
    कोई फंसाने में तुला है
    डरना नहीं बिल्कुल
    हमें मालूम है तुममें
    बहुत बड़ा हौसला है ।

    ReplyDelete
  20. नई कलम - उभरते हस्ताक्षर
    माँ मेरी बहुत प्यारी है



    बहुत बढ़िया ढंग से माँ को नमन -

    किया

    साधुवाद ।।

    लेकिन उस आधुनिकता का क्या , जो इसको ही बोझा समझे ।

    एकाकी काकी न बनती, माँ की झंझट में क्या उलझे?

    स्वार्थ पूरिता सुख अपना ही, जब जीवन का बने उसूल -

    कैसे उस जीवन की मुश्किल, कठिन समय पर भ्राता सुलझे ।

    ReplyDelete
  21. bahut badiya links ke saath saarthak charcha prastuti.
    Aabhar!

    ReplyDelete
  22. (10)
    दस्तांने -दिल
    मेरी हस्ती मिटाने को तुला है
    प्रसून जी

    बहुत सुंदर गढ़ते है शब्दों को गजल के रूप में
    आप भी तो जाकर बस एक बार उसे देखिये

    ReplyDelete
  23. कलम से
    लालटेन की रौशनी में लिखे ख़त



    चिट्ठी आंसू से भीग गई , लालटेन से तप्त हुई फिर ।

    समय सड़ाता गया खाद सा, उर्वरा शक्ति तुमने पाई ।

    कर गए किन्तु तुम अधमाई ।

    यह कसक मौत सी रास आई ।

    ReplyDelete
  24. (11)
    प्रेमरस.काम
    देह व्यापार का घृणित जाल

    बहुत से शर्मनाक सच है
    कई आसपास
    कोई देखता है कोई कह देता है
    पर जिसे देखना है ये सब कुछ
    वो इन चीजों से दूर रहकर
    तमाशा देखता है ।

    शेष लिंक्स : स्कूल से आने के बाद !!!!!

    ReplyDelete
  25. जो मेरा मन कहे
    रात दिन चमके ये चाँद

    फिकरे बजी की फिकर, नहीं करे यशवंत |
    किस सर का सर है सखे, कौन चाँद श्रीमंत ||

    ReplyDelete
  26. वाह!!!!! अच्छी चर्चा है...

    ReplyDelete
  27. कम से कम वक्त में ज्यादा से ज्यादा पोस्ट्स शामिल करके चर्चा मंच सजाना ,यक़ीनन ये दिलबाग जी का ही हिस्सा है.आज की चर्चा से खास कर मै इसलिए आकर्षित हुआ की आज काफी पोस्ट शामिल की गई है.हार्दिक धन्यवाद.



    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    ReplyDelete
  28. अपनी बात
    समाज न समझे अन्नदाता की वेदना



    देने खातिर अन्न उगाता, रक्त पसीने से सींचे है ।

    खुद की बिगड़ी हुई दशा पर, होंठ स्वयं के जब भींचे है-

    कैसे देगा श्राप जगत को, अपनी कठिनाई को झेले -

    खुला गगन है बिन बादल का, सूखी धरती जब नीचे है ।

    ReplyDelete
  29. सोने पे सुहागा
    जानिए ब्लागिंग को



    बढ़िया विषय -



    इंटरवल के बाद लोग जब, कथा समझने आते हैं ।

    एक पक्ष की बातें अक्सर, नहीं समझ वे पाते हैं ।

    खलनायक नायक से केवल, पिक्चर आगे नहीं बढ़े है -

    कुछ पात्र सकारण आ जाते, मुश्किल में घिर जाते हैं ।

    ReplyDelete
  30. बहुत बहुत शुक्रिया , चर्चा मंच में मेरी नज़्म शामिल करने के लिए... अपनी इस नज़्म क बहाने बहुत सारे खूबसूरत लिंक्स भी मिल गए.. चर्चा मकसद पूरा हो गया..
    शाहिद "अजनबी"

    ReplyDelete
  31. आधा सच
    जानिए नेताओं का पूरा सच



    आइस मिलती फ्री में, चिदंबरम को रोज ।
    व्हिस्की का पैसा लगे, दो हजार का भोज ।
    दो हजार का भोज, गरीबी वो क्या जानें ।
    आइसक्रीम का रेट, प्रेस में खूब बखाने ।

    पानी बोतल अगर, गरीबी ले पंद्रह में ।
    राशन कैसे आय, बताओ फिर सत्तरह में ??

