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मंगलवार, जून 03, 2014

"बैल बन गया मैं...." (चर्चा मंच 1632)

मित्रों।
मंगलवार की चर्चा में मेरी पसंद के लिंक देखिए।
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एक रेल यहाँ भी रेलमपेल 

लिखता चलना
इस तरह कि
बनती चली जाये
रेल की पटरी
और हों पास में
ढेर सारे शब्द
बन सकें जिनके
इंजन और डब्बे ...


उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी 
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हाइकू ! 

रिश्तों का दीप
स्नेह मांगता ही है
जलेगा कैसे?
hindigenपर रेखा श्रीवास्तव
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खिला कमल 

AkankshaपरAsha Saxena
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माँ तुझे सलाम ! (15) 

बच्चे कच्ची मिटटी के लौंदे की तरह होते हैं और किसी कुम्भार की तरह माँ उसको आकर देती हैं। तभी तो कहा जाता है कि माँ से क्या सीखा है ? वह भी चाहती है कि मेरे बच्चे ऐसे बने किसी को ये शब्द कहने का मौका न मिले। तभी तो अपने संस्मरण में लिख रही हैं :  आशा लता सक्सेना जी।...
मेरा सरोकारपर रेखा श्रीवास्तव
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१४. देवालय का सजग सन्तरी 

देवालय का सजग सन्तरी, 
हर-पल राग सुनाता है। 
प्राणवायु को देने वाला ही, 
पीपल कहलाता है...
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रिश्ता 

माँ होती है 
अनमोल क्यों नहीं समझ पाता है 
बेटा उसका क्यों सताता है, 
लड़ता है उससे 
क्यों नहीं समझता 
उसके दिल का हाल 
पर माँ तो माँ ही होती है...
aashaye पर garima
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असार में फिर सार कहाँ ढूंढते हो ? 

'प्रेम'  महज एक जीवनयापन का दिशासूचक भर है 
बंधु 
असार (संसार) में फिर सार कहाँ ढूंढते हो ?
एक प्रयास पर vandana gupta
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बिखरे लम्हे ( १ ) 

ओस को हमने कभी बरसते देखा नहीं 
क्या फूल भी कभी अपना दामन 
अपने ही अश्रुओं से भिगोते हैं...
झरोख़ापर निवेदिता श्रीवास्तव 
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कटने को तैयार जो गर्दन झुकेगी क्या 

खौफ़ की चादर तले बुलबुल कहेगी क्या 
काट दोगे पंख तो चिड़िया उड़ेगी क्या...
स्वप्न मेरे...पर Digamber Naswa
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प्रजातंत्र 

विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत देश का ! 
लेकिन कि इस लोकतंत्र कि रक्षा का 
दायित्व उठाने वाले मात्र मुट्ठी भर हैं...
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कुर्सी 

[कुण्डलिया] 

खाली कुर्सी हो गई करें क्यों इंतज़ार 
लूटा मोदी ने ह्रदय छेड़ ह्रदय के तार...
गुज़ारिशपर सरिता भाटिया 
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"सुराही"

अगर कभी बाहर हो जाना,
साथ सुराही लेकर जाना।
घर में भी औ' दफ्तर में भी,
इसके जल से प्यास बुझाना।। 
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दरकी धरा 

Sudhinamaपर sadhana vaid 
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12 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    कई लिंक्स विविध विषयों पर |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बहुत धन्यवाद सर!


    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छी चर्चा-
    बैल बन गया मैं--
    शुभकामनायें आदरणीय-

    जवाब देंहटाएं
  4. बढ़िया प्रस्तुति व लिंक्स , आदरणीय शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
    I.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

    जवाब देंहटाएं
  5. विस्तृत चर्चा आज की ... अच्छे सूत्र ..
    आभार मेरी ग़ज़ल को साथ लेने का ..

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति।
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया....अच्छे सूत्रों का संकलन सर

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढ़िया चर्चा ,मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत उत्तम चर्चा , कुछ बढ़िया सा पढने के लिए चुन कर रख देते हैं आप। मेरी रचनाओं को शामिल करने के लिए आभार !
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    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत खूबसूरत लिंक्स ! मेरी प्रस्तुति को भी इसमें सम्मिलित किया आभारी हूँ !

    जवाब देंहटाएं

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