दोस्तों! चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ का नमस्कार! सोमवारीय चर्चामंच पर पेशे-ख़िदमत है आज की चर्चा का-
लिंक 1-
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लिंक 17-
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लिंक 19-
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लिंक 20-
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आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
ज्वलंत मुद्दे पर झकझोरता हुआ आज का चर्चा मंच ,मेरा लेख भी इसमें स्थान पाया यह मेरा सौभाग्य !!
जवाब देंहटाएंgood work
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे संवेदन शील मुद्दे पर सूत्र बढ़िया चर्चा हेतु हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंआभार शास्त्री जी ।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय सर वर्तमान मुद्दे को चर्चामंच पर शामिल किया है आपने, यहाँ यह चर्चा अनिवार्य थी..
जवाब देंहटाएंमुझे इस बात की हार्दिक ख़ुशी है की यह एक उपयोगी चर्चा का मंच साबित हो रहा है। मुझे यहाँ स्थान मिला इसके ले आपका आभार।
जवाब देंहटाएंत्यागी
www.parshuram27.blogspot.com
जवाब देंहटाएंभाव और अर्थ दोनों की शानदार अभिव्यक्ति हुई है रचना में .पूरी आशंका है कहीं यह जन आक्रोश बिखर न जाए इसमें बलवाई न सैंध लगा दें .बढ़िया तंज इंतजामिया पर .रिमोटीया चिरकुट
सरकार पर .
मिस रामप्यारी मग्गाबाबा परिचय
जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...
Sunday, December 23, 2012 at 7:30 PM Posted by ताऊ रामपुरिया
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र अंदर राजमहल में मिस समीरा टेढी के साथ शतरंज खेलने में व्यस्त हैं. बीच बीच में टीवी स्क्रीन पर नजर भी डाल लेते हैं. सभी को पता है कि ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने संपूर्ण रूप से गांधी जी के तीन बंदरों वाली सीख को जीवन में उतार रखा है. उन्हें बहुत कम लोगों ने बोलते सुना है. उनके इतने लंबे सुशासन का यही राज है.
महल के बाहर हस्तिनापुर के युवक युवतियां अपने पर हुई बहशियाना ज्यादतियों को लेकर शांति पूर्ण आंदोलन पर उतारू हैं. महाराज इससे बेखबर हैं...पर महाराज के सिपह सालार अंदरूनी रूप से घबराये हुये हैं क्योंकि सिपह सालार जनता और खासकर युवा शक्ति के मिजाज को भांपते हैं. बाहर आंदोलनकारी युवा हटने को तैयार नही है. ताऊ टीवी लगातार लाईव प्रसारण कर रहा है.
तभी ताऊ महाराज धृतराष्ट्र के सेनापति अंदर दाखिल होते हैं और महाराज को कार्निश बजाने के बाद कहते हैं कि - महाराज अब आंदोलनकारियों का धैर्य जबाव देने लगा है, अब वो हटने को तैयार नही हैं, भीड बढती जा रही है...कहीं महल को ही खतरा पैदा ना हो जाये...मेरा आपसे निवेदन है कि आप बालकनी से ही जनता को दो चार झूंठे आश्वासन दे दिजिये जिससे यह खतरा फ़िलहाल तो टल जाये.
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने खा जाने वाली नजरों से सेनापति को घूरते हुये कहा - सेनापति, हमने तुमको इतने बडे ओहदे पर क्यों रखा है? ये जरा से बच्चे तुमसे संभाले नही जाते क्या? अब इन छोटे छोटे बच्चों से निपटने के लिये भी हमें ही आना पडेगा क्या?...जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...चलो जावो...आंदोलनकारी हटाकर हमें खबर करो....
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र और मिस समीरा टेढी शतरंज खेलते हुये
सेनापति बोला - महाराज, मैं साम,दाम,दंड और भेद सब आजमा चुका हुं...कल मंत्री जी का बयान भी करवा चुका हूं...पर आंदोलनकारी टस से मस नही हो रहे और अब अगर उन्होने आकर आपका गला पकडा तो मैं जिम्मेदार नही रहूंगा.....