    ReplyDelete
  32. बहुत बहुत शुक्रिया , चर्चा मंच में मेरी नज़्म शामिल करने के लिए... अपनी इस नज़्म क बहाने बहुत सारे खूबसूरत लिंक्स भी मिल गए.. चर्चा मकसद पूरा हो गया..
    शाहिद "अजनबी"

    ReplyDelete
  33. दिलबाग जी,
    बहुत बहुत आभार आपका मुझे स्थान दिया है !
    बेहतरीन चर्चा मंच पर लिंक्स सजा दिए है ....आभार !
    रविकर जी को धन्यवाद उनका अक्षय काव्य कोष हमेशा प्रभावित करता है
    आभार !

    ReplyDelete
  34. राम राम भाई,,पर


    जियें आशावाद बन,निराशा करता हास
    आशा हर बाधा का, पार करता प्रयास,,,,

    ReplyDelete
  35. मोहब्बत नामा ,,,,पर


    डेविड और गोविंदा की, जोड़ी नम्बर वन
    राजा बाबू भी बने, और हीरो नम्बर वन,,,,,,

    ReplyDelete
  36. स्वप्न मेरे,,,,पर


    अच्छा कितना होता, सब एक रंग में रंग जाये,
    नए रंगों का मिश्रण कर,एक भारत नया बनाए,,,,,,,,

    ReplyDelete
  37. आधा सच,,,,पोस्ट पर


    सत्ता में मदहोश है, मदहोशी के बोल,
    अपने हाथ लुटा रहे,खोल रहे है पोल,,,,,,

    ReplyDelete
  38. दास्ताने दिल,,,पोस्ट पर


    इन रास्तों जब कभी, आप भी आयेगें
    हमें भी ,इन्ही की तरह रोते हुए पायेगें,,,,,,

    ReplyDelete
  39. रविकर जी, धीरेन्द्र जी और सुशील जी आप तीनो का जो ताल-मेल होता है टिप्पणियों के जरिये पढ़ कर बड़ा आनंद आता है.

    ReplyDelete
  40. नई कलम,,,, पोस्ट पर


    माँ की दुआ से बढ़कर कोई दुआ नही
    माँ जैसा पवित्र रिश्ता कोई दूसरा नही,,,,,,

    ReplyDelete
  41. बहुत सुंदर मंच सजाया है भाई दिलबाग जी

    आज कल मंच में कुछ अतिरिक्त ऊर्जा दिखाई दे रही है, सब की टिप्पणियों को पढने का अलग आनंद है।
    भाई सुशील जी और रविकर जी सच में आपकी मेहनत काबिले तारीफ है।

    ReplyDelete
  42. सुरभित सुमन,,,पर


    कभी कभी हो जाता है, ऐसा चमत्कार,
    विनाश ओर सृजन का,ईश ही रचनाकार,,,,,,

    ReplyDelete
  43. जो मेरा मन कहे,,,,पोस्ट पर


    चाँद चाँद में फर्क है,निकलते दोनों सम
    एक निकले में खुशी हो, दूजे में हो गम

    ReplyDelete
  44. बहुत सुन्दर चर्चा सजाई है दिलबाग जी हार्दिक बधाई आपको

    ReplyDelete
  45. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  46. Hamne subah ek tippani likhi thi.
    Ab dikhaayee nahin de rahi ,
    Please check your spam box.

