दोस्तों चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ का नमस्कार! कल यानी चर्चामंच-941, SUNDAY, JULY 15, 2012 के लिंकों पर सर्व श्री 'रविकर' जी, 'सुशील' जी तथा 'धीरेन्द्र' जी ने जमकर टिप्पणियों की बौछार से इस चर्चामंच को सराबोर किया... सुशील जी से तो शायद ही कोई लिंक बाकी बचा हो तथा टिप्पणियाँ भी उचित तथा यथेष्ट... समझ में नहीं आता कि किसे इस चर्चामंच के लिए सर्वश्रेष्ठ टिप्पणीकार के ख़िताब से नवाज़ा जाय और किसे छोड़ दिया जाय फिर भी रस्म अदायगी के ही नाते यह तो करना ही है और इस रस्म अदायगी स्वरूप भाई ‘रविकर’ जी का नामोल्लेख किया जा रहा है वैसे तो सारी टिप्पणियाँ एक से बढ़कर एक हैं लेकिन उनमें भी जो टिप्पणी इनकी ख़ास लगी वह है लिंक नं. 8 पर की गयी यह टिप्पणी-
रविकर फैजाबादीJuly 15, 2012 8:12 AM- जरूरी तो नहीं मानसून की आहटों से
सबके शहर का मौसम गुलाबी हो!
पूरब में अब बाढ़ ने, ढाया कहर अजीब।
वर्षा रानी से हुआ, ज्यादा त्रस्त गरीब।।
पश्चिम में सावन घटा, ठीक ठाक संतोष।
कवि हृदयों में है बढ़ा, ज्यादा जोश-खरोश।।
मेरे यहाँ अथाह जल, जल ना दिल्ली वीर।दिल ही की तो है कही, तेरी मेरी पीर।।
(उपर्युक्त विशेष टिप्पणीकारों के बारे में ख़ास जानने कि लिए उनके नामों पर क्लिक कर सकते हैं)
अब चलते हैं चर्चा की ओर तो सोमवारीय चर्चामंच पर पेशे-ख़िदमत है आज की चर्चा का-
लिंक 1-
लिंक 1-
दो ब्लॉगर, दो कवि और एक काव्य गोष्ठी -बेचैन आत्मा देवेन्द्र पाण्डेय
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लिंक 2-
बंगलौर बस में : दो -राजेश उत्साही
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लिंक 3-
राम राम भाई! नुस्ख़े सौन्दर्य के -वीरू भाई
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लिंक 4-
अधूरी बातें -कुमार
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लिंक 5-
उपादान-पुरुष (एक फ़ेसबुकीय परिचर्चा) -बालेन्दु द्विवेदी
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लिंक 6-
जब जब अन्याय होता है कोई सामने नहीं आता -रश्मि प्रभा
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लिंक 7-
सरहद पे आज आँखों का तारा चला गया -डॉ.आशुतोष मिश्र ‘आशू’
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लिंक 8-
भारतीय काव्यशास्त्र–118 -आचार्य परशुराम राय
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लिंक 9-
हास्य-रस जैसा "बना रस" था मगर -दिनेश चन्द्र गुप्त ‘रविकर’
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लिंक 10-
नयन (हाइकु) -दिलबाग विर्क
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लिंक 11-
आज कलम कुछ रुकी रुकी सी है -'निरन्तर'
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लिंक 12-
दिल की बातें 'चंद शेर आपके लिए' -सुनील कुमार
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लिंक 13-
चिन्तन 2 -ह्यूमन
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लिंक 14-
बाबा रे बाबा रामदेव का रामराज...आधा सच -महेन्द्र श्रीवास्तव
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लिंक 15-
सावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
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लिंक 16-
आस्था अभी बाकी है -मृदुला हर्षवर्द्धन
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लिंक 17-
जाले पर चुहुल-27 -पुरुषोत्तम पाण्डेय
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लिंक 18-
सोचिए ज़रा -महेन्द्र वर्मा
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लिंक 19-
सावन में सवनाही -ललित शर्मा
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लिंक 20-
काले मतवाले घन - डॉ .श्याम गुप्त