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे अक्ल के टमाटर....भलती ही बातें करता है तू? जा और अपने ही सैनिको को जनता बनाकर पत्थर बाजी करवा दे...कहीं लकडी के गठ्ठरों को आग लगवा दे...और घोषणा करवा दे कि
आंदोलनकारियों में असामाजिक तत्व घुस आये हैं....और जमकर लाठियों से आंदोलनकारियों की धुनाई करवा डाल...भगा सबको... और सुन हमें और समीरा जी को अब डिस्टर्ब मत करना...
और सेनापति ने जाकर महाराज के हुक्म अनुसार कार्यवाही शुरू कर दी.........
(जारी रहेगा...)
ram ram bhai
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सोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
http://veerubhai1947.blogspot.in/
आज के हालात का तप्सरा है यह मार्मिक गीत .जबकि व्यवस्था हक़ मांगने वाले निहथ्थों से इतना डरी हुई है ,एक भी सत्ता पक्ष का सांसद आधी आबादी के सुरक्षा का हक़ मांगने वाले युवाओं के सामने आके यह कहना का हौसला भी नहीं जुटा पा रहा है :
जवाब देंहटाएं"हम आपके साथ हैं ,जो भी अधिकतम संभव होगा हम करेंगे ,ज़रुरत पड़ी तो संविधान में ,क़ानून की बलात्कार सम्बन्धी धारा में संशोधन करेंगे ,यही मौक़ा है जब इस मुद्दे पे पक्ष विपक्ष सहमत भी हैं "
पूछा जा सकता है क्या संविधान संशोधन सिर्फ शाहबानों का हक़ मारने तक सीमित रहा है .आज जबकि एक निर्भय बेटी ,निर्भय सिस्टर ,निर्भय हिन्दुस्तान की दोस्त मौत को ललकारती हुई हौसला बनाए हुए है ,युवा सम्राट कहाँ है ? कहाँ है कांग्रेस का वह हाथ जो आम आदमी के साथ होने का दम भरता है ?सिस्टर निर्भय ने एक राष्ट्रीय चेतना जगाई है औरतों को हौसला न छोड़ने की एक मुहीम छेड़ी है
सत्ता पक्ष के सांसद क्या कर रहें हैं .शीला दीक्षित भले मोदी जी की तरह तीन टर्म भुगता चुकी हैं अब उन्हें दिल्ली की आंच से बचके इस्तीफा देना चाहिए .ये आंच रुकने वाली नहीं है .निहथ्थे युवाओं के हाथ में केरोसीन के पीपे नहीं है जो उनपे डंडे बरसाए जा रहें हैं ?किसी का घर फूंकने नहीं निकले हैं लोग वह तो अपने आप फुंकेगा नपुंसत्व की आंच से ,आत्म हीनता से इन सांसदों की .
एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :
रविवार, 23 दिसम्बर 2012
"मंडराती हैं चील चमन में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
सज्जनता बेहोश हो गई,
दुर्जनता पसरी आँगन में।
कोयलिया खामोश हो गई,
मंडराती हैं चील चमन में।।
अबलाओं के कपड़े फाड़े,
लज्जा के सब गहने तारे,
यौवन के बाजार लगे हैं,
नग्न-नग्न शृंगार सजे हैं,
काँटें बिखरे हैं कानन में।
मंडरातीं हैं चील चमन में।।
मानवता की झोली खाली,
दानवता की है दीवाली,
कितना है बेशर्म-मवाली,
अय्यासी में डूबा माली,
दम घुटता है आज वतन में।
मंडरातीं हैं चील चमन में।।
रवि ने शीतलता फैलाई,
पूनम ताप बढ़ाने आई,
बदली बेमौसम में छाई,
धरती पर फैली है काई,
दशा देख दुख होता मन में।
मंडरातीं हैं चील चमन में।।
सुख की खातिर पश्चिमवाले,
आते हैं होकर मतवाले,
आज रीत ने पलटा खाया,
हमने उल्टा पथ अपनाया,
खोज रहे हम सुख को धन में।
मंडरातीं हैं चील चमन में।।
शावकसिंह खिलाने वाले,
श्वान पालते बालों वाले,
बौने बने बड़े मनवाले,
जो थे राह दिखाने वाले,
भटक गये हैं बीहड-वन में।
मंडरातीं हैं चील चमन में।।
जवाब देंहटाएंभाव और अर्थ दोनों की शानदार अभिव्यक्ति हुई है रचना में .पूरी आशंका है कहीं यह जन आक्रोश बिखर न जाए इसमें बलवाई न सैंध लगा दें .बढ़िया तंज इंतजामिया पर .रिमोटीया चिरकुट
सरकार पर .
