माँ सरस्वती को नमन
आप सभी को प्रणाम
रविवारीय चर्चा ''मन से उभरे जज़्बात (चर्चा मंच-1595)'' में आप सभी का स्वागत
मन में एक ख्याल आया कि क्यों न जब लिंक्स को क्लिक करके ही हम सब की अभिव्यक्ति को पढ़ते हैं, तो फिर सिर्फ लिंक्स ही संजोई जाए।
ये हो सकता है की देखने में, इस से चर्चा छोटी लगे
पर
मैं विश्वस्थ हूँ की जब आप सबकी अभिव्यक्ति को पढ़ेंगे तो कोई शिकायत नहीं रहेगी
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आदरणीय ''गोदियाल जी'' जल्दी में है
--१९--
आदरणीया ''साधना जी'' का लक्ष्य
--२०--
आदरणीय ''संजय जी'' को गौरैया नज़र नहीं आती
--२१--
आदरणीय ''वीरेंदर जी'' नन्हें मुन्हें
--२२--
आदरणीय ''सुशील जोशी जी'' का सवाल सिस्टम से
--२३--
आदरणीया ''सुगंधा जी'' महिलाएँ और राजनीति
--२४--
आदरणीया ''सुनीता जी'' सँवर जाते
--और अंत में--
''अभी'' किस ज़माने की बात करते हो
--२५--
आप सभी का सादर आभार
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आदरणीय ''गोदियाल जी'' जल्दी में है
--१९--
आदरणीया ''साधना जी'' का लक्ष्य
--२०--
आदरणीय ''संजय जी'' को गौरैया नज़र नहीं आती
--२१--
आदरणीय ''वीरेंदर जी'' नन्हें मुन्हें
--२२--
आदरणीय ''सुशील जोशी जी'' का सवाल सिस्टम से
--२३--
आदरणीया ''सुगंधा जी'' महिलाएँ और राजनीति
--२४--
आदरणीया ''सुनीता जी'' सँवर जाते
--और अंत में--
''अभी'' किस ज़माने की बात करते हो
--२५--
आप सभी का सादर आभार
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"अद्यतन लिंक"
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राजनाथ सिंह-एनडी तिवारी की मुलाकात को आप क्या मानेंगे ? भाजपा के लिए फायदेमंद कांग्रेस के लिए फायदेमंद दोनों के लिए घातक बे -बाकी से दो टूक टिप्पणी करें
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आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
--अच्छी तरह से
समझ लेना अच्छा होता है
जब कोई समझा रहा होता है
समझा कर
जब कोई बहुत प्यार से कुछ समझा रहा होता है
बस अच्छे दिन आने ही वाले हैं
तुझे और बस तुझे ही केवल बता रहा होता है
किसके आयेंगे कब तक आयेंगे
कैसे आयेंगे नहीं सोचनी होती हैं...
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
--आज का युवा !
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
--और एक दिन

jyoti khare
--उसमें दरिया के दरिया में नहा रही है वो

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
--हल्ला बोल

जानती हूँ कि मैं कोई नई बात नहीं लिख रही हूँ ....पर...
अपनों का साथ पर
Anju (Anu) Chaudhary
--"गीत-हमसफर बनाइए"

सतसैया के दोहरे, ज्यों नाविक के तीर।
ReplyDeleteदेखन में छोटे लगें, घाव करें गम्भीर।।
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अभिषेक कुमार अभी जी नये ढंग से चर्चा लगाने के लिएआपका आभार।
अभिषेक आभार है पर सुशील को सुनील बना दिया आपने ये दूसरी बार है कोई नहीं हो जाता है । एक और रचना 'अच्छी तरह से समझ लेना अच्छा होता है जब कोई समझा रहा होता है' को स्थान मिला पुना:आभारी हूँ । चर्चा का अंदाज पसंद आया ।
ReplyDeleteत्रुटि के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ आदरणीय। अब ऐसी भूल नहीं होगी।
Deleteसादर
आदरणीय डॉ.सुशील जोशी जी।
ReplyDeleteसुशील का सुनील भला कैसे हो सकता है।
हमनें फिर से सुशील कर दिया है आपको।
आभार :)
Delete
Deleteआदरणीय सर सादर आभार,सुधार करने हेतु।
shukriya dosto . aap sabhi ka .
ReplyDeleteaapka pyaar hi nit naya likne ko prerit karta hai
dhanywaad
vijay
सुंदर सूत्र, रोचक अंदाज़ एवं सराहनीय श्रम के लिये आप बधाई के पात्र हैं अभिषेक जी ! मेरी रचना को स्थान देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार !
ReplyDeleteसादर आभार, आदरणीय
Deletesundar charcha say saza manch....inmay mujhe shamil karne kay liye shukriya
ReplyDeleteथैंक्स अभी!
ReplyDeleteसुन्दर लिंक्स के साथ मुझे भी जगह देने के लिए आभारी हूँ !
बढ़िया प्रस्तुति व लिंक्स , अभिषेक भाई व मंच को धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..आभार
ReplyDeleteVERY NICE LINKS .THANKS
ReplyDeletenice presentation .nice links .thanks to give place my post .
ReplyDeleteसुन्दर संयोजन ... आभार मेरी गज़ल को स्थान देने का ...
ReplyDeleteसादर आभार
ReplyDeleteसुन्दर सूत्र संयोजन और सार्थक चर्चा
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई अभी भाई
मुझे सम्मलित करने का धन्यवाद