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शुक्रवार, जनवरी 11, 2013

मरे पुलिस के पेट में, नक्सल दे बम खोंस : चर्चा मंच 1121


नक्सल पीछे कहाँ, तनिक आगे है पाकी

Three killed in Naxal attack on police van in Jharkhand

पाकी सिर काटे अगर, व्यक्त सही आक्रोश ।
मरे पुलिस के पेट में, नक्सल दे बम खोंस ।
नक्सल दे बम खोंस, आधुनिक विस्फोटक से ।
करे धमाका ठोस, दुबारा पूरे हक़ से ।
अन्दर बाहर शत्रु, बताओ अब क्या बाकी ?
नक्सल पीछे कहाँ, तनिक आगे है पाकी ।। 
नोट:पोस्टमार्टम के समय निष्क्रिय कर दिया गया 2.5 Kg का मेटल बम 

 

पाकिस्तान सुधरता नहीं और भारत है कि मानता नहीं !!

  (पूरण खंडेलवाल) 
 पाकी दो सैनिक हते, इत नक्सल इक्कीस ।
रविकर इन पर रीस है, उन पर दारुण रीस ।
उन पर दारुण रीस, देह क्षत-विक्षत कर दी ।
सो के सत्ताधीश, गुजारे घर में सर्दी ।
बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी ।
सीमोलंघन खेल, बाज नहिं आते पाकी ।।  

इस जज़्बे को सलाम!

दीपक की बातें 
कल तक मैं सौमिक चटर्जी को नहीं जानता था, लेकिन आज मैं उस बंदे का फैन हूं। आइए पहले आपका परिचय करा दें। सौमिक चटर्जी एयर फोर्स में सार्जेंट हैं और फिलहाल सेना की रणजी टीम के कप्तान। कल उत्तर प्रदेश के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल मैच में सौमिक ने जो जज्बा दिखाया, हर कोई उसे सलाम कर रहा था। 113 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सेना की टीम ने जब 54 रनों पर 5 विकेट गंवा दिया तो लगा कि अब तो यूपी जीत ही लेगी। अंकित राजपूत आग उगल रहे थे और एक के बाद एक पांच विकेट लेकर उनका हौसला बुलंद था। लेकिन तभी मैदान पर जो खिलाड़ी उतरा उसे देख हर कोई हैरान था। यह थे
सेना के कप्तान सौमिक चटर्जी। 
चर्चा मंच के दो नए सदस्य  
(1)
[me120.jpg] 

एक अशालीन ज़िद

 

(2)

मेरा फोटो

उतारूँ कैसे?




1

मोहन बाबू मर्द, कभी काटी ना चुटकी-

indian commuter train
 दो दो पैसे में बटा, किम्मी किम्मी दर्द ।
तुम क्या जानो कीमतें, मोहन बाबू मर्द ।
मोहन बाबू मर्द, कभी काटी ना चुटकी ।
देह आज है जर्द, आत्मा अटकी भटकी ।
समय सुरक्षित रेल, बढ़ें सुविधाएं कैसे ?
रहे संपदा लूट, लूट ले दो दो पैसे ।।



2

"कब तक मौन रहोगे?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

उच्चारण  



पैमाना अब सब्र का, कांग्रेस लबरेज ।
ठोकर मारेंगे भड़क, शान्ति-वार्ता मेज ।
शान्ति-वार्ता मेज, दामिनी को दफनाया ।
नक्सल के इक्कीस, पाक की हरकत जाया ।
आज पड़ी जो मार, मरे अब्दुल दीवाना ।
बेगाने का व्याह, छलक जाता पैमाना ।।


"कब तक मौन रहोगे?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

"मनमौन" (कार्टूननिस्ट-मयंक)


अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) 


Smart Indian - स्मार्ट इंडियन  

5

अनूठा छत्तीसगढ़

Rahul Singh 


6

रास आता नहीं हमें अब, आलम तन्हाइयों का।


पी.सी.गोदियाल "परचेत"  




Girish Billore 


8

बदलना है इस बार नियति

vandana gupta 


9

जब नाक कर दे हड़ताल

Kumar Radharaman 


10

झमेले

Madan Mohan Saxena 


11

फख्र से सीना तान कि‍ तू शहीद सि‍पाही का बच्‍चा है....