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लिंक 21-
फासले : मोहब्बतनामा -आमिर दुबई
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लिंक 22-
मौन की भाषा...भावनाएं - ज्योति
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लिंक 23-
राजनीति तेरे रूप अनेक -धीरेन्द्र
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लिंक 24-
कविता कमाल या बवाल! उल्लूक टाइम -सुशील
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आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
रविकर और सुनील ने, खूब जमाया रंग।
जवाब देंहटाएंधीर-वीर धीरेन्द्र के, अलग-अलग थे ढंग।।
कोशिश कर रहा हूँ जमा रहा हूँ रंग,
हटाएंधीरे धीरे धीरेन्द्र बढे,मेरा अपना ढंग,,,,,,,
लिंक 15-
जवाब देंहटाएंसावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
आभार गुरु जी -
बढ़िया गीत ।।
हर शाखा पर उल्लू बैठे, कैसे झूला डाल सकेंगे ।
हरियाली सावन की लेकिन , उल्लू नहीं हकाल सकेंगे ।
हुआ असर यह मँहगाई का, गाई गई महज मँहगाई -
पानी पर ही तले पकौड़े, पैबन्दों से लाज ढकेंगे ।।
लिंक-15
हटाएंआँगन के कट गये नीम,बागों का नाम-निशान मिटा,
रस्सी-डोरी के झूले, अब कहाँ लगायें सावन में।
मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।।
Link-1
जवाब देंहटाएंदो ब्लॉगर, दो कवि और एक काव्य गोष्ठी।
देवेन्द्र पाण्डेय
बेचैन आत्मा
आदमी की आँख में बनता जहर ।
पान पर भी टूटता जुल्मी कहर-
अंदाज बदला आज चूना यूँ लगा -
पानी पिला के कैंचियाँ दें पर क़तर ।
हास्य-रस जैसा "बना रस" था मगर
स्वाद सड़ते सोरबे सा हर शहर ।
प्रेम रस में व्यस्तता का लवण ज्यादा
बस पसीने से हुवे सब तर-बतर ।।
अब इसी में खोजना है जिन्दगी
चारो दिशाओं ने दिया उलझा मगर ।।
Link 7
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया भाव डाक्टर साहब -
बधाई स्वीकारें-
और यह तुरंती भी -
सादर
सरहद पर हुवे शहीदों का
यूँ मातम न करते माई |
हर हिदुस्तानी एहसान मंद
पूजे तुझको माँ की नाईं |
देश के अन्दर सुख-शान्ति
सब मगन हैं अपने धंधों में-
चरण बंदना करता रविकर-
नमन करे वह तरुणाई ||
लिंक-7
हटाएंभारत माँ के वास्ते, हुआ पुत्र बलिदान।
ऐसे सुतक पर हो रहा, माता को अभिमान।।
लिंक 24-
जवाब देंहटाएंकविता कमाल या बवाल! उल्लूक टाइम -सुशील
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पल्ला खुलते घरों के, पल्ला नारि हटाय ।
ताक -झाँक सयनन कहें, बिन बोले बतलाय ।
बिन बोले बतलाय, खबर मुनिया है लाई ।
खबर सही अखबार, छपी उम्दा कविताई ।
हल्ला लेकिन होय, मास्टरनी हड़काती ।
किये कौन सा काण्ड, भीड़ काहे घर आती ??
चर्चामंच तक तो ठीक है
हटाएंअब घर की खबर भी रखता है
रविकर आसमान में बैठा
क्या सब कुछ ऎसे ही देखता है ?
लिंक-24
हटाएंजो निकली है हृदय से, वो ही करे कमाल।
बेमन से लिक्खी हुई, कविता बने बबाल।।
बहुत बढ़िया -
जवाब देंहटाएंलिंक 23-
राजनीति तेरे रूप अनेक -धीरेन्द्र
यह तो ऐसा ही सखे, मगर मच्छ से बैर |
मानसून में बच गई, मछली की कुल खैर |
मछली की कुल खैर, सैर पर वह भागेगी |
नदी नदी हो पर, समंदर तक लांघेगी |
ऐसा अंतर्जाल, मगर भी फंस जायेगा |
राजनीति जंजाल, नहीं वह खा पायेगा ||
लिंक-23
हटाएंराजनीति के खेल में, कुटिल चला जो चाल।
उसकी जय-जयकार है, उसका ही सब माल।।
उसका ही सब माल,चाल जब नेता चलते
हटाएंचित होय चारोंखाना ,हाथ रह जाते मलते
राजनीति के इस खेल में, उनकी है चलती
जितना मक्खन लगाय,होय उसकी ही गिनती,,,,
बहुत२ आभार,,,,,,शास्त्री जी,,
रविकर जी के कमेंट्स पर,,,,
हटाएंराजनीति ऐसी सखे, एक बार घुस जाय
जीवन भर चलती रहे, मरे बाद ही जाय,,,,,
बहुत२ आभार रविकर जी,,,,,,,
लिंक-1
जवाब देंहटाएंकाव्य गोष्ठी के लिए, हम भी है बेचैन।
आयोंगे घर आपके, तभी मिलेगा चैन।।
टिप्प्णी करने का मकसद
जवाब देंहटाएं1.
