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Tuesday, July 24, 2012

मंगलवारीय चर्चा (950) प्रणय के स्रोत का अनवरत कल-कल


मंगलवारीय चर्चा में राजेश  कुमारी का आप सब को नमस्कार ,सुप्रभात,गुड मार्निंग 
आपका दिन मंगलमय हो |
(आज का विचार)  आज कल लड़कियों का अनुपात इतना तेजी से घटता जा रहा है कि आने वाले समय में लड़की वाले नहीं लड़के वाले दहेज़ देंगे   
अब चलते हैं आप के प्यारे-प्यारे ब्लोग्स पर 
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क्रोध - काम, क्रोध, मद, और लोभ
मनोज
प्रणय के स्रोत का अनवरत कल-कल - *प्रणय के स्रोत का 
गज़ल - आजकल जी. मेल मे पता नही क्या

हरियाली तीज - हरियाली तीज  1. शिव-सा 
posted by उदय - uday atकडुवा सच ...
posted by Mridula Harshvardhan at अभिव्यक्ति 
posted by डा. श्याम गुप्त at भारतीय नारी 
posted by रवीन्द्र प्रभात at वटवृक्ष -और अब  अंत  में मेरे ब्लॉग पर भी टहल आइये 
posted by Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN 
इसी के साथ ही आप सब से विदा लेती हूँ फिर मिलूंगी अगले मंगलवार इसी जगह बाय बाय आपका  दिन शुभ हो 
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49 comments:

  1. बहत सुन्दर चर्चा!
    ब्रॉडबैण्ड नहीं चल रहा है 2 दिन से!
    स्लो कनेक्शन से नेट रो-रोकर चल रहा है।

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  2. बहुत सुंदर चर्चा ...
    आभार..

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  3. राज कुमारी जी आपने सही कहा है लडकियों की घटती संख्या चिंता का विषय है |पर आज भी समाज में कितने लोग हैं जो कन्याओं का महत्त्व समझते हैं |
    बहुरंगी लिंक्स का चुनाव बहुत कुशलता से किया है आपने बधाई |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

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  4. बढ़िया लिंक्स मेहनत करके सजाये आपने उत्कृष्ट रचनाएं ,प्रासंगिक रचनाएं पढवा दीं आपने .सेहत को भी तवज्जो दी आपने शुक्रिया .

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  5. बहुत आकर्षक चर्चामंच सजाया है राजेश कुमारी जी ! मेरी रचना को इसमें सम्मिलित किया आभारी हूँ ! नागपंचमी की आपको व सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं !

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  6. 1 दास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की )
    बहुत सुंदर !
    एक तरफ कुछ कुछ
    दूसरी तरफ भी कुछ बहुत कुछ !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. एक तरफ दुनिया भली, भलटी रविकर ओर।

      भलमनसाहत गैर हित, मुझको मार-मरोर ।।

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  7. बरस रहे हैं जमकर बादल, धरा हुई है मतवाली।
    शुरू हुए रमजान मुकद्दस, आई तीजो हरियाली।।

    lajawab charcha.

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  8. 2.Safarnaamaa... सफ़रनामा...


    बहुत सुंदर !

    मिल भी लीजिये
    नहीं मरेंगे खुशी से
    हम रखेंगे खयाल आपका
    कैसे रहेंगे दूर जिंदगी से !

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार है, नहीं हमसफ़र आप ।

      साथ अगर मिलता कहीं, रस्ता लेता नाप ।।

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  9. 3.अमन का पैग़ाम
    मानसिक विकृतियों का नाम आजादी हरगिज़ नहीं हो सकता |


    बहुत सुंदर लेख !
    महसूस होती है विकृति
    कभी कभी पूरे ही समाज में
    इलाज केवल एक का कर के
    क्या ठीक हो जायेगी !

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    Replies
    1. पोर्नोग्राफी विकृती, बड़ा घिनौना कर्म ।

      स्वाभाविक जो कुदरती, कैसे सेक्स अधर्म ?

      कैसे सेक्स अधर्म, मानसिक विकृत रोगी ।

      होकर के बेशर्म, अनधिकृत बरबस भोगी ।

      नर-नारी यह पाप, जबरदस्ती का सौदा ।

      शादी सम्मति बिना, जहाँ मन-माफिक रौंदा ।।

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  10. 4.Kashish - My Poetry
    शब्द क्यों गुम हो गये


    शब्द निकल तो रहें हैं
    खूबसूरत से बहुत
    कहाँ गुम हुऎ हैं
    इतना कुछ कह गये आप
    फिर ऎसा कैसे कह रहे हैं!!!