    ReplyDelete
  47. श्री दिलबाग विर्क के लिए!
    जापानी इस छन्द का, हिन्दी में प्रयोग।
    हाइकु लिखकर कर रहे, शब्दों का उपयोग।।

    ReplyDelete
  48. राम राम भाई...
    खाम-खयाली में नहीं, रहना यहाँ ज़नाब।
    काम बिना कोई यहाँ, बनता नहीं नवाब।।

    ReplyDelete
  49. उच्चारण...
    मधु के लालच में कभी, धोखा भी हो जात।
    सोच-समझकर प्यार से, छत्ते में दो हाथ।।

    ReplyDelete
  50. स्पन्दन में देख लो, कुदरत का व्यवहार।
    प्राकृतिक का साथ दो, तभी मिलेगा प्यार।।

    ReplyDelete
  51. स्वप्न मेरे...
    सात रंग की कल्पना, मन को करे प्रसन्न।
    एक रंग के साथ में, कैसे हों सम्पन्न।।

    ReplyDelete
  52. ये है भारत मेरे दोस्त...
    भिन्न सभी की मान्यता, मिन्न-भिन्न परिवेश।
    गुलदस्ता सा लग रहा, अपना भारत देश।।

    ReplyDelete
  53. स्वास्थ्य...
    चाकलेट की खोल दी, आज ढोल की पोल।
    खाकर मीठी टौफियाँ, मीठा-मीठा बोल।।

    ReplyDelete
  54. चाकलेट की खोल दी, आज ढोल की पोल।
    खाकर मीठी गोलियाँ, मीठा-मीठा बोल।।

    ReplyDelete
  55. मेरी माँ बहुत प्यारी है...
    माँ सबको प्यारी लगे, ममता का पर्याय।
    मां के आदर-मान से, सब सम्भव हो जाय।।

    ReplyDelete
  56. लालटेन की रौशनी, बीते युग की बात।
    अब चिठिया कैसे लिखे, मोबाइल है हाथ।।

    ReplyDelete
  57. to the point charcha..bahut sundar.

    ReplyDelete
  58. जो मेरा मन कहे...
    चाँद चमकती है तभी, जब यौवन ढल जाय।
    पीले पत्तों में नहीं, हरियाली आ पाय।।

    ReplyDelete
  59. चर्चा तो कमा है ही ... आज तो टिप्पणियाँ भी धमाल हैं ...
    मज़ा आ गया ... शुक्रिया मुझे भी शामिल करने का ...

    ReplyDelete
  60. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स संयोजित किये हैं आपने ... आभार

    ReplyDelete
  61. (12)
    अरुन शर्मा
    आभार !
    हमारा मकसद है सब लोग सारे लिंक्स पढे़ और कुछ कहें । अगर ऎसा हो जाये तो सोचिये कितना मजा आ जायेगा । चर्चाँमंच कनाट प्लेस हो जायेगा ।

    ReplyDelete
  62. (13)
    मोहब्बत नामा
    कामेडी का बादशाह
    आमिर भी कमाल कर ले जाता है
    आज ला के गोविंदा को नचाता है
    मोहब्बत नामा देखिये तो जा कर जनाब
    कैसे कैसे गुल खिलाता है ।

    ReplyDelete
  63. अपनी बात...
    धरती के भगवान का, होता है अपमान।
    फिर भी अन्न उगा रहा, सबके लिए किसान।।

    ReplyDelete
  64. सावन पर चोका...
    सावन आया झूम के, पड़ती सुखद फुहार।
    तन-मन को शीतल करे, बहती हुई बयार।

    ReplyDelete
  65. (14)

    क्रिएटिव मंच
    अपने समय से आगे थे गुरुदत्त

    'गुरुदत्त' - जो अपने समय से बहुत आगे थे !
    इसीलिये अभी भी उसी अंदाज से याद किये जा रहे है।


    क्रिऎटिव मंच में अपनी क्रिऎटिविटी शानदार अंदाज में
    दिखवा रहे हैं ।

    ReplyDelete
  66. कम्प्यूटर दुनिया....
    कम्प्यूटर का दे रहे, घर बैठे विज्ञान।
    पढ़कर सुन्दर पोस्ट को, मिला हमें भी ज्ञान।।

    ReplyDelete
  67. (15)
    मेरा काव्य संग्रह
    तन्त्र को लोक का अर्थ समझा
    रघुनाथसिंह ''यादवेन्‍द्र'
    बहुत सुंदर तंत्र का लोक समझाया है
    समझ में भी हमारे लोकतंत्र अब आया है ।

    ReplyDelete
  68. नारी...
    जिस घर में मिलता सदा, नारी को सम्मान।
    वो घर मन्दिर सा लगे, मानो स्वर्ग समान।।