नाम लेना या ईनाम लेना है नहीं
लोग जायें लिंक्स पर पढें कुछ कहें
खाली सुंदर चर्चा है ना कहें
चर्चाँमंच का मकसद पूरा हो जायेगा
ब्लागिंग का असली मजा
तब जाके सबको बहुत ही आयेगा ।
लिंक-2
जवाब देंहटाएंरेल और बस में बनें, ऐसे ही संयोग।
अपनी करनी को यहाँ, लोग रहे हैं भोग।।
2. लिंक 25
जवाब देंहटाएंगजल समर्पित हो गयी
जब रविकर के नाम
हिचकोले जरूर खिलायेगा
देखिये क्या लिखता है
लिखा हुआ उसका
सामने तो आयेगा
गाफिल की शानदार गजल
पर एक और कसीदा पक्का
वो आ आकर जड़ जायेगा ।
भाई गाफिल जी
हटाएंबहुत-बहुत आभार ||
एक स्थान पर खिले-कमल के
चक्कर में कीचड़ में फंसा ||
एक कदम पर बड़ी फिसलन तो
दूसरे कदम पर जकड़न है,
इतनी जोर से दबोचे गए कि ---
जय बाबा भोले नाथ |
अंदलीबों = ??
बहुत बहुत बधाई ||
लिंक-25
हटाएंग़ाफ़िल दानिशमन्द है, शायर है उस्ताद।
चेला हमें बनाइए, करते हैं फरियाद।।
लिंक-3
जवाब देंहटाएंफल-सब्जी को खाइए, निखर जाएगा रंग।
तला-भुना खाकर नहीं, होता निर्मल अंग।।
लिंक 19-
जवाब देंहटाएंसावन में सवनाही -ललित शर्मा
ललितडॉटकॉम
कर्मकांड सोद्देश्य है, गाँव-राँव खुशहाल ।
बेंगा के नेतृत्व में, कटते सकल बवाल ।
कटते सकल बवाल, चेतना भी आती है ।
एक लक्ष्य कल्याण, धरा तब मुस्काती है ।
काँवरिया जल ढार, पूज भोले भंडारी ।
भरे सकल भण्डार, मने ऐसे इतवारी ।।
3.लिंक 24
जवाब देंहटाएंरविकर को आदत हो गयी है
अच्छे के साथ कूडा़ दिखाना
गाफिल को भी दिखा दिया
उसने उल्लूक का ठिकाना !!
लिंक-4
जवाब देंहटाएंसीमित शब्दों में कही, बहुत जरूरी बात।
लोग यहाँ भगवान को, पहुँचाते आघात।।
लिंक 3-
जवाब देंहटाएंराम राम भाई! नुस्ख़े सौन्दर्य के -वीरू भाई
उनके चेहरे की रंगत, आकर्षण यह काया का |
कॉफ़ी-बेरी से आया या, तरकारी रविकर की खाई ||
फल जैसा पहले धोई थी, छिलके के संग ही काट दिया-
कांटे से टुकड़े फंसा फंसा , तब तो यह रौनक पाई ||
लिंक-5
जवाब देंहटाएंउपादान के मर्म को, समझ गये हम आज।
इनके चंगुल में फँसा, अब तो सर्वसमाज।।
5. लिंक 23-राजनीति तेरे रूप अनेक -धीरेन्द्र
जवाब देंहटाएंराजनीति में जब कुछ नहीं बचता है
एक राजनीतिज्ञ सुंदर कविता लिखता है !!
लिंक-6
जवाब देंहटाएंअनाचार को देखकर, लोग हो रहे मौन।
नौका लहरों में फँसी, पार लगाये कौन।।
6.लिंक 22-मौन की भाषा...भावनाएं - ज्योति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव हैं !
मौन भी है
शब्द भी हैं
कहीं लिखे
हैं नहीं
कहीं बोले
हैं नहीं
पर पता हैं
क्या हैं
और
कहाँ हैं ।
लिंक-8
जवाब देंहटाएंकाव्यशास्त्र का दे रहे, लोगों को जो दान।
मुझको भी मिलने लगा, यहाँ काव्य का ज्ञान।।
लिंक-9
जवाब देंहटाएंहास और परिहास का, संगम है बेजोड़।
रचते हैं इतिहास ये, सारे मानक तोड़।।
7. लिंक 21- फासले : मोहब्बतनामा -आमिर दुबई
जवाब देंहटाएंअरे ये क्या किया आमिर
मोहब्बतनामा के मोहब्बत
के सफर को फासले में
कैसे बदल दिया ?