मिस रामप्यारी मग्गाबाबा परिचय
जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...
Sunday, December 23, 2012 at 7:30 PM Posted by ताऊ रामपुरिया
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र अंदर राजमहल में मिस समीरा टेढी के साथ शतरंज खेलने में व्यस्त हैं. बीच बीच में टीवी स्क्रीन पर नजर भी डाल लेते हैं. सभी को पता है कि ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने संपूर्ण रूप से गांधी जी के तीन बंदरों वाली सीख को जीवन में उतार रखा है. उन्हें बहुत कम लोगों ने बोलते सुना है. उनके इतने लंबे सुशासन का यही राज है.
महल के बाहर हस्तिनापुर के युवक युवतियां अपने पर हुई बहशियाना ज्यादतियों को लेकर शांति पूर्ण आंदोलन पर उतारू हैं. महाराज इससे बेखबर हैं...पर महाराज के सिपह सालार अंदरूनी रूप से घबराये हुये हैं क्योंकि सिपह सालार जनता और खासकर युवा शक्ति के मिजाज को भांपते हैं. बाहर आंदोलनकारी युवा हटने को तैयार नही है. ताऊ टीवी लगातार लाईव प्रसारण कर रहा है.
तभी ताऊ महाराज धृतराष्ट्र के सेनापति अंदर दाखिल होते हैं और महाराज को कार्निश बजाने के बाद कहते हैं कि - महाराज अब आंदोलनकारियों का धैर्य जबाव देने लगा है, अब वो हटने को तैयार नही हैं, भीड बढती जा रही है...कहीं महल को ही खतरा पैदा ना हो जाये...मेरा आपसे निवेदन है कि आप बालकनी से ही जनता को दो चार झूंठे आश्वासन दे दिजिये जिससे यह खतरा फ़िलहाल तो टल जाये.
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने खा जाने वाली नजरों से सेनापति को घूरते हुये कहा - सेनापति, हमने तुमको इतने बडे ओहदे पर क्यों रखा है? ये जरा से बच्चे तुमसे संभाले नही जाते क्या? अब इन छोटे छोटे बच्चों से निपटने के लिये भी हमें ही आना पडेगा क्या?...जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...चलो जावो...आंदोलनकारी हटाकर हमें खबर करो....
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र और मिस समीरा टेढी शतरंज खेलते हुये
सेनापति बोला - महाराज, मैं साम,दाम,दंड और भेद सब आजमा चुका हुं...कल मंत्री जी का बयान भी करवा चुका हूं...पर आंदोलनकारी टस से मस नही हो रहे और अब अगर उन्होने आकर आपका गला पकडा तो मैं जिम्मेदार नही रहूंगा.....
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे अक्ल के टमाटर....भलती ही बातें करता है तू? जा और अपने ही सैनिको को जनता बनाकर पत्थर बाजी करवा दे...कहीं लकडी के गठ्ठरों को आग लगवा दे...और घोषणा करवा दे कि
आंदोलनकारियों में असामाजिक तत्व घुस आये हैं....और जमकर लाठियों से आंदोलनकारियों की धुनाई करवा डाल...भगा सबको... और सुन हमें और समीरा जी को अब डिस्टर्ब मत करना...
और सेनापति ने जाकर महाराज के हुक्म अनुसार कार्यवाही शुरू कर दी.........
(जारी रहेगा...)
जवाब देंहटाएंसोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
http://veerubhai1947.blogspot.in/
टिप्पणियाँ स्पेम से निकालो तो और टिप्पणियाँ( क्यों )क
टिप्पणियाँ स्पेम से निकालो तो और टिप्पणियाँ( क्यों )करें .
जवाब देंहटाएंसेतु समायोजन बहुत मौजू (प्रासंगिक )और सार लिए है ,आज की आवाज़ है .बधाई बेहतरीन बेहतरीन चर्चा मंच सजाने के लिए .
is charchaa mein mere blog ko jagah dene ke liye aabhaar.
