आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
स्कूलों में आयरन की गोलियां खिलाने का क्रम जारी है । मीडिया में इससे बच्चों के बीमार होने की खबरें थी , स्कूल प्रशासन ने भी गोलियां देने से पहले ऐसी भूमिका बांधी कि लगा जैसे ये बंदूक की गोलियां हों । देखते ही देखते यह एक हौवा बन गया , खबरें यहाँ कैसे विकराल रूप धारण करती हैं , इसके साक्षात दर्शन हुए । सचुमुच भारत महान है ।
चलते हैं चर्चा की ओर
मैं और माँ
पागल चाँद को बहलाना आसान है
तेरे सीने में कोई ज्वालामुखी तो नहीं
जानिए बाल साहित्कार दीनदयाल शर्मा जी को
प्राण-सुधा तुमसे हम लेंगे
उत्तराखंड का दुर्भाग्य
आओ साथी प्यार करें हम
अलग-अलग कवियों के कुछ मुक्तक
थके कदमों को रुकने दो कुछ देर
सुहाने दिनों की याद
प्रकृति के कर्म-तत्व
कल पक्का छा जायेगा
ईमेल की खबर डेस्क टॉप पर
एक और नया इंटरनेट वेब ब्राउजर
आज के लिए बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
अपने दम पे जगमगाने का हुनर मुझमें नहीं.......हेमज्योत्सना 'दीप'
चेहरे बदलने का हुनर मुझमें नहीं,
दर्द दिल में हो तो हँसने का हुनर मुझमें नहीं...
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
(2)
जे हम तुम चोरी से, बंधे एक डोरी से, जईयो कहाँ ए हज़ूर …!
वो पहले तो मेरी सब्र को, हवा देने लगे
कहीं मर न जाऊं सोच कर, फिर दवा देने लगे...
काव्य मंजूषा पर स्वप्न मञ्जूषा
(3)
वत्सल काया ...
पता होता है उन्हें की रौशनी का एक जलता चिराग जरूर होता है अंधेरे के उस छोर पे जहां बदलने लगती है जीवन की आशा, घोर निराशा में की मुश्किलों की आंच से जलने वाला चराग उस काया ने ही तो रक्खा होता है दिल के किसी सुनसान कोने में....
स्वप्न मेरे...........
(4)
मैं नागनाथ, तू सांपनाथ, मौसम है दिखावा करने का
अभी तक तो हस्तिनापुर में ताऊ महाराज धृतराष्ट्र का एक छत्र शासन चल ही रहा है पर आजकल विपक्षियों ने महाराज की नाकों में दम कर रखा है. पिछले काफ़ी लंबे अर्से से अभी तक महाराज और उनके चेले चपाटे ही घोटालों पर घोटाले करके माल कमाये जा रहे हैं. विरोधियों के सब्र का बांध टूटा जा रहा है वो किसी भी कीमत पर आने वाले चुनाव में अपना शासन स्थापित करने को बेताब हैं क्योंकि घोटालों में उनको बराबरी का हिस्सा नही मिला....
ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया
(5)
यादों के फूल
जहाँ अपनापन रहता था कभी …
वहाँ सूनापन बसने लगा है वसंत के डाल पे हो सवार …
पतझड़ कमर कसने लगा है ….
Tere bin पर Dr.NISHA MAHARANA
(6)
महक उठी अंगनाई
चम्पा चटकी इधर डाल पर
महक उठी अंगनाई
उषाकाल नित
धूप तिहारे चम्पा को सहलाए
पवन फागुनी लोरी गाकर
फिर ले रही बलाएँ....
शशि पुरवार
नवगीत की पाठशाला पर नवगीत की पाठशाला
बढ़िया लिंक्स दी हैं आज |शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंचर्चा की सुन्दरतम प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआभार भाई दिलबाग विर्क जी!
विर्क जी,
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
आपका आभार
बहुत ही सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा..आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति बढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंrecent post
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सारगर्भित चर्चा …। धन्यवाद और आभार …।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा, आभार विर्क जी!
जवाब देंहटाएंविविध विषयों पर चर्चा सारगर्भित रही -आभार !
जवाब देंहटाएं'पागल चांद' पर टिप्पणी की जगह एक फ़ार्म भरने को आ जाता है .
बहुत ही सुन्दर चर्चा, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार दिलबाग विर्क जी!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा -
जवाब देंहटाएंनए चर्चाकार का स्वागत है -
शुभकामनायें -भाई जी-
नए चर्चाकार अरुण का स्वागत
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स से सजी रोचक चर्चा....आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा ...आभार!
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम दिलबाग जी इतने खूबसूरत लिंक्स के साथ चर्चामंच को सजाने के लिये आपका आभार ! इस मंच पर मेरी रचना को भी स्थान देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद ! प्रतिभा जी समझ नहीं पा रही हूँ कि मेरी पोस्ट पर टिप्पणी करने के लिये आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है ! अभी मैंने चेक किया तो कमेन्ट बॉक्स खुल रहा है ! बहुत अधिक तकनीकी जानकारी नहीं है मुझे ! आप एक बार और कोशिश करके देखिये वरना आपकी प्रतिक्रिया ना मिल पाने का खेद रहेगा मुझे !
जवाब देंहटाएंप्रिय अरुण आपका स्वागत है चर्चा मचं पर , आशा है आप अपने कार्य को बखूबी अंजाम देंगे .
जवाब देंहटाएंचाचा जी तहे दिल से आभार आपने आज मेरे नवगीत को मयंक में स्थान दिया , आप सभी का बहुत स्नेह मिला ,स्नेह बनाये रखें , पूरे चर्चा परिवार को नमस्कार
Thanks Dilbag bhai ji.
जवाब देंहटाएंसारगर्भित चर्चा .. शुक्रिया मुझे भी शामिल करने का ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स से सजी रोचक चर्चा....आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स
जवाब देंहटाएंअरुण सिंह रुहेला जी का
जवाब देंहटाएंएक चर्चाकार की तरह
यहाँ हार्दिक स्वागत है !
एक बेहद खूबसूरत चर्चा में उल्लूक
को भी स्थान देने के लिये बहुत बहुत आभार !
सुंदर चर्चा मंच सजाया है आपने...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
आदरणीय दिलबाग जी, सुंदर लिंक्स से मंच सजाया है, बधाई..............
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