शास्त्री
जी,सादर.
अभी भी
पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाया हूँ.
इस कारण
कल की चर्चा से विश्राम चाहता हूँ.
अगले
महीने से फिर उपस्थित हो सकूँगा.
राजीव कुमार झा
राजीव कुमार झा
--
मित्रों!शनिवार का दिन
आदरणीय राजीव कुमार झा
के नाम सुरक्षित है,
मगर वो अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है,
इसलिए मेरी पसंद लिंक देखिए।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--वे न आये
प्रश्न उठा मन में
चाँद क्यूं लगता अपना
वे रहे पराये
उसे अपना न पाए...
Akanksha पर Asha Saxena
--" मेरा जीवन , कोरा - कागज़ ,
पता ही नहीं चला
आधा कब ओर कैसे भर ग़या "
PITAMBER DUTT SHARMA
--आओ उत्तराखण्ड के
कुमायूँ क्षेत्र में घूमने चले।
अरे यह तो भीमताल है...
SANDEEP PANWAR
--प्रेम , बर्फ , रिश्ते बदलते ही हैं
समय के साथ …
प्रेम भरा रहा भीतर है
जमी बर्फ -सा पिघल जाएगा
अहसास पाकर ही नदी -सा
सोचा होगा भूल जाएंगे
भूल भी रहे हैं …
--
सुलझी हुई ज़िन्दगी उलझाने के लिए लिखता हूँ
भरे हुए घाव कुरेदने के लिए लिखता हूँ...
--
लोकतंत्र का महोत्सव
शब्दों की लाईनों को इंसा सीमायें मानते हैं--
मेरे यार शरीर को दिल को व जिन्दगी को
गर दर्द देना चाहते हो तो
कर लो प्यार ही प्यार सिर्फ जिन्दगी से
जीते जी तुम इक बार...
पथिक अनजाना
--मन की बात.
ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं
जब हम अपने खुद के अन्दर झाँक पाते हैं
और अपने अस्तित्व के बारे में सोचते हैं.
मैंने पिछले महीने अपने एक लेख
‘ये सत्य है’में
इसी प्रकार मन के एकाकी भाव को
लेखनी द्वारा उद्घाटित किया था...
जाले पर पुरुषोत्तम पाण्डेय
--अब कौन रंग रांचू रे…
एक प्रयास पर vandana gupta
--कहीं से भी करें अपने gmail को logout
Hitesh Rathi
--आरोग्य समाचार
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आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
--एक ग़ज़ल :
ऐसे समा गये हो....
ऐसे समा गये हो ,जानम मेरी नज़र में
तुम को ही ढूँढता हूँ हर एक रहगुज़र में
इस दिल के आईने में वो अक्स जब से उभरा
फिर उसके बाद कोई आया नहीं नज़र में...
तुम को ही ढूँढता हूँ हर एक रहगुज़र में
इस दिल के आईने में वो अक्स जब से उभरा
फिर उसके बाद कोई आया नहीं नज़र में...
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक
--रत्न धारण करने के पीछे क्या महत्व हैं ?
प्रत्येक ग्रह एक विशेष रंग की ऊर्जा अथवा किरणे प्रसारित करता हैं जो की धरती पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी पर पड़ती हैं जब किसी व्यक्ति विशेष पर किसी ग्रह विशेष की किरणे किसी भी कारण से कम रूप मे विद्दमान होती हैं तो उसे उस ग्रह से संबन्धित रत्न धारण कर पूरा किया जा सकता हैं जिससे उस व्यक्ति विशेष पर उस ग्रह के रंग की ऊर्जा की कमी पूरी हो जाती हैं |
Kishore Ghildiyal
--भ्रष्टाचार का एक और रूप
काफ़ी सालोँ बाद कोल्कता में दुबारा रहने का मौका मिला ,पति का यहाँ ट्रान्सफर हुआ था ,खुश भी थी और दुखी भी, यहाँ का एक ऐसा रूप देखा जिससे मैं काफी आहत हूँ । यहाँ हर सुख सुविधा है , अच्छे लोग हैं,अच्छा खान पान ,और लड़कियां भी यहाँ सुरक्षित हैं ,पर जब यहाँ मैं अपनी बेटी का स्कूल मे एडमिशन करने निकली तब ये रूप देखा , कैसे पैसो से बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है...
LoveपरRewa tibrewal
--उनकी नाराज़गी तो काम आए!
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
--"TrackMyLaptop
"एक ट्रिक जिसके ज़रिये
चोरी हुआ लैपटॉप
बहुत आसानी से मिल सकता है !
