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शुक्रवार, जुलाई 05, 2013

कसरत पर दो ध्यान, बहा मत मात्र पसीना; चर्चा मंच 1297

क्रोध शमन उपचार


सुज्ञ 



रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 

आज कृष्ण कहाँ??(लघुकथा)

Rajesh Kumari  


S.K. Jha 


Sanjeeva Tiwari  



डॉ.राज सक्सेना (राजकिशोर सक्सेना राज)

Suman 

माँ का था अरमान, करे क्या लेकिन बेटा -

अनुभूति

मेरी माँ ने कहा !
बेटा मत फंसना कभी, भरे पड़े शैतान । 
तान रहे शैतान पर, बन कर के इंसान । 
बन कर के इंसान, मुखौटे तरह तरह के । 
अगर ज़रा दो ध्यान, पास में अपने रह के । 
कर परोक्ष नुकसान, दबा देते हैं *टेटा । 
माँ का था अरमान, करे क्या लेकिन बेटा ॥


Kumar Radharaman  


सीना में ले हौसला, करो प्रतिज्ञा मित्र |
प्राप्त करो एक्सपर्ट की, कुशल सलाह सचित्र |
कुशल सलाह सचित्र , पोज हों सही संतुलित |
खान-पान व्यवहार, बहुत कुछ इधर सम्मलित |
मार नहीं गप मात्र, स्वस्थ्य रह के गर जीना |
कसरत पर दो ध्यान, बहा मत मात्र पसीना ||

प्रियतमे कब आओगी

Ghotoo 



yashoda agrawal  


बात पते की ............


अजय कुमार झा



Anita 

shyam gupta 

Shalini Kaushik 

केन्द्रीय तोता v / s प्रादेशिक एमू

noreply@blogger.com (सतीश पंचम)  


NAVIN C. CHATURVEDI 

Bamulahija dot Com 

pramod joshi 

 आगे देखिए..."मयंक का कोना "

(1)

दर्द को दर्द कहिये न हमदर्द है.........अन्सार कम्बरी

मेरी धरोहर पर yashoda agrawal 
(2)
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ) 

 डॉ.चैतन्य निगम को *जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
(3-अ)

2 टिप्‍पणियां:

  1. रविकर जी,
    शानदार चर्चा,सभी लिंक पठनीय
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार!!

    जवाब देंहटाएं
  2. बड़े अच्छे लिंक दिए कविवर ...
    आभार !

    जवाब देंहटाएं

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