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रविवार, जुलाई 21, 2013

चन्द्रमा सा रूप मेरा : चर्चामंच - 1313

"जय माता दी" रु की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स पर.

प्रस्तुतकर्ता : कविता रावत


प्रस्तुतकर्ता : (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

प्रस्तुतकर्ता : ऋता शेखर मधु
प्रस्तुतकर्ता : Parul Chandra

प्रस्तुतकर्ता : VenuS "ज़ोया"
प्रस्तुतकर्ता : पी.सी.गोदियाल "परचेत"
प्रस्तुतकर्ता : Pratibha Verma
प्रस्तुतकर्ता : Dr. Sarika Mukesh
प्रस्तुतकर्ता : Anita
प्रस्तुतकर्ता : Yashoda Agrawal
प्रस्तुतकर्ता : प्रवीण पाण्डेय
प्रस्तुतकर्ता : Asha Saxena
प्रस्तुतकर्ता : Vandana Gupta


प्रस्तुतकर्ता : Pallavi Saxena


प्रस्तुतकर्ता : DR. ANWER JAMAL


प्रस्तुतकर्ता : रश्मि शर्मा


प्रस्तुतकर्ता : Aparna Bose


प्रस्तुतकर्ता : Sadhana Vaid


प्रस्तुतकर्ता : Meeta Pant

प्रस्तुतकर्ता : वसुंधरा पाण्डेय 'निशी'

प्रस्तुतकर्ता : Kamla Singh

प्रस्तुतकर्ता : Anupama Tripathi

प्रस्तुतकर्ता : उपासना सियाग

प्रस्तुतकर्ता : Saras


इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो
जारी है 'मयंक का कोना'
(1)
सब्र का इम्तेहां
My Photo
अंतर्मन की लहरें पर Dr. Sarika Mukesh 

(2)
लेकिन दिमाग ने साथ दिया.....श्रीमती आशा मोर

आज अचानक उनका आना रद्द हो गया 
और हम निराश हो गए 
जितने मंसूबे बनाए थे, 
दो हफ्तों में सब धराशायी हो गए ...
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal 
(3)
बैठे ठाले 
दुनिया के बड़े भू-भाग में केवल सर्दी और गर्मी दो ही मौसम होते हैं, बारिश तो बीच बीच में होती रहती है, पर हमारे देश में छ:ऋतुएँ और तीन मौसम, सर्दी, गर्मी और बरसात हर साल घूम फिर कर आते रहते हैं. प्रकृति के इन नियमों के अनेक लाभ हैं....
जाले पर पुरुषोत्तम पाण्डेय
(4)
क्रान्ति-उदघोष
लेखनी में अग्नि भर कर, लिख अनल कविता नवल | 
देश ने तुझको पुकारा , युद्ध को कवि-वर निकल....
साहित्यिक सहचर पर DrRaaj saksena

(5)
एक दिन

एक दिन बन गई उल्फत की इक उम्दा कहानी 
एक दिन जब समंदर से मिला दरिया का पानी...
काव्यान्जलि पर धीरेन्द्र सिंह भदौरिया 
(6)
पापा जी का कंप्यूटर

अभिनव सृजन पर डॉ. नागेश पांडेय संजय


(7)
कुण्डलिया छंद -
सृजन मंच ऑनलाइन
[ इस छंद में छ: पंक्तियाँ होती हैं.प्रथम दो पंक्तियाँ (चार चरण) दोहा होती हैं. दोहे में 13-11 मात्रायें, विषम चरण के प्रारम्भ में जगण वर्जित,विषम चरणों के अंत में लघु गुरु या लघु लघु लघु अनिवार्य.सम चरणों के अंत में गुरु लघु अनिवार्य.दोहे के दूसरे सम चरण से ही रोले की शुरुवात होती है.रोले में 11-13 मात्राओं के साथ चार पंक्तियाँ (आठ चरण) होते हैं. कुण्डलिया का प्रथम और अंतिम शब्द एक ही होता है ...

अरुण कुमार निगमअदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)शम्भूश्री अपार्टमेंट,विजय नगर,जबलपुर(मध्यप्रदेश)

26 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर चर्चा मंच-

    आभार आदरणीय -

    जवाब देंहटाएं
  2. आज बहुरंगी लिंक्स हैं दोपहर के लिए पर्याप्त |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. अरुण शर्मा अनन्त जी आपका आभार!
    रविवार के लिए आज पढ़ने को बहुत कुछ है चर्चा मंच में!
    आपके श्रम को सलाम!

    जवाब देंहटाएं
  4. अरुण आपका आभार ...बहुत सुंदर चर्चा है आज ....
    मेरी आवाज़ है यहाँ ,मेरे लिए हर्ष का कारण ...
    उत्कृष्ट चर्चा के लिए हार्दिक बधाई ....एवं शुभकामनायें ....!!

    जवाब देंहटाएं
  5. आप दोनों का एक साथ होना मतलब सोने में सुहागा...वाह...तमाम पठनीय लिंकों को एक सूत्र में पिरोने का आपका प्रयास बहुत ही सुंदर और सार्थक है; इसके लिए आप दोनों को बधाई!
    हमारी दो पोस्टों को स्थान देने हेतु हृदय से शुक्रिया!
    सादर/सप्रेम,
    सारिका मुकेश

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर सूत्रों में मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अरुण जी …

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर चर्चा मंच सजाया है अरुण ………आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. अरुण जी, रविवार की सुबह को और सुखद बना रहे हैं आजके लिंक्स..आभार !

    जवाब देंहटाएं
  9. सुंदर सार्थक एवँ रोचक लिंक्स ! मुझे भी इस मंच पर स्थान दिया ! आभार एवँ धन्यवाद आपका !

    जवाब देंहटाएं
  10. आप दोनों भाईयों का आभार
    पारिवारिक कार्यक्रमों में तनिक व्यस्त हूँ आज
    आप लोगों का चयन हरदम सर्वश्रेष्ठ ही रहता है
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  11. अरुण जी बहुत बहुत आभार...सुखद लगता है सभी को पढ़ना और अपने लिंक को देखकर तो और प्रसन्नता होती है...!!

    जवाब देंहटाएं
  12. अरुण जी! मेरी पोस्ट चर्चा में शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  13. अरुण जी आपकी मेहनत और लगन इस चर्चा मंच के अंक में दिखी ......बहुत ही सुन्दर लिंक संजोये हैं आपने ...बधाई

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत ही सुंदर और विस्तृत लिंक्स, आभार.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  15. यात्राओं में रहने से विलम्ब से आपको आभार व्यक्त कर रहा हूँ. आप की सक्रियता सराहनीय है. भीलवाडा में भी मित्रगण आपकी चर्चा कर रहे थे. परिवार में सभी को यथोचित...

    जवाब देंहटाएं

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