दोस्तों
साल तो जा ही रहा है अपने रंग भी दिखा रहा है और जाते साल के साथ साथ कुछ खट्ट- मीठी यादें तो हैं ही दूसरी तरह हर शख्स तो अपने रंग दिखाता ही है मौसम भी दिखा रहा है अपने तेवर तो बिजली महारानी कहती है मैं क्यों पीछे रहूँ और वो आती है तो नैट महाराज धोखा दे रहे हैं तो चलिये इन्ही सब महामायाजाल में उलझे हम सब बहुत मुश्किल से कुछ वक्त चुरा पाते हैं और आज इन्हीं हालात से गुजरते हुये आपके समक्ष ये चर्चा लेकर आयी हूँ …………बहुत जल्दी में कहीं कोई धोखा ना दे जाये वैसे भी धोखा खाते- खाते तंग हो चुके हैं हम सब अब और नहीं…………तो आज सिर्फ़ लिंक्स के टाइटल पर ही विचार रख रही हूँ पता नहीं बिजली या नैट कब धोखा दे जायें ………
"सरस्वती माता का करता वन्दन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जय माँ………पहली शुरुआत माँ की वन्दना सेकैसी सर्दी आई है ?
जैसी हमेशा आती है ………सीपीएम विधायक ने पूछा- अपने बलात्कार का कितना मुआवजा लेंगी ममता बनर्जी?
ओह ! सच में ?
ब्रूनो की बेटियाँ ........ आलोक धन्वा
एक अहसास
saboot / सबूत
क्या दें ?
मैं दिल्ली हूं... मुझे बदनाम मत करो
तो क्या करें ?तुझे कैसे भूल गई !'
पता नहीं ?
फांसी के नाम पर कुहासा पैदा मत करो
तो क्या पैदा किया जाये ?
हाइकु के स्वाद
अजब गजब :)
घर
किसका , कैसा ?
कविता पोस्टर - 2
कुछ ख्याल लायी हूँ
कहते हैं माँ-बाप आजकल......
क्या कहते हैं?
कविता-मकरंद की मिठास
अब तो इसी का सहारा है
नींव,दीवार,छत थे पिता
अबूझे अहसास
एंटी-ऑक्सीडेंट करता है शरीर को विषमुक्त
कारगर उपाय
नए साल में फिर से करेंगे मिलकर नए घोटाले----- हम भारत वाले----हम भारत वाले-------!
जय हो घोटालों की
ये सब होता आया हैं तो "गलत कैसे " हुआ .
बिल्कुल वाज़िब प्रश्न ?
2012 -- ब्लॉगिंग की राह में मज़बूर हो गए --- हिंदी ब्लॉगिंग का कच्चा (चर्चा) चिट्ठा !
अब कच्चे चिट्ठे खुलने लगे तो खिसकने मे ही भलाई है :)
अब चलते चलते एक जरूरी सूचना
सृजक पत्रिका का आगामी अंक "प्रेम विशेषांक " है।
सृजक पत्रिका के आगामी अंक "प्रेम विशेषांक "के
लिए अपनी रचनायें इनमे से किसी भी विषय पर 31 दिसंबर से 5 जनवरी तक भेजिए पसंद आने पर
पत्रिका में शामिल की जाएँगी .........
1. कोई अमर प्रेम हीर रांझा या अन्य....जो छुपी है.
2.प्रेम विवाह या अरैंज मैरेज............कौन सही पर परिचर्चा
3.प्रेम का अंतिम लक्ष्य क्या..............सेक्स ?
1. कोई अमर प्रेम हीर रांझा या अन्य....जो छुपी है.
2.प्रेम विवाह या अरैंज मैरेज............कौन सही पर परिचर्चा
3.प्रेम का अंतिम लक्ष्य क्या..............सेक्स ?
कोई हीर रांझा , सोहनी महिवाल शीरी फ़रहाद की अमर कहानी पूरी तरह या कोई जो लोगों को ना पता हो ऐसी कोई कहानीभी आप भेज सकते हैं।
आर्टिकल भी चलेगा, कहानी भी, कविता भी और कोई परिचर्चा हो प्रेम पर तो वो भी और सच्ची घटनायें हों तो वो भी आप भेज सकते हैं इस मेल आई डी पर
rosered8flower@gmail.com
चलिये दोस्तों आज की चर्चा को यहीं विराम देती हूँ …………उम्मीद करती हूँ अगले साल जब हम मिलेंगे तो इस साल की कडवाहटों को मिटाकर मिलेंगे………एक नयी दुनिया बसाने का सपना देखकर और उसे हकीकत में बदलने के लिये कुछ भी कर गुजरने के जज़्बे को लेकर मिलेंगे तभी नये साल के साथ नये सपने उडान भरेंगे और हमारा नव वर्ष शुभ हो कहना सार्थक होगा जब हम अपने दोषों को दूर करते हुये आने वाले कल को खुशहाल करने के लिये कर्तव्यबद्ध होंगे…………अब मिलते हैं अगले साल ………2013 सबके लिये मंगलमय हो इस चाहत के साथ ………शुभ विदा
सयत्न ढूढ़े सुन्दर सूत्र...
जवाब देंहटाएंचर्चा में अच्छे लिंक सजाने और मेरे ब्लॉग को सम्मिलित करने हेतु आपका आभार वन्दना जी !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर पठनीय सूत्र ,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : नववर्ष की बधाई
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंप्रतिकूल परिस्थितियों में भी चर्चा!
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक दिये हैं आपने पढ़ने के लिए!
सुन्दर और अच्छे लिंक्स मिल रहे हैं पढ़ने के लिए आभार वंदना जी
जवाब देंहटाएंवंदना जी आज किसी रचना पर टिप्पणी नहीं हरूँगा .केवल सभी ब्लॉग पाठको को निवेदन करूँगा की मेरी पोस्ट " निर्भय को श्रद्धांजलि "पड़कर अपनी अपनी राय जस्टिस वर्मा को भेजे , यह एक सार्थक एवं अमूल्य राय होगी :हम सलाम करते हैं निर्भय को -
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट :निर्भय को श्रद्धांजलि
आभारी हूँ मेरा ब्लॉग यहाँ लाने के लियें वंदना जी ...
जवाब देंहटाएंसभी इंक बेहतर हैं ..
बधाई... और शुभ कामनाएँ ..
सुन्दर चर्चा लिंक !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर व् सार्थक लिंक . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स...आभार
जवाब देंहटाएंहमें भी शामिल करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसादर