शुभम दोस्तो
मैं
सरिता भाटिया
हाजिर हूँ
जुलाई महीने की पहली तारीख को पहले सोमवार
की पहली चर्चा लेकर
''प्रभु सुन लो
गुज़ारिश ''
बहुत याद आएगी
सुरेश स्वप्निल
तुषार राज
वो छोटी छोटी सी रंजिशों का लुत्फ़
आधी आबादी पर हिस्सा गायब
मृत्यु एक बड़ी चीज है
घरौंधे
अरमानों के बसेरे
विरक्ति
माँ
ट्रैकिंग एक संस्मरण
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नतीजा न निकला मेरे प्यार का
प्रलय की विपदा से बस यही याद आ रहा है ..
अनदेखी बाँहों ने हम सबको घेरा है
यह पल उजाला है बाकि अँधेरा है
यह पल गंवाना न यह पल ही तेरा है
जो भी है बस यही इक पल है
आगे भी जाने ना तू
पीछे भी जाने ना तू
जीने वाले सोच ले
यही वक्त है करले पूरी आरजू
बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार
--
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
सबसे पहले "सृजन मंच आनलाइन" से कुछ लिंक...!
(अ)
तपी दोपहर
तपी धूप करती रही, टुकड़ा छांव तलाश |
नहीं मिली तो आ गई,थक सूरज के पास||
(आ)
“कुछ फुटकर दोहे ”
चार चरण दो पंक्तियाँ, लगता ललित-ललाम।
इसीलिए इस छन्द ने, पाया दोहा नाम।।
(इ)
दोहा छंद...
कुछ दोहे अरुण कुमार निगम की कलम से.....
बड़ा सरल संसार है , यहाँ नहीं कुछ गूढ़है तलाश किसकी तुझे,तय करले मति मूढ़.
(ई)
दोहा छंद विधान (अरुन शर्मा 'अनन्त')
--
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
सबसे पहले "सृजन मंच आनलाइन" से कुछ लिंक...!
(अ)
तपी दोपहर
तपी धूप करती रही, टुकड़ा छांव तलाश |
नहीं मिली तो आ गई,थक सूरज के पास||
(आ)
“कुछ फुटकर दोहे ”
चार चरण दो पंक्तियाँ, लगता ललित-ललाम।
इसीलिए इस छन्द ने, पाया दोहा नाम।।
(इ)
दोहा छंद...
कुछ दोहे अरुण कुमार निगम की कलम से.....
बड़ा सरल संसार है , यहाँ नहीं कुछ गूढ़है तलाश किसकी तुझे,तय करले मति मूढ़.
(ई)
दोहा छंद विधान (अरुन शर्मा 'अनन्त')
दोहे के माध्यम से दोहे की परिभाषा :-
(छंद दोहा : अर्धसम मात्रिक छंद, चार चरण, विषम चरण तेरह मात्रा, सम चरण ग्यारह मात्रा, अंत पताका अर्थात गुरु लघु से, विषम के आदि में जगण वर्जित, प्रकार तेईस)
तेरह ग्यारह क्रम रहे, मात्राओं का रूप |
चार चरण का अर्धसम, शोभा दिव्य अनूप ||...
(उ)
"सृजन मंच ऑनलाइन" सीखने और सिखाने का मंच
अब देखिए..
(1)
* जीवन के दोहे *
छोटी सी यह ज़िन्दगी, छोटा सा संसार
छोटे हो कर देखिये, मिलता कितना प्यार...
Albelakhatri.com पर Albela Khtari
(9)
ये उसी की रज़ा.............ये उसी की रज़ा.............
डॉ. हीरालाल प्रजापति पर डॉ. हीरालाल प्रजापति
(10)
तम की चादर
तम की चादर ओढ़ सांझ ने , धीरे-धीरे पाँव पसारा
आँख मिचौली खेल ज़रा सी ,, तम उर में छिप गया उजाला....
एक प्रयास मेरा भी पर अरुणा
(11)
"दोहे-तुलसी, सूर-कबीर"
अब देखिए..
(1)
जागो इंसान जागो...
मेरे अनुभव (Mere Anubhav) पर Pallavi saxena
(2)
(3)
(4)
(5)
(6)
राज़े मोहब्बत को खोला नहीं करते
इमाने - मोहब्बत को तोला नहीं करते
वो नमाज़े मोहब्बत थी ये नमाज़े अलबिदा है
(7)
(8)
छोटी सी यह ज़िन्दगी, छोटा सा संसार
छोटे हो कर देखिये, मिलता कितना प्यार...
Albelakhatri.com पर Albela Khtari
(9)
ये उसी की रज़ा.............ये उसी की रज़ा.............
डॉ. हीरालाल प्रजापति पर डॉ. हीरालाल प्रजापति
(10)
तम की चादर
तम की चादर ओढ़ सांझ ने , धीरे-धीरे पाँव पसारा
आँख मिचौली खेल ज़रा सी ,, तम उर में छिप गया उजाला....
एक प्रयास मेरा भी पर अरुणा
(11)
"दोहे-तुलसी, सूर-कबीर"
लिखकर के आलेख को, अनुच्छेद में बाँट।
हींग लगे ना फिटकरी, कविता बने विराट।...
आदरणीय सरिता जी और चर्चा मंच साथ में मयंक जी आप सभी का आभार |सुन्दर लिंक मिले पढ़ना बहुत सुखद लगा |
जवाब देंहटाएंसरिता भाटिया जी!
जवाब देंहटाएंआज सोमवार के चर्चा मंच में आपने बहुत बढ़िया चर्चा की है। आपका आभार!
सुन्दर चर्चा..
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंबधाइयां-
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं10 दिन से कश्मीर यात्रा पर था, इस वजह से यहां नहीं शामिल हो पाया। कल ही आया हूं और आज मेरे लेख को मंच पर स्थान मिल गया। आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों से आप सबके ब्लाग पर भी नहीं पहुंच पाया हूं, कोशिश करता हूं कि मंच पर शामिल लिंक्स के साथ ही और ब्लाग पर भी उपस्थिति दर्ज करा सकूं।
भगिनि सरिता
जवाब देंहटाएंआभार
हरकीरत हीर ब्लाग जगत में अनजान नहीं हैं
वो तो मैं अप्रवासी भारतीयों को साहित्य देख रही थी उसमें दिखी ये रचना
सो मैं अपनी पसंदीदा रचनाओं के संग सजा ली इसे भी
सादर....
प्रिय सरिता जी शानदार सूत्रों से सुसज्जित किया चर्चामंच हार्दिक बधाई आपको
जवाब देंहटाएं.सार्थक व् सराहनीय लिंक्स संयोजन .मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार मुसलमान हिन्दू से कभी अलग नहीं #
जवाब देंहटाएंआप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
सुंदर चर्चा, सुंदर लिंक्स......सृजन मंच ऑन लाइन हिंदी के रचनाकारों के लिये बहुत ही उपयोगी साबित होगा. इस सार्थक शुरुवात के लिये आदरणीय रूप चंद्र शास्त्री जी को हृदय से बधाई.
जवाब देंहटाएंati sundar
जवाब देंहटाएं:-)