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शिवम् मिश्रा
बुरा भला
बुरा भला
(00)
1का न करै अबला प्रबल?.....(मानस प्रसंग-7)
(Arvind Mishra)
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2बंदगी ही हाथ में .....
udaya veer singh
उन्नयन (UNNAYANA) ![]() |
veerubhai
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4
चोर हूँ मैं
रचना दीक्षित
![]() |
5आदर्शवादी नेता,dheerendra![]() |
6मुहब्बत कौन सी शय है, नहीं आसान बतलाना
पुष्पेन्द्र वीर साहिल
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7
बाल गीत..वेद उपनिषद पुराण..डा श्याम गुप्त..
डा. श्याम गुप्त
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8
एक आवाज़ बीमार भ्रूण हत्या के खि़लाफ़
DR. ANWER JAMAL
प्यारी माँ ![]() |
9थोड़े से बच्चे बन जाएँ...
ऋता शेखर मधु
मधुर गुंजन |
10महंगाई,मीडिया और मैंगो मैन
संजीव शर्मा
नुक्कड़ |
11खुश/उदास होने की प्रक्रिया पर संवाद
समय
समय के साये में ![]() |
मनोज पटेलपढ़ते-पढ़ते |
13
जिसे भी मनायें हम मनायें |
14
शरद्-निशामेरे काव्य संग्रह..Raghunath Singh |
(19 )
बालिगों के लिए Sixteen Khajuraho Photos |
20
सारे के सारे नम्बरी !!

चर्चा मंच के लिए आज की चर्चा का उत्कृष्ट संकलन संपादन हेतु बधाईयाँ जी रविकर साहब ...... बहुआयामी चर्चा ..साधुवाद जी
ReplyDeleteएस एम् भाई ये भित्ति चित्र मैथुन के प्रवेश द्वार पर ही हैं गर्भ गृह में सिर्फ शिव लिंग है जिसका प्रतीकात्मक अर्थ है शिव तक पहुंचना है तो मार्ग शरीर से होकर जाएगा शरीर का अतिक्रमण करके जाएगा ,भोग से योग तक जाएगा रास्ता .भाई साहब यकीन मानिए ज्यादातर लिंक्स हमने बांचें हैं बढ़िया है प्रस्तुति विविध रूपा सामाजिक प्रसंगों से रु बा रु भ्रूण ह्त्या से लेकर नारि के प्रबला होने तक . .कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteram ram bhai
सोमवार, 23 जुलाई 2012
अमरीका नहीं देखा उसने जिसने लास वेगास नहीं देखा
http://veerubhai1947.blogspot.de/
तथा यहाँ भी -
कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.co
(0)
ReplyDelete७०० वी पोस्ट - पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' की १०६ वी जयंती पर विशेष
शिवम् मिश्रा
बुरा भला
अमर शहीद चन्द्रशेखर 'आजाद' जी को भारत वासियों की ओर से भी शत शत नमन !
७०० वी पोस्ट - पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' की १०६ वी जयंती पर विशेष
Deleteशिवम् मिश्रा
बुरा भला
हठी साहसी दृढ़-वचन, स्वाभिमान भरपूर ।
चरितवान निर्भीक मन, देशभक्ति में चूर ।
देशभक्ति में चूर, गुलामी की जंजीरें ।
बिलकुल नहीं कुबूल, उठाते जब शमशीरें ।
काँप उठे अंग्रेज, किन्तु फिर से गद्दारी ।
रहे सदा आजाद, स्वयं को गोली मारी ।।
आज सात सो पोस्ट की, देता साधुवाद।
Deleteकरता शत-शत् नमन मैं, तुमको हे आजाद।।
(00)
ReplyDeleteजंगल में मंगल !
मैं चित्रकार हूँ !
चित्रकार को आशीर्वाद और शुभकामनाऎं !!
