फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, जून 13, 2014

"थोड़ी तो रौनक़ आए" (चर्चा मंच-1642)

मित्रों।
आदरणीय राजेन्द्र कुमार जी ने सूचित किया है कि
आदरणीय शास्त्री जी 
सादर नमस्कार 
कल रात से ही अस्वस्थ हूँ, 
इस लिए कल के चर्चा के लिए क्षमा चाहता हूँ।
--
आदरणीय राजेन्द्र कुमार जी आशा करता हूँ कि 
आप जल्दी ही स्वस्थ हो जायेंगे।
चर्चामंच परिवार की और सभी पाठकों की ओर से
आपको शुभकामनाएँ।
--
शुक्रवार की चर्चा में देखिए मेरी पसंद के कुछ लिंक।
--
--
--
--
--
--
--
--

वर्षा ~~ मंगल

सत रंग चूनर नव रंग पाग 
मधुर मिलन त्यौहार 
गगन में मेघ सजल 
बिजली में आग ... 
सत रंग चूनर नव रंग पाग ...
--

ग़ज़ल 


मुस्कुरा किसे देखे बालियाँ समझती हैं


लाज के हैं क्या माने कनखियाँ समझती हैं


रंग की हिफ़ाज़त में क्यूँ न घर रहा जाए

बारिशों की साजिश को तितलियाँ समझती हैं...
वाग्वैभव पर vandana
--
--
--

गीत गाया उल्‍लुअों ने 

...यह वही डालें हैं जिन पर चिडि़यां बसेरा करती हैं पर उन पर चिड़ों की जगह कौओं,गिद्धों और चीलों ने ठिकाने बना लिए हैं।  वहां पर उल्‍लू उल्‍टे होकर टंगते तब भी मंगल गीत गा लिए जाते।  मेरा आशय यह बिल्‍कुल नहीं है कि इन गीतों को उल्‍लुओं की पत्नियों ने गाया होगा जबकि मंगलगीत राक्षसों के यहां पर गाए जाने के उल्‍लेख भी मिलते हैं...
--

थोड़ी तो रौनक़ आए 

मेरा मातम ही सही थोड़ी तो रौनक़ आए
यूँ भी अर्सा से यहां कुछ तो मनाया न गया
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
--
--
--
--
मिलता मनचाहा अगर सिर पर माँ का हाथ 
बच्चे बनते हैं सबल जो हो माँ का साथ... 
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
--

----- ॥ जल ही जीवन है ॥ ---- 

भारत एक जन एवं जीवसंख्या बाहुल्य देश है, चूँकि जल ही जीवन है और इस जीवन पर सभी निवासियों का अधिकार है । नदियां पेय जल की प्रमुख स्त्रोत हैं । अधुनातन इसकी अनुपलब्धता को दृष्टिपात कर पर्यावरण की रक्षा करते हुवे पारिस्थितिक- तंत्र का चिंतन कर जल- संरक्षण हेतु एक कठोर नियम के उपबंध करना परम आवश्यक हो गया है..,
NEET-NEET पर Neetu Singhal
--

"लोक उक्ति में कविता की भूमिका" 

Slide1.JPG दिखाया जा रहा है

--

हद नहीं होती जब हदों के साथ 

उसे पार किया जाता है 

हदें पार करना आसान होता है 
बस समझने तक सालों गुजर जाते हैं 
पिता जी किया करते थे बस हद में रहने की बात .. 
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
--

"अमलतास राहत पहुँचाता" 

सूरज की भीषण गर्मी से,
लोगो को राहत दे जाता।।
लू के गरम थपेड़े खाकर,
अमलतास खिलता-मुस्काता।।

15 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स आज की |

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया लिख रहें हैं बंधुवर। शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का।

    हद नहीं होती जब हदों के साथ
    उसे पार किया जाता है
    हदें पार करना आसान होता है
    बस समझने तक सालों गुजर जाते हैं
    पिता जी किया करते थे बस हद में रहने की बात ..
    उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया लिख रहें हैं बंधुवर। शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का। बेहद खूबसूरत सौद्देश्य परक अमलतास की सीख।

    स्टेशन पर सड़क किनारे,
    तन पर पीताम्बर को धारे,
    दुख सहकर, सुख बाँटो सबको,
    सीख सभी को यह सिखलाता।
    लू के गरम थपेड़े खाकर,
    अमलतास खिलता-मुस्काता।।

    जवाब देंहटाएं
  4. ग़ज़ल गीतों का गुलदस्ता लिए आया चर्चा मंच।

    जवाब देंहटाएं

  5. सशक्त हस्ताक्षर रावत कविता जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर सशक्त समालोचना प्रस्तुत की है शास्त्री जी ने।

    “पंख होते हैं समय के
    पंख लगाकर उड़ जाता है
    पर छाया पीछे छोड़ जाता है
    भरोसा नहीं समय का

    --
    "लोक उक्ति में कविता की भूमिका"
    Slide1.JPG दिखाया जा रहा है
    मयंक की डायरी

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया अंदाज़े बयां बढ़िया बात कह दी।


    मेरा मातम ही सही थोड़ी तो रौनक़ आए
    यूँ भी अर्सा से यहां कुछ तो मनाया न गया
    -‘ग़ाफ़िल’

    जवाब देंहटाएं
  7. शिकवे हुए दिल भी दुखा दूरी हुई दोनों में पर
    हर बात में हो जिक्र उसका ये बड़ा चस्का रहा


    बहुत बढ़िया अंदाज़े बयां बढ़िया बात कह दी।

    दरिया रहा कश्ती रही
    लेकिन सफर तन्हा रहा....

    Vishaal Charchchit

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर चर्चा । आपके उत्साह को नमन । 'उलूक' के सूत्र 'हद नहीं होती जब हदों के साथ उसे पार किया जाता है' को स्थान देने के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  9. अनेक लिंक्स का परिचय मिला। अनेक रचनाकारों के सृजन संसार में प्रवेश करने का मौका मिला । मेरी लघुकथा को चर्चा मंच पर स्थान मिला । इन सबके लिए शुक्रिया ।

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत अच्छा आपके प्रोत्साहित करते रहने के लिए आभार ...आशा है मैं और समय दे पाऊं | बहुत अच्छा.....चर्चा मंच .... कुछ और लिंक्स तक ज़रूर पहुंचेंगे |

    जवाब देंहटाएं
  11. बढ़िया प्रस्तुति व लिंक्स , आ. शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
    I.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में प्रकार की जानकारियाँ )

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति और मेरी लघु काव्य कृति की समीक्षा प्रस्तुति के लिए शास्त्री जी का आभार!

    जवाब देंहटाएं
  13. बेहतरीन लिंक्‍स एवं प्रस्‍तुति

    जवाब देंहटाएं
  14. बढ़िया प्रस्तुति व लिंक्स

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।