टिप्पणियों से कर रहे, चर्चा माला-माल।
इन चारों की है नहीं, दूजी कोई मिसाल।।
चारों के ही लिंक पर, चटका देओ लगाय।
ब्लॉग पुरोधा हैं सभी, सबके ही मन भाय।।
मित्रों!
मंगलवार का चर्चा का दिन बहन राजेश कुमारी जी का होता है, लेकिन वो किसी अपरिहार्य कार्य से बार गयी हुई हैं। इसलिए मंगलवार की चर्चा के लिए कुछ लिंक आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ।
सावन आया या ख़्वाबों के बादल आये,
काग़ज़ को भरने दीवाने पागल आये
हमने आज गाड़ीवानो को रुसवा किया
यारों दिलदारों से मिलने को पैदल आये...
लिंक-1
आदमी डरता है हमेशा अपने इम्तिहान से ,
खौफ जदा रहता है खुद के नुकसान से ।
ना फ़िक्र है ज़माने की ,ना दहशत है खुदा की ,
हमेशा खौफ खाता है ,सिर्फ इन्सान से...
लिंक-2
"तेरी आँखों से गाल पर बहते हुए
जहां आंसू गिरे थे उन रास्तों पर चल के
मैं भी गिर गया हूँ अब जमीं पर
सोचता हूँ अब उठूँगा जब कभी मैं भाप बन कर...
लिंक-3
हर शाखा पर उल्लू बैठे, कैसे झूला डाल सकेंगे ।
हरियाली सावन की लेकिन , उल्लू नहीं हकाल सकेंगे...
लिंक-3 (अ) वटवृक्ष सपनों में ही पेंग बढ़ाते, झूला झूलें सावन में। मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।। लिंक-3 (आ) करे पुत्र जो जुल्म, दंड अब बाप भरेगा बल्ले बल्ले कर रहे, नालायक उद्दंड । रमण-राज में भय ख़तम, पड़ी कलेजे ठण्ड । पड़ी कलेजे ठण्ड, नया कानून चलेगा । करे पुत्र जो जुल्म, दंड अब बाप भरेगा ।
लिंक-4
"चौमासी कुहेड़ी नांगी पिरथी ढ़काणी
धरती की लाज अब नि रै बिराणी,
द्वी-चार मैना यी कुहेड़ी ढ़काली
आवा अग्वाड़ी अब हमुन भी बचाणी,
चौमासी कुहेड़ी द्वी-चार मैना ही राली
धै लगावा अब त बारमासी खुज्याणी...
लिंक-5
हरजाई, हरफ़नमौला, हरकारा
हिन्दी के बुनियादी शब्दभंडार में तीन तरह के *“हर”* हैं । पहला *‘हर’* वह है जो संस्कृत की* ‘हृ’* धातु से आ रहा है जिसमें ले जाने, दूर करने, पहुँचाने, खींचने, लाने जैसे भाव हैं । इससे बने ‘हर’ में भी यही भाव...
लिंक-6
बस यूँ ही….
आयत... मेरे कानों में कुछ गिरने की आवाजें थीं.. सफ़र के दौरान क्या गिरा होगा भला. चौंक के देखती हूँ आस पास. सब सलामत है. ट्रेन अपनी गति से चल रही है. चीज़ें अपनी गति से छूट रही हैं. लोग नींद की ताल से ताल मिला ... लिंक-7 चाँद चाँदनी को ढू़ँढ़ते -ढू़ँढ़ते परेशान चाँद आज धरती पर उतर आया कभी पेड़ों के झुरमुठ से कभी घर की खिड़की से झाँक-झाँक कर ढू़ँढ़ रहा बेचारा.. लिंक-8 ~~~~~~~~~ टैटू ~~~~~~~~ कितना अच्छा किया था जो उस दिन मैंने अपने हाथ में तुम्हारी जगह अपने ही नाम का टैटू गुदवा लिया था..... तुम चाहते थे मैं तुम्हारा नाम लिखवाऊं.... और कायदा भी वही है न....... लिंक-9 कोख को बचाने को... भाग रही औरतें बीबी पुर (जींद हरियाणा) की महिलाओं, अन्य प्रदेशों की बहादुर महिलाओं को नमन जिन्होंने घर परिवार का विरोध सह ज़माने से लड़ने को ठाना... लिंक-10 "बस इधर और उधर " *इधर जा उधर जा देखना मत झांक आ कहीं रूखा है कहीं सूखा है कहीं झरने हैं कहीं बादल हैं कोई खुश है कोई बिदका है जैसा भी है कुछ लिखता है ..... लिंक-11 प्यासा मन प्यासी धरती प्यासा सावन प्यासा पपीहे का तन मन घिर आई काली बदरिया पर वह न आए... लिंक-12 स्वाध्याय एवं चिंतन मनन से सब कुछ संभव है .... स्वाध्याय एवं चिंतन मनन की महत्ता का प्रतिपादन भारतीय ग्रंथों में विस्तारपूर्वक किया गया है . मनुस्मृति ३/७५ में स्पष्ट उल्लेख किया गया है " *स्वाध्याये नित्ययुक्त: स्यात* "
लिंक-13
उनका क्रेज इस कदर था कि लड़कियों ने उ
नके फोटोग्राफ से ही शादी कर ली थी
और कई तो अपनी उँगली काटकर
खून से ही माँग भर लेती थीं....