कछुवा कुछ भी न छुवा, हाथी काटे केक ।
Deleteबन्दर केला खाय के, छिलका देता फेंक ।
छिलका देता फेंक, फिसल कर गैंडा गिरता ।
बेहद मोटी खाल, हिरन से जाकर भिड़ता ।
चिड़िया हंसती जाय, देख के नाटक सारा ।
जन्म-दिवस का केक, फेंक के हाथी मारा ।।
1
ReplyDeleteका न करै अबला प्रबल?.....(मानस प्रसंग-7)
(Arvind Mishra)
क्वचिदन्यतोSपि
मानस की नारी
दिखा दी आप ने सारी
हम तो देखते आ रहे हैं
आज तक जो नारी वो
तुलसीदास की नारी से
क्यों नहीं मेल खा री ?
(1)
Deleteबिगत युगों की परिस्थिति, मुखर नहीं थी नार ।
सोच-समझ अंतर रखे, प्रगटे न उदगार ।
प्रगटे न उदगार, लांछित हो जाने पर ।
यह बेढब संसार, जिंदगी करता दूभर ।
रहस्यमयी वह रूप, किन्तु अब खुल्लमखुल्ला ।
पुरुषों को चैलेन्ज, बचे न पंडित मुल्ला ।
(2)
अब रहस्य कुछ भी नहीं, नहीं छुपाना प्रेम ।
कंधे से कन्धा मिला, करे कुशल खुद क्षेम ।
करे कुशल खुद क्षेम, मिली पूरी आजादी ।
कुछ भी तो न वर्ज्य, मस्त आधी आबादी ।
का न करे अबला, प्रबल है पक्ष चुपाओ ।
राम चरित का पाठ, इन्हें फिर कभी पढाओ ।।
2
ReplyDeleteबंदगी ही हाथ में .....
udaya veer singh
उन्नयन (UNNAYANA)
उदयवीर जी का जवाब नहीं
अपनी बात सुनाई है
है किसी और की बताई है !
3
ReplyDeleteगोरों का पूडल प्रेम
veerubhai
कबीरा खडा़ बाज़ार में
वीरू भाई भी कविता सुना गये
बेचारे प्रधानमंत्री को पूडल बना गये !!
4
ReplyDeleteचोर हूँ मैं
रचना दीक्षित
रचना रवीन्द्र
समय चुराती है
फिर सबको बताती है
सब चोर रहे हैं
समझ नहीं पाती है
कोई समय चोर रहा है
कोई बेसमय चोर रहा है !!
बड़ा भला यह चोर है, बाकी सभी छिछोर ।
Deleteधन दौलत हीरे रतन, लालच रहे अगोर ।
लालच रहे अगोर, चोर यह चोरा चोरी ।
चोर-गली से जाय, चुराए समय कटोरी ।
चम्मच से चुपचाप, अकेले पान करे है ।
यह चोरित अनमोल, चीज को पास धरे है ।।
5
ReplyDeleteआदर्शवादी नेता,
dheerendra
काव्यान्जलि ...
एक नेता ही तो बचा है आदर्शवादी
बाकी बचे कहलाते हैं आतंकवादी !!
मत से है पूरा प्यार सखे ।
Deleteमत करना तुम खिलवाड़ सखे ।
तुम दान करो तन मन धन मत -
ताकि हम सकें दहाड़ सखे ।।
स्वार्थ सिद्ध जब न होवे,
सत्ता को चले उखाड़ सखे ।
निस्वार्थ भाव से कर्म करें जन
कलुषित दिल मत ताड़ सखे ।।
6
ReplyDeleteमुहब्बत कौन सी शय है, नहीं आसान बतलाना
पुष्पेन्द्र वीर साहिल
तलाशे-ख़ामोशी TALASHE-KHAMOSHI
बहुत सुंदर !
अगर कोई कर रहा हो मोहब्बत
तो आसान है बतलाना
पर करने वाले को फिर कहाँ
है कुछ नजर आना
ना है किसी को फिर उसने
आकर है कुछ बताना !!
nice
ReplyDelete7
ReplyDeleteबाल गीत..वेद उपनिषद पुराण..डा श्याम गुप्त..
डा. श्याम गुप्त
एक ब्लॉग सबका -
एक जरूरी कविता बच्चों के लिये !
बहुत सुंदर !
8
ReplyDeleteएक आवाज़ बीमार भ्रूण हत्या के खि़लाफ़
DR. ANWER JAMAL
प्यारी माँ
सही फैसला !
अनम के साथ नहीं हुआ अन्याय !
9
ReplyDeleteथोड़े से बच्चे बन जाएँ...
ऋता शेखर मधु
मधुर गुंजन
बेहतरीन भाव !
ओ री सखी
थोडे़ से नहीं पूरे
बच्चे बन जायें
बडे़ होने का लोभ
यहीं छोड़ जायें
बस खिलखिलायें !!
शुक्रिया सर !!
Delete10
ReplyDeleteमहंगाई,मीडिया और मैंगो मैन
संजीव शर्मा
नुक्कड़
मीडिया ही नहीं मुझे तो महसूस होता है
हर प्रोफेशन में कुछ ऎसा ही होता है
हर शाख पर अब एक ही नहीं
बोरा भर भर कर उल्लू होता है !
Shukriya.
ReplyDeleteरविकर जी आज की चर्चा तो बहुत निराले मन लुभावन उत्कृष्ट अंदाज़ में पेश की है इस प्रस्तुतीकरण के लिये बहुत बहुत बधाइयाँ.
ReplyDeleteआपके चयनित सारे लिंक्स पर धीरे धीरे जाना होगा. मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिये आभार.
16
ReplyDelete"भइया मुझे झुलाएगा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण
झूले झूला मगन मन, यह हरियाली तीज ।
सावन की छाई घटा, अंतस जाए भीज ।
अंतस जाए भीज, नहीं है प्रांजल भूला ।
हरी भरी सी डाल, डाल कर झूला-झूला ।
दादी लेती झूल, झूलती मैया चाची ।
धीरे धीरे खूब, झुलाए प्यारी प्राची ।।
11
ReplyDeleteखुश/उदास होने की प्रक्रिया पर संवाद
समय
समय के साये में
बेहतरीन है
हमने भी पढ़ दिया
जो लिखा है
मानवश्रेष्ठों के लिये!
20
ReplyDeleteसारे के सारे नम्बरी !!
Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA
दो नंबर के खेल में, मचती ठेलम-ठेल ।
बड़े खिलाड़ी दे रहे, दावेदारी पेल ।
दावेदारी पेल, यहाँ पर सब निश्चिन्तन ।
खानदान का खेल, नहीं होना कुछ मंथन ।
पी एम नंबर तीन, बगल का चौथा नंबर ।
एंटोनी या शरद, बैठ के ताको अम्बर ।।
12
ReplyDeleteहाल सिरोविट्ज़ : पुत्र
मनोज पटेल
पढ़ते-पढ़ते
बहुत सुंदर भाव हैं
बस हमारे ही भगवान है
बाकी है भी किसी के तो
उसकी किसे पहचान है !
13
ReplyDeleteजिसे भी मनायें हम मनायें
"निरंतर" की कलम से........
सुंदर !
14
ReplyDeleteशरद्-निशा
मेरे काव्य संग्रह..
Raghunath Singh
बहुत कुछ है पढ़ने के लिये !
15
ReplyDeleteमजदूर, चाँद और रोटियां
दीपक बाबा
दीपक बाबा की बक बक
बहुत खूब !!
बक बक चाँद या
रोटी की नहीं होती
बक बक तब होती है
जब रोटी भी
चाँद हो जाती है
आसमान में दिखती तो है
पर हाथ में नहीं
कभी आ पाती है !!
स्तरीय चर्चा. आभार रविकर जी!!