बहुत अच्छा लिखा है दुबई से !
मोहब्बत के सफ़र में फासले भी आ जाते हैं.
हटाएंलेकिन आशिक हारते नही मंजिल को पा जाते हैं.
फासले तन्हाईयाँ ये भी प्यार का हिस्सा है ,
उनके गम में घुलते रहना ये भी प्यार का हिस्सा है.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
कुच्छो न बदला सखे, ए बी पी की न्यूज ।
हटाएंपहले जो स्टार था, आज अभी महफूज ।
आज अभी महफूज, भला आमिर न सल्लू ।
इक जाता दो पाय, दूसरा बनता उल्लू ।
औसत का परनाम, आज सलमान कुंवारा ।
फैन बड़े हैरान, कैट का कैसा चारा ??
लिंक - 10
जवाब देंहटाएंदो नैनों के द्वार से, सीधा करते वार।
इस जापानी छन्द की, तीखी होता मार।।
लिंक- 11
जवाब देंहटाएंकलम चला जब चाल से, हार गई तलवार।
सबसे तीखी जगत में, शब्दों की है मार।।
8. लिंक 20- काले मतवाले घन - डॉ .श्याम गुप्त
जवाब देंहटाएंछंद मी मस्त है
फुहार हैं श्याम है
दीवानी दीवाना है
बारिश ना भी हो
घनाक्षरी छंदो ने
फुहारों से भिगाना है !!
लिंक - 12
जवाब देंहटाएंजिनमें दिल की बात हो, सच्चे वो अशआर।
सच्चे शेरों से सभी, करते प्यार अपार।।
9.लिंक 19-सावन में सवनाही -ललित शर्मा
जवाब देंहटाएंछत्तीसगढ की संस्कृति से पाठकों को बहुत ही सुंदर चित्रों के साथ परिचित
कराया गया है !
लिंक-13
जवाब देंहटाएंमानव दानव बन रहा, करता कृत्य जघन्य।
सजा मौत की दो इन्हें, नहीं और अनुमन्य।।
लिंक-14
जवाब देंहटाएंअपनी झोली भर रहा, लेकिन करता काम।
करता है कल्याण को, कमा रहा है नाम।।
10. लिंक 18- सोचिए ज़रा -महेन्द्र वर्मा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
कितनी लिखी गई किताब सोचिए ज़रा,
क्या मिल गए सभी जवाब सोचिए ज़रा।
सोच ही तो रहे हैँ पर क्या करें ?
लिंक-16
जवाब देंहटाएंजिसकी जैसी सोच है, वैसी उसकी होड़।
कोई मद्धम चल रहा, कोइ लगाता दौड़।।
11. लिंक 17-जाले पर चुहुल-27 -पुरुषोत्तम पाण्डेय
जवाब देंहटाएंपान्डेय जी आज मजाक के मूड में हैं :
पाकिस्तान के स्कूल/मदरसों में बच्चों के मन मस्तिष्क पर भारत और भारत वासियों के बारे में इतना सांप्रदायिक जहर भर दिया जाता है कि अधिकाँश लोगों की मानसिकता भारत विरोधी हो जाती है. इसका एक उदाहरण तब सामने आया जब पाकिस्तान के लिए लोकतांत्रिक संविधान बनाने की बात उनके संसद मे आई.
एक गणमान्य सदस्य ने संविधान सभा का गठन करने का विरोध इन शब्दों मे किया, “इसके लिए इतना रुपया और समय बर्बाद करने की क्या जरूरत है, हिन्दुस्तान का संविधान मंगवा लो, जहाँ ‘हाँ’ लिखा है वहाँ ‘ना’ लिख दो और जहाँ ‘ना’ लिखा है वहाँ ‘हाँ’ लिख दो.”
लिंक-17
जवाब देंहटाएंहास और परिहास से, मिलता है आनन्द।
हो जाती लम्बी उमर, सूत्र यही निर्द्वन्द।।
12. लिंक 16-आस्था अभी बाकी है -मृदुला हर्षवर्द्धन
जवाब देंहटाएंशराब की दो दुकाने पड़ रही हैं
एक मंदिर पर अभी भी भारी
मृदुला नाज में ये बात बहुत
खूबसूरती से समझा रही ।
133. लिंक 15-सावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
जवाब देंहटाएंकुछ भूल रहे हैं
अच्छा याद दिलाया
सावन में एक सुंदर
सा गीत बनाया ।
लिंक-18
जवाब देंहटाएंसोच-सोच में हो गई, अपनी उम्र तमाम।
अब थोड़ा जीवन बचा, कैसे होंगे काम।।
लिंक-19
जवाब देंहटाएंसवन सूखा ही रहा, नहीं बरसते नीर।
निर्धन, श्रमिक-किसान का, मन हो रहा अधीर।।
टिप्पणियों से सज रहा, चर्चा का यह मंच,
जवाब देंहटाएंसोना और सुहागा मिलकर, कंचन करते टंच।
लिंक 6-
जवाब देंहटाएं@ जब जब अन्याय होता है कोई सामने नहीं आता
अच्छा खासा इंसान भी है मूक दर्शक बन जाता.
