स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति* से छुटकारा - आधा बेंचा खेत तो, पूरा किया दहेज़* |
आधा बाँटे बहन फिर, स्वर्ग पिता* को भेज |
स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति* से छुटकारा |
बाँटी आधा माल, करे फिर ब्याह दुबारा |
रविकर नौ मन तेल, नहीं नाचे फिर राधा |
हुवे पुरुष कुल फेल, सफल होता इक-आधा ||
*नए कानूनों के परिप्रेक्ष्य में -
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नापाकशाला
Neeraj Kumar
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काजल कुमार Kajal Kumar
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प्रतिभा सक्सेना
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संजय भास्कर
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"बचपन को लौटा दो"रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
सीधा-सादा. भोला-भाला।
बच्चों का संसार निराला।।
बचपन सबसे होता अच्छा।
बच्चों का मन होता सच्चा।...
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Asha Saxena
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Virendra Kumar Sharma
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Manu Tyagi
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SANDEEP PANWAR
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'कल के नेता' आज के नेताओं के कारण मुश्किल में
Kulwant Happy
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हर शम्मा बुझी रफ़्ता रफ़्ता हर ख़्वाब लुटा धीरे धीरे....क़ैसरुल जाफ़री
डा. मेराज अहमद
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Girish Billore
नुक्कड़ -
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सत्ता नाना रूप, दुबारा नानी मरती- |
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ख्यालों की दस्तक बेवजह भी हुआ करती हैvandana gupta |
(2)
मन बहक-बहक जाता है.....शकुंतला बहादुर उलझनें उलझाती हैं मन को भटकाती हैं। कभी इधर, कभी उधर मार्ग खोजने को तत्पर भंवर में फंसी नाव-सा लहरों में उलझा-सा बेचैन डगमगाता-सा मन बहक-बहक जाता है। मंजिल से दूर... बहुत दूर चला जाता है... मेरी धरोहर पर yashoda agrawal (3) मोदी के तीर मोदी ने जब तानकर, छोड़ दिए कुछ तीर | भन्नाए से घूमते, सुन कर कई वजीर.... सृजन मंच ऑनलाइन पर DrRaaj saksena (4) जो बिखर के चकनाचूर हुए, वो सपने हमने देखे हैं ! जो बिखर के चकनाचूर हुए, वो सपने हमने देखे हैं इन नजरों ने, प्रभु के सम्मुख ,तूफ़ान उमड़ते देखे हैं. मैं सुबह कहूं, इसको कैसे, जलप्रलय में सूरज उगने को जिस रात अनगिनत आफ़ताब मैंने आग उगलते देखे हैं.... ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया (5) “हँसता गाता बचपन की भूमिका और शीर्षक गीत”
हँसता-खिलता जैसा,
इन प्यारे सुमनों का मन है।
गुब्बारों सा नाजुक,
सारे बच्चों का जीवन है।।
नन्हें-मुन्नों के मन को,
मत ठेस कभी पहुँचाना।
नित्यप्रति कोमल पौधों पर,
स्नेह-सुधा बरसाना।।...
हँसता गाता बचपन पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक |
उम्दा चर्चा है |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...!
जवाब देंहटाएंसुबह-सुबह चर्चा बाँचकर आनन्द आ गया।
आभार रविकर जी!
शुभ प्रभात रविकर भाई
जवाब देंहटाएंआपकी चुनिम्दा लिंक्स
सब की सब मेरी पसंदीदा है
आभार
सादर
बहुत ही सार्थक एवं सुन्दर लिंक्स। मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार .
जवाब देंहटाएंकाजल जी कुमार यही है चित्र व्यंग्य की आग व्यंग्य क्या अग्नि बाण हैं ये व्यंग्य चित्र आपके .बेशक नेता फिर भी बच जाते हैं अग्नि इन्हें जला नहीं सकती बे -इज्ज़ती इन्हें डुबो नहीं न सकती
जवाब देंहटाएंभैया फोतुवा तो तब होवे तुम्हारा जब कैमरा ले जाने देवें . प्रणाम जाट देवता ,जाट सो देवता ,देवता सो फिर जाट
मोदी ने जब तानकर, छोड़ दिए कुछ तीर |
भन्नाए से घूमते, सुन कर कई वजीर |
सुन कर कई वजीर, फाड़ते रोकर छाती,
बुरका, पप्पी बाँध गले से, चपर-कनाती |
कहे 'राज' कवि-मित्र, लिए पप्पी को गोदी,
चक्कर में सरकार, मस्त- मुस्काता मोदी |
क्या बात है दोस्त पूडल सोनियावी का नूडल ही बना दिया ।
बेहतरीन सेतु सजाये हैं चर्चा मंच पे रविकर छाये हैं ।काज्ल भी कितने बे -जोड़ चित्र व्यंग्य लिए रहते हैं ,मोदी के सब तीर लिए रहते हैं .ओम शान्ति
क्या बात है दोस्त पूडल सोनियावी का नूडल ही बना दिया ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सेतु सजाये हैं चर्चा मंच पे रविकर छाये हैं ।काज्ल भी कितने बे -जोड़ चित्र व्यंग्य लिए रहते हैं ,मोदी के सब तीर लिए रहते हैं .ओम शान्ति
बेहतरीन समीक्षा की है शाष्त्री जी के साहित्यिक कद के अनुरूप
रचनाएं भी सभी सौदेश्य कालजई रचनाएं हैं
(डॉ. राष्ट्रबन्धु)
सम्पादक-बाल साहित्य समीक्षा
109 / 309, राम कृष्ण नगर,
कानपुर (उत्तर प्रदेश) 208 012
सुन्दर और पठनीय सूत्रों से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा, आभार रविकर जी !
जवाब देंहटाएंspam
जवाब देंहटाएंये स्साला स्पेम भी कांग्रेसी हो गया है सब कुछ हजम कर रहा है सब्सिडी की तरह कितनी टिपण्णी गटक गया मालूम है ?
हा हा हा .............
हटाएंसुंदर चर्चा, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बढ़िया लिंक्स सार्थक चर्चा, मुझे शामिल करने के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार रविकर जी,
सुन्दर चर्चा सजाई है आपनें !!
जवाब देंहटाएं( क्षमा कीजिये मुझे यहाँ लिंक लगाना नहीं चाहिए लेकिन एक ब्लॉग से रूबरू करवाने के लिए लिंक दे रहा हूँ !)
हमे खाद्य सुरक्षा के नाम पर भिक्षा नहीं, सम्मान से जीने का हक चाहिये
क्रमांक दो पर शामिल कर लिया है आज के चर्चा मंच पर-
हटाएंसादर
सुन्दर लिंक्स से सजी बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स का चयन
आदरणीय सर जी बहुत ही सुन्दर लिंक्स संयोजन उम्दा प्रस्तुतीकरण हार्दिक आभार आपका.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक चर्चा प्रस्तुति ...आभार
जवाब देंहटाएंपठनीय सार्थक चर्चा.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स से सजी बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक चर्चा प्रस्तुति ...आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविकर भाई जी ने सजाया सुन्दर चर्चा मंच ,बहुत बहुत हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंनियमित चर्चा स्तुत्य है
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा,लाजबाब लिंक्स ,,,वाह !!! रविकर जी लाजबाब प्रस्तुति,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : अभी भी आशा है,