    ReplyDelete
  69. (16)
    सोने पे सुहागा
    जानिए ब्लागिंग को
    में
    कह्ते हैं: आपकी ब्लॉगिंग में आपकी शख्सियत झलकती है

    वाकई कुछ हम झलकाते हैं
    कुछ छलकने से भी तो बचाते हैं ।

    ReplyDelete
  70. (17)
    महेन्द्र जी आभार !
    हम तो चाहते हैं
    सब कहें कुछ तो कहें
    कहेंगे तभी लिखने वाले को
    पता चल पायेगा
    उसको भी लिखने मै
    और मजा आयेगा
    चर्चाकारों को उनकी
    की गयी मेहनत का
    मेहनताना इसी तरह
    ही तो दिया जायेगा ।

    ReplyDelete
  71. जानिए ब्लॉगिंग को...
    जो ब्लॉगिंग में फँस गया, वो है रचनाकार।
    पागलपन इसको कहे,सारा ही संसार।।

    ReplyDelete
  72. प्रसून....
    भोली चिड़िया बाज को, समझ रहीं है मीत।
    रक्षक ही भक्षक बने, ये दुनिया की रीत।।

    ReplyDelete
  73. (18)
    नारी
    आसान तकनीकें

    बहुत सुंदर और
    बहुत सारी जानकारी
    दे रही है भारतीय नारी
    आशा है पुरुष भी
    काम में ले आयेंगे
    नहीं घबरायेंगे ।

    ReplyDelete
  74. (19)
    कम्प्यूटर दुनिया
    फुल वर्जन में बदलिए अपने IDM को

    गुरू मयंक गजब का सामन लाते हैं
    बहुत आसान तरीके से उसे समझाते हैं
    मैं भी उनका चेला बनना चाहता हूँ
    शक्कर होना दूर अभी गुड़ भी नहीं हो पाता हूँ ।

    ReplyDelete
  75. बहुत ही सार्थक और सारगर्भित चर्चा |आशा

    ReplyDelete
  76. (20)
    त्रिवेणी
    सावन पर चोका


    बहुत सुंदर रचनाऎं !

    ReplyDelete
  77. करते करते हवन हाथ जलने लगे....
    देखिए-
    रचना
    5:14 pm (11 मिनट पहले)

    मुझे
    आप निरंतर ऐसे लोगो के ब्लॉग पर वाह वाह करते हैं जहां नारी का अपमान होता हैं
    वहाँ आप का बड़ा अच्छा , सार्थक इत्यादी लिखा दिख जाता हैं
    आप का यहाँ कमेन्ट करना और वो भी विषय को ना देखते हुये हास्यास्पद लगा

    2012/7/12 डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) has left a new comment on your post "कुछ बहुत आसान तकनीकी जानकारियाँ दे रही हूँ":

    जिस घर में मिलता सदा, नारी को सम्मान।
    वो घर मन्दिर सा लगे, मानो स्वर्ग समान।।

    ReplyDelete
  78. अपने सहयोगी चर्चाकारों को बाध्य तो नहीं कर सकता लेकिन सुझाव है कि भविष्य में "नारी" ब्लॉग को चर्चा में न सम्मिलित किया जाये!
    मित्रों!
    महाकवि निराला की एक कविता को आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने अश्ळील रचना की संज्ञा देकर अपनी पत्रिका में नहीं छापा था।
    आज प्रसंगवश् याद आ गया कि बहन अल्पना वर्मा के ब्लॉग "व्योम के पार" की पोस्ट मैं पहले अक्सर चर्चा में लेता था। एक बार उन्होंने मुझे मेल करके कहा कि मुझे चर्चा मंच की कोई आवश्यकता नहीं है। आप मेरी पोस्ट चर्चा में न लगाया करें।
    मैंने उनका आदेश मानकर उस दिन के बाद उनकी किसी पोस्ट को मंच पर नहीं लगाया।
    आज मुझे खुशी है कि वो भी चर्चा मंच पर कमेंट करने आयीं है।
    चर्चा मंच उनका आभारी है।

    ReplyDelete
  79. (21)
    अपनी बात
    समाज न समझे अन्नदाता की वेदना

    बहुत सुंदर रचना
    अन्नदाता की है वेदना
    शब्दों मे गढा़ है जिसे
    कुमार आदित्य ने !!!