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  11. 5. नीम-निम्बौरी
    करो हिफाजत आप, शाप जीवन पर तेरे -रविकर -

    अंधेरगर्दी चौपट राजा !!

    अपनी अपनी हिफाजत में लगे है सरकारी लोग
    देख देख कर मस्त हैं बचे हुवे बाकी लोग
    अंधेर गर्दी की हो गयी है चारों ओर मौज
    महिला आयोग भी कर रहा यात्रा का उपयोग
    गोहाटी जा कर कुछ दिन पहले ही आया है
    इस बार पटना से निमंत्रण उसने बनवाया है !!

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  12. 6. रूप-अरूप
    मौन का जंगल - सफर के

    वाह !
    बहुत सुंदर !!
    पहले खुशियों की
    कस्तूरी बनायेंगी
    फिर तुमको मृग बना
    उसे ढूँढने में
    लगायेंगी !!

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  13. 7. समयचक्र
    रामचरितमानस से : कुसंग/ कुसंगति के बारे
    कुसंगति से हानि मानस की कहानी है
    बहुत सुंदर है जुबानी जुबानी है
    कर्णधार देश के कहाँ मानते इसको
    जिसको कुसंगति से सरकार चलानी है!!

    ReplyDelete
  14. तुम्‍हें ढूंढने के क्रम में ...
    सदा
    SADA


    बड़े पुन्य का कार्य है, संस्कार आभार ।
    तपे जेठ दोपहर की, मचता हाहाकार ।

    मचता हाहाकार, पेड़-पौधे कुम्हलाये ।
    जीव जंतु जब हार, बिना जल प्राण गँवाए ।

    हे मूरत तू धन्य , कटोरी जल से भरती ।
    दो मुट्ठी भर कनक , हमारी विपदा हरती ।।

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  15. 8.Sudhinama
    जाग जाओ

    बहुत सुंदर !!

    जरूरत अब इसी आह्वाहन की है
    जागना ही है तुझे अब सोच ले
    राम बन मौत पक्की रावण की है !!

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  16. बहुत सुंदर चर्चा ...
    आभार..

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  17. 9.Akanksha
    था उसका कैसा बचपन –

    बहुत खूब !!

    उसका बचपन
    खुले आसमान
    का एक पक्षी
    इसका बचपन
    पिंजरें में जैसे
    हो कोई पक्षी !!

    ReplyDelete
  18. 10. श्याम स्मृति..The world of my thoughts...डा श्याम गुप्त का चिट्ठा..
    नागपंचमी के निहितार्थ..... डा श्याम गुप्त -

    बहुत सुंदर !!

    जरूरी हैं कुछ किताबें
    अब भी सब के लिये
    पढ़ लेते सुन लेते
    समझ लेते कुछ
    पुरानी हैं पर अभी
    भी आत्मसात कर लेंते
    तो जो हो रहा है
    हर तरफ चारों ओर
    कम से कम नहीं सहते
    आगे भी बढ़ते और खुश रहते !!!

    ReplyDelete
  19. 11. वटवृक्ष
    और खाने की गुंजाइश नहीं रही -

    बहुत सुंदर लघुकथा !

    कौन बुला रहा है
    कौन जा रहा है
    खाना हर कोई
    अपना आपना
    खा रहा है !!

    ReplyDelete
  20. 12. Ganga ke Kareeb
    चन्द्रेश्वर महादेव मंदिर, ऋषिकेश

    बहुत मनमोहक चित्र तथा सजीव वर्णन !

    ReplyDelete
  21. 13.कर्मनाशा
    छुट्टी कुछ दिन और अभी -

    सलाम !

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    Replies
    1. हुक्का-पानी बंद की, चिंता रही सताय ।
      डाक्टर साहब इसलिए , रहे हमें भरमाय ।

      रहे हमें भरमाय, नदी के तीर जमे हैं ।
      प्राकृतिक परिदृश्य, मजे से मस्त रमे हैं ।

      एक मास का समय, दिया रविकर ने पक्का ।
      सीधे हों सिद्धेश, नहीं तो छीनें हुक्का ।।

      Delete
  22. 14. मेरी कविताओं का संग्रह
    मेरे मन का दर्द

    दर्द ही दर्द है
    बड़ा ही बेदर्द है !