देखते हैं तमाशा सभी खड़े होकर के ,
मजलूम की मदद को आगे आज कोई नही आता.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक-20
जवाब देंहटाएंचारों ओर बिछा हुआ, हरा-हरा कालीन।
पौधों को जीवन मिला, खुश हैं जल में मीन।
लिंक-21
जवाब देंहटाएंये अजीब दिल की है दास्तां,
जरा फासले से मिला करो।
जिन्दादिली के साथ मे
जरा हौसले से मिला करो।।
लिंक 11-
जवाब देंहटाएंआज कलम कुछ रुकी रुकी सी है
दिल में दर्द बढ़ता है ,कलम जज्बात बनता है ,
झड़ी अश्कों की लगती है ,कलम जज्बात लिखता है.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
14.लिंक 14 बाबा रे बाबा रामदेव का रामराज...आधा सच -
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र श्रीवास्तव
ढूंढ कर लाते हो
सब दिखा देते हो
कहाँ से लाये
सब बता देते हो
डरते भी नहीं
बस मुस्कुरा देते हो !
nfxk-22
जवाब देंहटाएंजब मिल जाता किसी को, सपनों का मनमीत।
तब अधरों पर थिरकते, प्रीत-प्यार के गीत।।
15. लिंक 13:
जवाब देंहटाएंइस लिंक से जुड़ा दूसरा लिंक
http://poetry-kavita.blogspot.in/2011/11/blog-post_13.html
कुछ ऎसा जो है तो आध्यात्म में लिखा पर जिसे पढ़ कर बस घृणा और दुख : के सिवा कुछ नहीं हुआ ।
लिंक 23-
जवाब देंहटाएंराजनीति तेरे रूप अनेक -धीरेन्द्र
देश की सेवा करना था राजनीति का रूप.
मगर आज सब खा कर भी नही मिटती भूक.
भ्रष्ट लोगों ने किया इसका नाम खराब ,
भले अवाम भूकी मरे पर ये पियें शराब.
कभी तो मेरे भारत को आजादी की हवा मिलेगी,
ऐसे लोग भी जरुर आयेंगे जिन्हें देश की दुआ मिलेगी.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
आमिर जी के कमेंट्स पर,,,,
हटाएंआज देश में राजनीति का, बदल गया पैमाना
राष्ट्रभक्ति देशसेवा छोड़, रह गया माल कमाना,,,,,
आभार,,,,,,आमिर जी,,,,
हम सब कहते बहुत हैं, स्वयं न करते धाय |
हटाएंस्वयं करें हर क्षेत्र का मौसम बदले जाय ||
16. लिंक 12: दिल की बातें 'चंद शेर आपके लिए' -सुनील कुमार
जवाब देंहटाएंमेरे शहर में एक गली हो ऐसी ,
जहाँ मुहब्बत ही पल रही हो ।
जहाँ फ़ज़र की नमाज भी हो .
और लौ आरती की भी जल रही हो ।
़़़़़़़़़़़़़़
बहुत अच्छी बात है कहाँ होता है
लेकिन मेरे शहर में ये होता है ।
लिंक 12-
जवाब देंहटाएंदिल की बातें 'चंद शेर आपके लिए' -सुनील कुमार
दिल की बातें पढ़कर देखीं दिल में उतर गईं ,
साम्प्रदायिकता के नाम पर आज मोहब्बत उजड़ गई.
आज सुनील ने लिखें हैं इतने प्यारे शेर ,
काश की ऐसा हो जाये ,धन्य हो मेरा देश.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
17. लिंक 11 आज कलम कुछ रुकी रुकी सी है -'निरन्तर'
जवाब देंहटाएंनिरंतर की कलम आज रुक रही है
कल तक कुछ कुछ कहती ही थी
आज बहुत कुछ कह रही हे !
