आप सभी मित्रों को प्रदीप का नमस्कार | पिछले बुधवार को हमारे सामने तीन महत्वपूर्ण बातें थी | नरेंद्र मोदी ने तो तिकड़ी लगा दी, सचिन ने भी एकदिवसीय मैचों से ही सही पर सन्यास ले लिया पर दिल्ली में सामूहिक बलात्कार पीड़िता आज भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है | उसके लिए और तमाम महिलाओं के लिए न्याय और अधिकार की मांग करने वाले लोग व्यवस्था और सरकार के साथ जूझ रहे हैं | अब शुरू करते हैं आज की चर्चा :- |
अब तो तस्वीर बदलनी चाहिए - Rajesh Kumari औरत ने जन्म दिया मर्दों को मर्दों ने मौत का सामान दिया कभी पर्वों में पूजा देवी कहकर कभी सरे आम शर्मसार किया ये दोगली चाल कुचलनी चाहिए अब तो तस्वीर बदलनी चाहिए | | अब तो तस्वीर बदलनी चाहिये - Vandana Gupta जिसमे हौसलों भरी उड़ान हो तेरे कुछ कर गुजरने के संस्कार ही तेरी पहचान हो तेरी योग्यता ही उस संस्कृति की जान हो तेरी कर्मठता ही सभ्यता का मान हो ऐसी फिर एक नयी लहर मिलनी चाहिए अब तो तस्वीर बदलनी चाहिए | |
उसने माँ की गाली दी - विष्णु बैरागी भाषा सम्प्रेषण का माध्यम होती है और सम्प्रेषण के लिए प्रयुक्त शब्दावली हमारे व्यक्तित्व तथा मानसिकता की परिचायक होती है। इस मुद्दे पर काफी-कुछ कहा गया है। जैसे कि - विज्ञान कहता है कि जबान का घाव ठीक हो जाता है लेकिन ज्ञान कहता है कि जबान से लगा घाव कभी ठीक नहीं हो पाता। | अगर कुछ दे सको तो - यशवन्त माथुर सेंटा ! सुना है तुम बिना मांगे अपनी झोली से निकाल कर खुशियाँ बांटते हो मुस्कुराहटें बांटते हो और निकल लेते हो अपनी राह बिना कुछ कहे बिना कुछ सुने |
चादर में दाग | - Devdutta Prasoon ‘भारतीयता की चादर’ में हैं दिल्ली में दाग लगे | ‘मैली दलदल’ के विकास में ‘राम’ करे अब ‘आग’ लगे || ‘आदर्शों की धरती’ हिन्द की , आज घिनौनी कैसे है ? आसमान तक उठी ‘बुलन्दी’ हो गयी बौनी कैसे है ?? | सचिन तुझे सलाम - Amit Chandra सचिन के वनडे क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा ने चौंका दिया। हॉंलाकि ये सभी जानते थे और शायद इस बात की आशा भी थी कि पाकिस्तान और अस्ट्रेलिया के भारत दौरे के बाद वो सन्यास ले सकते थे। |
मजदूर.... - Kirti Vardhan मजदूर.... शाम के वक़्त जब मजदूर लौटते हैं अपने घरों की और होता है उनके चेहरे पर आत्मसंतुष्टि का भाव मेहनत कर कमाने का | | *बर्थ-डे गिफ्ट* - आनन्द विश्वास बच्चों को कुछ भी याद रहे या न रहे, पर वे अपना बर्थ-डे तो कभी भी भूलते ही नही और उसकी तैयारी में तो वे कोई कोर कसर भी नही छोड़ते। पिछले बर्थ-डे से ज्यादा अच्छा तो होना ही चाहिये अगला बर्थ-डे। आखिर एक साल और बड़े हो गये हैं न। |
स्त्री, यौन-हिंसा व समाज - कविता वाचक्नवी बलात्कारों के विरुद्ध इतने हंगामे और विरोध के बीच भी गत सप्ताह-भर में कितने बलात्कार भारत में हुए हैं, इसका अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि प्रति २० मिनट पर एक स्त्री बलात्कार की शिकार होती है भारत में | |
सुशीला श्योराण की दो कविताएँ - सहज साहित्य | दम तोडती संवेदनाएँ - शालिनी रस्तोगी |
कुछ डिप्रेसिंग व कुछ इंस्पायरिंग - Devendra Dutta Mishra | आर्ची, ये तूने क्या किया! Ravishankar Shrivastava |
बड़ा दिन छोटी सी बात - निर्दोष दीक्षित | जानें देश का हित किसमें - Shail Singh |
क्या आप जानते हैं? - Kshama | आरोग्य प्रहरी - Virendra Kumar Sharma |
कवि तुम बाज़ी मार ले गये! - चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ऐ कवि बाज़ी मार ले गये! कविता का संसार ले गये!! कविता से अब छन्द है ग़ायब, लय है ग़ायब, बन्द है ग़ायब, प्रगतिवाद के नाम पे प्यारे! कविता का श्रृंगार ले गये! ऐ कवि...! |