लिंक-14
लिंक-15
खेती किसानी अउ बनि-भूति म रमे लोगन बर तिज-तिहार
एक ठीन खुशी के ओढऱ भर नोहय बल्कि अइसन परब अउ रित रिवाज ह
समाज म कोनो न कोनो किसम के संदेसा लानथे...
लिंक-16
शून्यता के अतिरिक्त कुछ भी नहीं वहां -
फिर भी जीवन से लम्बी है ये मरीचिका,
अज्ञात स्रोत से निर्गत वो अरण्य गंध या
नभ झरित, उद्भासित आलोक नीहारिका...
लिंक-17
बड़ी मिन्नतों बाद बरसात हुई
लिंक-18
जुगनू सरीखे रिश्ते...
आज़ाद... हर डर, हर दर्द, हर दुश्चिंता से परे
मैं चल रही हूं पानी की लहरों पर.
पीठ पर परों का हल्का-सा बोझ है
लेकिन मन ऐसा हल्का जैसे कपास के फूल से
हवा के साथ बह चला कोई रोंया...
लिंक-18
तेरी आँखों में आंसूं भी देखें हैं,
और उनमें मुस्कराहट भी देखी है,
दोनों तोड़ देतें हैं तेरी आखों के बांध
और बहा लातें है बड़ी शिद्दत से तेरे जज़्बे को..
लिंक-19
मिल जाता जब किसी को, उसके मन का मीत।
अंग-अंग में थिरकता, प्यारभरा संगीत...।
लिंक-20
हो जाना है अंत सभी आयुधो का
सभी बमवर्षक विमान धराशायी हो जायेंगे
बंदूकों की नालियां हो जाएँगी बंद
फौजों के बूटों के तलवो में लगी गिट्टियाँ घिस जाएँगी
और तोपों के गोले हो जायेंगे फुस्स...
लिंक-21
रेल का एक सफर ....
जो बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देता हैं ......
सफर तय हैं ..और मंजिल भी ...
पर राह में मिलने वाले लोग अनजान ही रहते हैं हमेशा ....
लिंक-22
*अ ऐसा क्यूं होता है कि समाज के निचले तबके से उठ कर
उपर पहुंचने वाला भी यहां आकर अपने खास हो जाने के
एहसास में ऐसा जकड जाता है कि
फिर उसे किसी आम से कोई लगाव ही नहीं रह जाता..
लिंक-23
बड़े कमाल के निशानेबाज हो
एक ही बार में मार गिराया चूजों से वादा करके आये पंछी को ।
तुम्हें भूख नजर आती है केवल अपने बच्चों की...
लिंक-24
भीषण गर्मी पड़ रही थी न बिजली न पानी ,
लोग सडकों पर जाम लगा रहे थे
क्योंकि वे और तो कुछ कर भी नही सकते थे |
बार -**बार **बिजली जाने के बाद जब आती तो
लोगों को खुशियाँ मनाने का मौका मिलता कि वाह भाई ...
लिंक-25
कार्टून:- उत्तर प्रदेश में डॉक्टर-भर्ती का विज्ञापन |
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मंगलवार, जुलाई 17, 2012
"चर्चा को भरने दीवाना आया" (चर्चा मंच-943)
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लिंक नए अलबेले हैं, कुछ तो पहली बार दिखे |
जवाब देंहटाएंसावन की घटा कहीं छाई, बम फूटे कहीं अनार दिखे |
कोख बचाने को भागे, औरत इक लाचार दिखे |
कार्टून है, तीर्थ स्थल भी, यह चर्चा भिन्न प्रकार दिखे ||
बहुत सुंदर चर्चा इस सुंदर मंच पर शास्त्री जी. ढेर सारे सुंदर लिंक्स आपने खोज निकाले हैं अब एक एक कर सभी पर जाती हूँ. आभार मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिये.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा शास्त्री जी....
जवाब देंहटाएंअपनी रचना यहाँ पाकर प्रसन्न हूँ....
कमेन्ट फॉर्म चर्चा के पहले लगा है.....कुछ देर खोजा जब मिला :-)
सादर
अनु
ब्लाग पुरोधा का खिताब ना दे जाइये
जवाब देंहटाएंबस एक पाठक ब्लागों का बनाइये
मालामाल अगर करना है हमें
हर पाठक तक विनती पहुँचाइये
सबके लिंक पर जाईये और पढ़ के आइये
लिंक पर भी दे यहाँ भी चिपकाइये
चर्चा मंच तो रोज का रोज
बेहतर होता जा रहा है
ज्यादा नहीं तो कम से कम तीन
लिंक को देखने की आदत बनाइये
तीन टिप्पणी आप भी तो दे जाइये
आइये मेरी इस बात पर भी कुछ
अपनी बात आप भी कह के जाइये ।
क्या अपनी ही पोस्ट पर,टिप्पणियाँ दूँ तीन।
हटाएंसमीचीन लगता नहीं, मीठे में नमकीन।।
चर्चाकार लिंक ढूँढने में अपना समय लगा रहा है
हटाएंहमारे लिये ढूँढ ढूँढ के कहाँ कहाँ से ला रहा है
उनसे नहीं इस बात को कहा जा रहा है
फिर भी देखिये वो भी टिप्पणी कर जा रहा है ।
उपवन ब्लॉगिस्तान है, जिसमें सुमन अनेक।
हटाएंजो मुझको अच्छे लगे, उनका है अभिषेक।।
बहुत बहुत हार्दिक आभार शास्त्री जी मंगल वार की चर्चा सजाने के लिए कल शाम वापस आ गई थी| बहुत ही सुन्दर चर्चा सजाई है कई नए लिंक्स भी दिखाई दे रहे हैं बहुत आभार
जवाब देंहटाएंलिंक-25 कार्टून:- उत्तर प्रदेश में डॉक्टर-भर्ती का विज्ञापन
जवाब देंहटाएंसटीक कार्टून बनाया है
निविदा से हो रही हैं
जिम्मेदार पदों पर नियुक्तियां
हमारी समझ में भी आया है
एक पुल को बनाने के लिये
कम कीमत पर मिलती है निविदा
वहीं बनी चीज को तोड़ने के लिये
ज्यादा से ज्यादा देना पड़ता है
ऎसा इन निविदाओं का नियम
सरकार ने अब बनाया है ।
चर्चामंच का लेआउट बहुत सुन्दर शालीन बन गया है बधाई
जवाब देंहटाएंलिंक-24 सम्भावना है
जवाब देंहटाएंआप बहुत अच्छे लेखक है
हम आप जैसे नहीं हैं
पैसे की बात है जहां तक
आप के पास नहीं है
हमारे पास भी नहीं हैं
आप भी पति है
बताया है आपने
हम भी पति हैं
आपको भी बता रहे हैं
आप बहुत आगे
निकल गये हैं लेकिन
हम तो अभी बहुत पीछे
आप से हो जा रहे हैं
फिर भी बताने में
हम भी नहीं शरमा रहे हैं ।
लिंक-23 निशानेबाज
जवाब देंहटाएंचूजों पर तरस आ रहा है
निशानेबाजों को समझा रहा है
उनके अपने बच्चों को उन्हें दिखा कर
मुर्गियों को बचा रहा है
प्रवेश एक अच्छी कविता बना रहा है ।
लिंक-22 क्या कहिए ऐसे लोगन को !!!
जवाब देंहटाएंऎसे लोगों से जब कोई
कुछ नहीं कह पाता है
इसी लिये पाँच साल बाद
उतार दिया जाता है।
लिंक-21 जिंदगी कुछ इस तरह भी .....
जवाब देंहटाएंसुंदर !
रेल के अंदर बैठ
दो जोड़ी आंखे
दिखती है सामने
रेल के नीचे की पटरी
को सोचना पढ़ता है!
लिंक-20 अंततः
जवाब देंहटाएंऔर छोटे छोटे
युद्ध जो हम
लड़ने से
बचतें हैं
फिर नहीं होंगे
हमारे सामने
उस एक युद्ध
के बाद
साधुवाद !!!!