लिंक 24-
जवाब देंहटाएंकविता कमाल या बवाल! उल्लूक टाइम -सुशील
कविता अगर अखबार में छपे इसमें कोई कमाल नही ,
कमाल तो तब है ऐ सुशील ,जब दिल में जाकर छप जाये.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
18. लिंक 10-नयन (हाइकु) -दिलबाग विर्क
जवाब देंहटाएंदिलबाग दिल को करते जो बाग बाग
आज नयन में आ गये हैं
वहाँ भी एक सुंदर बाग खिला गये हैं ।
19.लिंक 9-हास्य-रस जैसा "बना रस" था मगर
जवाब देंहटाएंसबसे कठिन काम होता है
इस गुरु के चेले के ब्लाग पर जाना
टिप्पणी लिखने के लिये कुछ सोच पाना
लिखता है क्या धमाल का रविकर
मन करता है बस पढ़ते ही चले जाना !!!!
गुरुवर का परताप है, पर सुशील अंदाज |
हटाएंकरें टिप्पणी गजब की, है क्या इसमें राज |
है क्या इसमें राज, रात भर जागा जागा |
देता चर्चा साज, सुबह ही आता भागा |
रविकर यह हड़बड़ी, आजकल क्यूँ भरमाये |
घटा सूर्य का तेज, घटा सावन की छाये ||
_______________
जवाब देंहटाएंलिंक 15-
सावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
आज सावन के झूले मयंक याद दिलाते हैं,
मेघ-मल्हारों के गानें मयंक याद दिलाते हैं.
मँहगाई की मार से बचकर मयंक आज कहाँ जाएँ ,
क्या तलें पकोड़ियाँ और कैसे पापड खा पायें.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
क्या कहने
जवाब देंहटाएंएक से बढकर एक लिंक्स का संयोजन
बहुत सुंदर चर्चा
20. लिंक 8-भारतीय काव्यशास्त्र–118 -आचार्य परशुराम राय
जवाब देंहटाएंबहुत ही सारगर्भित लेख !!
वैसे तो हिन्दी ही आती कम है
पर संस्कृत में तो हाथ ही तंग है।
काश समय पर संस्कृत की तरफ थोड़ा सा भी ध्यान दिया होता । अब अफसोस होता है ।
21.लिंक 7-सरहद पे आज आँखों का तारा चला गया -डॉ.आशुतोष मिश्र ‘आशू’
जवाब देंहटाएंसीमा रक्षकों की याद आई है
कोई दे गया बलिदान बताई है
वतन पर मिटने वालों के
कुछ निंशा दिखाई है ।
22. लिंक 6-जब जब अन्याय होता है कोई सामने नहीं आता -रश्मि प्रभा
जवाब देंहटाएंभुक्तभोगी की व्यथा अपने शब्दों में
जब जब अन्याय होता है
कोई सामने नहीं आता
बस बाते बनाता है
टी वी में दिखाता है
अखबार के कागज में
लाकर फोटो लगाता है।
लिंक न०- १
जवाब देंहटाएंबेजोड काव्य गोष्टी रही,मिला जो मन को चैन
बेचैन आत्मा तृप्त हुई, जो अब तक थी बेचैन,,,,
23.लिंक 5-उपादान-पुरुष (एक फ़ेसबुकीय परिचर्चा) -बालेन्दु द्विवेदी
जवाब देंहटाएंबहुत सुकून हुआ आज ये सुनकर कि ऎसा मेरे साथ ही नहीं कहीं और भी होता है । आभार द्विवेदी जी का !!!!
आप जब अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश करेंगे तो वे आपकी पहचान के साथ साए की तरह खड़े मिलेंगे.
24.लिंक 4-अधूरी बातें -कुमार
जवाब देंहटाएंशब्द दो लिखता है
एक किताब की
बात कह देता है ।
25.लिंक 3-राम राम भाई! नुस्ख़े सौन्दर्य के -वीरू भाई
जवाब देंहटाएंवीरू भाई आज बहुत ही
काम की चीज लाये हैं
सौन्दर्य की बाते हैं
इसलिये श्रीमति जी
को हम दे आये हैं ।
26.लिंक 2-बंगलौर बस में : दो -राजेश उत्साही
जवाब देंहटाएंतमाशे दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है
हम बेशरम भी तो बस देखते जा रहे हैं!!
लिंक न०- २
जवाब देंहटाएंअपने हक के लिए, न समझो अब हीन
मांगे से जब ना मिले, उसे लीजिए छीन.....