ReplyDelete-- पढ़ते-पढ़ते
16
ReplyDelete"भइया मुझे झुलाएगा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण
वाह ! बचपन याद आ गया !!
17
ReplyDeleteदक्षिण भारत के प्रचंड विद्रोही:अल्लूरी सीताराम राजू
Suman
लो क सं घ र्ष !
.ऐसे क्रान्तिकारियो के कारण ही हम आजाद हुए और आज के नेता और अधिकारी फिर से इस देश को गुलाम बनाने में लगे हुए है
जन सामान्य भी तो
वही कर रहा है
जो नेता कर रहा है
बेचारा नेता ही अकेले
बदनाम हो रहा है !!!
रोचक और पठनीय सूत्र..
ReplyDelete18
ReplyDeleteयूँ ही अक्सर .
आमिर दुबई
मोहब्बत नामा
हो रहा है अगर
इस तरह का
बहुत कुछ अक्सर
जरूरत तो नहीं
देख लेना धर के
पास का कोई डाक्टर !!
(19 )
ReplyDeleteबालिगों के लिए
Sixteen Khajuraho Photos
SM
From Politics To Fashion
शिव का तीसरा नेत्र भी तो चाहिये !
शिव भोग और योग बहुत सही है
समझ होना उसपर ऎसी नजर होना
वीरू भाई कह तो रहे हैं
पर हर कोई इस सोच तक पहुँचे
जरूरी तो नहीं है!
और अंत में रविकर का आभार बार बार
ReplyDeleteसुंदर चर्चा बनाने के लिये हमें टिप्पणियों
को करने दिये जाने के लिये !
20
सारे के सारे नम्बरी !!
Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA
बहुत सुंदर !
आगे भी नंबर पीछे भी नंबर !
रविकर का आभार.आज की चर्चा बहुत ही सलीके से सजाई है.एक एक लिंक अपने आप में बहुत कुछ लिए हुए है.सभी लिंक आकर्षित करने वाले हैं.ऐसा लगता है जैसे की काफी मशक्कत के बाद इन्हें तरतीब दी होगी.ढेरों शुभकामनाये.
ReplyDeleteमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
बढ़िया प्रस्तुति बहुत ही उम्दा लिंक्स संयोजन......
ReplyDeleteवाह ... बेहतरीन लिंक्स के साथ उम्दा चर्चा
ReplyDeleteसभी लिंक्स बेहतरीन हैं,व्यवस्थित चर्चा...मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार !!!
ReplyDeleteअच्छी चर्चा
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स
लिंक न० - १६
ReplyDelete(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
हरियाली तीज आई, पड़ गया पेड़ पर झूला
बहना को बैठाकर भईया, झूला रहा है झूला,,,,,,
लिंक - १८
ReplyDeleteआमिर दुबई
दिल में अपने बना रखी है
इन आँखों में सजा रखी है
इक तस्वीर तुम्हारी हमने
ऐसे रात गुजारी हमने!
लिंक न० - ०
ReplyDeleteशिवम मिश्रा जी,,,
७००" वीं पोस्ट पर, देता तुम्हे मुबारकबाद
देश तुम्हे नमन कर रहा,चन्द्रशेखर आजाद,,,,,,,
रविकर जी को,,,,,
ReplyDeleteशामिल कर मेरी रचना ,बड़ा किया उपकार
कैसे शुक्रिया अदा करू,चुकाऊ कैसे ये भार,,,,,,
बहुत ही बढिया पोस्ट सजाई है । सभी लिंक बेहतरीन प्रस्तुति लिये हुए हैं ।
ReplyDeletesaarthak shram ke liye ravikar ji ko badhaayee
ReplyDeleteशुक्रिया।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सूत्रों की भरमार उस पर चर्चा शानदार वाह वाह रविकर जी बधाई |
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteआभार
बहुत कुछ है पढ़ने के लिये
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
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