पोंकवड़ा सेंटर
आप में से कई पाठकों ने
पोंकवड़ा का नाम सुना भी होगा
पोंकवड़ा का नाम सुना भी होगा
और निश्चित रूप से इस अद्भुत व्यंजन का
स्वाद भी अवश्य चखा होगा !
स्वाद भी अवश्य चखा होगा !
पिछले सप्ताह अपनी गुजरात यात्रा के दौरान
सूरत में पहली बार मैंने इसका नाम सुना
और पहली बार ही इसका स्वाद भी चखा !
सूरत शहर का यह बहुत ही प्रसिद्ध स्नैक है
और सभी लोग इसे बेहद पसंद करते हैं...
Sudhinamaपर साधना वैद
--बहुरुपिया (5 ताँका)
1.
हवाई यात्रा करता ही रहता
मेरा सपना न पहुँचा ही कहीं
न रुका ही कभी !
2.
बहुरुपिया कई रूप दिखाए
सच छुपाए
भीतर में जलता जाने कितना लावा !...
डॉ. जेन्नी शबनम
--सब मिल बोलो मोदी लहर नहीं है...
Barun K. Sakhajee
--"सिमट रही खेती"
सब्जी, चावल और गेँहू की, सिमट रही खेती सारी।
शस्यश्यामला धरती पर, उग रहे भवन भारी-भारी।।
बाग आम के-पेड़ नीम के आँगन से कटते जाते हैं,
जीवन देने वाले वन भी, दिन-प्रतिदिन घटते जाते है,
लगी फूलने आज वतन में, अस्त्र-शस्त्र की फुलवारी..
इस धरती की आधी दुनिया
रोटी के जरा सी जल जाने भर से
जला दी जाती हैं स्त्रियाँ।
बेटों के जन्म न देने भर से
मार दी जाती हैं, कोख में ही बेटियाँ...
अन्तर्गगन पर धीरेन्द्र अस्थाना
--वोट आपको देना मतलब
गले लगाना पाप को .
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
--पानी दो बेटे...
(लघुकथा)
वह भारत देश था जो मृत आत्माओं को भी पानी पिलाता था| पितृपक्ष में प्रेतात्माएँ अपनी संतति के घरों के चक्कर लगा रही थी| भीषण गर्मी से परेशान...मगर पानी का नामोनिशान नहीं| जब उनसे नहीं रहा गया तो मनुष्य का रूप धारण कर जा पहुँचे अपनी संतानों के घर...
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु
--उसका आदमी कहता है तुझे कोई तो
क्यों शरमाता है यार
एक पत्नी होना
और उसका ही बस आदमी होना
एक बहुत बड़ी बात है
सरकार उसके बाद भी
किसी और का आदमी होना ही होता है
नहीं हो पाया है अगर कोई तो
उसका जीना होता है बेकार...
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
--Get Free Movie Maker
to DIY Family Movie
as Mother’s Day Special Gift
Tech Prevue पर
Vinay Prajapati (Nazar)
--
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र संयोजन और सूत्र |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |
सुन्दर पठनीय सूत्र ...आभार
जवाब देंहटाएंdhanywaad !! ji monika ji !! aapka blog bahut badhiya hai . dekha bhi or padhaa bhi !! gyan main badhotri hui !
हटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक लिंकों के साथ स्तरीय चर्चा, आपका आभार आदरणीय। राजीव जी के स्वास्थ्य लाभ के लिए मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक लिंकों के साथ स्तरीय चर्चा, आपका आभार आदरणीय। राजीव जी के स्वास्थ्य लाभ के लिए मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंराजीव जी जल्दी स्वस्थ हों और चर्चा शुरु करें । आज की सुंदर चर्चा में 'उलूक' के सूत्र 'उसका आदमी कहता है तुझे कोई तो क्यों शरमाता है यार' को स्थान देने के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंbahut hi gyaanvardhak charchaa hai ji !! mujhe bhi aapne sthaan diya aapka aachari hoon !!
जवाब देंहटाएंसभी तरह के लिंक्स का सुन्दर संयोजन
जवाब देंहटाएंआदरणीय ''राजीव जी'' जल्दी स्वस्थ्य हो जाएँ हार्दिक शुभकामनायें।
बहुत खूबसूरत लिंक्स का समायोजन ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिये ह्रदय से आभार !
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति व लिंक्स , शास्त्री जी व मंच को सदः धन्यवाद , और राजीव भाई के अच्छे स्वास्थ्य हेतु शुभकामनाएँ , धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
इस मंच में ऐसा क्या है, कि इसकी सारी चर्चाएं सुन्दर लगती हैं.....
जवाब देंहटाएंvery nice .thanks to give honour to my post .
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