शंख बोली बलाय टली
- Arvind Mishra
| नया अंदाज
- Asha Saxena
|
मन के प्लेटफॉर्म पर - NIdhi Tandon ऐसा कभी नहीं हो सकता कि मन के प्लेटफॉर्म पर तुम्हारी यादों से भरी धीरे धीरे चलने वाली मालगाड़ी न आये . | ताऊ छाप कविता में स्वागत है! - Ratan singh shekhawat टिप्पणी ठोक रचना मत बांच अगला ब्लाग वोट डकार नेता गया सिधार फ़िर चुनाव |
Xara 3D Heading Maker: झटपट 3D Text बनाइए - Vinay Prajapati |
अटल जी क्यो जिये जा रहे है - DR. PAWAN K. MISHRA | देश को पिता नहीं पीएम चाहिये - पुण्य प्रसून बाजपेयी |
"सामयिक दोहे" - डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' न्यायालय में सभी को, शीघ्र सुलभ हो न्याय। मिट जायेगा वतन से, जल्दी ही अन्याय।१। सारी दुनिया जानती, नारी नर की खान। लेकिन फिर भी हो रहा, नारी का अपमान।२। |
दबाव पर भारी पड़ते प्रतिस्पर्धा - कौशल तिवारी 'मयूख' | चार्ली की कहानी चार्ली की ज़बानी - Ashok Pande |
किसी को अंधा ना कीजौ सावन में - Kajal Kumar |
क्योंकि हम सांसद हैं - Kirtish Bhatt |
अंत में नए साल के उपलक्ष्य में लिखी हुई मेरी एक पहले की रचना:- "नए साल में" ( सभी पंक्तियों का पहला अक्षर मिलाने पर "नया साल सबके लिए सुखद एवं मंगलमय हो" ) आज की चर्चा को यहीं पे विराम देता हूँ | आप सभी को आने वाले नव वर्ष की अनंत शुभकामनायें | आपका और आपके सभी सगे-संबंधियों और मित्रों का नए साल में हर एक दिन सुखद एवं मंगलमय हो | आभार | |
बहुत ख़ूब बधाई एवं आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा-मंच को सुन्दर और प्रभावशाली बनाने के लिये चर्चा-मंच के सभी मनस्वी,सेवाभावी महानुभावों को नमन। आज की दौड़ती-भागती जिन्दगी में सेवार्थ समय निकाल पाना बड़ा बेहद मुश्किल काम होता है और आप इस बेहद मुश्किल काम का वखूभी निर्वाह कर रहे हैं। आपकी लगन को नमन।
जवाब देंहटाएंआनन्द विश्वास।
एक से बढ़कर एक संकलन !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुतिं...।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक पठनीय हैं!
आज दिन में सभी पोस्टों पर जायेंगे!
Uttam!
जवाब देंहटाएंबढ़िया रोचक लिंक ;अभी पूरा पढना है
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : "जागो कुम्भ कर्णों"
उम्दा लिंक !!
जवाब देंहटाएंbबेहतरीन चर्चा पठनीय लिंक्स संकलन हेतु बधाई
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंलिंक्स ही लिंक्स....
आपका चयन है तो बेहतरीन होंगे ही...
देखते हैं बारी बारी...
आभार
अनु
उत्तम लिंक चयन बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंकार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंnice charcha
जवाब देंहटाएंठीक है!
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट कुछ डिप्रेसिंग व कुछ इंस्पायरिंग..... को चर्चामंच में शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंसब अजब गजब बहुत अच्छे
जवाब देंहटाएंसामयिक और सारगर्भित रचनाएँ चुनी हैं आपने चर्चा के लिए। कार्टून भी यथार्थ को बयां करता हुआ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!
शानदार लेखन,
जवाब देंहटाएंजारी रहिये,
बधाई !!!
उत्तम लिंक
जवाब देंहटाएंप्लीज वेलकम बैँक टु माय ब्लाँग
कंप्युटर वर्ल्ड हिँदी
पुराना कंप्युटर वर्ल्ड
बहुत बढिया चर्चा प्रस्तुतिं!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स संयोजित किये हैं आपने
जवाब देंहटाएंआभार
कवि तुम बाजी मार ले गये!