दो लिंक 18 हो गये हैं
जवाब देंहटाएं18 (1) तथा 18 (2)
कर दीजिये ।
सुन्दर प्रस्तुती ||
हटाएंआभार -
रहस्यवाद दर्शन दरश, बरस हरस बरसात |
शब्दों की यह गूढता, देर लगे समझात ||
लिंक-19 "आज फिर सत्रह दोहे"
जवाब देंहटाएंसावन है बारिश
बाहर बादल बरसते हैं
अंदर बनते हैं
दोहे खूबसूरत
यहाँ बरसते हैं
बार बार बरसते हैं।
खूब सजाया मयंक जी ने चर्चा मंच को आज ,
जवाब देंहटाएंदिवानो से कर दिया चर्चा का आगाज़.
अब तक मेरे साथियों ने 18 कमेंट्स कर डाले ,
आ गया आमिर भी करने टिप्पणियों की बरसात.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
सुशिल धीर रविकर को मेरी मुबारकबाद ,
जवाब देंहटाएंआपको सम्मान देकर हुआ आज चर्चा का आगाज़.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 0 से शुरुआत की जाये ,
जवाब देंहटाएंजिसमे कागज भरने को दीवाने पागल आये.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 1 में की है इम्तहान की बात ,
जवाब देंहटाएंसारे ही डरते दुनिया से किसकी करें हम बात.
लिंक नंबर 2 में किये आंसू शामिल बरसात में ,
दर्द में जीने वाले दोस्त रोते हैं बस रात में .
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 3 ने हैं झूले याद दिलाये ,
जवाब देंहटाएंपर क्या करें परदेसियों को भारत कौन बुलाये.
लिंक नंबर 4 में है गढ़वाली गजल ,
जो हम जैसे परदेसियों को भारत याद दिलाये.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 5 में है शब्दों का सफ़र ,
जवाब देंहटाएंजो हिंदी का ज्ञान दिलाये ,तीन तरह के *“हर”
लिंक नंबर 6 में आयत क्या कविता लिखी है ,
जिसको पढ़कर आज मैंने कई गहराइयाँ सीखी हैं.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 7 में है बस यूँ ही प्यारी रचना ,
जवाब देंहटाएंबड़ी अच्छी लिखी है ये आप भी इसको पढना.
लिंक नंबर 8 में अनु ने वादा याद दिलाया ,
शब्दों की सुन्दरता से क्या ही खूब सजाया.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 9 में सुरेन्द्र ने बेटियों के लिए आवाज उठाई है ,
जवाब देंहटाएंबहादुर महिलाओं को नमन है ,और इनको बधाई है.
लिंक नंबर 10 पर सुशिल जी ने लिखा बस इधर और उधर ,
रचना तो बड़ी अच्छी थी ,आज मै भी गया था इनके उधर.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 11 पर है आशा जी का प्यासा मन ,
जवाब देंहटाएंप्यास धरती की जरुर मिटेगी आ गया सावन.
लिंक नंबर 12 पर स्वाध्याय एवं चिंतन मनन,
जिससे सबकुछ मुमकिन है,लगेगा आपका मन.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
लिंक नंबर 13 पर है राजेश खन्ना को याद किया ,
जवाब देंहटाएंपोस्ट लिखकर आमिर ने इनको है सम्मान दिया.
लिंक नंबर 14 पर है सुहाना सफ़र ,
आप भी पढ़कर के करें घर बैठे भ्रमण.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
बाकी लिंक पर आप भी लिखकर करना हक़ अदा ,
जवाब देंहटाएंआमिर है थोडा बिजी ,सभी को मेरा अल्वदा .
मेरे कवि साथियों आज फिर सतक लगाना ,
अपनी टिप्पणियों से तुम चर्चा मंच सजाना.
मयंक जी भी कम नही हैं गाफिल जी से यार ,
१०० टिप्पणियां करके दोस्तों साबित कर दो आज.
आप सभी को मेरी शुभकामनायें.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
ब्हुत ही सुन्दर लिन्क !! अपनी रचना यहा पाकर मन हर्षित हुआ।
जवाब देंहटाएंरविकर और सुशील जी, पड़े हुए हैं पस्त।
जवाब देंहटाएंलगता है धीरेन्द्र जी, कहीं और हैं व्यस्त।।
best charcha
जवाब देंहटाएं़़़
जवाब देंहटाएंपस्त नहीं पड़ा
मेरे धोबी ने
बुला लिया था
घर पर ही
करता हूँ कमेंट
घाट चला गया था।
लिंक-18
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
अंजना ने याद दिला दिया आज फिर हमें
हम भी भाई है बहन से मिला दिया हमें
रिश्ता ही ऎसा है कि जो कहा जाये कम है
गागर में सागर मिला कर बहा दिया हमें ।
पहला वाला लिंक-18
जवाब देंहटाएंजुगनू सरीखे रिश्ते...