27.लिंक 1- दो ब्लॉगर, दो कवि और एक काव्य गोष्ठी -बेचैन आत्मा देवेन्द्र पाण्डेय
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाऎ इसी बहाने हम भी पढ़ पाये
लिंक न०- ३
जवाब देंहटाएंनुस्खा ले सौन्दर्य का चेहरा लेय निखार
हरी सब्जिया खाएं सदा,सेहत लेय सुधार,,,,,,
28. अंत में तहे दिल से
जवाब देंहटाएंआभार गाफिल का
खूबसूरत लिंक सजाने के लिये
अच्छे लिंक्स अच्छे हैं पता चले
कुछ बेस्वाद भी लगाने के लिये
मतलब समझ लेना में कह रहा हूँ
उल्लूक का भी कुछ दिखाने के लिये !!
लिंक न० - ४
जवाब देंहटाएंलोग मजहवी है नही,खेल कराए नेता.
मझहब की दीवार बना, वोट हर लेता,,,,,
SUKHAD CHARCHAA,MUJHE STHAAN DENE KE LIYE AABHAAR
जवाब देंहटाएंलिंक न० - ५
जवाब देंहटाएंउपादान पुरुषों की है, लीला अपरम्पार
ये परिजीवी जाति है, चिपके बारम्बार,,,,,,
लिंक न० -६
जवाब देंहटाएंहोता जाता है घाव, मरहम खुदै लगावो
जब होता अन्याय, कोई न सामने पावो,,,
लिंक न०- ७
जवाब देंहटाएंसरहद पर जब कोई, होता शहीद वीर जवान
माता भी गर्व करे, हिन्दुस्तान करे अभिमान,,,,,,
लगता है आज कवि गण मिलकर शतक लगा ही देंगे.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच सौ टिप्पणियों से आज सजा ही देंगे.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
कवियों अब सौ टिप्पणियों में थोड़ी सी है दूरी ,
जवाब देंहटाएंथोडा सा और दौड़ भाग लो कर दो ये भी पूरी.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
रविकर सुशिल और धीर ने की कल टिप्पणियों की बौछार ,
जवाब देंहटाएंसर्वश्रेष्ठ का खिताब मिला है इन तीनो को आज .
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक न० - ८
जवाब देंहटाएंभारतीय काव्यशास्त्र का.देते नित नित ज्ञान
काव्य शास्त्र हित के लिए, कार्य करे महान,,,,,,
लिंक न० - ९
जवाब देंहटाएंलाजबाब टिप्पणियों की,बेजोड बनी ये पोस्ट
इसी तरह लिखते रहो, करते रहो तुम रोस्ट,,,,
लिंक न० - १०
जवाब देंहटाएंनयनो की हो बात,बात मानते नयना
ना मानो गर बात,छिन जाये चायना,,,,,,,
आज की चर्चा मंच की चर्चा रास आई ,
जवाब देंहटाएंपहले लिंक में मिले दो ब्लोगर भाई.
दुसरे लिंक में राजेश जी ने बस है याद दिलाई,
तीसरे लिंक में वीरू भाई ने सौन्दर्य टिप्स बताई.
चौथे लिंक पर कुमार की अधूरी बातें सुनी ,
पांचवे लिंक पर बालेन्दु ने पुरुष व्यथा सुनाई.
छठे लिंक पर रश्मि जी ने अन्याय पर आवाज उठाई,
तो सातवे लिंक पर आशु जी ने सरहद याद दिलाई.
आठवें लिंक पर आचार्य जी ने काव्यशास्त्र बताया ,
तो नौवे लिंक पर रविकर जी ने हास्य रस पिलाया.
दसवें लिंक पर दिलबाग को नैनों की याद आई ,
ग्यारवें लिंक पर निरंतर जी ने अपनी कलम रुकाई.
बारवें लिंक पर सुनील जी ने कर दीं दिल की बातें ,
तेहरवें लिंक पर ह्यूमन ने की चिंतन की बातें.
चौदवें लिंक पर महेंद्र ने बताया बाबा राज ,
पन्द्रेवें लिंक पर मयंक ले आये सावन की बरसात.
सोलहवें लिंक पर मृदुला ने आस्था सिखलाई,
सत्रवें लिंक पर पाण्डेय जी ने खूब हंसी दिलाई.
अठार्वें लिंक पर महेन्द्र जी ने अपनी ग़ज़ल सुनाई,
उन्नीस वें लिंक पर ललित शर्मा ने छतीसगढ़ दिखलाया ,
बीसवें लिंक पर श्याम गुप्त ने मेघों को बहलाया.
इक्कीसवें लिंक पर है आमिर फासलों का साया ,
बाईसवें लिंक पर ज्योति ने मौन का पाठ पढ़ाया.
तेबिस्वें लिंक पर हैं धीर राजनीति के रूप ,
चौबीसवें लिंक पर सुशिल बताये कविता के उसूल.
और अंत में गाफिल जी ने अपनी अमानत दिखलाई,
गाफिल जी ने आज की चर्चा क्या ही खूब सजाई.