जवाब देंहटाएं--
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
लुप्त हुआ है काव्य का, नभ में सूरज आज।
बिना छंद रचना करें, ज्यादातर कविराज।।
--
चार लाइनों में मिलें, टिप्पणिया चालीस।
बिना छंद के शान्त हो, मन की सारी टीस।।
--
बिन मर्यादा यश मिले, गति-यति का क्या काम।
गद्यगीत को मिल गया, कविता का आयाम।।
--
अनुच्छेद में बाँटिये, लिख करके आलेख।
छंदहीन इस काव्य का, रूप लीजिए देख।।
नाद शंखों के स्वरों में एक स्वर मेरा मिलालो -
जवाब देंहटाएंप्रसंग वश शंख ध्वनी से 500 मीटर के दायरे विषाणु का नाश हो जाता है जर्मनी में संपन्न एक शोध में यह पुष्ट हुआ था .
शंख बोली बलाय टली
- Arvind Mishra
सत्ताधारी का कथन है 'दोहराव न हो'
जवाब देंहटाएंप्रश्न है किसका?? बलात्कार की घटना का
या घटना के विरोध का.....??
सकारात्मक भाव लिए सुन्दर प्रस्तुति .नव वर्ष हो मंगल मय सबको .शुक्रिया आपके नेह निमंत्रण का चर्चा मंच पे बिठाने का .सादर
जवाब देंहटाएंअंत में नए साल के उपलक्ष्य में लिखी हुई मेरी एक पहले की रचना:-
"नए साल में"
देश को पिता नहीं पुत्र चाहिए -और प्रजातंत्र को प्रजातंत्र चाहिए .जहां प्रजा की सत्ता से तंत्र की सत्ता खड़ी होती है वहां अब दिल्ली रेप के मामले में प्रजा की सत्ता को समाज के निचले
जवाब देंहटाएंपायेदान पे पड़े
अपराध किस्म के लोगों का शगल बतलाया जा रहा है .यही लूम्पेन चुनाव के मौके पर तंत्र सत्ता के प्रतीक विधायकों और वोट खोरसांसदों के लिए आदरणीय हो जाते हैं .इनके द्वारे आते हैं यही
फिर
से
सत्ता मांगने जनता से मान्यता मांगने .
यह बलात्कार दिल्ली पुलिस का महज़ 'निर्भय' के साथ अपराध तत्व द्वारा नहीं हुआहै अपराध तत्व की माँ द्वारा हुआ है .प्रजा की सत्ता के साथ हुआ है सरकार द्वारा जो आज अपराध का
पर्याय वाची बन गई है . प्रजा सत्ता का इंडिया गेट पे सरे आम जनाज़ा
निकाला गया है .और दोष साधू सन्यासियों देश के शीर्ष शौर्य के प्रतीक पूर्व सैना पति पे मढने की नाकामयाब कोशिश की गई है .
देखते हैं इन वोट खोरों को अगले आम चुनाव में कौन सत्ता में भेजता है .जिसके बीच में रात उसकी क्या बात .2013 तो आ गया .देखना चोर की माँ भागेगी इंडिया छोडके .यह भारत धर्मी समाज
का भारत है .वोट खोरों का इंडिया नहीं है .
एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :
देश को पिता नहीं पीएम चाहिये
चर्चा मंच हमारी दौलत,इसमें बात के मोती हैं |
जवाब देंहटाएंसब रचनायें एक माल में,इस में गूंथी होती हैं ||
चर्चामंच पर स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद प्रदीप जी...
जवाब देंहटाएंpradeep ji ,namaskar
जवाब देंहटाएंaapne meri rachna ko "charcha manch par sthan diya aabhari hun . aaj charcha manch ka purn avlokan kiya ,vastav me yah sarahniya prayas hai, iske liye aapki puri team badhai ki patra ai.
punh aabhar
मेरीर अचना को स्थान देने हेतु,धन्यवाद!!कुछ लिंक्स पर गयी...अच्छा लगा पढ़ कर.कई अभी बाक़ी हैं...इत्मिनान से पढूंगी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कड़ियाँ ... इनके बीच स्थान देने का बहुत-बहुत शुक्रिया, आभार...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स का गुलदस्ता..............
जवाब देंहटाएंacche links mile.
जवाब देंहटाएंdhnywaad
बड़े सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएंbahut hi badiya
जवाब देंहटाएं