रश्मि 



12

42.Madhu Singh: Pathik


madhu singh  
Benakab  



13

वूमेन..... विज़िनेस वूमेन और पहनावा ....डा श्याम गुप्त


डा. श्याम गुप्त


14

श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (४३वीं कड़ी)


Kailash Sharma 


15
सुरेश चन्द्र ‘शौक़’

सतपाल ख़याल 


17

भारत सदा ही दुश्मनों पे हावी रहेगा .


शालिनी कौशिक 



18

आधा सच है दोनों ओर

Virendra Kumar Sharma  


19

रट के आई हैं ?


प्रतिभा सक्सेना 

 चंगा चंचल चिकित्सक, चतुराई से बोल । 

स्वस्थ स्वयं को रख रहा, रोगी संग किलोल ।

रोगी संग किलोल, बड़ा बन्दा अलबेला ।

बड़ा चुकाया मोल, रहा रविकर का चेला ।

 बोल बोल खुद मौज, लगे जग को बेढंगा ।

संस्मरण यह खूब, दवा यह रखती चंगा ।।


जस्टिस वर्मा को मिले, भाँति-भाँति के मेल ।
रेपिस्टों की सजा पर, दी दादी भी ठेल ।  

दी दादी भी ठेल, कत्तई मत अजमाना ।
 सही सजा है किन्तु, जमाना मारे ताना ।

जो भी औरत मर्द, रेप सम करे अधर्मा ।
चेंज करा के सेक्स, सजा दो जस्टिस वर्मा ।।


Virendra Kumar Sharma 

 ram ram bhai

मोमेंटम में तन-बदन, पश्चिम का आवेग ।
 सोच रखी पर ताख पर, काट रही कटु तेग ।
काट रही कटु तेग, पुरातन-वादी भारत ।
रहा अभी भी रेंग, रेस नित खुद से हारत ।
ब्रह्मचर्य का ढोंग, आस्था का रख टम-टम ।
पश्चिम का आवेग, सोच को दे मोमेंटम।

22
क्या अच्छा पड़ोसी होना मेरी ही जिम्मेदारी है?
My Image देवेन्द्र पाण्डेय


सदा

 SADA
अपनों को गर दे ख़ुशी, सह लेना फिर कष्ट |
माँ की यह शुभ सीख भी, सदा सदा सुस्पष्ट |
सदा सदा सुस्पष्ट, *सदागम सदाबहारी |
मेरा मोहन मस्त, मातु मैं हूँ आभारी |
रविकर का आनंद, आज आंसू मत रोको |
दिखा सदा हे मातु, रास्ता शुभ अपनों को ||

*अच्छा सिद्धांत

24

साथ तेरा ...


 (दिगम्बर नासवा) 

 ऐसा ही यह साथ है, माँ का होता हाथ |
दुःख में जो सहला गई, ले गोदी में माथ |
ले गोदी में माथ, *आथ-आथी यह मेरी |
दिखा रही सद-पाथ, दिवस या रात्रि घनेरी |
तेरा ही देहांश, लगे दर्पण यह कैसा |
हाड़-मांस एकांश, मातु मैं बिलकुल ऐसा ||

*पूँजी होना

20 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छे लेखों का संकलन देने और मेरे लेख को शामिल करने के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  2. हर तरह के लिंक्स लेकर सार्थक चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छा लिँक रविकर जी ..कभी कभी हमरे ब्लाँग पर भी नजर घुमाई लिया करो कोइ पोस्ट चर्चा मंच के काम आ जायेँ लिँक्स मेरे प्रफाईल मेँ मिलेँगे ।

    जवाब देंहटाएं
  4. अद्यतन लिंको से सजी बढ़िया चर्चा, जिसमें आपकी काव्यात्मक टिप्पणियों ने चर्चा को बहुत प्रभावशाली बना दिया है।
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. अनुपम लिंक्‍स संयोजित किये हैं आपने ... आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. अफ़सोस जनक, पाकितानियों से भी बद्दतर कायर है हरामखोर !

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  8. रविकर जी ! एक बार में इतना ब्लॉग पढना मुस्किल होता है .वैसे सभी ब्लॉग अच्छे लगे. आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  9. रविकर जी सादर नमस्कार
    भारत की सत्ता सैनिको की गर्दन कट जाने पर कोई कदम नही उठाएगी चाहैं कुछ कर लो क्योकि सैना से ज्यादा मुसलमानों के वोट खिसक जाने का डर है ।भारत को अगर किसी से डर है तो सबसे ज्यादा सेकुलर नाम के लोगो से है क्योकि ये ही है जो नक्सली है ये ही है जो आतंकियों के साथी है ।लीजिये एक छोटी सी कविता लिख रहा हूँ सम्पूर्ण कविता राष्ट्रधर्म पर पोस्ट की है कृपया वहाँ से पढ़ सकते है पाठक बंधु भी वहाँ आए स्वागत है
    भारत की आजादी को अब मिटा रहै सेकूलर है,जो जितना गंदा सोचे वो ही अब पापूलर है
    हेमराज और शहीद सुधाकर सदा रहेंगे याद हमें
    पाक भेड़ियों की करतूते सदा रहैंगी याद हमें
    पर भारत की सत्ता के कान नही खुलने बाले
    क्यूकि भारत की सत्ता ने ताले कानों में डाले
    भारत की सत्ता में वैठे ये कांग्रेसी बन्दर है
    आतंकी के लिए छछूदर हिन्दु के लिए सिकन्दर है
    आँखे बन्द किये वैठे है किन्तु बुरा है दिखा रहै
    कानों में उगली डाले है गाली जन को सुना रहै
    बोलने का मना किया है बुरा ही बुरा है करा रहै
    करने के कारण ही भारत घोटालों से घिरा पड़ा
    इनके कारण बच्चा बच्चा कर्जदार है बना पड़ा
    एक दिन पहला घोटाला दूजे है नया खड़ा
    भारत की धरती का पाला इन दुष्टों से खूब पड़ा
    भारत को इण्डिया बना कर बच्ची बनादी मिस्ट्रेस
    देखने में शर्म आ जाए एसी इन लोगों की ड्रेस
    बलात्कारी है खुले घूमते बच्ची बच्ची को डर है,भारत की आजादी को अब मिटा रहै सेकूलर है

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  10. बहुत सुन्दर लिंक्स ....रोचक चर्चा...आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. सभी अच्‍छे लिंक्‍स हैं....चाहती तो हूं सबको पढ़ना...मगर एक दो रह ही जाता है। मेरी कवि‍ता को स्‍थान देने के लि‍ए आभार..

    जवाब देंहटाएं
  12. सभी लिंक्‍स अच्‍छे हैं..सुन्दर व् सार्थक...मेरी कवि‍ता को स्‍थान देने के लि‍ए आभार..

    जवाब देंहटाएं
  13. बढ़िया लिंकों का संकलन..... कुछ नया पढ़ने को मिला....
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  14. आँखी के अंधे अरु नाम नयन सुख..,
    इनके राज मा धरें रहियें दुःख अरु भूख..,

    बासी कड़ी हो गए इनमे उबाल कहाँ..,
    इनके राज मा रोटी के संग दाल कहाँ..,

    माल खाए मदारी नाच करे कोए..,
    अंधे के आगे रोए ते आपहिं नैन खोए..,

    बारह गाँव का चौधरी तेरह गाँव नौराए..,
    सिंह स्यार न होय सिंह के खाल उढ़ाए..,

    उतावला सो बावला, धीरा सो गंभीर..,
    साँपनी के निकल पीछे पीट लकीर..,

    जाके पाँव न फटी बिवाई..,
    सो क्या जाए पीर पराई..,

    नई नाइन बॉस का मेहन्ना..,
    फिर भी कहे देना 'मत' देना.....

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  15. बढ़िया लिंक्स खूबसूरत चर्चा बहुत बहुत बधाई के साथ नव वर्ष की मुबारक बाद रविकर भाई

    जवाब देंहटाएं
  16. सभी लिंक्स बढ़िया | उम्दा चर्चा |

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  17. शुक्रिया रविकर जी। मै शुक्रवार छुट्टी के कारण चर्चा में नही पहुँच सका।

    जवाब देंहटाएं

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