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंपुंसत्व हीन अ -पौरुषेय हैं ये बलात्कारी परिंदे .ये नारी का नहीं अ - योनिज कायनात का अपमान है .बढ़िया प्रस्तुति .
ram ram bhai
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सोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
http://veerubhai1947.blogspot.in/
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लिंक 17-
नारी सिर्फ एक मादा देह नहीं |
बढिया चर्चा,
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल करने के लिए आभार
बढिया चर्चा,
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल करने के लिए आभार
.सार्थक अभिव्यक्ति नारी महज एक शरीर नहीं
मान्यवर ,यह एक राष्ट्रीय समस्या है इसका हल भी राष्ट्रीय स्तर पर मानक अंशांकित सज़ा निर्धारण से ,मामलों के द्रुत निपटान से ही होगा .एक सन्देश तो चले कहीं से भी .इसे सुषमा शीला के खानों में बांटके न देखा जाए .
जवाब देंहटाएंसोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
http://veerubhai1947.blogspot.in/
मान्यवर ,यह एक राष्ट्रीय समस्या है इसका हल भी राष्ट्रीय स्तर पर मानक अंशांकित सज़ा निर्धारण से ,मामलों के द्रुत निपटान से ही होगा .एक सन्देश तो चले कहीं से भी .इसे सुषमा शीला के खानों में बांटके न देखा जाए .
जवाब देंहटाएंसोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
लिंक 13-
पक्षपाती नजर से निष्पक्ष कार्रवाई की माँग याने अगले जघन्य सामूहिक बलात्कार की प्रतीक्षा
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सोमवार, 24 दिसम्बर 2012
जवाब देंहटाएंबे -खौफ बलात्कारी परिंदे
http://veerubhai1947.blogspot.in/
टिप्पणियाँ स्पेम से न निकालो तो और टिप्पणियाँ( क्यों )करें .
सेतु समायोजन बहुत मौजू (प्रासंगिक )और सार लिए है ,आज की आवाज़ है .बधाई बेहतरीन बेहतरीन चर्चा मंच सजाने के लिए .
सोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
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इतनी तीखी धार व्यंग्य चित्र की काजल की ही हो सकती है .आपके कार्टून हज़ार में मिला दिए जाएँ ,तो भी हम पहचान लेंगे .
मान्यवर ,यह एक राष्ट्रीय समस्या है इसका हल भी राष्ट्रीय स्तर पर मानक अंशांकित सज़ा निर्धारण से ,मामलों के द्रुत निपटान से ही होगा .एक सन्देश तो चले कहीं से भी .इसे सुषमा शीला के खानों में बांटके न देखा जाए .
सोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
http://veerubhai1947.blogspot.in/
वन्दना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो ,
हो जहां बलि शीश अगणित एक सिर मेरा मिला लो ....
हिन्दुस्तान के साझा ज़ज्बातों को स्वर दिया है आपकी रचना ने यह मामला भारत रेप का ,आधी आबादी की सुरक्षा का .
मान्यवर ,यह एक राष्ट्रीय समस्या है इसका हल भी राष्ट्रीय स्तर पर मानक अंशांकित सज़ा निर्धारण से ,मामलों के द्रुत निपटान से ही होगा .एक सन्देश तो चले कहीं से भी .इसे सुषमा शीला के खानों में बांटके न देखा जाए .
लिंक 14-
दिल्ली रेप केस: एक ठेगरा वहाँ भी लगा देना जहां से तुमने मानसिकता के स्तर पर रिसना और गिरना शुरू किया था।
टिपण्णी स्पेम से निकालें .
विचारणीय बिंदु हो सकता है आपका यह विचार .आभार .
जवाब देंहटाएंलिंक 11-
बलात्कारियों को फांसी नहीं दी जानी चाहिए !!
बेहतरीन चर्चा एवं प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक संयोजन्।
जवाब देंहटाएंआजकल व्यस्तता की वजह से कहीं कुछ पढ़ नहीं आता , फिर भी चर्चामंच के लेख जरुर पढता हूँ , सुन्दर चर्चा , हमेशा की तरह ..
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार..
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच का ये अंक उस बेटी को समर्पित देख कर बहुत लगा हम उसके अपनी सहानुभूति और दुआ अपने शब्दों से ही बयां कर सकते हैं। बेहतरीन संकलन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंकार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आपका आभार.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मंच में स्थान देने के लिए,,,,आभार,,
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा में ज्वलंत मुद्दे पर पोस्ट की बाढ़ सी है | जो कि सही भी है | मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार | सुंदर चर्चा |
जवाब देंहटाएं