सिर्फ एक रश्मि कर देती नव सृजन ,सुप्रभात
नित नव प्राकर्तिक सृजन ,मिले जो रश्मि पात
देख रजनी विहंसती, और हंसे प्रभात
आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
जड़ता १८ प्रकार की होती है .विजय पुष्पम पाठक
Shobha Mishra at फरगुदिया
सिंपल
नीरज पाल at म्हारा हरियाणा
ध्येयनिष्ठा
सुज्ञ at सुज्ञ -
करते हो तुम कन्हैया ...
Anita at डायरी के पन्नों से
जब से लगी, दीदार ये तलब, मयखाने में जाना छोड दिया
ताऊ रामपुरिया at ताऊ डाट इन
तुम न मानो मगर हक़ीक़त है …क़ाबिल अजमेरी
डा. मेराज अहमद at समय-सृजन (samay-srijan) -
********************************************************
इंतज़ार के कहकहे खुद लगाना ………
vandana gupta at ज़ख्म…जो फूलों ने दिये
अपने आप में मगन
Ashok Vyas at Naya Din Nayee Kavita
अंधाधुंध विकास, पड़ी प्रायश्चित रोवे-
रविकर at रविकर की कुण्डलियाँ
Junbishen 36
Munkir at Junbishen
__________________________________________________
(अ)
मन के विकार
Rajesh Kumari
(आ)_
(आ)_
"दोहे के बारे में अद्भुत जानकारियाँ"
(प्रस्तोता-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
(इ)
"दोहा छन्द प्रसिद्ध"
(उ)
नेता रह मत भूल में, मत-रहमत अनमोल
रविकर
(ऊ)
तपी दोपहर
डॉ.राज सक्सेना
(प्रस्तोता-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
(इ)
"दोहा छन्द प्रसिद्ध"
(उ)
नेता रह मत भूल में, मत-रहमत अनमोल
रविकर
(ऊ)
तपी दोपहर
डॉ.राज सक्सेना
अलग राहों में कितनी दिलकशी है
नीरज गोस्वामी at नीरज -
"कैसे साथ चलोगे मेरे?" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) at उच्चारण -
चुहुल - ५३
noreply@blogger.com (पुरुषोत्तम पाण्डेय) at जाले
__________________________________________________
धान के कटोरा / छत्तीसगढ़ CG
Ramakant Singh at ज़रूरत
अब कश्मीर को स्वर्ग कहना बेमानी !
महेन्द्र श्रीवास्तव at आधा सच
आस भी है...
रश्मि शर्मा at रूप-अरूप -
तलाश एक अच्छे इन्सान की।
noreply@blogger.com (ktheLeo) at "सच में!"
__________________________________________________
रावण के ४ हवाईअड्डे मिले | 4 Airports of King Ravana Discovered : 7323BC
प्राचीन समृद्ध भारत at ॥ भारत-भारती वैभवं ॥ -
आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||
--
--
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
(अनुराग शर्मा)* बिल्लियाँ जब भी फुर्सत में बैठती हैं, इन्सानों की ही बातें करती हैं। यदि आप कभी सुन पाएँ तो जानेंगे कि उनके अधिकांश लतीफे मनुष्यों के बेढंगेपन पर ही होते हैं...
* पिट्सबर्ग में एक भारतीय *
* पिट्सबर्ग में एक भारतीय *
(2)
shikha kaushik
(3)

TV स्टेशन ...पर महेन्द्र श्रीवास्तव
(4)

काव्यान्जलि पर धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
(5)

जब पत्ता गिरा यादों के लम्बे दरख्त से सूखकर
जिस्म पे जख्म न थे पर हर शाख रोई दहाड़कर
गहरी जड़ें हिलने लगी और कलियां मुरझा गयी...
Mera avyakta पर राम किशोर उपाध्याय
Mera avyakta पर राम किशोर उपाध्याय
अन्त में चलते-चलते यह लिंक भी...
सुनिये:
बहुत सुन्दर और मंगलमयी चर्चा!
ReplyDeleteबहन राजेश कुमारी जी आपका आभार!
bahut sundar charcha sakhi
Deleteपठनीय सूत्रों से सजा चर्चामंच..
ReplyDeleteअच्छे लेखन मे जाने का सिधा रास्ता और सुन्दर चर्चा धन्यवाद राजेश कुमारी जी...
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा-
ReplyDeleteमेरा नया चित्र-
शायद ओ बी ओ से है-
आभार आदरणीया-
बढिया चर्चा, हर तरह लिंक मौजूद हैं आज की चर्चा में
ReplyDeleteमुझे भी स्थान देने के लिए आभार
सुंदर चर्चा,मंच में मेरी पोस्ट को स्थान देने केलिए आभार,,,शास्त्री जी,,,
ReplyDeleteबहुत सुंदर चर्चा.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत सुंदर चर्चा………सुन्दर लिंक संयोजन
ReplyDeleteALL LINKS ARE NICE .THANKS
ReplyDeleteबहुत सुंदर चर्चा..मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteबढिया चर्चा....सुन्दर लिंक संयोजन....आज की चर्चा में
ReplyDeleteमुझे भी स्थान देने के लिए आभार!!
sundar links...
ReplyDeleteआभार शास्त्री जी!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteराजेश जी चर्चा मंच में स्थान देने के लिए आभार। सारी रचनायें सुन्दर और विविधता पूर्ण है, धन्यवाद।
ReplyDeleteराजेश जी, सुंदर चर्चा के लिए बधाई, आभार मुझे शामिल करने के लिए..
ReplyDelete