सुंदर लेखन पढ़ने में दिखने लगते हैं चमकते हुऎ जुगनू ढेर सारे !
लिंक-17
जवाब देंहटाएंबरसात
मिन्नतों से
करवा दी बारिश
गजब करवाया
अफसोस हमने
क्यों नहीं
आपको अपने
शहर बुलवाया ।
सुंदर शब्द !
लिंक-16
जवाब देंहटाएंमहासत्ता
बहुत सुंदर
दिखा गयी
हमें भी एक झलक
सुंदर अदृ्श्य नायिका !!
लिंक-15
जवाब देंहटाएंरोग-राई हरे बर हरेली
त्योहार पर सुंदर आलेख!
लिंक -14
जवाब देंहटाएंमनमोहक चित्र सुंदर यात्रा वृतांत
लिंक-13
जवाब देंहटाएंलोकप्रियता का दूसरा नाम ''राजेश खन्ना ''
आमिर के जादुई चराग से निकला आज राजेश खन्ना ! वाह !!
लिंक-12
जवाब देंहटाएंस्वाध्याय एवं चिंतन मनन से सब कुछ संभव है ....एक बहुत ही सारगर्भित पोस्ट!!
लिंक-11
जवाब देंहटाएंसुंदर!!
सावन भी और पिया भी दोनो हैं !
Meri rachna ko yahan tak pahunchane ke liye bahut shukriya! Saadar, Anjana
जवाब देंहटाएंलिंक-10
जवाब देंहटाएंपहली बार सही फोटो लगाये हैं
बहुत दिनों में पहचान पाये हैं ।
लिंक-9
जवाब देंहटाएंकोख को बचाने को... भाग रही औरतें
बहुत सटीक और सुंदर
दर्द भ्रमर का ही नहीं
अब ये सबका है !!
लिंक-8
जवाब देंहटाएं~~~~~~~~~ टैटू ~~~~~~~~
बहुत खूबसूरत रचना !!
़़़़़़़़़़़़़़़
दिल में गुदा हो नाम
अपने को पता होता है
टैटू माना की हाथ में
खुदा होता है
लोगों से छुपाया जाता है
पर दिल का टैटू तो
रोज सामने आता है।
लिंक-7
जवाब देंहटाएंबस यूँ ही….
बहुत सुंदर प्रभाव शाली
चाँद भी लग गया अब
ढूँढने अपनी चाँदनी ।
लिंक-6
जवाब देंहटाएंआयत... सुंदर अभिव्यक्ति !
लिंक-5
जवाब देंहटाएंहरजाई, हरफ़नमौला, हरकारा
हिन्दी का ‘हर’ फ़ारसी की देन होते हुए भी नितांत भारतीय है ।
हर तरफ है हर ज्ञान वर्धक !!
लिंक-4
जवाब देंहटाएंगढ़वाली गजल- नांगी पिरथी ढ़काणी
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति !
लिंक 3 आ नीम निम्बौरी ::
जवाब देंहटाएंरविकर बस ये ही बचा था पिटवा दिया ना !
अपना कहाँ है आज किसी को तो ये नहीं बता दिया ना !!
लिंक-3 (अ)
जवाब देंहटाएंवटवृक्ष
वहाँ भी है
सुंदर है
शानदार है
इसलिये यहां
भी है।
लिंक-3
जवाब देंहटाएंतन की खुजली यूँ बढ़ी, रिंग-कटर ली खोज
अच्छा यहाँ भी हैं
सब ढूँढ रहे हैं !
चलिये खुजली मिटी तो सही !
लिंक-2
जवाब देंहटाएंतेरा वह आंसू भी शामिल है इसी बरसात में
सुंदर है आँसू है !
लिंक-1
जवाब देंहटाएंअपने इम्तिहान से...!!! बहुत संदर प्रस्तुति !
और अंत में 0 से किया है शुरू
जवाब देंहटाएंलिंक-0
मेरा फोटो
काग़ज़ को भरने दीवाने पागल आये
दीवाने पागल और कागज बहुत अच्छा है !!
आदरणीय शास्त्री जी बहुत सुन्दर लिंक्स जैसा की प्रिय रविकर जी ने लिखा हर रंग दिखा इस में तीर्थ धाम कार्टून बहादुरी नारी व्यथा ..पेंग बढ़ाते झूला झूलते मोहन और मोहिनी ...खूबसूरत ...कोख बचाने को भाग रही औरतें को आप ने भ्रमर का दर्द और दर्पण से चुना और यहाँ स्थान दिया नारियों को बल संबल दिया हम आभारी हैं आप के ..धीरे धीरे अन्य लिंक पर जायेंगे समय ....
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५