    ReplyDelete
  23. 15.जाले
    क्रोध - काम, क्रोध, मद, और लोभ

    सुंदर !!
    मार का डर ही तो
    रास्ता दिखाता है
    मार पचा जाये अगर
    फिर रास्ते में
    कहां आ पाता है!!

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  24. 16.मनोज
    प्रणय के स्रोत का अनवरत कल-कल - *प्रणय के स्रोत का

    बहुत ही मनमोहक गीत !

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  25. (आज का विचार) आज कल लड़कियों का अनुपात इतना तेजी से घटता जा रहा है कि आने वाले समय में लड़की वाले नहीं लड़के वाले दहेज़ देंगे.

    माँ के कदमो तले जन्नत है.
    और बीवी जिन्दगी की गाड़ी का दूसरा पहिया है.
    तो फिर बेटी क्यूँ नही ? बढती भ्रूण हत्याएं ,दहेज़ के नाम पर किये जाने वाले कत्ल ,बहुत ज्यादा दहेज़ की मांग करके इन बच्चियों को जिन्दगी भर कुंवारी रहने को मजबूर कर देना,ये भी बेटी की हत्या ही है.बस फर्क ये है की एक कोख में मारी जाती है,और दूसरी समाज में जीते जी.



    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

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    Replies
    1. बजे बाँसुरी बेसुरी, काट फेंकते बाँस ।
      यही मानसिकता करे, कन्या भ्रूण विनाश ।

      कन्या भ्रूण विनाश, लाश अपनी ढो लेंगे ।
      नहीं कहीं अफ़सोस, कुटिल कांटे बो देंगे ।

      गर इज्जत की फ़िक्र, व्याह करते हो काहे ?
      नारी पर अन्याय, भरोगे आगे आहें ।।

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  26. बहुत सुन्दर चर्चा लगे है काफी पठनीय लिंक मिले ... समयचक्र को स्थान देने के लिए आभार ...

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  27. चाँद को इतने प्यार से बांटने के लिए आभार
    सभी लिंक्स बहुत अच्छे हैं
    दिन भर में पढूंगी धीरे धीरे लुत्फ़ ले कर

    आभार
    नाज़

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  28. चर्चा मंच में मेरी पोस्ट 'चन्द्रेश्वर महादेव मंदिर ,ऋषिकेश' को शामिल करने के लिए आभार ।

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  29. बहुत सुन्दर चर्चा ...............

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  30. राजेश कुमारी जी,
    चर्चामंच बहुत सुन्दर लगा.
    मेरी पोस्ट को इसमें स्थान देने के लिए सादर धन्यवाद!

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  31. बहुत सुन्दर लिंक्स...सुन्दर चर्चा ...आभार

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  32. बेहतरीन लिंक्स ...
    आभार !

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  33. आमिर दुबई जी बहुत बहुत शुक्रिया काश सभी के विचार आप जैसे हो जाएँ तो हमारे देश में यह समस्या दम तोड़ देगी हार्दिक आभार आपके विचारों को जान कर बहुत ख़ुशी हुई

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  34. बेहद खूबसूरत लिंक संयोजन ………सुन्दर चर्चा।

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  35. बेहतरीन लिंक्स से सजी चर्चा मंच..
    :-)

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  36. रविकर जी और सुशील जी आपकी टिप्पणियाँ चर्चामंच में चार चाँद लगा देती हैं आप दोनों को कोटि कोटि आभार और सभी टिप्पणीकारों को हार्दिक आभार .

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  37. पर तुमने-?
    पर जमने से पहले ही काट डाला
    शरीर में जान-?
    पड़ने से पहले ही मार डाला,
    आश्चर्य है.?
    खुद को खुदा कहने लगे हो
    प्रकृति और ईश्वर से
    बड़ा समझने लगे हो
    तुम्हारे पास नहीं है।
    कोई हमसे बड़ा सबूत,
    हम बेटियां न होती-?
    न होता तुम्हारा वजूद......

    आज की सुंदर प्रस्तुति के लिए,,,,,राजकुमारी जी, बधाई

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  38. सुंदर मंच सजाया है आपने , छांट छांट कर रचनाओ को लगाया है आपने

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  39. बहुत सुन्दर लिंक्स, सुन्दर चर्चा, मेरा ब्लॉग शामिल करने के लिए आभार.

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  40. धीरेन्द्र जी आपकी प्रतिक्रिया बहुत प्रभाव शाली है

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  41. मेरे ब्लॉग को यहाँ शामिल करने के लिए बहुत आभार.

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  42. GREAT CHARCHA...Rajesh ji....thanks.

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