    ReplyDelete
  80. (22)
    आदरणीय शास्त्री जी मैने कुछ ही देर पहले कमेंट देते समय लिखा था

    सोने पे सुहागा
    जानिए ब्लागिंग को
    में
    कह्ते हैं: आपकी ब्लॉगिंग में आपकी शख्सियत झलकती है

    वाकई कुछ हम झलकाते हैं
    कुछ छलकने से भी तो बचाते हैं ।

    सब कुछ छलकता है
    अब तो ये लगता है ।

    ReplyDelete
  81. (23)
    जो मेरा मन कहे
    रात दिन चमके ये चाँद

    यशवन्त माथुर

    दोनो वक्तों में उगता
    चाँद दिखाया है
    पर ये नहीँ बताया कि
    उसके पास कहीं से
    पैसा भी आया है ।

    ReplyDelete
  82. (24)
    कलम से
    लालटेन की रौशनी में लिखे ख़त
    सुधीर मौर्या की
    बहुत सुंदर
    अभिव्यक्ति
    लालटेन के साथ !!

    ReplyDelete
  83. (25)
    नई कलम - उभरते हस्ताक्षर
    माँ मेरी बहुत प्यारी है

    वाकई बहुत ही प्यारी है

    उसकी उँगलियों में न जाने कौन सा जादू है
    हाथ मेरे सर पे रखती है
    और खुद अपनी आँखों को भिगो देती है
    माँ मेरी बहुत प्यारी है ।

    ReplyDelete
  84. (26)
    स्वास्थ्य
    खाइए चाकलेट , बढ़ाइए याददाश्त

    हम तो चाकलेट खाते हैं
    फिर भी भूल जाते हैं
    ये टिप्स शायद वो
    काम में लाते हैं
    जो अपने दिमाग में
    कुछ दिमाग पाते हैं।

    ReplyDelete
  85. (27)
    ये भारत है मेरे दोस्त
    अच्छी बुरी - हमारी मान्यताएं

    आदतों पर अच्छा व्यंग
    पर क्या करे मजबूर हैं हम !!

    ReplyDelete
  86. (28)
    स्वप्न मेरे...
    भगवे हरे रंग का नाम हो भारत

    भगवे और हरे को मिला
    एक नया रंग बना दें
    उसे “भारत” नाम दे दें ...

    सुंदर सपना है
    पर सपना नहीं है
    सच है
    रंग तो दोनो मिले हैं
    आँख खोलिये
    देखिये तो सही
    भारत बना है ।

    ReplyDelete
  87. (29)
    स्पंदन
    नैचरुल - अन नैचरुल

    कितना आसान लगता है ना सुनने में यह सब. कोई समस्या ही नहीं. बच्चा पैदा करने के लिए एक स्त्री एक पुरुष का होना जरुरी नहीं ..जैसे बस खाद लेकर आइये खेत में डालिए और आलू प्याज की तरह उगाइये.
    ये तो कुछ समझ में जैसा आ रहा है लग रहा है । बाकी बहुत कनफ्यूजन है । समय लगेगा अभी शायद और समझने में ।

    ReplyDelete
  88. (30)
    उच्चारण
    पढ़िए दोहे रंग-बिरंगे

    बहुत ही शानदार दोहे !!!

    ReplyDelete
  89. (31)
    राम राम भाई
    खामख्याली में न रहना जनाब
    इसलिए सब कुछ आशावाद के ऊपर नहीं छोड़ा जा सकता जैसा प्रणव दा जाते जाते प्रलाप रहें हैं .

    वीरू भाई दा जवाब नईं !!!

    ReplyDelete
  90. सावन का एक दोहा और भी है, जो रविकर जी को समर्पित है-
    चपला चमके व्योम में, बादल करते शोर।
    रिमझिम पानी बरसता, मन में उठे हिलोर।।

    ReplyDelete
  91. अल्पना वर्मा has left a new comment on your post "बीता जनसंख्या दिवस ( चर्चा - 938 )":

    achchee charcha.