मजा आ गया टिप्पणियों में सभी कवि मुस्काए ,
आज तो कमेन्ट के सतक लगाने कितने कवि गण आये.
अंत में ''आमिर '' की तरफ से चर्चा मंच के सभी सदस्यों को शुभकामनायें.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
क्या बात है आमिर जी...
हटाएंलिंक न० - ११
जवाब देंहटाएंमन की चिंताए रोड़ा बनी, कलम लिखने को इन्कार
जब तक मार्ग निकालता नही, करिये थोड़ा इन्तजार,,,,
लिंक न० - १२
जवाब देंहटाएंकाबा काशी एक है, दोनों ही है धाम
एक में अल्लाह है एक में रहते राम,,,,,
लिंक न० - १३
जवाब देंहटाएंचिन्तन करना चाहिए,आध्यात्म से आत्मा,
साधक के साध्य से, मिल जाता परमात्मा,,,,,,
लिंक न० - १४
जवाब देंहटाएंकरोडों का टेक्स चोरी करे, कालाधन की करे पुकार
वाह रे बाबा राम देव, लोग करे तेरी जैय जैय कार
स्वदेशीकरण के हिमायती बाबा,विदेशी मदद है लेते
विदेशियों से हाथ मिला,आयुर्वेदिक उत्पाद है बेचते
आलोचना वाले करते रहते, हिम्मत रखो महेंद्र
आधासच के साथ पूरे खड़े, साथ दे रहा धीरेन्द्र,,,,
लिंक न० - १५
जवाब देंहटाएंसावन अबकी महगां पड़ा, महगां पडा त्यौहार
महगाई के इस मार से ,भूल रहे है शिष्टाचार,,,,,
लिंक न०- १६
जवाब देंहटाएंअपनी-अपनी भावना,अलग-अलग रखते विस्वाश
कुछ लोग मदिरालय, कुछ रखते ईश्वर पर आस,,,,,
लिंक - १७
जवाब देंहटाएंहँसने और हसाने के,सुंदर लगे हंसगुल्ले
पढकर मजा आ गया,अब खाते रसगुल्ले,,,,,
लिंक न० - १८
जवाब देंहटाएंऐ जिन्दगी कैसे तुझे प्यार करू ,
तेरी हर सुबह मेरी उमर कम कर देती है ,
बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा मंच:-)
लिंक न० - १९
जवाब देंहटाएंछतीस गढी की संस्कृति,का देता है संज्ञान
सवनाही देवी पूजा का सुन्दर किया बखान,,,,,
लिंक न० - २०
जवाब देंहटाएंमंद मंद पुरवा चले, रिमझिम गिरे फुहार
सावन में सजनी गाये, प्रेम गीत मल्हार,,,,,,
लिंक न० - २१
जवाब देंहटाएंनर- नारी दोनों में केवल,एक यहाँ पे होता
कितनी सुदर दुनियां होती,तब कोई न रोता,,,,,,,
कमेंट का शतक पूरा करने के लिए आप सभी प्रबुद्ध एवं सतर्क जनों का बहुत-बहुत शुक्रिया और आभार!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद गाफिल जी ...शतक में हमारी रचना के योगदान के लिये ..
हटाएंलीजिए पूरे कर दिए,कमेंट्स हो गए पूरे सौ
जवाब देंहटाएंरिकार्ड ब्रेक के लिए,कमेंट्स चाहिये एक सौ नौ,,,,,,,
लिंक न० - २२
जवाब देंहटाएंबेदर्दी यह दर्द नहीं सबको,ऐसे मिला जाता
प्यार करोगे तब जानोगे,कैसे है यह आता
लिंक न०- २३
जवाब देंहटाएंराजनीति की मंडी में, प्रजातंत्र नीलाम हो गया
गुंडागर्दी चोर चकार ,शहर ग्राम में आम हो गया,
गया भाड में देश, इन नेताओं की मक्कारी से
इनसे नफरत हो गई देश को, इनके भ्रष्टाचारी से,
लिंक न० - २४
जवाब देंहटाएंकविता और कवि भी, दोनों लगे कमाल,
इसीलिए तो मच गया,मोहल्ले में बबाल,,,,,,
लिंक न०- २५
जवाब देंहटाएंअपने हुजूर में कुछ कहने की इजाजत दे दो,
मैंने कब कोई शायरी का खिताब माँगा था,,,,,,,
अब इजाजत दीजिए मुझे, बजने वाले बारह
जवाब देंहटाएंरिकार्ड ब्रेक हो गया आज,कमेंट्स हो गए "111",,,,,,