    ReplyDelete
  92. (32)

    काजल कुमार कार्टून लाये हैं
    बस डाक्टर तक ही पहुँच पाये है
    हमारे यहाँ आ जाईये
    कुलपति की निविदा ले जाईये ।

    ReplyDelete
  93. आदा सच....
    नेताओं की बात का, नहीं रहा विश्वास।
    वाह-वाही के वास्ते, चमचे सबके पास।।

    ReplyDelete
  94. (33)
    क्रिएटिव मंच-Creative Manch – (July 12, 2012 2:10 PM)

    Hamne subah ek tippani likhi thi.
    Ab dikhaayee nahin de rahi ,
    Please check your spam box.

    क्रिएटिव मंच की टिप्पणी कौन खा रहा है
    क्या कोई बता रहा है?

    ReplyDelete
  95. क्रिएटिव की टिप्पणी, सपैम की सैर कर रही थी।
    अब मैंने प्रकाशित कर दी है।

    ReplyDelete
  96. मेरा काव्यसंग्रह...
    लोकतन्त्र है नाम का, नहीं लोक का तन्त्र।
    नेताओं के हाथ में, खेल रहा है यन्त्र।।

    ReplyDelete
  97. (33)


    अंतिम चौका कौन लगा रहा है
    टिप्पणी का शतक बनाने भी
    क्या यहाँ कोई तेंदुलकर आ रहा है ?

    ReplyDelete
  98. सावन में बरसात की, भीनी पड़े फुहार।
    टिप्पणियों की हो रही, चर्चा में भरमार।।

    ReplyDelete
  99. (34)

    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़
    11 जुलाई – विश्व जनसंख्या दिवस और इंडिया बनाम भारत
    Posted on जुलाई 11, 2012
    बधाई एवं शुभकामना

    आज विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) है । इस अवसर पर मैं अपने देशवासियों को बधाई और शुभकामना देना चाहता हूं ।
    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़

    हमारी और चर्चामंच की ओर से भी बधाई !!!

    ReplyDelete
  100. शतक लगाने आ गया, मैं चर्चा में आज।
    कल रविकर जी आयेंगे, लेकर ब्लॉग समाज।।

    ReplyDelete
  101. (35)

    और बाउंड्री के बाहर गई बाल
    चर्चामंच का एक और हुआ कमाल !!

    चर्चामंच को 100 की बधाई !!!

    ReplyDelete
  102. @सावन का एक दोहा और भी है, जो रविकर जी को समर्पित है-
    चपला चमके व्योम में, बादल करते शोर।
    रिमझिम पानी बरसता, मन में उठे हिलोर।।

    aabhaar guru ji

    गुरुवर के प्रसाद सा, सावन दोहा आय |
    तन-मन रविकर आत्मा, धन्य धन्य कर जाय ||

    ReplyDelete
  103. शतक के लिए आभार
    चर्चामंच की हर पोस्ट पर बने ये शतक
    सचिन की तरह चर्चामंच बनाए महाशतक
    कर रहे हम इंतजार ।

    ReplyDelete
  104. चर्चा मंच वो हुआ, जो हुआ न था अब तक
    सुझाव सफल रहा,लगा टिप्पणियों का शतक,,,,,

    शास्त्री जी,,,,,शतक लगाने के लिए बहुत२ बधाई,,,,आभार

    ReplyDelete
  105. विर्क जी बहुत-बहुत बधाई 105 टिप्पणियों से सजी यह चर्चा एक रिकर्ड बना गयी...पुनः बधाई

    ReplyDelete
  106. कृषि कार्य में लगा हूँ नही मिलता है वक्त
    बिजली से परेशान हूँ ,नेट भी चूसता रक्त,,,,,

    दिलबाग जी,,,,चर्चामंच के शतकीय टिप्पणी भरी पोस्ट के लिए बधाई,,,,

    ReplyDelete
  107. शतक लगा के आप, लगता भूले गिनती
    गिनिए फिर से-108 है,ये है मेरी विनती,,,,,

    चर्चामंच में १०८ टिप्पणियों के रिकार्ड बनने की बहुत२ बधाई,,,,,

    ReplyDelete
  108. प्रस्तुति शानदार है और कमेंटस की भी भरमार है.

    ReplyDelete
  109. बहुत-बहुत आभार- हमारी लिंक औरों तक और औरों की हम तक पहुंचाने के लिए।

    ReplyDelete
  110. बहुत ही सुन्दर चर्चा..

    ReplyDelete

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।